Kanchan Khanna Language: Hindi 163 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read चप्पलें सुबह - शाम, सर्दी - गर्मी, हर मौसम में, सुख में, दुख में, जिन्दगी की भाग - दौड़ में, देती हैं वो मेरा साथ, कदम - कदम पर चुपचाप, बिना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 91 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read भोर रात्रि के वैभव के बाद चन्द्र मलिन हो गया। सूर्य से पराजित हो मुँह छिपा कहीं सो गया।। संग अपने स्वामी के तारे भी धूमिल हो गये। जगमगाते थे रात... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read छोटी सी बात हम अक्सर बड़ी - बड़ी बातें करते हैं। बड़ी समस्याओं के विषय में सोचते हैं। और - नकार देते हैं छोटी - छोटी बातों छोटी - छोटी चीजों को सिरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share Kanchan Khanna 28 Jan 2024 · 1 min read क्या लिखूँ....??? क्या लिखूँ...??? कुछ समझ न पाऊँ। शब्द दिख रहे, खोए-खोए।। जग में कितनी पीड़ाऐं हैं..!! आखिर कोई कितना रोए...??? मानव ही जब मानव हृदय की व्यथा समझ न पाता है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 107 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६) जंगल की तरफ जाता हुआ यह रास्ता सुनसान या असुरक्षित बिल्कुल नहीं था। यह शहर की सड़क की भांति ही एक चलता हुआ रास्ता था, जहाँ पर कारों व टैक्सियों... Hindi 66 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 1 min read आदमी और मच्छर मुझे ~ आदमी और मच्छर में, कोई फर्क नजर नहीं आता है, क्योंकि ~ दोनों ही खून पसन्द करते हैं। लेकिन नैतिकता की दृष्टि से, देखा जाए तो, दोनों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 50 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 1 min read गणतंत्र का जश्न आइये, तिरंगा फहरायें, वन्देमातरम् जयघोष लगायें। कहे केसरिया, हरा, सफेद, जाति - धर्म का न रहे भेद । अपनी धरा, गगन है अपना, मंजिल अपनी, अपना सपना, प्रगति-पथ पर कदम... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 75 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 1 min read मतदान आइये हम सब करें मतदान, जनतंत्र का हो फिर सम्मान। बेमतलब की सुस्ती त्यागें, एक - एक मत की कड़ी जोड़ें, सही व्यक्ति को चुनकर लायें, दूसरों पर जिम्मेदारी न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share Kanchan Khanna 24 Jan 2024 · 1 min read याद रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, पल-पल, पल-पल बहके यह मन। कुहू-कुहू कोयल गाये, कोई मीठा गीत सुनाये। दूर कहीं पर बोले पपीहा, बार-बार डोले फिर जिया। धीमे-धीमे बजती पायल, नाचे मन मयूर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 85 Share Kanchan Khanna 24 Jan 2024 · 1 min read आराधना माँ अम्बे करूँ तेरी आराधना, तेरी भक्ति मिले है मेरी कामना। माँ अम्बे....! अपने चरणों में मुझको जगह देना माँ, ज्ञानज्योति हृदय में जला देना माँ। मन में श्रद्धा हो,... Poetry Writing Challenge-2 · भक्ति गीत 90 Share Kanchan Khanna 23 Jan 2024 · 1 min read चल मनवा चलें....!!! झूमते-गाते जय-जय सियाराम, चल मनवा चलें अयोध्या धाम। तोड़ हर बंधन, छोड़ सब काम, चल मनवा चलें अयोध्या धाम। झूमते-गाते…..!! प्रभु-भक्ति की लगन लगा लें, प्रेम-भाव की ज्योत जगा लें,... