suresh sangwan 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तेरे ईश्क़ को सलाम दिल-ए-बहारा कर लें तेरे ईश्क़ को सलाम दिल-ए-बहारा कर लें हसरत है जुग्नुओं को भी अब सितारा कर लें मुझे आईना बना लो तुम फिर ख़ुद को देखना कैसे गिरती हैं बिजलियाँ नज़ारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read सिवा हमारे नफ़रतों को मिटाने वाला कौन है सिवा हमारे नफ़रतों को मिटाने वाला कौन है हिंदुस्तान को मोहब्बत सिखाने वाला कौन है वो और होंगे जो कहा दुनियाँ का सुनते हैं तूफ़ानों को रास्ते बताने वाला कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read दरवाज़े सबके लिए खोलता है दिल्ली शहर दरवाज़े सबके लिए खोलता है दिल्ली शहर इंसान को इंसान से जोड़ता है दिल्ली शहर हाय हामिद का चिमटा कभी आतिश-ए-ईश्क़ में आज भी मुंशी ग़ालिब को खोजता है दिल्ली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read क़ाम कुछ कर न कर बस काम की फ़िकर कर क़ाम कुछ कर न कर बस काम की फ़िकर कर हर किसी के रू-ब-रू फ़िकर का ज़िकर कर ना- समझ हैं जो समझ बैठे आसां है मंज़िल तो मिलेगी मुश्किलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 561 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये इतराती बलखाती अदाओं के रुख़ मोड़े गये ले जा के तूर पर सर हवाओं के फोड़े गये आने लगे थे ख़्वाब कुछ हाये दिल से उठकर मानिंद गीले कपड़े के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 490 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read ना इत्तेफ़ाक़ कोई ना कोई क़हर चाहिये ना इत्तेफ़ाक़ कोई ना कोई क़हर चाहिये नींद टूटे वो रु-ब-रु हों ऐसी सहर चाहिये कायनात को समझ पाउँ गीतांजली पढ़ के इक बार टेगौर का वो मुझको शहर चाहिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 607 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read रोने कोई देता नहीं और हँसी आती नहीं रोने कोई देता नहीं और हँसी आती नहीं इस ज़िंदगी की क्या बताएँ कश्मकश जाती नहीं खबर वो झूठी ही सही पर सुनने में अच्छी लगी सच्ची बातें तो हरगिज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read भीगी पलकें सुखाने में ज़रा तो देर लगेगी भीगी पलकें सुखाने में ज़रा तो देर लगेगी सूखे ख्वाब सुलाने में ज़रा तो देर लगेगी छिपा जाते हैं सच भी और झूठ भी नहीं कहते नज़र से पर्दा उठाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 445 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read नज़रों ही नज़रों में मुहब्बत सी हुई जाती है नज़रों ही नज़रों में मुहब्बत सी हुई जाती है ख़ामोश हैं लब यारब क़यामत सी हुई जाती है भटकते हुये भी देख तेरे शहर में आ पंहुचे जैसे मिरे खुदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 378 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read मोहब्बत से बढ़कर तो इबादत नहीं कोई मोहब्बत से बढ़कर तो इबादत नहीं कोई सिवा नफ़रत के खुदा से बग़ावत नहीं कोई तेरे झूठ का नहीं मलाल इस बात का है तिरा-मिरा अब रिश्ता-ए-सदाक़त नहीं कोई हसरतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read क्या पाएगा मंज़िल जो अभी चला भी नहीं क्या पाएगा मंज़िल जो अभी चला भी नहीं कुछ कर गुजरूंगी ऐसा कभी लगा भी नहीं देखी हैं बहुत इसने आसमाँ की बुलंदियाँ परिंदा सफ़र पसंद है कहीं पर रुका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read कुछ इस तरह ज़िंदगी में जान फूँकते रहे कुछ इस तरह ज़िंदगी में जान फूँकते रहे कभी उन्हें मनाया कभी हम रूठते रहे जीने की अदाएँ तो कोई गुल से सीखे टूटे जिस शाख से उसी से फूटते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read सिवा तिरे मेरी दुनियाँ में कोई कमी नहीं है सिवा तिरे मेरी दुनियाँ में कोई कमी नहीं है जब उठा है कदम तो पाँव तले ज़मीं नहीं है यूँ मीठे गीत गाते हो ज्यों गाती है हयात कोई साज़-... