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5 May 2021 · 1 min read

जीवन का क्रम..

जीवन का क्रम…

उम्मीदों की चिता जल रही
आस का दीपक सा बर ले
इंसानियत की लौ जलाकर
जगती के हर तम को हर ले

जीवन का क्रम आना जाना
तू पल पल छिन छिन जी ले

बहुत जी लिया स्वयं स्वयं में
जन जन के लिए भी सह ले
करमों का फल यहीं मिलेगा
करुणा के सागर सा बह ले

जीवन का क्रम आना जाना
तू पल पल छिन छिन जी ले

उधड़ रही भलाई की तुरपाई
संवेदनाओं के धागे से सी ले
संसृति लोभ हलाहल डूब रही
कर मंथन शिव सा विष पी ले

जीवन का क्रम आना जाना
तू पल पल छिन छिन जी ले

रेखांकन I रेखा

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 522 Views
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