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 74 Share Kanchan Khanna 23 Jan 2024 · 1 min read विनती पथ प्रदर्शित करें सियाराम, माँ भवानी अपनी शक्ति दें। तन, मन दोनों हों समर्पित, प्रभु अपनी पावन भक्ति दें।। अवगुणों के असुर नष्ट हों, जीवन के सभी क्लेश कटें। रोम-रोम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 108 Share Kanchan Khanna 21 Jan 2024 · 1 min read विनती पथ प्रदर्शित करें सियराम, माँ भवानी अपनी शक्ति दें। तन, मन दोनों हों समर्पित, प्रभु अपनी पावन भक्ति दें। अवगुणों के असुर नष्ट हों, जीवन के सभी क्लेश कटें। रोम-रोम... Hindi · कविता 220 Share Kanchan Khanna 15 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५) त्रिवेणी घाट के विषय में सोचते हुए ही मैं शायद सो जाती कि अमित ने मुझे पुकार लिया। वह मुझसे शाम के कार्यक्रम के विषय में पूछ रहा था कि... Hindi · लघु उपन्यास 113 Share Kanchan Khanna 13 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४) अगले दिन सुबह तैयार होकर चाय-नाश्ता लेकर हम तीनों ने जैसा कि रात में तय किया था, हम ऋषिकेश के प्रसिद्ध स्थल त्रिवेणी घाट की ओर निकल गये। त्रिवेणी घाट... Hindi · लघु उपन्यास 317 Share Kanchan Khanna 12 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३) आकृति भी मानो मेरे हृदय में उठे प्रश्न को जान गयी, तुरन्त ही उसने कहना आरम्भ किया कि क्या तुम नहीं पहचान सकीं मुझे ? मैं वही हूँ जिससे मिलने... Hindi · लघु उपन्यास 281 Share Kanchan Khanna 11 Jan 2024 · 1 min read चल मनवा चलें.....!! झूमते-गाते जय-जय सियाराम, चल मनवा चलें अयोध्या धाम। तोड़ हर बंधन, छोड़ सब काम, चल मनवा चलें अयोध्या धाम। झूमते-गाते.....!! प्रभु-भक्ति की लगन लगा लें, प्रेम-भाव की ज्योत जगा लें,... Hindi · गीत 274 Share Kanchan Khanna 23 Dec 2023 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २) आश्रम के रिसेप्शन काउंटर पर पहुँचकर हमने पहले से बुक कराये गये अपने रूम की चाबी प्राप्त की, अपनी आई डी एवं सिक्योरिटी जमा करायी और आश्रम में हमें दिये... Hindi · लघु उपन्यास 224 Share Kanchan Khanna 22 Dec 2023 · 3 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १) और फिर एक बार हम निकल पड़े। आखिर कब तक व्यक्ति मन को बाँध सकता है? मन तो चचंल व हठी है। एक बार जो ठान ले, बस किसी साधू... Hindi · लघु उपन्यास 241 Share Kanchan Khanna 14 Dec 2023 · 1 min read चाँद से मुलाकात पहले चाँद आता था छत पर हर रात साथ लिए झिलमिल तारों की बारात होती थी कभी गंभीर कभी छुटपुट सी बात। कभी अचानक से यूं ही दिखता था आँगन... Hindi · कविता 2 2 478 Share Kanchan Khanna 10 Aug 2023 · 1 min read लड्डू बद्री के ब्याह का "अरी बद्री की अम्मा, कब खिला रही हो बद्री के ब्याह का लड्डू ? अब तो छोरे को जवान हुए भी उमर बीत गयी है और तुम हो कि चुप्पी... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · लघु कहानी 485 Share Kanchan Khanna 10 Aug 2023 · 1 min read याद रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, पल-पल, पल-पल बहके यह मन। कुहू-कुहू कोयल गाये, कोई मीठा गीत सुनाये। दूर कहीं पर बोले पपीहा, बार-बार डोले फिर जिया। धीमे-धीमे बजती पायल, नाचे मन मयूर... Hindi · कंचनी ~ बयार (१) · कविता 748 Share Kanchan Khanna 6 Aug 2023 · 1 min read मित्रता-दिवस जीवन का पथ हो सरल, न आये दुःख की शाम। सुग्रीव से विनीत बनें हम, और मित्र मिलें श्रीराम।। कष्ट - क्लेश मिट जायें, मन प्रभु-चरणनं जोड़। सखा कान्हा से... Hindi · कविता 356 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत हरे - कँटीले पौधों में, नये - निराले रूपों में, बारिशों की रिमझिम में, पतझड़ की तेज धूपों बीच, ओस की नाजुक बूँदों सँग। रेतीली - कंकरीली मिट्टी, कहीं, यूँहीं... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 458 Share Kanchan Khanna 5 Jul 2023 · 3 min read कहाँ जाऊँ....? बीस वर्ष की हुई थी वह, जब एक दुर्घटना में माता-पिता का देहांत हो गया। जिंदगी ठीक-ठाक चल रही थी उसकी। पिता गाँव के स्कूल में अध्यापक थे। माँ कुशल... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 453 Share Kanchan Khanna 4 Jul 2023 · 4 min read उड़ान ~ एक सरप्राइज मेजर धीरेन्द्र वर्मा अपने सेब के बाग में खड़े माली से बातचीत में व्यस्त थे कि उनके मोबाइल की घंटी बज उठी। ज्यों ही फोन उठाया, दूसरी तरफ से घर... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 137 Share Kanchan Khanna 3 Jul 2023 · 4 min read लौट आयी स्वीटी विद्यालय में अंग्रेजी का पीरियड ले रही स्वीटी चौंक गयी, जब कक्षा का एक छात्र उठकर यह कहता हुआ कक्षा से बाहर बिना उससे अनुमति लिए दौड़ गया कि हवाईजहाज... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) 155 Share Kanchan Khanna 3 Jul 2023 · 4 min read वो मूर्ति "शहर के जाने-माने एरिया में स्थित यह कोठी काफ़ी पुरानी और बड़ी थी। कमरे भी बहुत से थे इस कोठी में। कभी इस कोठी में किसी मूर्तिकार का परिवार रहता... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 1 2 416 Share Kanchan Khanna 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत मुश्किल है पहचानना, जिसे फितरत कहते हैं। दुनिया यह वो है हुजूर, जहाँ भेड़ की खाल में, छुपकर भेड़िये रहते हैं। और - जो गलती से, पहचान ही गये इनको,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 375 Share Kanchan Khanna 15 Jun 2023 · 1 min read भोला-भाला गुड्डा मैं हूँ गुड्डा भोला – भाला, सूट-बूट में लगूँ मतवाला। आँखों पर है चश्मा काला, चाल-ढाल का ढंग निराला। दिन भर करता हूँ शैतानी, प्यार करें मुझे दादी-नानी। बहना को... Hindi · बाल कविता 591 Share Kanchan Khanna 15 Jun 2023 · 1 min read जंगल में सर्दी बन्दर टोपी-मफलर पहने, भालू को ललचाये कोट। बिल में बैठ गिलहरी सोचे, कहाँ मिलें काजू, अखरोट? लोमड़ी लगा रही तिकड़म, गजक, मूँगफली कुछ खाये। हाथी भी है पड़ा सोच में,... Hindi · बाल कविता 1 375 Share Kanchan Khanna 15 Jun 2023 · 1 min read होली गीत होली आई कान्हा मोहे रंग लगा दे। लाल न भाये, रंग पीला न भाये, श्याम रंग अंग - अंग डुबा दे। होली आई कान्हा..... दूध न भाये, मोहे दही न... Hindi · गीत 202 Share Kanchan Khanna 15 Jun 2023 · 3 min read वीर-स्मृति स्मारक कैप्टन उदयवीर सिंह कुछ समय पूर्व ही भारतीय सेना में शामिल होकर अपनी पहली पोस्टिंग परजैसलमेर(राजस्थान) पहुँचे थे। बचपन से उदयवीर भारतीय सेना के प्रति विशेष लगाव रखते थे। उनके... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 429 Share Kanchan Khanna 14 Jun 2023 · 2 min read तनावमुक्त कल से लाॅकडाउन खुल रहा है। शाम की चाय पीते हुए ज्यों ही पुत्र ने बताया, शर्मा जी के हृदय को अनकही सी राहत मिली। शर्मा जी रिटायर्ड प्रोफ़ेसर थे।... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी · सामाजिक 422 Share Kanchan Khanna 14 Jun 2023 · 5 min read पिया घर बरखा कल शाम से ही मौसम बदला हुआ था। आसमान में बादलों की आवाजाही जारी थी। रह - रह कर बौछार होने लगती, फिर थम जाती। कुल मिलाकर मौसम खुशगवार था।... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 2 387 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read एक दिन का बचपन एक दिन का बचपन जो फिर से मिल जाए, मेरा मन झील के ताजा कमल सा खिल जाए। धूप की चिन्ता न बारिश की परवाह, लू लगने से बुखार भी... Hindi · कविता · बाल कविता 3 597 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read नारी जागरूकता बताया जा रहा है, जताया जा रहा है, बार-बार लगातार, दोहराया जा रहा है, परिवार द्वारा बेटी, कर ली गयी स्वीकार, समाज द्वारा बेटी को, दिये जा रहे अधिकार, संगठनों... Hindi · कविता 3 2 487 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read जानते वो भी हैं...!