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read हर गली हर मोड़ पे मेरे कदम अटके बहुत हर गली हर मोड़ पे मेरे कदम अटके बहुत ज़िंदगी तुझे पाने को दुनियाँ में भटके बहुत दुनियाँ में दर्द का सबब जाना जब ये जाना फूल तो अच्छे लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 288 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read छोड़ो ये बेकार की बातें छोड़ो ये बेकार की बातें आओ करें प्यार की बातें तुझे मंज़िल भला मिलेगी कैसे जो सुनी सौ-हज़ार की बातें बड़ी मुख़्तसार है ज़िंदगी हाय क्यूँ करें तक़रार की बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read मेरा पता मुझको बता मेरे ख़ुदा मेरा पता मुझको बता मेरे ख़ुदा में दुनियाँ में खो गया मेरे ख़ुदा मिटा रही ये आँधियाँ मेरा वुजूद होने लगा खुद से जुदा मेरे खुदा दर्द-ए-दिल का हो कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 208 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तू सोए तो हो जाएं सवेरे मेरी अना तू सोए तो हो जाएं सवेरे मेरी अना आ जाए मुस्कान लब पे मेरे मेरी अना मुद्दत से तमन्ना है सलाम भेजूं उसको बता तो क्या मिजाज़ हैं तेरे मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read महफ़िल में राज़दारों की बात करता है महफ़िल में राज़दारों की बात करता है प्यार में इश्तहारों की बात करता है जो प्यालियों के टूटने से टूट गया कैसे वो सितारों की बात करता है सर्द हवाओं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read छोड़ा हाथ हौसले ने न डरूँ तो क्या करूं छोड़ा हाथ हौसले ने न डरूँ तो क्या करूं खुद पर नहीं जब इख्तियार करूं तो क्या करूं मिला नहीं अभी हवा को रही ज़ुस्तज़ू जिसकी इठला के पूछती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 308 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read ये दिल है सरफ़िरा गर कभी घूम गया तो घूम गया ये दिल है सरफ़िरा गर कभी घूम गया तो घूम गया याद रख में भी तेरी सूरत भूल गया तो भूल गया रोज़ मनाने का काम छूटा उल्फ़त का भरम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read बहकने की बात थी कुछ संभलने का इशारा था बहकने की बात थी कुछ संभलने का इशारा था ज़रा खुल के बतलाओ क्या मतलब तुम्हारा था मानिंद सूखे पत्ते के हम साथ हवा के हो लिये लगा उन लम्हों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read ख़ामोश रहकर बोलते हैं रंग तस्वीर के ख़ामोश रहकर बोलते हैं रंग तस्वीर के राज़ कितने ही खोलते हैं ढंग तस्वीर के एक उम्र लगा के आया है परिंदा मंज़िल पे तंग आसमाँ भी रास्ते हैं तंग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 209 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read मोहब्बत के शरर का नूर है मोहब्बत के शरर का नूर है पास है खुशी उदासी दूर है ज़हन-ए-इंसान ही मयखाना है जिसको देखो नशे में चूर है फूलों कलियों की गलियों में भी ख़ूबसूरती उनकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 198 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read नहीं नफ़रत से ये मोहब्बत से डरा जाय है नहीं नफ़रत से ये मोहब्बत से डरा जाय है दिल- ए- नादान हाय किस तूफ़ां में घिरा जाय है चाह का पत्थर उठाकर फैंक गया कौन या रब झील सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read चल ना होली खेलें यार चल ना होली खेलें यार आ ख्वाब रंगे इस बार चल खुदा के कर दीदार आज गिरा के हर दीवार चल पिचकारी ऐसी मार चल निकले प्रीत की धार चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read घटायें गर करके हिसाब चली जाती घटायें गर करके हिसाब चली जाती खिज़ाएं होके परेशान चली जाती दीद गर हो जाती उस नूर-ए-नज़र की इन बुझी आँखों की थकान चली जाती साज़ बिठाकर गुनगुनाकर कही होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 263 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read पुरानी क़िताबों से धूल झाड़ते रहना पुरानी क़िताबों से धूल झाड़ते रहना काग़ज़ पे लिखके जज़्बात फ़ाड़ते रहना बदलते ही रहते हैं ख़्याल ज़माने के गर बुरा कुछ लगे तो मिट्टी डालते रहना बिखरी है ज़माने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read दीवानगी हद में रही तो मोहब्बत कैसी दीवानगी हद में रही तो मोहब्बत कैसी किसी हश्र-ओ-अंजाम से डरी तो मोहब्बत कैसी छलक भी जाने दो इन आँखों के जाम अब तो पलकों में छिपा के रखी तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 392 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read एक ही सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं एक ही सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं हज़ार जवाबों में लाखों सवाल मिलते हैं बहुत मुश्किल से मिलता है यहाँ दिल किसी से कहाँ ज़माने में सभी से ख़याल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तेरी याद आज फिर चश्म-ए-तर कर गई है तेरी याद आज फिर चश्म-ए-तर कर गई है रवाँ इक कूज़े से समंदर कर गई है दबे-पाँव चली आई इक हसरत दिल में उजड़ी हुई बस्ती को शहर कर गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read इरादा -ए- वस्ल-ए-यार है मौसम जैसा भी हो इरादा -ए- वस्ल-ए-यार है मौसम जैसा भी हो में कुछ देर को जी लूं बाद-ए-हाल जैसा भी हो मिले कुछ तो सुक़ूं दिल को बेरंग सी दुनियां में हरसू समां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो जीने का सामां हो दिल हो दिलरुबाई हो ये क्या कि तुम इल्ज़ाम दिए जाते हो अच्छा है सज़ा दे दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read बज़म-ए-दुनियाँ से दूर कहीं ले चल बज़म-ए-दुनियाँ से दूर कहीं ले चल महकते गुल का सुरूर कहीं ले चल ख्वाहिश-ए-जन्नत है यार मुझे भी इस मोहब्बत का नूर कहीं ले चल धड़कन भी दिल में जाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read कारवान -ए- बहार चलें कारवान -ए- बहार चलें गर तेरी यादगार चलें सफ़र में अपने ख़ौफ़ का करते हुये शिकार चलें हदें रहें ना आसपास हौसलों की बहार चलें अब ज़ुलमतें मिटानी हैं एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read ज़मीं पर उतरने की फ़िराक़ देखे है ज़मीं पर उतरने की फ़िराक़ देखे है चाँद आसमाँ से ये ख्वाब देखे है ज़रा ज़रा से फेंककर पत्थर इक नादां समंदर में तूफ़ां के उठान देखे है ईश्क़ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read मेरी लाडली तेरा महकना आरज़ू मेरी मेरी लाडली तेरा महकना आरज़ू मेरी तू जन्नत की हूर है मेरी आँखों का नूर है मेरी लाडली तेरा महकना आरज़ू मेरी तेरी किल्कारियों ने मुझको तराने सिखा दिये हज़ारों... Hindi · गीत 1 391 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read वतन के बच्चे किधर जा रहे बताओ तो सही वतन के बच्चे किधर जा रहे बताओ तो सही मां-बाप को कोई रास्ता दिखलाओ तो सही क़िताबों की दुनियां ने छीन लिया इनसे बचपन ज़मीन-ए-हक़ीकत से आशना कराओ तो सही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 554 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read हसरतें उठती हैं जज़्बात मचल जाते हैं हसरतें उठती हैं जज़्बात मचल जाते हैं वक़्त के साथ ऐसे रोज़ भी ढल जाते हैं यूँ तो उठते हैं ईश्क़ के तूफान दिल में मगर