पंकज कुमार कर्ण Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read अधिवक्ता *अधिवक्ता* ___________ अदालत की यही तो, शान है; इनकी अलग ही , पहचान है। पहनते ये गले में, उजली बैंड; ये है, पुरानी बैरिस्टरी का ट्रैंड। शरीर पर होती है,... Hindi · कविता 4 1 725 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read नसीहत नसीहत (मुक्तक) °°°°°°°° जनता के कर्म से, नेता सुधरे। माता के करम से, बेटा सुधरे। माने जो बात; पिता की, 'बेटी' तभी हरेक घर की सुता सुधरे। *********************** ......✍️ पंकज... Hindi · मुक्तक 4 644 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read "सब कुछ रेडिमेड है" *सब कुछ रेडिमेड है* ****************** जहां सूट, पैंट व बनता था कुर्ता, उस टेलर में ही लगा अब शेड है; दर्जी को, अब सीने से परहेज है; सब पहनता सब... Hindi · कविता 6 6 917 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर) रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' *********************** रोती 'हिंदी', बिलखती 'भाषा'; टूट रही अब, जन-मन की आशा; कौन बचाएगा, अपने 'हिंदुस्तान' को, सोए हुए देश-भक्ति के, अरमान को।... Hindi · कविता 4 923 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read "हिंदी की दशा" हिंदी दिवस के सुअवसर पर एक कविता °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "हिंदी की दशा" ************ भटकती आत्मा देखो, हिंदी की, आज; 14 सितंबर को, फिर प्रकट हुई। दिवस मनाने की, आनन- फानन में,... Hindi · कविता 3 862 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ (हिंदी दिवस पर विशेष) *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार; वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार; हिंदी ही सदा , राष्ट्र में... Hindi · कविता 7 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *कलम को हम पूजते* ️️ *कलम को हम पूजते* ?️?️?️?️?️?️ कलम को , हम सब पूजते; कलम हमारा , अस्त्र भी है; यही तो , हमारा शस्त्र भी है; इसकी शक्ति , अपरंपार है; यह... Hindi · कविता 5 394 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Sep 2021 · 1 min read "पुलिस" "पुलिस" ****** इसकी होती,एक अच्छी सी वर्दी; सर पर टोपी है , कंधों पे है स्टार; किसी संकट में , ना माने ये हार; चुस्त- दुरुस्त रहता है , यह... Hindi · कविता 4 543 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Sep 2021 · 1 min read "आदित्य-उदय" "आदित्य-उदय" ???? जग जा रे , हे जन-मानस; होने वाला है, "आदित्य-उदय" सोयेगा तो , सब कुछ खोएगा; तन-मन भी तेरा , तब रोयेगा। नित्य , प्रथम - प्रकाश से... Hindi · कविता 7 2 895 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Sep 2021 · 1 min read "कलम की शक्ति" कलम की शक्ति (मुक्तक) ******************* हरेक कलम में ही, शक्ति अपार हो। हर लेखन में, सामाजिक सुधार हो। सिर्फ लेखन से ही , होगा कुछ नहीं; यदि लिखने वाला ,... Hindi · मुक्तक 7 877 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर ***/*****/********/***** जो भी जीवन के हर गूढ़ सिखाता; साथ- साथ हमें , ज्ञान से नहलाता; वह जन सदा, 'गुरु' की संज्ञा पाता; इसके पास ही ,... Hindi · कविता 6 4 536 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read 'गुरु' (शिक्षक दिवस पर विशेष) 'गुरु' ***** नित्य जाओ , घर से गुरुजन तक; ज्ञान पाओ,बचपन से यौवन तक। अच्छे शिष्य बनो , पूरे जीवन तक; सदा शीश झुकाओ,गुरुकदम तक। माता-पिता से मिले , घर... Hindi · कविता 6 612 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Sep 2021 · 1 min read देखो, फिर आई है 'बाढ़'... देखो, फिर आई है 'बाढ़'... ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ देखो, फिर आई है 'बाढ़'; आखिर क्या करती ये सरकार, सिर्फ लूट-खसोट मचती हर-बार, देखो, फिर आई है 'बाढ़'; हवाई सर्वेक्षण का लेते सदा... Hindi · कविता 4 458 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Sep 2021 · 1 min read "समावेशी कविता" *समावेशी कविता*(पहाड़ी दर्शन) >>>>> समावेशी, कविता होती, कभी कहानी रूप, कभी लेख की छाया, इसकी नही कोई काया, कभी कोई ,दुखरा होता है; किसी गद्य का , टुकड़ा होता; लूम-... Hindi · कविता 3 766 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Sep 2021 · 1 min read हे, भोले.. हे,भोले..... ⭐⭐⭐⭐ हे, भोले.. ये तेरा नभ, तेरी धरती.. हर नर, तेरा भक्त; हर नारी, भक्ति तेरा करती; सबका जीवन सरल हो जाए, कष्ट कभी न, किसी में समाये; तू... Hindi · गीत 4 4 676 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Aug 2021 · 1 min read "कृष्णा" (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष) *कृष्णा* ⭐⭐⭐ 'मथुरा' के , जेल में जन्मे; देवकी के, 8 वें संतान ये; 'वासुदेव' पिता थे, इनके; बाद में बन गए, श्याम ये। यशोदा-नंद ने, इन्हें पाला, गोकुल बना... Hindi · कविता 6 4 836 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ये संस्कार है" "ये संस्कार है" (मुक्तक) हर ओर दिखता हाहाकार है। संकट में आज, यह संसार है। धर्म-कर्म ही है, मुसीबत बना; इससे ही, मिला ये संस्कार है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..........✍️ पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 3 566 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ऐसा मंजर होगा" *ऐसा मंजर होगा* ************** एक दिन, ऐसा मंजर होगा; जगह -जगह पर घर होगा, आगे, अनजाना डगर होगा, हवा ही , सस्ता जहर होगा; ऐसे बसा हुआ, शहर होगा। एक... Hindi · कविता 5 3 859 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read कर्म *कर्म*(मुक्तक) ************* सबके , सपने तो चकनाचूर है। फिर क्यों , सब घमंड में चूर है। मार्गदर्शन , किया ऐसा किसने; कर्म ही तो जिंदगी का दस्तूर है। ************************* ....... Hindi · मुक्तक 4 1 489 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read *नई शिक्षा नीति और बिहार* *नई शिक्षा नीति और बिहार* ************************* जब आप ,नई शिक्षा नीति बना रहे थे; यहां शिक्षक, न्याय हेतु गिरगिरा रहे थे; तब, शिक्षा सुधारवादी प्रवक्ता कहां थे; उच्च से जीती... Hindi · कविता 3 1 551 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read "शिक्षा नीति और शिक्षक" "शिक्षा नीति और शिक्षक" ******************** देखो, यह समान शिक्षा प्रणाली; बिहारी शिक्षक को, मिले गाली। बच्चों का हो, सर्वांगीण विकास; गुरुजन का हो, सदा ही उपहास। गुरू बिन, मिलता था... Hindi · कविता 4 4 705 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "बीते सावन" बीते सावन (मुक्तक) °°°°°°°°°′°°°°°°°°° बीते सावन , हरबार 'राखी' से। रवि ढले, घर लौटते 'पाखी' से। नियम निराला है ये 'सांसारिक', जीतता न जंग कोई 'साखी' से। ________________________ ....✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 3 905 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "राखी" (रक्षा-बंधन पर विशेष) "राखी" ****** रंग- बिरंगी होती सब राखी; बहनों को खूब , भाती राखी; चंद पैसों में ही, आती राखी; बहन का प्रेम, जताती राखी; बहन चाहे , भाई की भलाई;... Hindi · कविता 6 2 859 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Aug 2021 · 1 min read "गदहा" "गदहा" ****** सीधा साधा, गदहा बेचारा; मुंह न कभी काम से मोड़े। पीठ पर ही बोझा उठाये ; और अपने काम से ये , कभी भी ना