आर.एस. 'प्रीतम' Tag: कविता 281 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next आर.एस. 'प्रीतम' 27 Sep 2017 · 1 min read #छप्पय छंद ★परिभाषा★ रोला + उल्लाला = छप्पय छंद छप्पय छंद में कुंडलिया छंद की तरह छह चरण होते हैं, प्रथम चार चरण रोला छंद के होते हैं ; जिसके प्रत्येक चरण... Hindi · कविता 5 2 17k Share आर.एस. 'प्रीतम' 26 Sep 2017 · 1 min read मानव जाति विनाश की ओर..... सुविधाभोगी मानव सुविधाओं के,ज़ोश में होश गवाए जा रहा। प्रकृति-संतुलन बिगाड़े मूर्ख देखो,अपने पाँव कुल्हाड़ी खा रहा। पेड़ काटता अंधाधुंध नितप्रति,क़ारखाने से धुआँ फ़ैला रहा। क़ार्बन-डाईआक्साइड पैदा कर,टेम्परेचर धरा पर... Hindi · कविता 482 Share आर.एस. 'प्रीतम' 24 Sep 2017 · 2 min read #शहीदे-आज़म भगतसिंह चालीसा शहीदे-आजम भगतसिंह दोहे माता थी विद्यावती , किशनसिंह के लाल। बंगा लायलपुर ज़िला , जन्मे भगत मिसाल।। देशप्रेम साहस लिए , आन बान नित शान। भगतसिंह तुमसा नहीं , कोई... Hindi · कविता 352 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Sep 2017 · 1 min read कविता:??आँचल की हवा करना?? हे शोभा के सदन!नयनों में बसा करना। दीद के प्यासे हैं,तुम पूरी रज़ा करना।। सजे अरमां मन में,ज्यों तारे हों गगन में। प्रीत के प्यासे हैं,तुम हँसके वफ़ा करना।। हृदय... Hindi · कविता 260 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Sep 2017 · 1 min read प्रार्थना......?? इन श्रद्धा से भरी आँखों में,आशा के दीप जला जा-ना। हम मंज़िल के मुसाफ़िर हैंं प्रभु,मंज़िल का पथ बतला जा-ना।। 1** तुम हो जग के रचैया स्वामी,तेरी दया हमको चाहिए।... Hindi · कविता 207 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Sep 2017 · 1 min read जय-जयकार हिंदी की क्या बात है जग में,अरे!भाषा हिंदी की। नीलगगन में चंदा-सी,है आभा हिंदी की।। देवनागरी लिपि इसकी,है बनावट में सुंदर। देती हो शोभा जैसे,ये माथे पर बिंदी की।। बोलने और लिखने... Hindi · कविता 489 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 Sep 2017 · 1 min read कविता... राजभाषा हिंदी अपनी हिन्दी ********* फूलों से महकता चमन है हिन्दी। हर शब्द है फूल इसका,भरलो हृदय गागरी। मिलजुल बोलो तुम,जय हिन्दी,जय देवनागरी। आन-बान-शान है भारत की पहचान है। है वैज्ञानिक तभी... Hindi · कविता 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Sep 2017 · 1 min read #धूम मचाती हिंदी है मधुर मनोहर मीठी-सी,अपनी भाषा हिंदी है। देवनागरी लिपि इसकी,माथे पर ज्यों बिंदी है।। 1.. शब्द फूल से सुरभित हैं,भरलो उर रीति गागरी। मिलके बोलो ज़ोश लिए,जय हिंदी-देवनागरी। संस्कृत से हुई... Hindi · कविता 1 494 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Sep 2017 · 1 min read कविता??लेना हौंसले से काम?? आएंगी मुसीबतें,लेना हौसले से काम। ज़िंदगी संघर्ष है,मिलता नहीं आराम।। उम्रे-तम है लम्बी,खुशी के कम पैग़ाम। ग़म में हँसना सीखा, खुशी हुई ग़ुलाम।। पकंज चाहे जग,लो इससे सीख बड़ी। रात... Hindi · कविता 250 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 Sep 2017 · 1 min read ??खफ़ा होने वाले?? जान से बढ़कर तुझे चाहूँ मैं, सुन,अरे!