अरविन्द राजपूत 'कल्प' Language: Hindi 252 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तुमको चाहा रब से ज्यादा, तुम मेरे भगवान हो तुमको चाहा रब से ज्यादा, तुम मेरे भगवान हो। भक्त बन करता मैं पूजा, तुम मेरा ईमान हो।। क्यों तेरे बिन रह न पाऊं, एक पल भी अब सनम। दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल:- मैं हाल-ए-दिल अपना सनम क्यों कह नहीं पाता मैं हाल-ए-दिल अपना सनम क्यों कह नहीं पाता। कैसे कहूँ तेरे बिना मैं रह नही पाता।। चाहा है तुमको जान से बढ़कर सनम मैंने। दर्दे जुदाई यार की क्यों सह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2019 · 1 min read गीत:- है जगतगुरु ये भारत, मेरा देश जग से प्यारा है जगतगुरु ये भारत, मेरा देश जग से प्यारा। खुशियों का है गुलिस्तां, परिवेश जग से न्यारा।। ==◆●◆== रहे शीश पर हिमालय, क़दमों में जिसके साग़र। बहती हृदय में गंगा,... Hindi · गीत 274 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- मीठा सा दर्द दिल में मेरे वो जगा गया मीठा सा दर्द दिल में मेरे वो जगा गया। आंखों को जब हसीन नज़ारे दिखा गया। आकर परिंदा बैठ गया ज्यों ही साख़ पर। सूखे शज़र पे देखिए मधुमास आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Jan 2019 · 1 min read दोहे निंदक नियरे राखिये, घुन से रहिये दूर। निंदक है अपमार्जक, घुन घातक भरपूर।। अरविंद राजपूत 'कल्प' ईश्वर अल्लाह एक है, जिसकी हम संतान। जाति धर्म पर जो लड़े, वो नाही... Hindi · दोहा 283 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जन्म से मृत्यु तक, काम आते तरू जन्म से मृत्यु तक, काम आते तरू। दुल्हनों सा धरा को सजाते तरू।। मूक अविचल अडिग, धूप तूफ़ा सहें। बदले पत्थर के भी, फ़ल लुटाते तरू।। पेड़ पौधों से सीखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 491 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जब शेर सर्कसों में, गिरफ्तार हो गए जब शेर सर्कसों में, गिरफ्तार हो गए। कुत्ते गली के तब से, तो सरदार हो गए।। जीते चुनाव जब से, वो सरकार हो गए। मतदाता अब तो सारे, ही बेकार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- आईना हमको बना रक्खा है आईना हमको बना रक्खा है। रूप सुंदर सा सज़ा रक्खा है।। दिल कहे यार ग़ज़ल अब कैसे। काफ़िया तंग बना रक्खा है।। मुफलिसी उनको दिखेगी कैसे। जाविया ऐसा बना रक्खा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- अच्छे घरों की गांव मे बस बात होती है। अच्छे घरों की गांव मे बस बात होती है। सपनो में उन दिनों से मुलाकात होती है।। तुम चाहते हो आम को इमली भी हम कहें। दिन में अँधेरा करने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 282 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- इस प्यार ने नगर में, कोहराम कर दिया जिस प्यार ने नगर में, कोहराम कर दिया है। उस प्यार ने ही मुझे को, नाक़ाम कर दिया है।। इक़ नाम ने मुझे यूं , बेनाम कर दिया है। यूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- राह-ए-उल्फ़त में चरागों को जलाए रखना राह-ए-उल्फ़त में चरागों को जलाए रखना। आस दीदार की तुम दिल में लगाए रखना।। राम आएंगे कभी प्रेम गली में सबरी। टोकरी बेरों की अपनी तू सजाये रखना।। अब भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 296 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- ऐ भारत हमारा, ज़हां का गुरु है। ऐ भारत हमारा, ज़हां का गुरु है। वतन पे फ़िदा ज़ां हो ऐ आरजू है।। रहा सर हमेशा हिमालय से ऊँचा। ऐ सारा ज़माना तेरे सिरनिगू है।। गुलिस्तां है भारत,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Dec 2018 · 1 min read हे पथिक तुझको है चलना हे पथिक तुझको है चलना रुक न पाएं ये कदम। जीतना है इस जगत को जो बढ़े तेरे कदम।। राह में बाधा बहुत हैं सोचकर घबराना मत। चल पड़ा है... Hindi · कविता 2 2 323 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- अब अमन लाकर रहूँगा हर तरफ दहशत का आलम है मचा कुहराम है । आबरू नारी की लुटती, रोज कत्लेआम है।। शेर बब्बर है ये सेना दुश्मनों के सामने। पर सियासी