Rekha Drolia 199 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rekha Drolia 25 Jun 2022 · 1 min read उसे कभी न …… उसे कभी न …… दुख में कई साथ देंगे जो तेरी ख़ुशी में ख़ुश हो उसका हाथ थाम लेना उसे कभी न जाने देना जान देने वाले कई मिलेंगे जो... Hindi 3 2 281 Share Rekha Drolia 18 May 2022 · 1 min read एकाकीपन एकाकीपन मैं और मेरा एकाकीपन सूना सूना सा जीवन बींध जाती अंतर्मन नीरवता की वो चुभन मौन का है हाहाकार चुप्पी काँधे पर सवार खामोशी का अंधकार कौन बोले अबकी... Hindi · कविता 3 5 472 Share Rekha Drolia 12 May 2022 · 1 min read धुँध धुँध धुँध पड़ गयी रिश्तों में रंजिशों को पकड़े है लाख जतन कर छूटे ना शक का कोहरा जकड़े है धुंधला गई तनहा यादें मलालों का कुहासा है तल्खियों के... Hindi · कविता 1 1 369 Share Rekha Drolia 4 May 2022 · 1 min read हम और तुम जैसे….. हम और तुम जैसे….. हम और तुम जैसे रेल की पटरी साथ तो हैं मगर जुदा जुदा मानो तुम मुझसे मैं तुझसे कुछ ख़फ़ा ख़फ़ा या सड़क के दो किनारे... Hindi · कविता 8 12 398 Share Rekha Drolia 14 Apr 2022 · 1 min read कभी भीड़ में… कभी भीड़ में…. कभी भीड़ में या अकेले में खो गया दुनिया के मेले में हर तरफ़ आदमी ही आदमी जिस्म ओढ़े रूह की है कमी सब कह रहे सुन... Hindi · कविता 2 2 446 Share Rekha Drolia 14 Apr 2022 · 1 min read ढह गया … ढह गया … ढह गया सपनों का महल खंडहर हो गई ख्वाहिशें बेवफ़ाई की बुनियाद पर बिखरी इश्क़ की बंदिशें वीरां हुई मन की कोठरी सपनों पर लगी सीलन दहलीज़... Hindi · कविता 3 2 251 Share Rekha Drolia 3 Apr 2022 · 1 min read जुनून जुनून कह गया कोई झट से ऐसे वैसे ही बस फट से औरतों में होता है क्या शक्ल के अलावा अक़्ल नही रित्ते भर की बस है दिखावा दिखावा करते... Hindi · कविता 1 1 163 Share Rekha Drolia 18 Mar 2022 · 1 min read होरी में पिया …. होरी में पिया …. ऐसो डारो तूने रंग पिया भीगी चूनर भीगी अंगिया आग लगा गयो भीगो तन बावरी भई मन की बगिया आलिंगन तोसे फाग में झंकृत उर प्रणय... Hindi · कविता 363 Share Rekha Drolia 8 Mar 2022 · 1 min read छुअन की चुभन छुअन की चुभन ये छूना भी अलग अलग होता है क्या स्कूल में थी तब मुझे क्या पता काश़ बचपन में माँ ने समझाया होता छूने छूने का फ़र्क बताया... Hindi · कविता 2 412 Share Rekha Drolia 19 Feb 2022 · 1 min read ये दरारें .,. ये दरारें ये सिलवटें जो जबीं पे पड़ी हैं भँवर में सफ़ीना लहरें विकराल बड़ीं हैं तेरे ज़द पे हूँ मैं ज़िंदगी खबर है मुझे तौफ़ीक़ बदलेगी तक़दीर ज़िद पे... Hindi · कविता 188 Share Rekha Drolia 11 Feb 2022 · 1 min read चीरहरण चीरहरण चुभते हैं इस ज़माने को मेरे खुले विचार मुझे उनकी तीक्ष्ण पैनी निगाहों की धार जो बाण सी चीरती आड़ मेरे दुकूल की चिथड़े चिथड़े कर देती है मेरी... Hindi · कविता 347 Share Rekha Drolia 5 Feb 2022 · 1 min read अब तो आजा … अब तो आजा… बसंती हिय अनुराग में पीरी प्रीत मधु माघ में ढूँढे तुझे व्याकुल नयन अब तो आजा फाग में चुन ताना मारे कोयरिया प्रमत्त करे बौरी मंजरियाँ सरसों... Hindi · कविता 1 4 554 Share Rekha Drolia 28 Jan 2022 · 1 min read गुलाबों सा … गुलाबों सा मैं महकता ही नही और ख़ार कोई चुनता ही नही तेरी उन्सियत का मलाल न था कमबख़्त