Shivkumar Bilagrami 182 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Shivkumar Bilagrami 20 Mar 2022 · 1 min read गीत - कौन चितेरा चंचल मन से कौन चितेरा चंचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से आँक रहा है कौन पथिक है अति उत्साही पथ के जो... Hindi · गीत 4 2 735 Share Shivkumar Bilagrami 19 Mar 2022 · 1 min read मां के बिन क्या ज़िन्दगी ऐसे सताती है माँ मुझे अपनी क़सम अक्सर खिलाती है ख़ुद कभी मेरी क़सम हरगिज़ न खाती है हर कोई मुझको बुरा कहता ज़माने में एक माँ है जो मुझे अच्छा बताती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share Shivkumar Bilagrami 19 Mar 2022 · 1 min read ماں ماں مجھے اپنی قسم اکثر کھلاتی ہے خود کبھی میری قسم ہرگز نہ کھاتی ہے ہر کوئی مجھ کو برا کہتا زمانے میں ایک ماں ہے جو مجھے اچھا بتاتی... Urdu · غزل 1 496 Share Shivkumar Bilagrami 18 Mar 2022 · 1 min read ज़िन्दा रहना है तो जीवन के लिए लड़ अपने घर में बड़े आंगन के लिए लड़ अपनी बस्ती में खुलापन के लिए लड़ माल प्लाज़ा की ज़रूरत तुझे क्या है फूल खिलते हुए उपवन के लिए लड़ बैठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 926 Share Shivkumar Bilagrami 17 Mar 2022 · 1 min read डर इतना अच्छा आप से मिलकर लगे हिज्र की बातें सुनूं तो डर लगे मुस्कुराहट भी तुम्हारी कम नहीं पर हंसी तो और भी सुन्दर लगे धड़कनों में तेरा कारोबार है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 627 Share Shivkumar Bilagrami 15 Mar 2022 · 1 min read میرے ذکر کا کل اثر ان پہ کیا ہے میرے ذکر کا کل اثر ان پہ کیا ہے کہ ٹوٹا ہے دل یا کلیجہ پھٹا ہے کیا تصویر میری رکھی وہ چھپا کر کہ اس کو ابھی بس ذرا... Urdu · غزل 1 263 Share Shivkumar Bilagrami 15 Mar 2022 · 1 min read दिलावर किसने वार सहे हैं सबके किसने सबको मुआफ़ किया जिस्म जिगर जां ज़ख़्मी पाकर कौन दिलावर मुस्काया -शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 289 Share Shivkumar Bilagrami 14 Mar 2022 · 1 min read कौन नगर में फिर आया लिखते गाते गीत ग़ज़ल यह कौन नगर में फिर आया किसके दिल में पीर उठी है कौन मेरा है हमसाया किसने अपने शहर को छोड़ा किसने छोड़ा घर अपना किसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 334 Share Shivkumar Bilagrami 14 Mar 2022 · 1 min read ابھی تنہا جو بیٹھے ہیں ابھی تنہا جو بیٹھے ہیں، انھیں وہ بزم میں آئیں غزل میری یہ لے جائیں ادھر گائیں ادھر گائیں نہ آنے کے بہانے سو بناتے آپ ہیں ہر دن مگر... Urdu · غزل 1 302 Share Shivkumar Bilagrami 13 Mar 2022 · 1 min read کِس لیے دل کو یوں غمگین کیے بیٹھے ہو کسلے دل کو یوں غمگین کیے بیٹھے ہو کس سے ناراض ہو کیوں ہونٹھ سیے بیٹھے ہو کیا تمہیں کوئی شکایات ہے ابھی بھی مجھسے کیا کوئی بات میری دل... Urdu · غزل 1 288 Share Shivkumar Bilagrami 12 Mar 2022 · 1 min read उल्टा पुल्टा सब कुछ उल्टा पुल्टा लागे , यही तो प्यारे है संसार मैं भी काट रहा दिन अपने , तू भी अपना वक़्त गुज़ार सिद्धनगर की संतपुरी में ,भक्तजनों की भीड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 417 Share Shivkumar Bilagrami 10 Mar 2022 · 1 min read अंधेरा घुप्प अंधेरे से उभरकर इक उजाले ने रहनुमा बनकर हमें भी रोशनी दी है ... शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 162 Share Shivkumar Bilagrami 9 Mar 2022 · 1 min read ज़हर बुझे हैं शब्द तुम्हारे ज़हर बुझे हैं शब्द तुम्हारे इनसे मुझ पर वार न करना मौत भले दे देना लेकिन तुम मुझसे तकरार न करना भौंह चढ़ाकर, आँख उठाकर ऊँचे सुर में बातें करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 208 Share Shivkumar Bilagrami 9 Mar 2022 · 1 min read خبر خبر میں سافگوی ان دنوں کسکو پسند خبر میں چاہیے تھوڑا مسالا ان دنوں شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 242 Share Shivkumar Bilagrami 9 Mar 2022 · 1 min read ख़बर ख़बर में साफ़गोई इन दिनों किसको पसन्द ख़बर में चाहिए थोड़ा मसाला इन दिनों ... शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 418 Share Shivkumar Bilagrami 8 Mar 2022 · 1 min read زہر بجھی ھیں شبد تمہارے زہر بجھے ہیں شبد تمہارے ان سے مجھ پر وار نہ کرنا موت بھلے دے دینا لیکن تم مجھ سے تکرار نہ کرنا بھونہ چڑھا کر ، آنکھ اٹھا کر... Urdu · غزل 1 241 