Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2022 · 1 min read

बात बस इतनी थी

कमरे के अगले दरवाज़े से
वो क्लास में पैठा करती थी
लड़कियों वाली पहली पंक्ति में
बड़े शान से बैठा करती थी
मैं पिछले दरवाजे से हरदम
सकपका के पैठा करता था
पिछली पंक्ति की आरक्षित सीट पर
असहज भाव से बैठा करता था
बात बस इतनी थी कि…..
वो फ्रंट बेंचर थी और मैं बैक बेंचर

मास्टर साहब के कठिन प्रश्न का
झट से जवाब दे देती थी
उन्ही प्रश्नों की कठिन झड़ी
मेरी ज़ुबान ले लेती थी
प्रश्नों को सुनकर मेरा ध्यान
न जाने कहाँ चला जाता था
मेरी जिन्दगी में यार!!!!
बहुत ज्यादा था एडवेंचर
बात बस इतनी थी कि…..
वो फ्रंट बेंचर थी और मैं बैक बेंचर

गृहकार्य स्वीकार्य किए घर को
जब सायकिल से वो जाती थी
मूढ़ – विमूढ़ सहपाठियों की
कलुष दशा दर्शाती थी
मैं भी अपने मित्रों को
कुछ झूठे किस्से सुनाता था
खैर हर एक बात में
उसका हाव – भाव ही था सेंटर
बात बस इतनी थी कि…..
वो फ्रंट बेंचर थी और मैं बैक बेंचर

रिजल्ट जब अनाउंस हुआ
उसने विद्यालय टॉप किया
मेरा रिजल्ट सुना कर के
मास्टर साहब ने कई कंटाप दिया
न जाने उस परीक्षा में
कैसे कौन सा खेल हुआ
वह फर्स्ट डिवीज़न पास हुई
मैं फर्स्ट डिवीज़न फेल हुआ
वह अगले क्लास में प्रमोट हुई
मैं रह गया उसी क्लास का
फिर से आरक्षित बैकबेंचर
बात बस इतनी थी कि…..
वो फ्रंट बेंचर थी और मैं बैक बेंचर
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
3 Likes · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
Ajay Kumar Vimal
किस किस से बचाऊं तुम्हें मैं,
किस किस से बचाऊं तुम्हें मैं,
Vishal babu (vishu)
धरती माँ ने भेज दी
धरती माँ ने भेज दी
Dr Manju Saini
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
హాస్య కవిత
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दिल जीत लेगी
दिल जीत लेगी
Dr fauzia Naseem shad
ऐ महबूब
ऐ महबूब
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सत्य को अपना बना लो,
सत्य को अपना बना लो,
Buddha Prakash
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
इंसान का मौलिक अधिकार ही उसके स्वतंत्रता का परिचय है।
Rj Anand Prajapati
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सबके साथ हमें चलना है
सबके साथ हमें चलना है
DrLakshman Jha Parimal
■ प्रयोगात्मक कवित-
■ प्रयोगात्मक कवित-
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बेइंतहा इश्क़
बेइंतहा इश्क़
Shekhar Chandra Mitra
सितारे  आजकल  हमारे
सितारे आजकल हमारे
shabina. Naaz
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐अज्ञात के प्रति-33💐
💐अज्ञात के प्रति-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
समझदारी ने दिया धोखा*
समझदारी ने दिया धोखा*
Rajni kapoor
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
Chunnu Lal Gupta
यदि गलती से कोई गलती हो जाए
यदि गलती से कोई गलती हो जाए
Anil Mishra Prahari
अल्फाज़
अल्फाज़
हिमांशु Kulshrestha
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
Shweta Soni
Loading...