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Hindi · कविता 443 Share Kanchan Khanna 6 Jun 2023 · 1 min read उसने कहा....!! उसने कहा....!! उसने कहा तुमसे मिलने आऊँगी, मेरी आँखें खुशी से चमकने लगी। उसने कहा भैया के साथ आऊँगी, मेरे दिल की धड़कनें डूबने लगी।। उसने कहा तुमसे मोहब्बत करती... Hindi · कविता 1 472 Share Kanchan Khanna 3 Jun 2023 · 5 min read तू तो होगी नहीं....!!! पिता के जीवनकाल में उनके समस्त पारिवारिक दायित्वों में उन्हें मानसिक व आर्थिक संबल प्रदान करने वाली वैदेही अपने मात-पिता की सबसे बड़ी सन्तान थी। एक साधारण दुकानदार पिता की... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 557 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read गर्म चाय ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर, पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं। झीलों का पानी जम सा गया, बूँदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं। पंरिदें लताओं में दुबके हैं... Hindi · कविता 1 520 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read मेरा तोता मैंने घर पर तोता पाला, पिंजरे में इसे रख डाला। हरी मिर्च खुशी से खाता, अमरूद इसके मन भाता। जोर-जोर से यह चिल्लाये, मिठ्ठू नाम है इसको भाये। करता नहीं... Hindi · बाल कविता 434 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read पेड़ पेड़ अब पेड़ नहीं रहा, कभी वह पेड़ था, हरा-भरा था, अनगिनत टहनियाँ, टहनियों पर पत्ते थे, समयानुसार फल-फूल भी आते थे, रंगबिरंगे चहचहाते पंछियों का बसेरा था, आते-जाते राहगीरों... Hindi · कविता 1 509 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read लटकते ताले बहुत कुछ कहते हैं, घर के बाहर लटके ताले, घर के बाहर लगी स्लिप, मालिक घर पर नहीं है, किराये हेतु खाली है, बिकाऊ है घर, झगड़े का है घर,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 428 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read तोंदू भाई, तोंदू भाई..!! तोंदू भाई, तोंदू भाई, काहे इतनी तोंद बढ़ायी..? मूँछें ठीक-ठाक सी दिखतीं, दाढ़ी काहे न बनवायी..? मूँछों संग तुम अच्छे लगते, सीधे-सादे बच्चे लगते, क्यों चेहरे की वाट लगायी..? तोंदू... Poetry Writing Challenge · कविता 607 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read बापू तेरे देश में...!! हो रहे जगह जगह दंगे फसाद बापू तेरे देश में अमन चैन लुट गये हैं आज बापू तेरे देश में। खुलेआम होता गुनाह सत्याग्रह की भूले राह चल पड़ा है... Poetry Writing Challenge · गीत 2 2 301 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read ढोंगी बाबा माना हमने कलयुगी बाबा, ढोंगी है, बलात्कारी है, दुराचारी है, पर यह तो बताइये जनाब, इस सबके पीछे किसकी जवाबदेही है, जिम्मेदारी है? किसी के दोषी साबित होने पर, उसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 472 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read लव यू इंडिया मस्त हवा के संग तिरंगा जब-जब भी लहराता है। मन मेरा मतवाला होकर, लव यू इंडिया गाता है। भारत माता की जय का, कोई जयघोष लगाता है। मन मेरा मतवाला...... Poetry Writing Challenge · गीत · देश भक्ति 2 2 341 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read पत्रकार हर बात की खबर रखते हैं, हर घटना पर नजर रखते हैं, रखवाले हम सजग ऐसे हैं, हर हाल में जो, सच पर नजर रखते हैं, दुश्मन सरहद पर हो,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 275 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया गोरी - गोरी। है अलबेली शहरी छोरी।। जींस टाॅप संग हाई हील, कंधों पर घुंघराले बाल। अंग्रेजी में कविता बोलती, मस्तानी है उसकी चाल।। बाँधे मुझसे प्रीत की... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 1 556 Share Previous Page 2 Next