खफ़ा होने वाले। एकपल न भूल तुझे पाऊँ मैं, सुन,अरे!खफ़ा होने वाले।। मन-मंदिर मे तू ही बसी है, मेरे लिए मेनका,उर्वशी है। आँखों में... Hindi · कविता 232 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Aug 2017 · 1 min read कविता : ??.. प्रिय! तेरी यादें..?? प्रिया!तेरी यादें मन-मंदिर में दीप-सी जलती हैं। स्वर्ण किरणों-सी मुख आलोकित करती रहती हैं।। रिमझिम-रिमझिम बूँद-सी बरसें, मन-उपवन में ये गिरती हैं। मानस सागर में लोल लहर-सी, विचरण करती ये... Hindi · कविता 447 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Aug 2017 · 1 min read कविता: ??शान तिरंगे की?? दिल में बसा ली है हमने,अरे शान तिरंगे की। तन मन तिरंगे का है ये,है ये जान तिरंगे की।। चमन है ये वतन हमारा,हम माली बने इसके। खिलता महकता रहे... Hindi · कविता 1 523 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Aug 2017 · 1 min read "यह राखी का त्योहार" "ये राखी का त्योहार" ------------------------- जब भाई की कलाई पर,राखी बाँधती है बहन। इस प्रीत के बदले भाई,सदा रक्षा का दे वचन।। बहन-भाई का रिश्ता ये,सुंदर है सबसे प्यारा। कृष्णा... Hindi · कविता 242 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Jul 2017 · 1 min read कविता :सुनाने आया हूँ। ग़रीब की आह!सुन दर्द दिखाने आया हूँ। मानवता हितैषी बन मर्ज़ सुनाने आया हूँ।। झोंपड़ी गुमसुम कभी अरमान लुटता भैया। डगमग जीवन की नाव सम्मान घटता भैया। ठोकरों में हैं,रोते... Hindi · कविता 291 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Jul 2017 · 1 min read बेटियाँ(शायरी)...... अमृत की धार,प्रेमफुहार हैं बेटियाँ। कोयल-कूक सुर-सितार हैं बेटियाँ। माँ-आशीष,पिता-दुलार हैं बेटियाँ, स्नेह-प्यार-प्रेम आधार हैं बेटियाँ। ■■■■■■■■■■■■■■■■■ नयन का आँसू,मन का तार-सी। हृदय का उद्गार,धन का सार-सी। उज्ज्वल गाथा अभावों... Hindi · कविता 485 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Jul 2017 · 1 min read कविता : ??सच्चा यार?? ज़िंदगी एक पहेली है यार मेरे। समझी न समझी जाए यार मेरे। एकपल उजाला एकपल अँधेरा, अज़ब गज़ब है व्यवहार यार मेरे। कभी फूलों सरीखी कभी काँटों। पृथ्वीलोक समझो ये... Hindi · कविता 249 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 Jul 2017 · 1 min read कविता :??....वीर जवानों....?? आन बान शान हो तुम देश की। सुनहरी मुस्क़ान हो तुम देश की। कर्म से तुम्हारे तिरंगा लहराए है, वीरों एक ज़बान हो तुम देश की। गर्मी-सर्दी सह सीमा सुरक्षा... Hindi · कविता 543 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jul 2017 · 1 min read कविता :--मंज़िलें-- मंज़िलें ज़ुनून से मिलें,सुक़ून से नहीं। प्यार दिल से करो तुम,ख़ून से नहीं। तक़दीरों के भरोसे ज़िंदगी क्या जीना, इतिहास कर्म से बनता,ऊन से नहीं। ....... चलो पथिक अग्रसर दीवानों... Hindi · कविता 364 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Jul 2017 · 1 min read कविता : ?? आँखों के रास्ते?? आँखों के रास्ते गुज़र गया कोई अपना बनके। नसीहत प्यार की दे गया कोई सपना बनके। रिश्तों की धूप में लिखे हमने नग़में बहुत, नग़मों का अलग एहसास दे गया... Hindi · कविता 283 