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मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रणय गीत
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राम राज्य अब रहा नहीं !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं पथिक हूँ_गीत का !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मरी शिष्टता बिन बीमारी !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#सरस्वती_आरती
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
है तिरोहित भोर आखिर और कितनी दूर जाना??
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दीनता की कहानी कहूँ और क्या....!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#चुनाव_संहिता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#नारी_व्यथा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#होली_विरह_गीत
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है||
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#द्वेष_लोलुपता_त्याग_हृदय_में, #दीप_जलाओ_मेरे_साथी||
संजीव शुक्ल 'सचिन'
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#मैं_ही_केवल_और_न_कोई..!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रलोभन महिमा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कुछ तो है गड़बड़ ...!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भाव उपजे हैं मन में नवल, गीत लिखने दे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्रेम पिपासा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिनांक - २१/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ लेना करतार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#आज_का_दोहा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं ही केवल और न कोई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ओढ़े के भा पहिने के, तनिका ना सहूर बा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'