एहतियात के दरिया में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read ख़्वाब मेरी आँखों के न बिखरने देगा ख़्वाब मेरी आँखों के न बिखरने देगा अपने दिल की इक रोज़ मुझे करने देगा मेरा यकीं है अगर चाँद पूरा है तो क्यूँ शब में समंदर वो उतरने देगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read वो जबां पर कहकहों का आलम रखते हैं वो जबां पर कहकहों का आलम रखते हैं दिल के मौसम में हर दिन सावन रखते हैं आसमाँ को छूने वाले परबत भी यहाँ दिल में लहरें आँखों में सागर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तूने ही आतिश-ए-ईश्क़ लगाई मैने कब चाही तूने ही आतिश-ए-ईश्क़ लगाई मैने कब चाही सोये समंदर में लहरें उठाई मैने कब चाही उठ गया कारवाँ ख्वाबों का हसरतें ताक़ती रहीं उठी क्यूँ सजी महफ़िल सफाई मैने कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read शाखें फूलों वाली झुकी- झुकी- सी हैं इन दिनों शाखें फूलों वाली झुकी- झुकी- सी हैं इन दिनों दिल कहता है ज़िंदगी- ज़िंदगी सी है इन दिनों कोई राह नज़र आई है बाद-ए-मुद्दत मुझे बुझे चराग़ में रोशनी- रोशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 217 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read वक़्त के पाँव में जंज़ीर डालने का वक़्त था वक़्त के पाँव में जंज़ीर डालने का वक़्त था ग़म-ए-हयात के क़िस्सों को टालने का वक़्त था यक़ीं नहीं होता किसी को फ़ैसला मेरा था मैं सोया रहा या-रब जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तेरी मुहब्बत में हम खुद से गये हैं तेरी मुहब्बत में हम खुद से गये हैं पहले बहुत कुछ थे अब कुछ से गये हैं झड़ गये पत्ते शाख से बिछड़े फूल आँधियों से उलझकर लुट से गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 370 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read बिन मोहब्बत के कहीं अफलाक़ नहीं होते बिन मोहब्बत के कहीं अफलाक़ नहीं होते वस्ल-ए-यार का मज़ा क्या अगर फिराक़ नहीं होते तुमसे मिलना हाथों की लकीरों में लिखा था इतने हसीन वाक़यात इत्तेफ़ाक़ नहीं होते मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तू वो नहीं इस दिल को बताने के लिए आ तू वो नहीं इस दिल को बताने के लिए आ भूल गया इसे याद दिलाने के लिए आ माँग सकूँ तुमको खुदा से वक़्त है अभी आ मिरे दस्त-ए-दुआ उठाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 222 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read कुछ रोज़ का बहकना है और दवा क्या है कुछ रोज़ का बहकना है और दवा क्या है बीमार- ए- इश्क़ बता तेरा मशवरा क्या है ग़लत बयानियाँ तिरी कहानी ख़त्म कर गईं हम जान ही न पाए तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 539 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read सूरत- ए- दुनियां सँवरने में देर हो गई सूरत- ए- दुनियां सँवरने में देर हो गई यक़ीनन चश्मा बदलने में देर हो गई कुछ तो बहके हुए कदमों पर इख्तियार न था तो कुछ दिल को संभलने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 209 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read दिल-ए-मुज़तर को वाइज़ कोई समझाए तो सही दिल-ए-मुज़तर को वाइज़ कोई समझाए तो सही बार- ए - मोहब्बत कुछ रोज़ उठाए तो सही अगरचे छूकर गुजरती हैं हर रंग का दामन इन हवाओं को रंगकर कोई दिखाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read कमल केतकी गुलाब या गुलबहार हो तुम कमल केतकी गुलाब या गुलबहार हो तुम सावन आये झूम के वो मल्हार हो तुम रोशनी से धुला दिन तारों से सजी रात मेरे लिये ईश्वर का पुरस्कार हो तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share Previous Page 2 Next