Dr.sima 202 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Dr.sima 30 Mar 2022 · 1 min read काश समझ लेते । भावना में बहकर बहुत ही बैचेन हुई । ना दु:ख दूर हुआ ना सुख नसीब हुआ। और परेशानी जीवन के करीब हुआ। अतीत को वर्तमान में ढो रही हूं। बस... Hindi · मुक्तक 1 393 Share Dr.sima 30 Mar 2022 · 1 min read तेरा मिल जाना तेरा मिल जाना दिल का खिल जाना सच में जाना दिल से दिल में गुजर जाना लगता है रहे ये उम्र - भर जमाना सच में जाना वो बहारों का... Hindi · गीत 1 2 264 Share Dr.sima 26 Mar 2022 · 1 min read माँ-बाप दुनिया में लाये गयें बच्चों के माध्यम है माँ - बाप परवरिश के रचनाकार है माँ - बाप मेहनत ,जिम्मेदारियो के साथ कर्तव्य निभाते हैं माँ - बाप अपना फर्ज... Hindi · कविता 185 Share Dr.sima 23 Mar 2022 · 1 min read युद्ध युद्ध कभी भी अच्छा नहीं होता। कोई काल हो कोई समय हो बस लड़ाई और अंतहीन तबाही जब कोई विकल्प नहीं बचता अधिकार का जब हनन होता वहां युद्ध हो... Hindi · कविता 1 237 Share Dr.sima 22 Mar 2022 · 1 min read आज भी ( ढूंढ रहे ) हैं किसी बेगाने में हम अपनों को ढूंढ रहे हैं। कब से खड़ी अब तो उम्र हो गई बड़ी। सच कहती हूं अब तो सब कुछ खो रही हूं। झूठे सपने,... Hindi · मुक्तक 1 185 Share Dr.sima 21 Mar 2022 · 1 min read नजर से नजरिये तक किसी पत्थर से मोहब्बत करने लगी। कोई कहता है ठोकर लगी तो, कहने लगी, मोहब्बत करने लगी। इतनी बदनाम हुई तब जाकर मोहब्बत सरेआम हुई- डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार ... Hindi · शेर 325 Share Dr.sima 21 Mar 2022 · 1 min read ऐसा दिलबर ना मिले किसी को( स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के याद मे) रहबर ना करें वो दिलबर ना मिले रूह में सिमटाकर वो तोहमत करें। रहबर ना करें वो दिलबर ना मिले लम्हों में मिलें चंद रुपयों के लिए। रहबर ना करें... Hindi · गीत 3 2 247 Share Dr.sima 13 Mar 2022 · 1 min read बिछड़ गए हम हालात ने बिछड़ा दिया, कर दिए कैसी मुश्किल दिया बड़ा जख्म, बड़ी मुद्दतों के बाद तुझे पाया था । गुजर गया वो वक्त,बिखरा गया हकीकत ।_ डॉ. सीमा कुमारी ,... Hindi · शेर 2 274 Share Dr.sima 8 Mar 2022 · 1 min read हकीकत में समानता की घोषणा व्यर्थ समानता के दर्पण में अपना हाथ खाली है। विकास की घोषणा व्यर्थ लागे (नारी)_ डॉ . सीमा कुमारी , बिहार, भागलपुर , मौलिक स्वरचित रचना हैं जिसे आज प्रकाशित कर... Hindi · कोटेशन 165 Share Dr.sima 8 Mar 2022 · 1 min read सामान्य उपेक्षिता (महिला दिवस पर ) मौत के इंतजार में बैठी हूं जलील बनाकर। काश सम्मान हो पाता ,अस्तित्व के नाम पर रूबरु है सब, यथार्थ के परिचय से। उपलब्ध हो सकते यथार्थ_ डॉ. सीमा कुमारी... Hindi · कोटेशन 160 Share Dr.sima 7 Mar 2022 · 1 min read गूंगी पीड़ा सूनापन संग हैं। हर रंग बेरंग हैं। विधवा का तन है। परित्यक्त का मन है। बेजान जीवन हैं। कहरता हर - पल हैं। गूंगी पीड़ा जेहन हर पहर हैं। दर्द... Hindi · कविता 367 Share Dr.sima 1 Mar 2022 · 1 min read विश्व बंधुत्व विश्व बंधुत्व का नारा है। देता हैं भारत देश हमारा मानवता में ही जीवन सारा हैं। विध्वंसक अहंकार हर पल जीवन- मृत्यु डराती पल पल स्वयं को जो साध लिया... Hindi · कविता 793 Share Dr.sima 18 Feb 2022 · 1 min read जीव ईश्वर से ईश्वर स्निग्ध मुस्कान