Johnny Ahmed 'क़ैस' Language: Hindi 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Johnny Ahmed 'क़ैस' 31 May 2021 · 1 min read आधे अधूरे सवाल ज़िन्दगी क्या है? कभी सोचा है तुमने? मैंने? हाँ, मैंने तो सोचा है। मुझे तो आधे-अधूरे सवालों की कहानी लगती है। एक उलझी हुई सी बे-हद अज़ीब कहानी जिसके हर... Hindi · कविता 1 347 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 May 2021 · 1 min read ख़त ख़ुद ही अपने नाम हर महीने एक ख़त लिख लेता हूँ लोगों को मौका ही नहीं देता बेटे की बुराई करने का जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 267 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 May 2021 · 1 min read हर रात की बेचैनी हर रात की बेचैनी हमने अकेले जीनी। तुमने रिश्ता तोड़के हमसे साँसे छीनी। और ना आँसू पीने हमने ज़हर है पीनी। उफ़ ज़हर है कड़वा ज़रा डाल दो चीनी। इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 529 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 May 2021 · 1 min read उन्तीस फ़रवरी लोग ईद का चांद हो जाते हैं तुम तो उन्तीस फ़रवरी हो गई जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 450 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 May 2021 · 1 min read ग़म बढ़ जाता है पेड़ भला कब अपना फल खा पाता है भेड़ भला कभी ऊनी मफ़लर लगाता है। बच्चों जैसी हरकते करता है वो इंसान झगड़ा होने पर जो एहसान गिनाता है। ख़ुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 367 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 May 2021 · 1 min read बद्दुआ तू जब भी बगीचों में गुल निहारने लगे तुझको हर मर्तबा नुकीले काँटे ही चुभे। कभी अगर जो लगाए फलों के पौधे तू वहाँ पे फल नहीं सिर्फ़ कैक्टस ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 490 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 12 May 2021 · 1 min read जुर्म रंग से काली जात से छोटी आत्मनिर्भर शिक्षित मादा इस समाज में और कोई जुर्म नहीं हैं इनसे ज़्यादा -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · मुक्तक 1 2 525 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 6 May 2021 · 1 min read सपने सपने अधूरे सपने बोझ बनकर मेरे काँधों पर बैठे हैं ये वो सपने हैं जो मंज़िल तक न पहुँच सके या यूँ कहूँ कि मैं उन्हें पूरा न कर सका।... Hindi · कविता 2 2 541 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 5 May 2021 · 1 min read देश देश-एक बहुत ज़रूरी शब्द है एक ऐसा शब्द जिसके लिए दिल में इज़्ज़त होनी चाहिए कभी सोचा है कि देश क्या होता है तिरंगा, संविधान,अदालत, कानून, राष्ट्रगान आखिर क्या होता... Hindi · कविता 1 452 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 2 May 2021 · 1 min read शेर ये सोचकर कि वो ख़ुदसे ही न इश्क़ कर बैठे मैंने हर एक आईने को तोड़ने की ठानी है -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 3 232 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 13 Apr 2021 · 1 min read शेर हम ना बनेंगे बाशिंदा -ए- शहर -ए- ख़्वाहिश हर मोड़ पे इसकी जरूरतों की आज़माइश हैं Hindi · शेर 1 2 258 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Apr 2021 · 1 min read मैं अख़बार नहीं पढ़ता हूँ मैं अख़बार नहीं पढ़ता हूँ इसलिए नहीं कि मुझे पढ़ना नहीं आता मगर इसलिए कि ताज़ा ख़बरों के नाम पर मैं बासी चीज़े नहीं पढ़ता हूँ मैं अख़बार नहीं पढ़ता... Hindi · कविता 3 4 422 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Apr 2021 · 1 min read ग़रीब सूरज ख़रीदा जा सकता तो पैसेवाले ख़रीद लेते और अपने ही आकाश में उसे चमकने को कहते एक हिदायत के साथ कि फ़क़त अमीरों के आंगन में ही रोशनी करना... Hindi · कविता 2 299 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Mar 2021 · 1 min read ज़िंदगी ज़िंदगी तेरे बे-अंत सवालात और ये जद्दोजहद दिल में आता है कि मौत को अपना पता दे दूँ Johnny Ahmed "क़ैस" Hindi · शेर 2 425 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Mar 2021 · 1 min read कौन करेगा पुरानी बीमारियों की नई दवा कौन करेगा गर माँ ना हो तो बोलो दुआ कौन करेगा बच्चे तो हर एक मर्तबा ज़िद करते रहेंगे वालिद ना अगर हो तो मना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 402 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 9 Mar 2021 · 1 min read पी डूब के पी के नैनन में लगे है सागर छिछला बन गयो जोगी मन मोरा मैं भूलो अगला-पिछला -Johnny Ahmed "क़ैस" Hindi · शेर 1 705 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 Dec 2020 · 1 min read हुक्मनामा हुक्मनामे पर आया है हुक्म मुस्कुराने का कोई पूछे हाल तो सब है भला बताने का। हुक्म है बच्चों को नया इतिहास पढ़ाने का हुक्म है हुक़ूमत के सामने सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 340 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 15 Dec 2020 · 1 min read मुकदमा जालसाज़ी का मुकदमा थोपना है ज़िन्दगी पे मुझे यकीन है गवाहों की क़िल्लत नही होगी। -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 2 492 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 6 Dec 2020 · 1 min read वो झोंका वो झोंका हवा का झट से आया मुझसे मिलने को और बेहद धीरे से मेरे कानों में फुसफुसाकर सुना दी जाड़े में जमी हुई रूहों की और भुलाये हुए दिलों... Hindi · कविता 2 2 571 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Oct 2020 · 1 min read धंधेवाली एक होटल का कमरा दो ख़रीदार और एक नंगा जिस्म जैसे लाश को गिद्ध नोचते हैं ख़रीदार उस जिस्म को नोचते हैं। होटल का वही कमरा एक बेजान सा थका... Hindi · कविता 3 1 684 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Oct 2020 · 1 min read प्रेम जब से बीता प्रेम का फागुन बन गया देख फ़क़ीरा रह गई ऊँगली में वो अँगूठी खो गया उसका हीरा। प्रेम प्रेम सब कोई कहै पर प्रेम ना चिन्है कोई... Hindi · मुक्तक 3 343 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Oct 2020 · 1 min read पत्रकार खुदकों ज़िन्दा मानने वाली कुछ लाशें ज़िंदा लोगों के शहर में हर रात बाहर निकलती है ये झूठ का ज़हर उगलती हैं। ये लाशें उँगलियाँ बहुत उठाती है चिल्लाती है... Hindi · कविता 4 4 358 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Sep 2020 · 1 min read कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया घुटन की हालत में मुझे हवा दे गया। दुश्मनों की भीड़ ने जब भी घेरा मुझे हिफ़ाज़त का एक नया रास्तां दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 485 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Sep 2020 · 1 min read ख़ुशी भी ढूँढू तो ख़ुशी भी ढूँढू तो बस दर्द का सामान मिले मुझे जो लोग मिले मुझसे परेशान मिले मैं अपने शहर का मुआइना जब करने लगा मुझे तो हर जगह सोते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 566 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Sep 2020 · 1 min read नया वादा नया वादा आख़िर कैसे नए वादों पर ए'तिबार किया जाए पुरानी साज़िशों को कैसे दरकिनार किया जाए। क़ातिल क़त्ल की ताक़ में ज़मानों से सोया नहीं आख़िर सोए हुओं को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 462 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 Sep 2020 · 1 min read यूँ तो हज़ारों ख़याल थे यूँ तो हज़ारों ख़याल थे तुमको लेकर ग़म तो बस ये रह गया कि ख़याल ही बनकर दफ़्न रहे वो दिल में कहीं। हज़ारों सवाल थे पूछने तुमसे बस हिम्मत... Hindi · कविता 5 4 554 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Sep 2020 · 1 min read साफ़ साफ़ लिखा था सफ़्हे के हर सफ़ में साफ़ साफ़ लिखा था वो ना-तमाम किस्सा साफ़ साफ़ लिखा था। भले उल्फ़त में हमें बदनामी के दाग धब्बे मिले हमने नाम तुम्हारा पाक साफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 435 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Aug 2020 · 1 min read ये कुत्ते हमारी कहानी हैं कहते ये आवारा बीमार राहों के कुत्ते आपस में लड़ते झगड़ते ये कुत्ते एक हड्डी की ख़ातिर हो पागल ये कुत्ते कहीं भी उठाले जो एक टांग कुत्ते ये कुत्ते हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 486 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Aug 2020 · 1 min read वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ जो सुनाई थी तुम्हें सबको सुनाता नहीं हूँ। दरिया के ठीक किनारे पे बना है मेरा घर मगर मैं तेरे ख़त उसमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 393 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 3 Aug 2020 · 1 min read भूल जाता हूँ फ़िक्र-ए-फ़र्दा में लुत्फ़-ए-आज भूल जाता हूँ ख़स्ता-हाली में अपना मिज़ाज भूल जाता हूँ। यूँ तो तबीब मुझसे बेहतर कोई नहीं ज़माने में बस एक अपनी अना का इलाज भूल जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 10 346 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 28 Jul 2020 · 1 min read मृत्यु विचार सारे स्तब्ध और शब्द सारे मूक हैं चला है वाण काल का वो वाण जो अचूक है। समीप देखो मृत्यु के ताण्डव की छाया है जो बच गई वो... Hindi · मुक्तक 9 8 435 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Jul 2020 · 1 min read चलते-चलते आख़िर चलते-चलते आख़िर ठहर जाना पड़ता है बहुत जी लेने के बाद मर जाना पड़ता है। जो बिला वजह भटक रहे हैं कह दो उनसे रात होने से पहले हमें घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 6 291 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Jun 2020 · 1 min read कितना आसान है कितना आसान है दुनिया में दिखावा