निकेश कुमार ठाकुर 77 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 निकेश कुमार ठाकुर 15 Feb 2022 · 1 min read "नेह" तेरी आंचल की छाया में जैसा स्नेह मिलता है, दुनियाँ में कहीं और कहाँ,वैसा नेह मिलता है। महान है मेरी जननी, और जन्मभूमि,जहाँ में, तेरी ममता से बड़ा कहाँ ऐसा... Hindi · मुक्तक 461 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Feb 2022 · 1 min read "मेरा प्यार " हो न पाए रात जब तारों से रौशन, तो कुछ रौशनी उधार लिए आना। जगमगाती चांदनी रात में जब मेरी, याद आए तो"मेरा प्यार"लिए आना।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 2 217 Share निकेश कुमार ठाकुर 13 Feb 2022 · 1 min read इजहारे मुहब्बत "इजहारे मुहब्बत" नजर से नजर मिली, दिल को करार हुआ। कुछ वो बोली,कुछ मैं बोला, हमदोनों में इकरार हुआ।। वो इठलाई वो इतराई, शरमाकर मेरे पास आई। उसके कदमों की... Hindi · कविता 1 187 Share निकेश कुमार ठाकुर 12 Feb 2022 · 1 min read नुमाइश आगे बढ़ने की होती है चाहत जिसे वो, कभी किसी की आजमाइश नहीं करते। चट्टानों को चीरकर निकाल लेते हैं रास्ता, अपने करतब की कभी नुमाइश नहीं करते ????? रचना-... Hindi · मुक्तक 1 193 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Feb 2022 · 1 min read वरदान वरदान जगज्जननी दे दो इक वरदान। आ जाये जीवन देश के काम। भारत माँ के लिए शीश कटा दूँ, देशद्रोहियों के छक्के छुड़ा दूँ।। भारत माँ पर आंच आने न... Hindi · कविता 1 177 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Feb 2022 · 1 min read लिबास लिबास मत करो पहचान मेरी ,लिबास से मेरे, क्यों खेलते रहते सदा,जज्बात से मेरे। शौर्य साहस की कई गाथाएँ लिखी मैंने सब जानते मुझको सदा,अंदाज से मेरे।। रचना- पूर्णतः मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 171 Share निकेश कुमार ठाकुर 10 Feb 2022 · 1 min read अगर तुम न होते अगर तुम न होते जीवन ये मेरा, अधूरा ही रहता, जीवन में मेरे ,अगर तुम न होते । मुहब्बत की अपनी अधूरी कहानी पूरी न होती ,अगर तुम न होते... Hindi · कविता 220 Share निकेश कुमार ठाकुर 9 Feb 2022 · 1 min read हमदम तू ही आरजू है और तू ही जुस्तजू है मेरी, हर घड़ी हर पहर,मुझको बस तमन्ना है तेरी। तेरे बिन दुनियाँ में अब और क्या हमारा है? मेरे हमदम! तू... Hindi · मुक्तक 308 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Feb 2022 · 1 min read फ़ुर्क़त उसकी अहमियत को मैंने फ़ुर्क़त के बाद जाना, जबतक थी वो पास मेरे, दिल ने न पहचाना। उसके रूप की वो सादगी,वो मुस्कान चेहरे की, अदा हर वक़्त हँसने की,बना... Hindi · मुक्तक 1 372 Share निकेश कुमार ठाकुर 7 Feb 2022 · 1 min read शकेबा तुझे मालूम क्या तुझको मैं कितना याद करता हूँ, तेरा दीदार हो जल्दी यही फरियाद करता हूँ। मेरे दिलदार तूं नादान है जमाने के उसूलों से शकेबा टूटता जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read ये कैसा इंतजार ये कैसा इंतजार ये कैसा है इंतजार? दिल को तेरा ही इंतजार। बीता सावन बीती रैना, तेरी याद में छलके नैना। रो-रो कर दिल तुझे पुकारे, अब तो आ जाओ... Hindi · कविता 3 2 433 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read बेदर्दी जिसको मैंने दिल से चाहा,जिसको गले लगाया, छोड़ के सारी लोकचातुरी बस उसको अपनाया । जिनकी यादों में जल-जलकर खा़क हुई यह काया, वह बेदर्दी मेरे दिल का हाल समझ... Hindi · मुक्तक 2 194 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Jan 2022 · 1 min read वसंतोत्सव वसंतोत्सव कुहू कुहू है कोयल करती, मस्त मगन हो नाचे मोर। देखो फिर आ गया वसंत, प्रकृति गाये चारों ओर।। कल-कल करता झरना बहता, मधुर संगीत सुनाता है। शीतल मंद... Hindi · कविता 7 8 690 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Jan 2022 · 1 min read पतंग पतंग देखो-देखो उड़ी पतंग, आसमान में उड़ी पतंग। कभी ऊपर,नीचे कभी, दाएँ-बाएँ उड़ी पतंग।। लगी हुई धागे की डोर, बड़ी लंबी है इसकी छोर। धीरे-धीरे धरती को छोड़, आसमान में... Hindi · कविता 2 2 314 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Jan 2022 · 1 min read मूल्य स्वयं के मूल्यों को पहचानें।