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Jul 2017 · 1 min read कविता:ये प्यार कैसा स्वार्थ में बंधा है तो फिर प्यार कैसा। शर्त मे अंधा है तो फिर प्यार कैसा। हँसते हँसाते जीवन रंगीन बना दे जो, उसपर लुटा दो दिल फिर भार कैसा।... Hindi · कविता 403 Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 Jul 2017 · 2 min read कविता **सुन रे मानव** पैसा बड़ा हो गया आदमी से आज। पैसे वाले को सलाम करता है समाज। पैसा न हो उसे ग़रीब कहता है देखो, पैसे वाले पर करता है हरकोई नाज़। ........ Hindi · कविता 723 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Jul 2017 · 1 min read कविता : यादें सावन की फुहार-सी,खिले गुलज़ार-सी। अख़बारे-समाचार-सी,तीज त्योहार-सी। आनंद रत्न देती मुझे,ये हरती अवसाद, हैंं प्रिय!तेरी यादें ये,इंद्रधनुषी दीदार-सी। ......??? बहते हुए झरनों-सी,पकती फ़सलों-सी। दौड़ते हुए हिरनों-सी,खिलते कमलों-सी। मेरे तस्व्वुर में सजती,निखरें... Hindi · कविता 467 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Jun 2017 · 2 min read कविता : मेरा भारत ऐसा हो जाति,धर्म,क्षेत्र,का भेद मिटे,इंसानियत-सुर बजे जन में। सब दिवसों से ऊपर"मंगल दिवस"मनाएंगे तब मन में।। ग़रीब की आह!मिटकर खुशियों से मन-गागर भर जाए। कवि की वेदना प्रशन्नचित होकर मंगल गीत फिर... Hindi · कविता 549 Share आर.एस. 'प्रीतम' 25 Jun 2017 · 1 min read --मोहब्बत की बात-- दिल की बात सबको बताया न करो। कुछ राज सुनलो तुम छिपाया भी करो।। ज़माना बुरा है बहुत बातों को हवा दे। हर किसी से मिलके मुस्क़राया न करो।। तुम... Hindi · कविता 382 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jun 2017 · 1 min read कविता : ??सुंदर ये प्रेम अनुपम?? अपना प्यार धरा -अंबर -सा सुन! रानी। दूर क्षितिज पर मिलता होकर तूफ़ानी।। हम तुम एक सिक्के के दो पहलूँ हैं। सजती है मिलकर दोनों की जवानी।। रब सबकी ज़िंदगी... Hindi · कविता 529 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jun 2017 · 1 min read कविता: ?? मुस्क़राया करो?? मायूसी न तुम कभी,गले लगाया करो। ज़िन्दगी में हरपल,बस मुस्क़राया करो।। हर समस्या का हल,आज नहीं तो कल। कीमती मोती आँसू,व्यर्थ न बहाया करो।। तम कुछ पल का,उजाला भूतल का... Hindi · कविता 272 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jun 2017 · 1 min read कविता: ??जब हम बातें करते हों?? दिल के नरम लोगों का गुस्से में आना ठीक नहीं।। जब हम बातें करते हों तो तेवर दिखाना ठीक नहीं।। तुम चाहते हो हमें कितना अपने दिल से पूछ लो।... Hindi · कविता 267 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jun 2017 · 1 min read कविता : ?? मिलजुल रहें हमेशा?? मिजजुल खिलें रंग-बिरंगे फूलों की तरह। न पैरों में चुभें किसी के काँटों की तरह।। इस भू पर सबका बराबर हिस्सा हो जाए। खेलें फिर भू-सागर पर लहरों की तरह।।... Hindi · कविता 275 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Jun 2017 · 1 min read कविता : ??