Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2022 · 1 min read

बेदर्दी

जिसको मैंने दिल से चाहा,जिसको गले लगाया,
छोड़ के सारी लोकचातुरी बस उसको अपनाया ।
जिनकी यादों में जल-जलकर खा़क हुई यह काया,
वह बेदर्दी मेरे दिल का हाल समझ ना पाया।।

?????
रचना- पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृहजिला- सुपौल
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597

Language: Hindi
2 Likes · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
Harminder Kaur
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
मैं अक्सर तन्हाई में......बेवफा उसे कह देता हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
The most awkward situation arises when you lie between such
The most awkward situation arises when you lie between such
Sukoon
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
चलो बनाएं
चलो बनाएं
Sûrëkhâ
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/132.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यारों का यार भगतसिंह
यारों का यार भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"𝗜 𝗵𝗮𝘃𝗲 𝗻𝗼 𝘁𝗶𝗺𝗲 𝗳𝗼𝗿 𝗹𝗼𝘃𝗲."
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
जिंदगी की राह में हर कोई,
जिंदगी की राह में हर कोई,
Yogendra Chaturwedi
कर ले प्यार हरि से
कर ले प्यार हरि से
Satish Srijan
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
राम से जी जोड़ दे
राम से जी जोड़ दे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
कवि रमेशराज
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
चाय के दो प्याले ,
चाय के दो प्याले ,
Shweta Soni
"बगुला भगत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...