करना किसी की ख़ुदकुशी पे कोई भी दावा करना। जब तलक़ ज़िन्दा थे न था कोई रिश्ता उनसे सबको यहाँ आता हैं मातम पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 428 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 13 Jun 2020 · 1 min read उससे चाहत की चाह रखी तो उससे चाहत की चाह रखी तो आह मिली हमें दोबारा फिर इश्क़ न करना ये सलाह मिली हमें। हमने ख़ुशी की चौखट पर रात भर अश्क़ बहाए सुबह हुई तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 573 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए। हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 267 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read बेहद अज़ीब उसका हर ख़याल था बे-हद अजीब उसका हर ख़याल था उसके हर जवाब में एक सवाल था। बड़ी देर तक वो साँस रोक लेता था घुटन से उसका मर जाना कमाल था। सूरज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 278 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 May 2020 · 6 min read शायद लिटरेचर के स्टूडेंट्स ऐसे ही होते हैं शायद शर्ट का रँग असल में उतना अच्छा नहीं था जितना की कबीर ने सोचा था। मगर जैसे बड़ी ख़बरों के वजन तले छोटी ख़बरें दब जाती हैं, ठीक उसी... Hindi · लघु कथा 6 2 520 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 4 May 2020 · 1 min read प्रेम कहानी न छल कपट न ज़ोर झपट न विवशता की परेशानी कुछ ऐसा प्रेम करे हम कुछ ऐसी लिखे कहानी Hindi · मुक्तक 5 2 232 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 3 May 2020 · 1 min read शराबी जब पहला घूँट शराब का साथियों संग गटका जब पहली बार घर लौटने का रास्ता मैं भटका नशे का पहला बादल जब मेरे सर पे मंडराया और कड़वे से उस... Hindi · कविता 5 3 604 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 Apr 2020 · 1 min read फ़रवरी हज़ारों दिल अगर न ख़्वाह-मख़ाह तोड़े होते तेरे भी माह में ऐ फ़रवरी दिन तीस ही होते -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · मुक्तक 3 2 699 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2020 · 1 min read बेजुबाँ बेज़ुबाँ अल्फ़ाज़ों की आवाज़ हूँ मैं उल्फ़त में हारा सुख़न-साज़ हूँ। तुमसे रूठने को अब वक़्त कहाँ मैं ख़ुद ही से बे-इंतहा नाराज़ हूँ। Hindi · मुक्तक 5 4 251 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2020 · 1 min read रुबाई बे-हद गुस्सा हूँ तुमसे और नाराज़ हूँ मगर छोड़ो, ये एक अलग बात है है तुमसे मोहब्बत सिर्फ एक तुम्हीं से फ़क़त एक यहीं तो सही बात है। Hindi · मुक्तक 5 668 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 26 Apr 2020 · 1 min read चंद अशआर ऐ ज़िन्दगी तू किसी ख़राब सड़क की जुड़वाँ तो नहीं ज़रा ज़रा सी देर में गड्ढों की आज़माइश मिलती है ….. ऐ पतंग तेरा भी कोई जवाब नहीं एक डोर... Hindi · मुक्तक 5 4 346 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read पतझड़ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 501 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ऐसा क्या हुआ ऐसा क्या हुआ कि आख़िर दुनिया इतनी बदल गई अच्छाईयाँ हारी बुरी तरह बुराईयाँ आगे निकल गई। झूठ के फ़लक़-बोस इमारतों में हर कोई रहने लगा देखो मकाँ-ए-सच को वक़्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 419 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी एहतियात से हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे हम पर किसी की उधारी है ज़िन्दगी। बारहा क़िस्मत ने ऐसे सवाल हम पर दागे खिलती धुप में जैसे बर्फ़-बारी है ज़िन्दगी। कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 432 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read उड़ने दो उड़ने दो मुझको माँ उड़ने दो आसमाँ से ऊँची मेरी लंबी उड़ाने, पंखों पे मेरे वजन ना रखो भरने दो मुझको लंबी उड़ाने। जब मुझकों माँ डर लग जाए चिंता... Hindi · कविता · बाल कविता 3 2 456 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read सनोबर के तले सनोबर के तले बैठा मुसाफ़िर सोचता रहता था सफ़र की दूरी कम न हो दुआएँ माँगता रहता था। रतजगी उसकी आँखों की नींदे नींद माँगती थी दिन को भी लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 245 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read वो लोग कहाँ खो गए मकानों का ऐसा जंगल बना लोग अपनों से बिछड़ गए वो लोग नजाने कहाँ खो गए जो जुगनुओं की रौशनी ढूँढा करते थे जो तितलियों के पंखों में रंग भरते... Hindi · कविता 2 2 374 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read यह बात कह गया था वो महान शहीद अमर यह बात कह गया था वो महान शहीद अमर है देश की स्वच्छता स्वाधीनता से भी बढ़कर। गंगा जी की डुबकियाँ किसे स्वर्ग ले जाती हैं स्वच्छता ही धरती को... Hindi · कविता 2 2 230 Share Previous Page 3 Next