तन्हा बेचैन दिल?? तूने मुडके देखा मुझे इस कदर। तीरे-नजर घायल कर गई जिगर।। सपने सुहाने सजने लगे मन में। तेरी तस्वीर आँखों में गई उतर।। दिन में चैन न रातों में हैं... Hindi · कविता 285 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता : दिल की धड़कन?? दिल की धड़कन ये,कुछ कहती है। मेरी आँखों में तू,रब-सी रहती है।। तेरा दीदार कुछ,अधूरा-सा है अभी। शीतल पवन-सी,तू मन में बहती है।। मैं तेरा आलिंगन,पाऊं हरपल मैं ही। दिल... Hindi · कविता 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता : ??अ दिल मायूस न हो?? चलेंगे वहीं तक हम,जहां क़दम ले जाएंगे। अ दिल मायूस न हो,मंज़िलल तो हम पाएंगे।। मंज़िल कहीं दूर नहीं,आरज़ू बढ़ती जाए। एक नूर की तड़फ है,जिसे पा मुस्क़राएंगे।। दिल की... Hindi · कविता 273 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता : सीखा हमने मौसम की तरह बदलना नहीं सीखा हमने। सबसे गले मिलते हैं जलना नहीं सीखा हमने।। सफलता पर दुश्मन को भी दाद दी ख़ुशी से। मुँह फेर बगल से निकलना नहीं... Hindi · कविता 415 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता : ??फूल के प्यार में?? फूलों की हवा से खाली दिल में बात आ गई। तुझे देख शुष्क होठों पर इश्के-बरसात आ गई।। तेरा चेहरा फूल के पहनावे की कंठी का फूल है। हवाओं में... Hindi · कविता 296 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता: ??अंजाम पता होता?? मुझपे किया है ओर पर तक़सीर न करना। दिल लगाना किसी से दमे-शमशीर न करना।। टूटकर वादे-इरादे ख़ाक हो जाएंगे पल में। ज़ादा-ए-राहे-वफ़ा में गर्म तासीर न करना।। जीते मर... Hindi · कविता 287 Share आर.एस. 'प्रीतम' 20 Jun 2017 · 1 min read कविता : ??साथ में चले हैं?? हम तो अपने प्यार की तलाश में चले हैं। उनसे कोई पूछे वो क्यों साथ में चले हैं।। देखते हैं ज़िधर भी नज़र में पाते हैं उन्हें। सरे-महफ़िलल चाहे सरे-बाज़ार... Hindi · कविता 262 Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Jun 2017 · 1 min read कविता:..??थी भूलभुलैया..?? थी भूलभुलैया हम ज़िधर चले। कुछ ज़ख्म भरे कुछ उभर चले।। ज़िंदगी का मौसम तो शुष्क रहा। उमड़े जो बादल जाने किधर चले।। हमने राहों में फूल बिखेरे हरपल। क़दमों... Hindi · कविता 298 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 May 2017 · 1 min read कविता:..??गमे-घर मेरी ज़िंदगी..?? ग़मे-घर मेरी ज़िन्दगी,बना दी है आपने। जीते मरे हैं वो बात,सुना दी है आपने।। वर्षों से प्यार की एक उम्मीद जागी थी। बेवफ़ाई की मोहर पर,लगा दी है आपने।। मुझे... Hindi · कविता 204 Share आर.एस. 'प्रीतम' 27 May 2017 · 1 min read कविता : ??तुझे याद करते हैं बहुत?? तुझे याद करते हैं बहुत,तुमपे मरते हैं बहुत। कैसे दिखाएं दिल चीर,कि तड़फ़ते हैं बहुत।। तूने लिख दिया मुझे,मिलने आ जाऊँ तुमसे। कब,कैसे,कहाँ मिलें,हम ये सोचते हैं बहुत।। चारों तरफ... Hindi · कविता 279 Share आर.एस. 'प्रीतम' 26 May 2017 · 1 min read कविता :मेरे दिल में तेरी याद है....??? मेरे दिल में तेरी याद है,तेरी आँखों में मेरा ख्वाब है। मैं तेरे लिए लाजवाब हूँ,यूँ तू मेरे लिए लाजवाब है।। मैं तुझको हसीन निशानी दूँ,तू मुझको भुला न देना... Hindi · कविता 404 Share आर.एस. 'प्रीतम' 23 May 2017 · 1 min read कविता : दो ही चीज़ ग़ज़ब की हैं~~●●?? मनुज मन मंदिर तो दिल समन्दर है। इस धरा पर भगवान सबके अंदर है।। फूल में ख़ुशबू ज्यों चाँद में चाँदनी। पदार्थ में उर्जा ज्यों तन-रुह पावनी।। भ से भूमि... Hindi · कविता 754 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 May 2017 · 1 min read कविता:??