दर्द ये जाता ही नहीं उल्फ़त में तेरी कर लूँ बग़ावत... Hindi · कविता 222 Share Rekha Drolia 21 Jan 2022 · 1 min read ज़िंदगी ज़िंदगी … तेरे काँधे पे रख अपना सर ओढ़ गुनगुनी धूप की चादर सिमट जाऊँ तेरे आग़ोश में थोड़ी बहकी थोड़ी होश में इश्क़ में खुद को संवार लूँ लम्हों... Hindi · कविता 247 Share Rekha Drolia 20 Jan 2022 · 1 min read स्त्रियाँ स्त्रियाँ वेग इतना कि वो पत्थर चीर निकलती है कोमल इतनी कलकल छलछल बहती है हर ढलान पे ढलती नदी सी होती हैं स्त्रियाँ दो पाटों के बीच सिमटी सी... Hindi · कविता 3 251 Share Rekha Drolia 23 Sep 2021 · 1 min read समन्दर खारा … समन्दर खारा … पूछा मैंने समन्दर से तू इतना खारा क्यूँ है बोला पूछो कान्हा से मुझसे तू पूछता क्यूँ है सुनाई प्रेम की परिभाषा राधा बिना कृष्ण आधा एक... Hindi · कविता 1 1 231 Share Rekha Drolia 15 Sep 2021 · 1 min read सूना सूना सूना सूना सूना वस्तिम सूना हर कोना प्रिय तेरे बिन मेरा क्या होना सूना प्रकोष्ठ सूना वो झूला प्रीत की पेंगें हाय कैसे भूला सूना उपवन सूना उर सुमन उड़... Hindi · कविता 2 3 316 Share Rekha Drolia 1 Sep 2021 · 1 min read जब बात चली… जब बात चली… कस्तूरी की जब बात चली तेरी यादों को महका आयी ढूँढते अनुचर निश्वास मेरे तेरी सुरभित सी तरुणाई जब बात चली चंदा की जाने क्यूँ तेरी याद... Hindi · कविता 1 379 Share Rekha Drolia 22 Aug 2021 · 1 min read भाई..मैं निभाऊँ रीत नई ! भाई ... मैं निभाऊँ रीत नई! जो तू आ जाता भाई बाँधती राखी तेरी कलाई देती सब सुख तुझ पर वार आँचल संजोती तेरा प्यार तो क्या जो तुम नहीं... Hindi · कविता 1 341 Share Rekha Drolia 19 Aug 2021 · 1 min read कहने लगे …..कहने लगे! भीगी रातों में स्फुटित प्रेम अंकुर जब उजाले में कुम्हलाने लगे हाय बहुत कुछ ये कहने लगे मिल गया अर्थ टूटे हुए शब्दों का जब आँखों से ये... Hindi · कविता 3 374 Share Rekha Drolia 10 Aug 2021 · 1 min read कैसी… कैसी…. मैं एक किताब तुम कहानी जैसी मैं ठहरा सागर तुम रवानी जैसी तेरी ही स्पृहा तू वनिता ऐसी पाता मन विश्रांत तेरी छुअन ऐसी साँसों में समाए तू सुरभि... Hindi · कविता 1 235 Share Rekha Drolia 31 Jul 2021 · 1 min read किताब का गुलाब किताब का गुलाब…. जर्जर सा संदूक बंद अरमान बेताब सहेज कर रखी वो पुरानी किताब फटे पन्नों के बीच वो सूखा गुलाब मुरझाया कुम्हलाया देखता ख़्वाब एक दिन तुम आओगे... Hindi · कविता 4 5 735 Share Rekha Drolia 24 Jul 2021 · 1 min read क्षितिज क्षितिज…. क्षितिज की न करो बात था साखी मेरी प्रीति का ज्यूँ गगन और धरती का पर जब देनी थी गवाही खड़ा रहा बस मौन मूक कह सकता था दो... Hindi · कविता 3 6 393 Share Rekha Drolia 19 Jul 2021 · 1 min read बरखा बरखा… श्यामल घन बरसे छन छन गिरे बिजुरिया उर के आँगन स्फुरित हिया, हुलके जिया तरसे दरस को प्यासे नयन बूंदों के दर्पण आनन निहारुँ हर आहट भीगी लटें सवाँरुँ... Hindi · कविता 1 2 333 Share Rekha Drolia 5 Jul 2021 · 1 min read अँजुरी दे… अँजुरी दे अँजुरी में प्रिय चिर बंधन बंध जाती हूँ चूर्ण मुष्टि सिंदूर सजा रोम रोम महकाती हूँ पारस सा स्पर्श पिया मैं कुंदन कहलाती हूँ स्पंदित होता कण कण... Hindi · कविता 2 6 392 Share Rekha Drolia 2 Jul 2021 · 1 min read जीवन सरगम जीवन सरगम …. तुम मुझमें सुर में संगीत झंकृत उर के तार मीत लय में गाती साँसें प्रमत्त धुन मैं तेरी तुम मेरे गीत हिय गाये उपजे उन्माद राग मिलन... Hindi · कविता 1 492 Share Rekha Drolia 28 Jun 2021 · 1 min read क्या.. क्या… ये कलम अचानक रुक गयी क्या चेतना डाल झुक गयी कल थे अपने आज छूट गए क्या विश्वास के तार टूट गए प्रेम पराग का प्याला ख़ाली क्या बगिया... Hindi · कविता 1 528 Share Rekha Drolia 18 Jun 2021 · 1 min read फ़रिश्ता फ़रिश्ता कौन था वो कहाँ से आया था शायद फ़रिश्ता था कोई चीर चीरा निर्मम दरिंदों ने जब लाज की चादर से दामन ढक गया देह को चुभती जग की... Hindi · कविता 2 4 229 Share Rekha Drolia 11 Jun 2021 · 1 min read ग़र तुम आओ तो.. ग़र तुम आओ तो.. तेरी चाहत में टूट कर बिखरना भी है मंज़ूर जो दिल जोड़ने ग़र तुम आओ तो परवाह नहीं इश्क़ में हुए रुसवा या मशहूर जो वफ़ा... Hindi · कविता 5 6 458 Share Rekha Drolia 7 Jun 2021 · 1 min read आज़ादी ! आज़ादी... सुना है खून के बदले मिलती है आज़ादी पर किसका खून स्वाभिमान का आत्मसम्मान का या नन्ही सी जान का आज़ाद होने के लिए ज़रूरी मरना होगा सब कुछ... Hindi · कविता 1 4 246 Share Rekha Drolia 5 Jun 2021 · 1 min read पर्यावरण दिवस पर्यावरण दिवस हाइकु माला वृक्षारोपण संकल्प ले इंसान भू का सम्मान हरी चूनर यूँ तो ना खींचो आज रख लो लाज उतार रहे हरियाले ज़ेवर वधू धरा के हो रही... Hindi · हाइकु 1 4 528 Share Rekha Drolia 2 Jun 2021 · 1 min read वादा.. वादा ... ये शमा है, मैं हूँ या ज़िंदगानी पिघल रही तेरे इक वादे पे रूह क़तरा क़तरा जल रही फ़ितरत तेरी वादे से मुकरना,नई बात नहीं रोग-ए-इंतज़ार में उमर... Hindi · कविता 2 5 554 Share Rekha Drolia 1 Jun 2021 · 1 min read हाइकु माला-लहर हाइकु माला झीना झीना है लहरों का घूँघट झाँके है चाँद चली हिलोर छोर से उस छोर चूमने अभ्र है इठलाता उफनता यौवन पिघले चंदा लहर चली छोड़ बाबुल गली... Hindi · कविता 2 254 Share Rekha Drolia 27 May 2021 · 1 min read तारा तारा चाह नही रवि बन जाऊँ तपूँ झुलसूँ जलती जाऊँ नित लड़ती रहूँ अंधेरों से केवल चढ़ते पूजी जाऊँ धरा बनूँ ये भी न चाहा एक ही धुरी पर नचाया... Hindi · कविता 5 228 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-बटोही बादल इन्द्रधनुष की खूँटी पर टंगा सतरंगी सपनों का बादल उड़ता नभ द्रुत पंख लगाए तितली सा अम्लान सजल भटके बटोही सा नील गगन इच्छाओं का जलद धवल मृदु स्वप्न के... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 366 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-सब धुल जाए घनघोर बरसात कड़कती बिजली गरजते बादल टपकती बूँदे सब धो गयी धुल गए पेड़ पोधे फ़ूल पत्ते आम लटकते पक्षी बहुतेरे सूनी सड़कें गलियाँ चोराहे छत दीवारें झूलती मिनारें सूखते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 4 295 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बदरा और बरसात इंद्र का वर जलद अम्बर करे वास अवनी की तपती साँसों का उच्छ्वास समीर यान जंच विचरे व्योम विस्तार उमड़ घुमड़ गरज बरसाए जलधार मृदु स्वप्न धरा के फूटे अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 315 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-सावन लायो संदेस घिर घिर आयो