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8 Jun 2022 02:24 PM

बहुत खुबसूरत रचना और आपकी कला।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

कला को तो आप कलाकंद बना दिए।
बिन खाए ही आनंद दिला दिए।।??

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