स्वयं के सिवा कोई आपका मूल्यांकन नहीं कर सकता।। निकेश कुमार ठाकुर Hindi · कोटेशन 2 197 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Jan 2022 · 1 min read गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष छब्बीस जनवरी को, हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आजाद वतन के संविधान का, सुखद शुभग गुण गाते हैं।। कितने अगणित बलिदानों ने, स्वतंत्रता का है दान दिया। छीन... Hindi · कविता 1 395 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jan 2022 · 1 min read ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे रस का संचार । जब मैने देखा महामारी की मार, झेल रहे लोग कर रहे हाहाकार, तब दिल ने कहा, ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे जन-जीवन में रस का संचार।। मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 4 3 277 Share निकेश कुमार ठाकुर 31 Dec 2021 · 1 min read "बात दिल में छुपी जो जताया करो।" बात दिल में छुपी जो जताया करो, यूँ न हमको कभी आजमाया करो। न छुप-छुप के देखो मुझे गौर से, कभी तो सामने आ भी जाया करो।। क्यूँ नजरें चुराते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 356 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Sep 2021 · 1 min read पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा। पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा। कृत्वा जीवनं सरसं सानन्दं भवतु सर्वदा।। चिन्तयतु संस्कृतं नित्यं लिखतु संस्कृतं सदा। गायतु संस्कृतं नित्यं सरला सरसा मनोहरा।। 🖋 निकेश कुमार ठाकुर सं०-9534148597 Sanskrit · श्लोक 6 4 587 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Sep 2021 · 1 min read करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, चाहे न गद्दी मिले,न ही सर पर ताज हो। भावना उपकार की हो,मीत की हो, प्यार की हो, न दिल में... Hindi · मुक्तक 4 2 453 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2021 · 1 min read बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई। बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई, प्यार का पैगाम आया और भी सौगात आई। न जाने किस डगर की किस गली में खो चुके थे, जब मिले तो... Hindi · मुक्तक 7 3 505 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की। बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की, मेरी हर राज़ की बातें सरेआम करने की। मेरी जिद थी करूं पूरी मैं उसकी इस तमन्ना को, वो धुन में थी... Hindi · मुक्तक 7 4 498 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा। मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा, दुनिया के सारे गम भुला बैठा, वह तमन्ना लिए बैठे रहे,हमें गमगीन करने की, मेरी थोड़ी सी हरकत से वो भी मुस्कुरा... Hindi · मुक्तक 3 216 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read समय। समय। यह समय--- वापस नहीं आएगा फिर, पछताएंगे हम--- जब मुड़कर देखेंगे अतीत की ओर। मलेंगे हाथ अपनी अकर्मण्यता पर, पर नहीं होगा कुछ पास तब, सिवाय पछतावे के। ढूंढेंगे... Hindi · कविता 6 9 634 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Jun 2021 · 1 min read स्वच्छंद कला। स्वच्छंद कला। मैं कला हूं। मुझमें कोई विकार नहीं, मुझमें कोई अहंकार नहीं, मुझमें कोई वासना नहीं, मेरी कोई याचना नहीं, मैं अतुल्य हूं। मैं सबके मन में रमती हूं,... Hindi · कविता 5 2 987 Share निकेश कुमार ठाकुर 4 Jun 2021 · 1 min read यह वक्त भी गुजर जाएगा। "यह वक्त भी गुजर जाएगा।" यह वक्त भी गुजर जाएगा। कुछ पल का कठिन दौर है, आगे एक नया मोड़ है। बस राह भटकना न राही! कुछ दूर तलक यह... Hindi · कविता 6 6 897 Share निकेश कुमार ठाकुर 3 Jun 2021 · 1 min read बादल को बरसते देखा। बादल को बरसते देखा बूंद-बूंद की प्यास लिए धरती को तरसते देखा, बहुत दिनों बाद मैंने बादल को बरसते देखा। ये वन, ये पवन, ये नयन मनुजों-चतुष्पदों के विचलित, बहुत... Hindi · कविता 3 4 1k Share Previous Page 2