बदरा लायो पिया संदेस बिजुरी भी नैनन से देवत मिलन संकेत मृदु संगीत सी छन छन बरसत जल धारा टिप टिप की ताल पर थिरकत मन मयूरा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 660 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read सच मिले... सच मिले ... मैं हर पल इधर उधर न जाने किधर किधर ढूँढती रही आठों पहर सच मिले चुटकी भर कभी उसकी बातों में बेवजह मुलाक़ातों में संग गुज़ारी रातों... Hindi · कविता 3 296 Share Rekha Drolia 5 May 2021 · 1 min read जीवन का क्रम.. जीवन का क्रम... उम्मीदों की चिता जल रही आस का दीपक सा बर ले इंसानियत की लौ जलाकर जगती के हर तम को हर ले जीवन का क्रम आना जाना... Hindi · कविता 2 6 559 Share Rekha Drolia 4 May 2021 · 1 min read उम्मीद उम्मीद इंसां तुझे बनाकर ख़ुदा हो गया शर्मसार तेरी हरकतों पे हो रही मौत भी शर्मिंदा है हे मालिक तुम भी तो केवल दृष्टा निकले जमीं पे बस दुःख दर्द... Hindi · कविता 2 7 279 Share Rekha Drolia 3 May 2021 · 1 min read आस आस सन्नाटे में पसरा हर सू कैसा शोर है चीखता है अंतस खामोशी चारों ओर है गूँजती है मौत हवा आदमखोर है डट के रहना इम्तिहानों का दौर है रब... Hindi · कविता 1 3 282 Share Rekha Drolia 1 May 2021 · 1 min read अब न सहेगा सहनेवाला अब न सहेगा सहनेवाला कह के रहेगा कहनेवाला सच्चे का हो बोलबाला झूठे का हो मुँह काला सब ने अपना पेट पाला नेता हो या उसका साला मुँह से छीन... Hindi · कविता 1 2 300 Share Rekha Drolia 30 Apr 2021 · 1 min read चलो मुस्कान बाँटें ! आओ बंजर रात पर उम्मीद के तारे टाँकें आओ हौसलों को चट्टान सा आँकें चलो मुस्कान बाँटें आओ सुख की राह से दुख के कंकर छाँटें आओ जीवन पुष्प से... Hindi · कविता 1 3 309 Share Rekha Drolia 29 Apr 2021 · 1 min read जीत! जीत ! मन का हारा हारे तू तज दे भय सारे तू कर ले संकल्प न छोड़ तू विकल्प आस को जकड़ साँस को पकड़ चट्टान सा अटल मुट्ठी में... Hindi · कविता 1 557 Share Rekha Drolia 23 Apr 2021 · 1 min read उजियारा .. उजियारा... काल की कुंडली में जीवन कसा जाता है पसरा मौन, अंजाना डर तुमुल मचाता है छोड़ हताशा रख ले आशा,धर ले धीर अंधियारा चीर दिनकर उजियारा लाता है भयाक्रांत... Hindi · कविता 6 252 Share Rekha Drolia 12 Apr 2021 · 1 min read क़ैद.. क़ैद... क़ैद जिस चारदिवारी में मेरा जिस्म मेरा वजूद वो मेरा घर कहाँ ये तो हैं ईंट पत्थर की दीवारें जिनमें मेरी ख़्वाहिशों को दिया गया है चुनवा वो मेरा... Hindi · कविता 1 1 274 Share Rekha Drolia 10 Apr 2021 · 1 min read उस ओर .. उस ओर... छुपी गवाक्ष की आड़ सिमटी खड़ी इस छोर झांक कर देखूँ विस्मित आख़िर क्या है उस ओर प्रश्न ये करता विचलित क्या उस पार भी वेदना सपनों के... Hindi · कविता 4 411 Share Rekha Drolia 7 Apr 2021 · 1 min read दर्द दर्द दर्द का पारावार नहीं आ बसता हर कहीं बंद करो कपाट लगा दो सौ ताले एक टूटी फाँक भी खोज निकाले नहीं चाभी का मोहताज घुसपैठिया आँगन करे नाच... Hindi · कविता 2 277 Share Rekha Drolia 4 Apr 2021 · 1 min read लावा... लावा... गली के मोड़ पर खींचा था दुपट्टा कभी जकड़ा कभी कस कर पटका छटपटाती रही ज्यूँ जल बिन मीन दरिन्दे एक नहीं दो नहीं थे वो तीन बस जूझती... Hindi · कविता 3 3 569 Share Previous Page 2 Next