लिए अपने आप में रहते हैं। जीव रोना लिए अपने चित्त में विचरते हैं। जीव भोगी नित रोगी बन जीवन खोते हैं। ईश्वर स्त्रष्टा - द्रष्टा ,निर्गुण,... Hindi · मुक्तक 1 153 Share Dr.sima 17 Feb 2022 · 1 min read आज का व्यक्ति आज का व्यक्ति छिप रहा है व्यक्तित्व के गूंगेपन में जी रहा है व्यक्ति दो पाटन के बीच में स्थिति है यह आज। अस्तित्व कह रहा है व्यक्ति में सच... Hindi · कविता 2 2 175 Share Dr.sima 14 Feb 2022 · 1 min read भारत की भूमि। भारत की भूमि सत्य की भूमि हैं। जहाँ भक्त , भगवान एक होकर जीते । जहाँ सत्य- अहिंसा के लिए प्राण देते हैं। दिव्य भूमि ,देव भूमि भारत। अतुलनीय भारत।_... Hindi · मुक्तक 276 Share Dr.sima 13 Feb 2022 · 1 min read आधुनिक भारत प्रबुद्ध भारत, अभ्युदय भारत संघर्षशील भारत विकासशील भारत, अखंड भारत। स्वाधीन भारत, समृद्धि की ओर भारत। मानवता के प्राण भारत वेदों के शान में भारत। विश्व गुरु स्वाभिमान में भारत।... Hindi · कविता 3 231 Share Dr.sima 7 Feb 2022 · 1 min read मोहताज कितने असहाय नजर आती है , वो कितने अहसास लिखूँ, डर लगता है। कही वक्त का लम्हा घायल ना हो जाए आज । युग बदला , चारों ओर परिवर्तन की... Hindi · कविता 1 189 Share Dr.sima 6 Feb 2022 · 1 min read वजह वजह के साथ मुस्कुराहट क्या संज्ञान देती है। कुछ कारण मनुष्य के नाम करती है। _ डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार ( भागलपुर ) दिनांक-6-2-022 को प्रकाशित कर रही हूँ। Hindi · शेर 217 Share Dr.sima 1 Feb 2022 · 1 min read स्वाधीन स्त्री नई ( स्वाधीन ) स्त्री कब जन्मोंगी तुम । अपने अस्तित्व के लिए कब जन्मोंगी तुम । नई स्त्री कब जन्मोंगी तुम । नव निर्माण की है जरूरत मन को... Hindi · कविता 2 3 427 Share Dr.sima 31 Jan 2022 · 1 min read बिहारी चुपचाप सहन करना। मनोधैर्य का परिचय ॥ नहीं चाहिए , अपमान। स्वयं स्वामी है स्वाभिमानी भूखों में शान । गलियों की आन । बाढ़, नक्सलियों से परेशान, देता है ,फिर... Hindi · कविता 295 Share Dr.sima 29 Jan 2022 · 1 min read अंधेरों से विमुक्त हो। हर कोशिश अंदर -बाहर ज्ञान मे प्रज्ञान हो । एतेरेय उपनिषद में है,प्रज्ञा ही बह्य है । ज्ञानी , संत, ऋषि बोलते उपनिषद सत्य है । सब महसूस करते है... Hindi · कविता 1 170 Share Dr.sima 29 Jan 2022 · 1 min read रूठे होते तो मना लेती । रूठे होते मना लेती , यहां तो प्यार ही नहीं। ये गम कम है क्या , सारी उम्र के लिए। निर्णय नहीं ,प्यार भी नहीं, तो संग हैं क्या ,... Hindi · शेर 1 174 Share Dr.sima 25 Jan 2022 · 1 min read अपने को मत सताइए अपने को मत सताइए। विपत्ति को संपत्ति मत बनाइए। अपने को कर्म गति दिजिए, मुक्त जिंदगी बनाइए। संयम को आत्मसमर्पण मत बनाइए I सम्हल कर चलिए,चार दिन की जिन्दगी यूँ... Hindi · मुक्तक 1 2 431 Share Dr.sima 23 Jan 2022 · 1 min read नेताजी (सुभाष चन्द्र बोस ) आजादीके लिए गुमनाम हुएं। अपना सर्वस्व देश के नाम किए । ये नारा सरेआम दिए, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। ये नारा लगे बहुत ही प्यारा ।... Hindi · कविता 2 214 Share Dr.sima 23 Jan 2022 · 1 min read दिल से पूछो दिल से पूछो, सब हाल बता देगें, कितने सितम किए , अपने पर ,खुद दिखा देगें _ डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार ( भागलपुर )दिनांक-12-4-020, स्वरचित