रहनुमाओं से ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 308 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- खार है जिनकी जुबां पर हो गए गुलफाम ?? एक ग़ज़ल आपकी सलाह हेतु ख़ार हैं जिनकी ज़ुबां पर हो गये गुलफाम वो। सच की राहों पे चले जो, हो गये बदनाम वो।। मयकदे के रोज़ ही चक्कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 470 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Dec 2018 · 1 min read गीत- वो धड़कन है मेरी, रगों में है बहती मेरा प्यार दुनिया में सबसे हंसी है। दिखे मुझको उसमे ही रब की छवि है।। दरस उस के पाकर सफल होवे पूजा। चले मेरी साँसे वो संजीवनी है।। वरन उसका... Hindi · गीत 415 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- मिलेगी हमको, वो हूर-ए-जन्नत, नहीं जहां मे, हो जिसका सानी बह्रे- मुतक़ारिब मक़बूज़ असलम वज़्न-फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन मिलेगी हमको, वो हूर-ए-जन्नत, नहीं जहां मे, हो जिसका सानी। कभी तो होगी, ये पूरी मन्नत, बनेगी कोई,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। तेरा साथ जो मिला है, तू बना नसीब मेरा।। तुझे चाहती है दुनियाँ, तेरे हैं हजारों आशिक़। तुझे मैंने रब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 565 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- जो प्यार दिल में है वो आँखों से झलकता है। मुफ़ाएलुन फ़एलुन मुफ़ाएलुन फ़ैलुन जो प्यार दिल में है वो आँखों से झलकता है। जुबाँ ख़मोश मगर नज़रों से बरसता है।। ये आइना भी न कर पाया तेरा रूप ब़यां।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 249 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Nov 2018 · 1 min read बेटियों को समर्पित गीत- सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी। सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी। ख़ुशी का समा जन्मी बिटिया रानी।। नुपुर बज उठे जब, चले गुड़िया रानी। सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी।। मेरे दिल की धड़कन, बनी... Hindi · गीत 2 1 412 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी... बह्र-मुतक़ारिब मुसम्मन सलीम अरकान- फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी। वो इंसान भी क्या, न हो जिसमें पानी।। (पानी-जल। पानी-स्वाभिमान) चमक तेग की भी पड़ेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 484 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- ये नज़रें न होती इशारे न होते... बह्रे- मुतकारिब मुसम्मन सालिम अर्कान- फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन ये नज़रें न होती इशारे न होते। तो रिश्ते हमारे तुम्हारे न होते।। जो विस्वास होता, हमें बाजुओं पे। तो हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 628 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 16 Nov 2018 · 1 min read गीत - हमारे गुलशन में आप आये *दुआएं जब से मिली तुम्हारी, लो टल गई है क़ज़ा हमारी।।* *हमारे गुलशन में आप आये , बदल गई है फ़िज़ा हमारी।* तुम्हारे गालों पे छलके शबनम, जो चमके चांदी... Hindi · गीत 513 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़ मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन 221 2121 1221 212 यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया। यूँ उंगलियों पे अपनी, नचाने का शुक्रिया। पाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 462 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Nov 2018 · 1 min read मतदाता जागरूकता गीत - वोटर नहीं है कम, वोटर में है दम *वोटर नहीं है कम, वोटर में है दम* प्यारे मतदाता मिलजुल कर, प्रजातंत्र साकार करो। लोकतंत्र के पुण्य यज्ञ का, आमंत्रण स्वीकार करो।। *वोटर नहीं है कम, वोटर में है... Hindi · गीत 2 570 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Nov 2018 · 1 min read वोटर नही है कम, वोटर में है दम - एक चुनावी रचना *वोटर नही है कम, वोटर में है दम* राजनीति के गलियारों में, फिर से बिछी बिसात है। नहीं है इनका कोई मजहब, न ही इनकी जात है।। भोली भली इस... Hindi · गीत 1 1 533 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- नये अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे। जलायेंगे बुराई को तभी, दीपक जलायेंगे।। अभी भी दर-बदर फिरते, हैं लाखों बेसहारा हैं। मिले इक घर, जो बेघर को, तभी हम घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 478 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ व्रह्मा विष्णु महेश है, माँ सृष्टि में सबसे विशेष है। माँ ममता का पर्याय है, माँ का त्याग दया अशेष है।। माँ गीता है माँ कुरान है, माँ ऋचा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 663 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- करके शक़ मुझपे सबालात किये जाते हैं बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महजूफ अरकान- फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन 2122 1122 1122 22 करके शक़ मुझपे सबालात किये जाते हैं। फिर भी क्यों प्यार की बरसात किये जाते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 387 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- तीर नजरों से अपनी चलाते हो क्यों सालिम:फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन (212 212 212 212 ) तीर नजरों से अपनी चलाते हो क्यों। मेरे दिल को निशाना बनाते हो क्यों।। फर्ज़ कहकर मदद मेरी करते रहे ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 670 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- मिले नज़र जो नज़र से कमाल होता है। आर्कान--मुफ़ायलुन - फ़इलातुन - मुफ़ायलुन - फ़ैलुन वज़्न- 1212 1122 1212 22 """"""""""""""""""""""""""""""""""""" मिले नज़र जो नज़र से कमाल होता है। हिज़ाब में न रहो दिल हलाल होता है।। ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल (मुसलसल):- बनो तुम नेक इंसा जो, सफ़ल हो साधना मेरी। बह्र- हज़ज मुसम्मन सलीम अरकान- मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन नज़र तुमको न लग जाये, ख़ुदा से प्रार्थना मेरी। ख़ुदा रहमत सदा बख़्शे, यही शुभकामना मेरी।। कलेजे के हो टुकड़े तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल-मेरा ख़ालिस मेरा हमदम तुझे उस़्ताद मैं मानूँ बहरे हजज मुसम्मन सलीम अरकान- मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन ◆●◆ ग़ज़ल तेरी इब़ादत है, तेरी तहरीर आयत है। ख़ुदा का है करम तुझ पर ख़ुदा की ही इनायत है।। गज़ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल- कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा। लुभाता है ज़माने को, मुहब्बत से भरा चंदा।। सुहागिन पूजती इसको, अटल सौभाग्य की ख़ातिर। करे सौभाग्य की रक्षा, ये करवा चौथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 538 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- ये कैसी हकीकत है बह्र-अरकान:- फ़ाईलु मुफ़ाईलुन (221 1222) ये कैसी हकीकत है। डंडे की हुकूमत है।। आवाम परेशाँ है। शासन की ये नैमत है।। कानून जो ख़ुद तोड़े। ये कैसी सियासत है।। घोड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Oct 2018 · 1 min read हर वर्ष दशहरा आता है हर वर्ष दशहरा आता है अन्याय पर न्याय की जीत दर्ज कराता है न्याय का तो पता नहीं अन्याय हर वर्ष बड़ा हो जाता है हर वर्ष दशहरा आता है... Hindi · कविता 539 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- एक बार मेरे यार का दीदार मिल गया.. बहरे मज़ारिअ मुसम्मन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महजूफ़ अरकान- मफ़ऊलु फ़ाइलातु मुफ़ाईलु.