ग़ज़ल- मिलेगी हमको, वो हूर-ए-जन्नत, नहीं जहां मे, हो जिसका सानी
बह्रे- मुतक़ारिब मक़बूज़ असलम वज़्न-फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन फऊलु फेलुन मिलेगी हमको, वो हूर-ए-जन्नत, नहीं जहां मे, हो जिसका सानी। कभी तो होगी, ये पूरी मन्नत, बनेगी कोई,...
Hindi · ग़ज़ल/गीतिका