Hindi · शेर 1 2 209 Share Dr.sima 22 Jan 2022 · 1 min read बापू (गाँधी जी ) सत्य-अहिंसा - प्रेम लिए, अभय का पाठ सिखाते थे, बापू। अपना कर्तव्य , अधिकार दिखाते थे,बापू । सत्य के अर्पण में , अहिंसा के समर्पण में , सादगी भरी जीवन... Hindi · कविता 2 176 Share Dr.sima 20 Jan 2022 · 1 min read पाठ लिखते हैं अहसास जोड़ते हैं शब्द छू पाते आपकी भावना हो जाती सफल कामना। कितने दूर कितने पास, लम्हों की बरसात होता यकीन , जी लेते सभी अपनी जिंदगी दूर... Hindi · कविता 2 2 219 Share Dr.sima 20 Jan 2022 · 1 min read मासूम निर्बोध तन मन लिए I खिलते हुए जन्मते है। अपने में सिमटकर, रोते- हँसते है । बहुत खूब दिया है। ईश्वर ने उपहार, मानव तन- मन को। मानव तन के... Hindi · कविता 2 2 609 Share Dr.sima 19 Jan 2022 · 1 min read पुरूष पिता, पति,भाई, बेटा का कर्मठ रूप है। वो पुरुष हैं। जिम्मेदारियों के साथ कर्तव्य निभाता, मेहनत,दर्द सहता । वो पुरुष हैं। दुनियाँ में पहले वो उत्पादक वाले स्वरूप है ।... Hindi · कविता 1 256 Share Dr.sima 18 Jan 2022 · 1 min read मानवी दर्द मानवी दर्द बरकरार (कायम )है। यह समाज का ईजाद है। सम्मानाओं का गुलामी लेकर । अपमानों का घूंट पीकर। चुप स्वयं अकेले। ना कोई रिश्तेदार ना समाज। अथाह जिंदगी के... Hindi · कविता 1 205 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read फैसला दुआएँ कुबूल हो गई ,उनकी इश्क से पहले इबादत, कर गई थी जिसकी, सौ बार सोचती हूँ उसे हर लम्हा पूजती थी, जिसे सबसे बड़ा सत्य यह भी है। औरत... Hindi · कविता 1 258 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read शिव - शक्ति से, ना राजा की बेटी जनक दुलारी हूँ। ना पति परमेश्वर पुजारिन हूँ। कैसे कहूँ शिव मैं तुम ही तरह , भोली-भाली विष पीने वाली हूँ। युगों से सैकड़ों दंश सहे... Hindi · कविता 3 382 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read प्रतिमान ( मॉडल ) सरेआम खड़ी हैं। मग्न - अर्द्ध नग्न , लिए तेवर खड़ी हैं। ये सुन्दर चेहरे , जिसके साथ खड़ी हैं। कुछ कर दिखाने की कोशिश जिसमें सुन्दर मुस्कान लिए ,... Hindi · कविता 2 2 360 Share Dr.sima 17 Jan 2022 · 1 min read मोहब्बत के बारे में बिकती नहीं मोहब्बत बाजार में, नहीं तो खरीदारी होती,चंद लोगों के जमात में,और सभी धरे के धरे रह जाते अपने बिसात में।_ डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार (भागलपुर ) दिनांक-17-1-022 Hindi · शेर 2 2 492 Share Dr.sima 15 Jan 2022 · 1 min read अस्तित्व क्या मेरी मौत होनी चाहिए ? प्रश्न बनकर कौंधता आज मैं क्यों मरू, राम से रावण तक सिर्फ मेरे लिए रेखा , मर्यादा , धोखा कैसे जीये, तुम्हीं बता दें... Hindi · कविता 1 337 Share Dr.sima 15 Jan 2022 · 1 min read बदल गये दिल के प्यार,कब नफरत में बदल गये, जब-तक पता चला मोहब्बत , उनके नजर ही बदल गये । - डॉ. सीमा कुमारी, बिहार (भागलपुर) स्वरचित 14-1-022 Hindi · शेर 187 Share Dr.sima 14 Jan 2022 · 1 min read वापस घर से लौटा दिया हमको, डर कर ही सही पर, ईमान अपना सही दिखा गया हमको । विदा होकर गई थी जिस गली से, उसी गली में छोड़ गया हमको।... Hindi · मुक्तक 125 Share Dr.sima 14 Jan 2022 · 1 min read सुविधा कोई गलती नहीं। फिर भी सजा पाते है। इश्क की दुनियाँ हमेशा नया पाते हैं। तकलीफ तब होती हैं, जब अपना पता नहीं पाते हैं। _ डॉ. सीमा कुमारी, बिहार... Hindi · शेर 165 Share Dr.sima 14 Jan 2022 · 1 min read आतंकी कभी शौक,कभी नासमझ तबाही।