फ़ाइलुन वजन- 221 2121 1221 212 अब दोस्ती निभाने का त्यौहार मिल गया। भूला मैं ग़म सभी जो मेंरा यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़र में मांँ की तो बेटा नवाब होता है... बह्र - मुज्तस मुसम्मन मख़्बून महज़ूफ मक़्तूअ अर्कान - मुफ़ाइलु फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन नज़र में मांँ की तो बेटा नवाब होता है। ये प्यार माँ का सदा लाज़वाब होता है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Oct 2018 · 2 min read गीत:- नवरात्रि त्यौहार, तो पावन होता है। माँ तेरे दर की फ़िज़ा कह रही है। कि नवराते की शुभ घड़ी आ गई है।। सजी लाल जोड़े में है मैया हमारी। हरिक दिल में देखो ख़ुशी छा गई... Hindi · गीत 1 1 281 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Oct 2018 · 1 min read भजन :- शिव स्वरूप गुरु जान गुरु का कर सम्मान, तुझे सब ज्ञान मिलेगा। मात-पिता सम जान, तुझे सम्मान मिलेगा।। गुरु की कृपा महान,तूँ करले गुरु की भक्ति। हो जाये कल्याण, मिलेगी जीवन शक्ति।। मत कर... Hindi · गीत 334 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Oct 2018 · 1 min read गीतिका:-दूध अपना सब पिला कर भूख सहती ही रही बह्र:- रमल मुसम्मन महज़ूफ अरकान:- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन (2122 2122 2122 212) हर वो रिस्ता पूर्णनिष्ठा से निभाती ही रही। दूध अपना सब पिला कर भूख सहती ही रही।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 310 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- बट गया जनगण सियासत के नाम पर जदीद फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन मस्तफ़इलुन सिर्फ़ मुज़ाहिफ़ सूरत में (2122; 2122; 2212) बट गया जनगण सियासत के नाम पर। लुट रही जनता रियायत के नाम पर।। दिन दहाड़े लुट रहीं हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2018 · 1 min read गीत/ नग़मे:- नज़रें मिला के तुमने तराना हमे दिया बह्र- म़जारे मुसम्मन अख़रब मक्फूफ़ मक्फूफ़ महज़ूफ अरकान:- मफ़ऊलु फ़ाइलातु मुफ़ाईलु फ़ाइलुन रुक्न:- (221 2121 1221 212) नज़रें मिला के तुमने तराना हमे दिया। यूँ मुस्कराहटों का खज़ाना हमे दिया।।... Hindi · गीत 256 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Sep 2018 · 1 min read गजल :- मिल गया हुस्न-ओ-ज़माल हमें.. बह्र- ख़फ़ीफ़ मुसद्दस मखबून अरकान:- फ़ाइलातुन मुफ़ाईलुन फ़ेलुन (2122 1212 112) कर दिया पहले तो निहाल मुझे। ज़िन्दगी से न अब निकाल मुझे।। मैं तसव्वुर में खो गया तेरे। अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- आज उनसे मेरी गुफ्तगू हो गई आज उनसे मेरी गुफ्त़गू हो गई।। पूरी जन्मों की अब जुस्तजू हो गई।। पास अपने मुझे पाके कहने लगी। आज पूरी मेरी आरज़ू हो गई।। मैंने कौयल को जब गुनगुनाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 397 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Sep 2018 · 1 min read कुंडलिया:- सौहर ऐंसो चाहिए... *कुंडलिया* *1.सनातनीय कन्या:-* वर ऐसा भगवान दो, होवे राजकुमार। सतसंगत में ही रहे, दिल में प्रेम अपार।। दिल में प्रेम अपार, रहूँ मैं उनकी दासी।। करें अमिट वो प्यार, निभे... Hindi · कुण्डलिया 345 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Sep 2018 · 1 min read गज़ल:- वो सफ़र इक़ सही साथ हम तुम रहे..... बह्र-ए-मुतदारिक अरकान - फाइलुन मुसम्मन सालिम वो सफ़र इक़ सही साथ हम तुम रहे। ग़ैर खुशियों से अच्छा तेरा ग़म रहे।। वो सफर ही नहीं चंद लम्हों का जो। साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Sep 2018 · 1 min read देवी गीत- जय काली कलकत्ते वाली..... जय काली कलकत्ते वाली जय काली माँ जय काली। ज्योतावाली, मेहरावाली जय काली माँ जय काली।। चंड मुंड संघारन हारी जय काली माँ जय काली। जय काली माँ जय काली........ Hindi · गीत 678 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Sep 2018 · 1 min read कुंडलिया- बरगद बरगद कुंठित हो उठा, सुनहि तुलसी पुराण। लघुतर पादप होइके, तुलसी गुण की खान।। तुलसी गुण की खान, ऋषि मुनि वैद्य बखाने। बरगद रूँधे खेत, तरू-पादप कुमलाने।। कहत 'कल्प' कविराज,... Hindi · कुण्डलिया 476 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 16 Sep 2018 · 1 min read देवी गीत :- दर पे आस लगाए बैठा तेरा लाल हूं अम्बे माँ, बैठा दर पे आस लगाके। मेरी झोली भर दे मां, बैठा दर पे आस लगाके। तेरा लाल हूं मैं तो माँ... कोई कहे तुझे अंबे... Hindi · गीत 218 Share Previous Page 4 Next