Shivkumar Bilagrami 182 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Shivkumar Bilagrami 10 Dec 2021 · 1 min read मसख़रा देर तक ताली बजी उनके लतीफ़ों पर मसख़रों से किस क़दर हम प्यार करते हैं शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 379 Share Shivkumar Bilagrami 20 Nov 2021 · 1 min read Dost दोस्त क्या तुमको हर दोस्त तुम्हारा झूठा लगता है कौन है आख़िर वो जो तुमको सच्चा लगता है किसको देख के छा जाती है लब पर ख़ामोशी किसको देख के बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 313 Share Shivkumar Bilagrami 31 Oct 2021 · 1 min read कज़ा उसने यूं अपने गुनाहों की सज़ा पाई है रात दिन की हैं दुआएं तो क़ज़ा आई है -शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 2 307 Share Shivkumar Bilagrami 30 Oct 2021 · 1 min read सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको मेरे अल्लाह मोहब्बत की नज़र दे मुझको सबके ऐबों को छुपाने का जिगर दे मुझको जिसने दुनिया की किसी चीज़ को अपना न कहा किसी ऐसे बड़े इंसां की नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 197 Share Shivkumar Bilagrami 30 Oct 2021 · 1 min read साया मेरा साया न बने बोझ कहीं धरती पर सिर्फ़ इस डर से अंधेरे में निकलता हूं मैं -शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 216 Share Shivkumar Bilagrami 28 Oct 2021 · 1 min read जय जगदम्बे जयति जयति जय , जय जगदम्बे असुर मर्दिनी जय मां दुर्गे सिद्धदायिनी मां शतरूपा परम सुंदरी रूप अनूपा कृष्णा गौरी चंद्रघटा तुम तुम ही देवी आदि स्वरूपा जगत प्रिया शिव... Hindi · गीत 1 381 Share Shivkumar Bilagrami 30 Sep 2021 · 1 min read शैतान भी है मरने को तैयार हूं लेकिन जीने का अरमान भी है मुझसे पंगा ठीक नहीं है मुझ में इक शैतान भी है मेरी आंखें पढ़ने वाले फिर से इनको पढ़कर देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 274 Share Shivkumar Bilagrami 28 Aug 2021 · 1 min read अख़बार सुब्ह जब अख़बार आता है तो डर जाता हूं मैं क़त्ल की ख़बरों को पढ़कर रोज़ मर जाता हूं मैं व्हाट्सअप पर जुल्म के हैं कैसे-कैसे वीडियो वीडियो को देख,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 216 Share Shivkumar Bilagrami 16 Aug 2021 · 1 min read हक़ीक़त हक़ीक़त वो नहीं होती जो दिखती है हमें अक्सर मेरी उठ बैठ सब में है मगर मेरे नहीं हैं सब - शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 219 Share Shivkumar Bilagrami 13 Aug 2021 · 1 min read कैसे गीत लिखूं मैं उन पर कैसे गीत लिखूं मैं उन पर , जिन अधरों ने रक्त पिया है गीतों के हक़दार वही हैं , जिन अधरों ने प्रेम दिया है ख़ुद को श्रेष्ठ बताने वाले... Hindi · गीत 2 260 Share Shivkumar Bilagrami 12 Aug 2021 · 1 min read प्रेम नहीं 'प्रेमी' हो जाना प्रेम हुआ तो जाना हमने प्रेम नहीं होता है वैसा हम समझ रहे थे इसको जैसा । प्रेम नहीं है क्रिया सकर्मक प्रेम नहीं है क्रिया अकर्मक प्रेम नहीं है... Hindi · कविता 1 379 Share Shivkumar Bilagrami 9 Aug 2021 · 1 min read आख़िर कब तक , कब तक आख़िर सिसक सिसक कर रात बिताना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबसे अपना दर्द छुपाना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबके खातिर जीना लेकिन अपनी कोई फ़िक्र न करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 294 Share Shivkumar Bilagrami 9 Aug 2021 · 1 min read आशिक सब के सब हैं फ़र्ज़ी आशिक किस किसको मैं ब्लॉक करूं कब तक इनकी फ़िक्र में अपना बदन जलाकर खाक करूं ---शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 259 Share Shivkumar Bilagrami 8 Aug 2021 · 1 min read बारिश अब्र बरसे हैं हमारी दास्तां सुनकर , मगर हर किसी को ये लगा बारिश का मौसम आ गया शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 284 Share Shivkumar Bilagrami 8 Aug 2021 · 1 min read हमदर्द हमदर्द कैसे-कैसे हमको सता रहे हैं कांटो की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूं मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर भी... Hindi · मुक्तक 572 Share Shivkumar Bilagrami 6 Aug 2021 · 1 min read मुश्किल तेरी मुश्किल में मददगार यहां कोई नहीं सिवा तेरे तेरा ग़मख़्वार यहां कोई नहीं अपने ख़्वाबों के लिए ख़ुद को ही बाज़ार बना तेरे ख़्वाबों का ख़रीदार