भटक रहे हैं क्यो भाई। सवाल तो उठता है,जेहन में, बसती जिंदगी इनकी भी, ख्वाब संजोती इंसानियत का । क्यों उजड़नें। हैवानियत का बीज बोया करते ।... Hindi · कविता 1 146 Share Dr.sima 13 Jan 2022 · 9 min read प्यार हो जाता है। सुनो ना देव माँ तुमसे मिलना चाहती है ,ये कहते हुए छाया हफस पड़ी पार्क में,देव सच में यकीन नहीं होता अपने कानों पर,फिर से कहो , छाया मत बनो... Hindi · कहानी 507 Share Dr.sima 12 Jan 2022 · 1 min read प्रतियोगिता परीक्षा प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता। देता खुशी नौकरी पेशा (जॉब ) प्रतियोगिता परीक्षा में असफलता, देता दर्द , तनाव गहरा । लगता जीवन ही बेकार है । विफलता ही सार हैं।... Hindi · कविता 1 218 Share Dr.sima 12 Jan 2022 · 1 min read विवेकानंद भारतवासी वो युवा सन्यासी । अनुपम भगवा चोला। उस युवा जूनून गहरा। अनुपम भगवा चोला । मंच पर हुआ प्यारे,भाई, बहनों का उद्घोष । भारतवासी वो युवा सन्यासी । अनोखा... Hindi · कविता 190 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read शरीर ( व्यक्ति )। आज भी ये शरीर अद्भूत ,अचंभा हैं मुनि से लेकर विज्ञान तक , रहस्यमय खजाना है। अज्ञात से ज्ञात तक, अज्ञान से प्रकाश तक तन - मन लिए , पंचभूत... Hindi · कविता 1 209 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read आत्महत्या बेश कीमती जिंदगी की अमूल्य साँसें , यूँ मत उखाड़ । कहते हैं पापों में पाप आत्महत्या यानि महापाप मत बन इसका भागीदार सत् (आत्मा ) और साहस ( शरीर... Hindi · कविता 366 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read मौत सबसे बड़ा सच हैं। दिखाता है वक्त , लगता है सबको इससे डर है। लेकर आगोश में जिंदगी । समय के मंच पर खड़ा मनुष्य, निश्चित काल का हिसाब ,... Hindi · मुक्तक 179 Share Dr.sima 11 Jan 2022 · 1 min read वृद्धावस्था वृद्धावस्था ना कोई व्यवस्था उम्र का वो पड़ाव है । मन से मजबूर तन से कमजोर देता नहीं शरीर साथ । ना अब संयुक्त परिवार, ना पोते- पोती साथ हैं।... Hindi · मुक्तक 361 Share Dr.sima 10 Jan 2022 · 1 min read अपमानित स्त्री मुकाम मेरा सरेआम हैं। गैरों से नहीं अपनों से बदनाम है । लज्जित हूँ, खण्डित हूँ । नारी स्वरूप बन निज स्वांस आहें भरती हूँ। घुट कर जीती हूँ ।... Hindi · कविता 1 347 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read विद्योत्तमा विदुषी विद्योत्तम विदुषी थी। पराजित विद्वान स्वीकार ना पाया । अहंकार का हार इतना कि महामूर्ख ढूंढ लाया । ये बदला है,बदलाव की हैं जरूरत । ये इतिहास है । राजा... Hindi · कविता 1 484 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read सरकारी स्कूल स्कूल गढ़ते है बच्चें सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए बच्चे ( छात्र, छात्रा ) अक्षर में ही निरक्षर हैं। हालत बद से बदतर है सच्चाई दब ना पाती है। दबाई... Hindi · कविता 2 4 269 Share Dr.sima 9 Jan 2022 · 1 min read मानवी हृदय मानवी हृदय बोल उठी धरती डोल उठी कहकर सीता (नारी ) हे राम कहती हूँ सत्य वचन, अभिश्राप बनकर उभरी, विरह की वेदी पर जली ये जीवन तमाम_ हे राम... Hindi · कविता 163 Share Previous Page 3 Next