●आँसू●?? आँसू दर्द का हिस्सा,सुख का आधार भी। आँसू मर्ज़ का मोती,अर्ज़ का इस्तिहार भी। आँसू सावन का गान,मन का दीदर भी। आँसू दिल की महिमा,आरज़ू का तार भी। आँसू निश्छल... Hindi · कविता 283 Share आर.एस. 'प्रीतम' 19 May 2017 · 1 min read जैसा करे,वैसा पाए??? मुसीबते आजमाती इंसान को यहाँ। इंसान परेशान हो जाता है बेइंतहा। नहीं समझता प्रभु की लीला ये सब, रोता चिल्लाता है अजान बांध समां। प्रेरणा मेरी कहती है मत हो... Hindi · कविता 307 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 May 2017 · 1 min read ?•अपनी ग़लतियों से...? अपनी ग़लतियों से हर वक्त सीखता हूँ। दूसरों की आलोचना पर स्वस्थ रहता हूँ।। असफल वही होते हैं जो परीक्षा देते हैं। नदारद की गिनती मैं कभी नहीं करता हूँ।।... Hindi · कविता 253 Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 May 2017 · 1 min read ??•इश्क़े-हक़ीक़त•?? ज़ुबां पर आया वो,सवाल अच्छा है। दिल में उठा है जो,ख़्याल अच्छा है।। हमने हँसकर उससे,दो बातें क्या की। वो कहने लगे हमें,माल अच्छा है।। इश्क़ तो परिन्दे की उड़ान... Hindi · कविता 202 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 May 2017 · 1 min read ??◆भावना वेग◆?? पत्थर है वह इंसान नहीं, भावना का जिसके हृदय में स्थान नहीं। भाव-सरिता जिसके चित, प्रवाहित होती रहती नित रुकता न कहीं। संवेदनशील चित में मद, की खेती लहलहाती सद... Hindi · कविता 385 Share आर.एस. 'प्रीतम' 13 May 2017 · 1 min read कविता ••?उमर फै़याज़ पर्रे..एक शहीद? कब तक हत्याएं बर्बरता से होती रहेंगी। माताएँ कलेजे के टुकडे़ को रोती रहेंगी।। कितने उमर फै़याज़ पर्रे यहाँ मिटाए जाएंगे। कितने रुहों के सपने अरमान लुटाए जाएंगे।। हे दिल्ली... Hindi · कविता 441 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 May 2017 · 1 min read ??◆एहतराम करता चलूँ◆?? जो मिले राह में,एहतराम करता चलूँ। सुबह हो या शाम,यह काम करता चलूँ।। गले मिलूँ कभी निग़ाह में बसा लूँ दोस्त! जो बने उस तरह से,काम करता चलूँ।। दिल साफ़... Hindi · कविता 605 Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 May 2017 · 1 min read ??◆ राज दिलके◆?? वो मिले भी न मिले मिलके। कह पाए न हम राज दिलके।। वो गुल खिला भी क्या खिला। दे पाया न ख़ूशबू जो खिलके।। फ़ासले आख़िर फ़ासले ही रहे। क़रीब... Hindi · कविता 237 Share आर.एस. 'प्रीतम' 7 May 2017 · 1 min read ??◆ दो बातें सुनके जाना◆?? दो बातें सुनके जाना,अपने शबाब की। दोहराने लगी नीयत,रज़ा तव्वाब की।। किसी महकते गुलशन से,आप आ गए हो। दिल देता है सनम तुझे ये,संज्ञा गुलाब की।। दो घड़ी ठहरो ज़रा... Hindi · कविता 223 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 May 2017 · 1 min read ??◆ये तेरी मद होशियाँ◆?? रीति-रिवाज़ तोड़ तोड़ी ख़ामोशियाँ। याद रखी प्यार की सब मदहोशियाँ।। एक बार रूठे फिर मान गए हम। मिली जब-जब हमें हैं शाबासियाँ।। हमतुम रहे न दो ज़िस्म दीदार में। एक... Hindi · कविता 241 Share Previous Page 4 Next