Share Shivkumar Bilagrami 5 Mar 2022 · 1 min read घोटाला/Ghotala घोटाला भी नहीं लगता घोटाला इन दिनों सियासत का है कितना बोलबाला इन दिनों तुम्हारे इस जुनून-ए-जंग का आलम है यह बड़ी मुश्किल से मिलता है निवाला इन दिनों अंधेरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 402 Share Shivkumar Bilagrami 4 Mar 2022 · 1 min read नज़र नज़र को फेर लेने से जो रिश्ते ख़त्म हो जाते नज़र को फेरने वाले बड़े खुशहाल होते फिर शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 1 214 Share Shivkumar Bilagrami 3 Mar 2022 · 1 min read कौन है मेरी ग़ज़ल जो रात भर गाता रहा कौन है मेरी ग़ज़ल जो रात भर गाता रहा सुब्ह तक जगता रहा, आता रहा, जाता रहा क्या कहूँ मैं हाल उसकी बेख़ुदी का आप से आँख में आँसू भरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share Shivkumar Bilagrami 2 Mar 2022 · 1 min read ان گلوں کا رنگ خوشبو کھو نہ جائے ان گلوں کا رنگ خوشبو کھو نہ جائے پھر کہیں مالی چین کا سو نہ جائے شاخ کی کچھ پتیاں مرجھا رہی ہیں پتیوں کی جان کو کچھ ہو نہ... Urdu · غزل 1 302 Share Shivkumar Bilagrami 28 Feb 2022 · 1 min read बहाना हर किसी को हर किसी से प्राब्लम है अब सिर्फ़ लड़ने का बहाना चाहते हैं लोग ऐटमी हथियार के साये में रहकर भी हर तरफ़ मौसम सुहाना चाहते हैं लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share Shivkumar Bilagrami 27 Feb 2022 · 1 min read اهنسک قدرتان ہر کوئی کمزور پڑ جاتا ہے دنیا میں یہاں گوتم کے کہنے سے اهنسک کوں بناتا ہے شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 1 420 Share Shivkumar Bilagrami 27 Feb 2022 · 1 min read अहिंसक क़ुदरतन हर कोई कमज़ोर पड़ जाता है दुनिया में यहां गौतम के कहने से अहिंसक कौन बनता है शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 170 Share Shivkumar Bilagrami 27 Feb 2022 · 1 min read غمگین کِس لیے دل کو یوں غمگین کیے بیٹھے ہو کِس سے ناراض ہو کیوں ہونٹ سیے بیٹھے ہو شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 1 243 Share Shivkumar Bilagrami 27 Feb 2022 · 1 min read ग़मगीन किसलिए दिल को यूं ग़मगीन किए बैठे हो किससे नाराज़ हो क्यों होंठ सिए बैठे हो शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 1 161 Share Shivkumar Bilagrami 25 Feb 2022 · 1 min read आज फिर से... आज फिर से क़ब्र पर आया कोई और रो गया आज फिर जगकर हँसा मैं और हँस कर सो गया देर तक ठहरी रहीं आँखें मेरी उस नक्श पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 197 Share Shivkumar Bilagrami 25 Feb 2022 · 1 min read آج پھر سے آج پھر سے قبر پر آیا کوئی اور رو گیا آج پھر جگ کر ہنسا میں اور ہنس کر سو گیا دیر تک ٹھہری رہیں آنکھیں میری اس نقش پر... Urdu · غزل 1 349 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read तो मुझे अच्छा लगे कोई चिड़िया चहचहाये तो मुझे अच्छा लगे कोई भँवरा गीत गाये तो मुझे अच्छा लगे घास का मैदान सुन्दर लग रहा बेहद मगर फूल कोई मुस्कुराये तो मुझे अच्छा लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 740 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read غزل - نیت ہمارے پاؤں ڈرتے ہیں تمہارے ساتھ چلنے میں ذرا سا وقت لگتا ہے کبھی نیت بدلنے میں تمہیں شاید پتا ہو یا نہ ہو شاید پتا تم کو کہ سالوں... Urdu · غزل 1 600 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read درد کوئی اچّھا سا دے پھر درد سینے میں مزہ کچھ بھی نہیں بیدرد جینے میں شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 1 264 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read मज़ा / दर्द / बेदर्द कोई अच्छा सा दे फिर दर्द सीने में मज़ा कुछ भी नहीं बे-दर्द जीने में शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 287 Share Shivkumar Bilagrami 23 Feb 2022 · 1 min read ہمدرد ہمدرد کیسے کیسے ہمکو ستا رہے ھیں کانٹوں کی نوک سے جو مرہم لگا رہے ہیں ۔۔۔ شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 239 Share Shivkumar Bilagrami 23 Feb 2022 · 1 min read मैं मैं तो मैं था ज़िन्से बाज़ार न था वर्ना क्या कोई ख़रीदार न था मैंने ही हर एक से मुँह मोड़ लिया वर्ना क्या कोई मददगार न था दश्तगर्दी थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 177 Share Shivkumar Bilagrami 21 Feb 2022 · 1 min read पुरज़ोर तूफ़ानों के तर्क सही थे पुरज़ोर तबाही लाने के वर्ना जतन किए थे हमने अपना घर बार बचाने के शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 198 Share Shivkumar Bilagrami 21 Feb 2022 · 1 min read संत-संन्यासी यहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ... वहाँ पर हूँ अकेले में मैं अक्सर सोचता हूँ मैं कहाँ पर हूँ कभी लगता मुझे ऐसा कि मैं तो इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 426 Share Shivkumar Bilagrami 21 Feb 2022 · 1 min read بدتمیزی ابھی تک میری جاں نہ چھوٹی تمہاری وہ عادت پرانی وہی بدتمیزی وہی بدمزاجی وہی بدگمانی شیوکومر بلگرامی Urdu · غزل 345 Share Shivkumar Bilagrami 20 Feb 2022 · 1 min read बदतमीज़ी अभी तक मेरी जां न छूटी तुम्हारी वो आदत पुरानी वही बदतमीज़ी वही बदमिज़ाजी वही बदगुमानी शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 175 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read Tears Tears are the best purifiers O my God ! give me tears... tears...and more tears... tears in my smiles... tears in my cries... As , Smiles with tears are more... English · Poem 1 216 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read श्री हनुमत् ललिताष्टकम् वदनम् ललितम् , वर्णम् ललितम् वक्त्रम् ललितम् , वस्त्रम् ललितम् रूपम् ललितम् , दृष्टम् ललितम् रघुनाथ-प्रियम् सर्वम् ललितम् (1) केशा: ललिता: भेषा: ललिता: हस्तौ ललितौ , पादौ ललितौ हृदयम् ललितम्... Sanskrit · गीत 2 486 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read आक्टोपस सैंकड़ों ग़ोते समन्दर में लगाए हैं तब कहीं दो-चार मोती हाथ आए हैं ज़िन्दगी अपनी भी जैसे "ऑक्टोपस" हो रंग इसने भी उसी जैसे दिखाए हैं अक़्ल आती है कहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 201 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read غزل میری یہ لے جائے اِدھر گئیں اُدھر گئیں ابھی تنہا جو بیٹھے ہیں، انھیں وہ بزم میں آئیں غزل میری یہ لے جائیں ادھر گائیں ادھر گائیں نہ آنے کے بہانے سو بناتے آپ ہیں ہر دن مگر... Urdu · غزل 628 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read श्री गणेश स्तुति प्रथम सुमरिये गणपति गज आनन वक्रतुंड विघ्नेश्वर शुभ गुण कानन मंगलकर्ता सुख सिद्धि प्रदाता भवताप विनाशक बुद्धि विधाता ओमकार योगाधिप वरदायक ईशान पुत्र हे सिद्धिविनायक एकदन्त गौरीसुत लम्बोदर कृपा करो... Hindi · गीत 386 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read تمکو نہ بھلایا جائے جو کبھی تم کو بھلاؤںن نہ بھلایا جاۓ نئے پھولوں سے وہی خوشبو پرائی آۓ تیری یادوں کے دیئے دل میں جلیں جب میرے میری آنکھوں میں گھڑی بھر کو... Urdu · غزل 1 255 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read ہمدرد ہمدرد کیسے کیسے ہم کو ستا رہے ہیں کانٹوں کی نوک سے جو مرہم لگا رہے ہیں میں بھی سمجھ رہا ہوں مجبوریوں کو اُنکی دل کا نہیں ہے رشتا... Urdu · غزل 1 309 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read ہمدرد ہمدرد کیسے کیسے ہمکو ستا رہے ہیں کانٹوں کی نوک سے جو مرہم لگا رہے ہیں Urdu · غزل 1 221 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read پہیلی ہنستے رہتے ہو غم و رنج چھپانے کے لیے تُم بھی کیا خوب پہیلی ہو زمانے کے لیے شیو کمار بلگرامی Urdu · غزل 1 245 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read शरारत इस मुहब्बत के तक़ाज़े भी हैं कैसे कैसे सीधे सादे भी दिखो और शरारत भी करो शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 394 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read तबाही तूफ़ानों के तर्क सही थे घनघोर तबाही लाने के वर्ना जतन किए थे मैंने अपना घर बार बचाने के शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 398 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2022 · 1 min read हौसला बिछड़ते वक़्त मुझको तुम ज़रा सा हौसला देना जब आंसू पोछना अपने तो थोड़ा मुस्कुरा देना शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 239 Share Shivkumar Bilagrami 11 Dec 2021 · 1 min read मसख़रा देर तक ताली बजी उनके लतीफ़ों पर मसख़रों से किस क़दर हम प्यार करते हैं शिवकुमार बिलगरामी Hindi · शेर 1 164 Share Previous Page 3 Next