यहां कोई नहीं... Hindi · मुक्तक 1 232 Share Shivkumar Bilagrami 5 Aug 2021 · 1 min read दाग़ दाग़ जो अब तक अयाँ हैं वो बता कैसे मिटें फास्ले जो दरमियाँ हैं वो बता कैसे मिटें एक मुद्दत से दिलों में दर्द की हैं बस्तियाँ दर्द की जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 177 Share Shivkumar Bilagrami 3 Aug 2021 · 1 min read Ghar / घर जिधर देखूं उधर ही घर सजा संवरा लगे तेरे घर में मुझे सब कुछ बहुत अच्छा लगे नफ़स में घुल रही हैं मीठी मीठी खुशबुएं यहां का ईंट पत्थर चांदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 637 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2021 · 1 min read बारिश आज फिर सुब्ह से बारिश हुई है शाम तलक आज फिर ख़्वाब में सैलाब दिखाई देगा Hindi · शेर 2 430 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2021 · 1 min read गुनहगार जिनके साये में गुनहगार खड़े होते हैं वो कभी भी न बड़े थे न बड़े होते हैं - शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 466 Share Shivkumar Bilagrami 13 Mar 2018 · 1 min read जय हिन्द वन्दे मातरम कोई भी पन्थ हो अपना कोई भी हो धरम सभी मिलकर कहो जयहिन्द वन्देमातरम हमारे देश ने दी है हमें ये ज़िन्दगी हमारे देश से हमको मिली है हर खुशी... Hindi · गीत 458 Share Shivkumar Bilagrami 23 Aug 2017 · 1 min read मेरे दिल में जो है मेरे दिल में जो है तुमको वो बताऊँ कैसे दिल की सरहद से ज़ुबाँ तक इसे लाऊँ कैसे एक तस्वीर जिसे दिल में छुपा रक्खा है चीरकर दिल को वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share Shivkumar Bilagrami 1 Aug 2017 · 1 min read नई दिल्ली हज़ारों ख़्वाब जनता को दिखाती है नई दिल्ली मगर जनता को अक्सर भूल जाती है नई दिल्ली न तो रहने न ही खाने का बंदोबस्त है कोई मगर फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share Shivkumar Bilagrami 30 Jul 2017 · 1 min read बड़े भाई मेरी उलझन को इतना क्यों बढ़ाते हो बड़े भाई तुम अपना दर्द मुझसे क्यों छुपाते हो बड़े भाई अकेले में तुम्हे पाया है मैंने सिसकियाँ भरते सभी के सामने तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 538 Share Shivkumar Bilagrami 22 Jul 2017 · 1 min read युद्ध के उन्माद न जाने कौन सा आनन्द इस अतिवाद में है जिसे देखो वही अब युद्ध के उन्माद में है कभी भी युद्ध से होती नहीं है हल समस्या समर्थक युद्ध का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 577 Share Shivkumar Bilagrami 21 Jul 2017 · 1 min read सैंकड़ों गोते सैंकड़ों गोते समुन्दर में लगाये हैं तब कहीं दो चार मोती हाथ आये हैं ज़िन्दगी अपनी भी जैसे आक्टोपस हो रंग इसने भी उसी जैसे दिखाये हैं छोड़ तो आये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share Shivkumar Bilagrami 12 Jul 2017 · 1 min read जहाँ भर में जहां भर में अमन का ग्राफ़ नीचे जा रहा है जिसे देखो वही तलवार खींचे जा रहा है क़लम से काटनी थी नफ़रतों की पौध जिसको वही अब नफ़रतों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 637 Share Shivkumar Bilagrami 10 Jul 2017 · 1 min read तुम्हें बादल दिखायेगा तुम्हें बादल दिखायेगा तुम्हारे वोट ले लेगा मगर कोई सियासतदां तुम्हें बारिश नहीं देगा गरीबों के लिए जब भी कोई योजना आये तो तुम भी देखना मंज़र कि इस पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 414 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मुश्किलों के दौर को मुश्किलों के दौर को हम खुद पे ऐसे सह गए कुछ तो आँसू पी लिए कुछ एक आँसू बह गए उम्र भर आँखों में पाला था जिन्हें अपना समझ ख्व़ाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read अपनों से न गैरों से अपनों से न ग़ैरों से कोई भी गिला रखना आँखों को खुला रखना होंठों को सिला रखना जो ज़ख्म मिला तुमको अपने ही अज़ीज़ों से क्या ख़ूब मज़ा देगा तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read हमदर्द कैसे कैसे हमदर्द कैसे कैसे हमको सता रहे हैं काँटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूँ मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मेरी सोच मेरी सोच मेरी हदों का निशां है मगर इसके आगे भी कोई जहां है सितारों को शायद पता हो न इसका सितारों से आगे नई कहकशां है न निकले कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 541 Share Previous Page 4