घबराये, सब इसको... Hindi · कविता 5 656 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Aug 2021 · 1 min read आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष) "आजादी" मिली हमें यह देश, शहीदों के वारिस में; फिर मिली आजादी, सन सैंतालीस में। इस देश पे कुर्बान, हुए जब लाखों वीर; तब ही टूटी हमारी, दासता की हर... Hindi · कविता 7 3 518 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "साहित्यिक विधा की महिमा" " साहित्यिक विधा की महिमा" ••••••••••••••••••••••••••••••• किसी पर 'कविता' का असर है , किसी पर असर है 'कहानी' का। कहीं, किसी 'छंद' का असर है; तो कहीं, असर अंतर- द्वंद... Hindi · कविता 7 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "सम्मान होता" सम्मान होता... °°°°°°°°°°°°° वह भी , नही बेईमान होता। अगर,उसमें भी ईमान होता। यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी, पाता,जरूर ही सम्मान होता। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° .... ✍️पंकज "कर्ण ...........कटिहार"।। Hindi · मुक्तक 7 339 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 984 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "काबिल मत बनो" "काबिल मत बनो" °°°°°°°°°°°°°°°° ज्यादा काबिल, मत बना करो। अपनी बड़ाई, मत किया करो। अब कहां समझदार दिखते हो, समझदारी, मत दिखाया करो। •••••••••••••••••••••••••••••• .. ✍️पंकज "कर्ण" ..........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 5 1 807 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 943 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jul 2021 · 1 min read "बादल"️ "बादल" ☁️☁️ ये बादल, कहां से आता है; कभी मंडराता है, तो कभी, कहीं भी, बरस के जाता है, कभी ये , सूरज को छुपाता, कभी , सूरज से मिट... Hindi · कविता 7 2 714 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read हे प्रभु ! (प्रार्थना) हे प्रभु! (प्रार्थना गीत) ????? हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान..... जिससे, आ सके हम देश के काम; हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो; हमारे लिए, सच्चाई की... Hindi · गीत 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read "घर" "घर" ***** 'घर' सबको, प्यारा होता! ये सबका ही सहारा होता, 'घर'में ढूंढता, सब चैन है; घर में रुकता, सब रैन है। घर ही तो , आवास होता; यहीं, सबका... Hindi · कविता 9 4 499 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jul 2021 · 1 min read 'लोभ'और 'लालच' 'लोभ'और 'लालच' ०००००००००००० लोभ-लालच है ,'भाई सौतेला', एक की 'मम्मी' है , 'अहंकारी'; और दूसरे की भी है, 'दुराचारी'; दोनों ही है,' सौतन' अत्याचारी; इसके 'पापा' भी हैं , भ्रष्टाचारी;... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jul 2021 · 1 min read आधी रात को...... आधी रात को.... ⭐⭐⭐⭐ इन नासमझों में, एक समझदार दिखते बस, आप तो... जैसे, अंधेरी रातों में भी; चांद चमके , आधी रात को; हम अगर कुछ कह भी दें,... Hindi · गीत 8 2 945 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "ये गरीबों की दुनियां है" ये गरीबों की दुनिया है... ***************** ये गरीबों की दुनिया है, 'गरीबी' ही है,,, सबका अपना करीबी..... ये धन-दौलत तो ऐसे निकलता... जैसे, मुठ्ठी से रेत फिसलता.... 'गरीबी' ही हैं,... Hindi · गीत 5 441 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read "बकरा" "बकरा" ?? ..................१................. बकरा तो हमेशा, घास खाए। मानव बकरा ही, काट खाए। बकरा बेचारा , अब क्या करे, वो सिर्फ कटे और छटपटाए। ....................२................... . वो तो सिर्फ अपना,... Hindi · मुक्तक 7 2 464 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "सुबह-सबेरे" "सुबह-सबेरे" (हाइकु) °°°°°°°°°°° निकल गया प्रभाकर पूरब छटा निराली। ^^^^^^^^^^^^^ खिल गये हैं फूल भी धरा पर खुशबूदार। ^^^^^^^^^^^^^ देखो तुम भी ये दृश्य विहंगम प्रातःकालीन। ^^^^^^^^^^^^^ कष्ट मत दो... Hindi · हाइकु 6 813 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "अटपटा प्रावधान" "अटपटा प्रावधान" ****************** देखो, कैसा ये "अटपटा प्रावधान"; मिटा रहा देश से बुद्धि और ज्ञान। आया अब देश में देखो,ऐसा क्षण; दुखी है आज , हर एक ज्ञानी मन। तड़प... Hindi · कविता 7 5 654 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jul 2021 · 1 min read "अपना संविधान" "अपना संविधान" *************** अब, ना वेद, ना ही पुराण, ना बाईबल, ना ही कुरान, सबसे बड़ा, अपना संविधान। संविधान का, देखो खेल, ज्ञानी बेचे तेल, अज्ञानी पढ़े , अब फारसी,... Hindi · कविता 5 626 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jul 2021 · 1 min read "शिक्षक" "शिक्षक" ******** हम शिक्षक हैं , बच्चों के हम ही , असली रक्षक हैं। हममें होता ज्ञान, लेकिन नहीं होता, कोई अभिमान। बच्चें आशा रखते, ज्ञान पाने की हमसे, प्रत्याशा... Hindi · कविता 8 2 703 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jul 2021 · 1 min read "चापलूस" "चापलूस" ********* इसकी पूछो मत, कोई हाल; ये मनुष्य होता, बड़ा कमाल। इसका खास होता नही,नाम; बस होता वह थोड़ा बदनाम। काम करता, जिसके खातिर; वो भी होता, बड़ा ही... Hindi · कविता 7 2k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jul 2021 · 1 min read "चुहिया" "चुहिया" ******** चु-चु, करती दिन में चुहिया आती। कभी इधर , कभी उधर छुप जाती। चूहा घुसकर बैठे, अपने बिल , बिल्ली की डर , इसे सदा सताती। .... ✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 4 507 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 2 min read "प्रोन्नति" "प्रोन्नति" ⚡⚡ पढ़े लिखे हो या, हो कोई अनपढ़; पहले तो, नौकरी लेने को होते तत्पर, ज्यों ही मिलती उन्हें, कोई नौकरी; 'प्रोन्नति' पाने को, वो करे तब धरफर। एक... Hindi · कविता 6 2 707 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 1 min read "आबादी" "आबादी" ??? (विश्व जनसंख्यां दिवस पर विशेष) ?????????? पूरी आबादी को, मेरा प्रणाम; बढ़ती रहे जो सदा ,'जनसंख्या', ऐसे ही चढ़ती जाए, तब दाम; कारनामा हो किसी और का, पर... Hindi · कविता 9 5 766 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jul 2021 · 1 min read _"जल-जीवन-हरियाली"_ "जल-जीवन-हरियाली" ****×*****×******* धरती मांगे सदा ही हरियाली पेड़ लगाओ। °°°°°°°°°°°°°°°°°° फूलों से सजा तुम भी देखो जरा ये उपवन। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जल व हवा मानव जीवन में जरूरी सदा। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° मत... Hindi · हाइकु 6 567 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jul 2021 · 1 min read "सड़क पार" "सड़क पार" ???? जब भी तुम्हें जाना हो , सड़क पार। थोड़ा रुककर कर लो, इंतजार। दायें देखो, फिर बायें देखो ; तब तुम जाओ, सड़क के उस पार। =×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=... Hindi · मुक्तक 5 2 357 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jul 2021 · 1 min read संस्कृतम् संस्कृतम् ********* संस्कार की जननी "संस्कृत", भाषाओं में पावनी "संस्कृत"। भाषा यह, भावों से अलंकृत; युगों-युगों से है, ये पुरस्कृत। संस्कृत है, हर भाषा का आधार; इसकी वाणी से गूंजे,... Hindi · कविता 8 10 1k Share Previous Page 4 Next