दिनेश एल० "जैहिंद" 287 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Aug 2023 · 1 min read सरकार~ सरकार~ ऐसी सरकार कभी देखी है कि खुद को शिकारी और जनता को अपना शिकार समझे- "शिकारी आएगा। जाल बिछाएगा। दाना डालेगा।" तुम लोभ मत करना, दाना मत चूँगना। दिनेश... Quote Writer 176 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Aug 2023 · 1 min read सरकार~ सरकार~ पहले सरकार जनता के लिए जिती थी और अब वही सरकार जनता से जिती है। दिनेश एल० "जैहिंद" Quote Writer 112 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Aug 2023 · 1 min read देश और जनता~ देश और जनता~ ये सच है कि राष्ट्र है तो हम हैं पर यह भी सच है कि हम हैं तो ही राष्ट्र है। दिनेश एल० "जैहिंद" Quote Writer 1 231 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Aug 2023 · 1 min read गूढ़ बात~ गूढ़ बात~ कुछ लोगों का जन्म ही नींव की ईंट बनने के लिए होता है। ना वे कभी मंजिल पा सकते हैं और ना ही वे कभी आसमान छू सकते... Quote Writer 195 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Aug 2023 · 1 min read रुपया-पैसा~ रुपया-पैसा~ पैसे ने ऐसा भौकाल मचाया कि आदमी की सभी चीजें बिक गईं। ईमान बिक गया, धर्म बिक गया, चरित्र बिक गया, जुबान बिक गई, यहाँ तक कि खुद... आदमी... Quote Writer 239 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Jul 2023 · 1 min read मेरी सोच~ मेरी सोच~ सिरफिरे ज्ञानी कहते हैं कि लीक से हटकर कुछ करो तो ही इतिहास रच सकते हो। पर मैं कहता हूँ कि लीक पर ही चला करो वरना पूरी... Quote Writer 127 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Jul 2023 · 1 min read सच्चाई ~ सच्चाई ~ व्यक्ति से परिवार बनता है, परिवार से समाज बनता है, समाज से राष्ट्र बनता है। मगर जब व्यक्ति में पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय सूझबूझ नहीं होगी तो इन... Quote Writer 270 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Jul 2023 · 1 min read दिव्य ज्ञान~ दिव्य ज्ञान~ सारे ब्रह्माण्ड में अंधकार फैला है। उससे बचने के लिए तारों को जन्म मिला। वैसे ही सारी दुनिया में बुराई फैली हुई है। इससे बचने के लिए अच्छाई... Quote Writer 157 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Jul 2023 · 1 min read कड़वा सच~ कड़वा सच~ तात के मुख से 'ना' नहीं निकलती है कभी, परंतु आजकल के पुत्रों के मुख से 'ना' निकलते देर नहीं लगती। दिनेश एल० "जैहिंद" Quote Writer 241 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Jul 2023 · 1 min read ज्ञान~ ज्ञान~ अधम व नीच आदमी से जो दूर रहता है। वह अकेला जरूर होता है। परंतु पराजित नहीं। उसके साथ लोगों की भीड़ नहीं होती। परंतु एक अदृश्य शक्ति उसके... Quote Writer 1 316 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Jun 2023 · 1 min read आज की जरूरत~ आज की जरूरत~ विज्ञान पढ़के वैज्ञानिक बन सकते हो, जीव विज्ञान पढ़के डॉक्टर बन सकते हो, ज्यामिति पढ़के इंजीनियर बन सकते हो। मगर एक माँ का सहारा, एक बाप की... Hindi · Quote Writer 1 366 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Jun 2023 · 1 min read आज का यथार्थ~ आज का यथार्थ~ माँ, बाप, गुरु, मित्र सभी ने बालक में कूट-कूट कर अच्छाई भरीं। फिर भी किशोर अच्छाई से वंचित रह गया। आश्चर्य तब हुआ जब बुराई बिना जद्दोजहद... Hindi · Quote Writer 141 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Jun 2023 · 1 min read विलोमात्मक प्रभाव~ विलोमात्मक प्रभाव~ "गंदगी सुपाच्य होती है। स्वच्छता अपाच्य! बुराई ग्राह्य होती है। अच्छाई त्याज्य।" दिनेश एल० "जैहिंद" Hindi · Quote Writer 280 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Jun 2023 · 1 min read सोच~ सोच~ "शिक्षा ने ज्ञान जरूर दिया, मगर लोगों से सारे संस्कार और संस्कृति छीनकर ले गई।" दिनेश एल० "जैहिंद" Hindi · Quote Writer 238 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read सच्चाई ~ सच्चाई ~ बुराई का पलड़ा अच्छाई से भारी है। चारों तरफ बुराई फैली हुई है। इससे बचने के लिए अच्छाई आज भी लड़ रही है। जैसे श्रीकृष्ण ने लड़ा था।... Hindi · Quote Writer 2 444 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read जबरदस्त विचार~ जबरदस्त विचार~ कर्म और भाग्य में बस दो कदम की दूरी है परन्तु ये फासला उस वक़्त और अधिक बढ़ जाता है जब आप सच्चे, ईमानदार व सरल होते हैं।... Hindi · Quote Writer 1 882 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read दूरदर्शिता~ दूरदर्शिता~ भारतीय समाज अब अपनी दशा व दिशा तय कर चुका है। इसका अंत सन्निकट है। घर तो होगा मगर उस घर में परिवार नहीं होगा। दिनेश एल० "जैहिंद" Hindi · Quote Writer 1 228 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read सवाल~ सवाल~ राष्ट्र की सार्वभौमिकता, एकता व अखंडता दांव पर लगी हुई है। इसका अर्थ है कि भारतीय संविधान में अभी भी कुछ दोष है। #दिनेश एल० "जैहिंद" Hindi · Quote Writer 1 448 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read दूर की कौड़ी ~ दूर की कौड़ी ~ एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं। या तो गृहस्थी रह सकती है या तो सशक्तिकरण रह सकता है। Hindi · Quote Writer 1 181 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read कड़वी बात~ कड़वी बात~ भारतीय परिवार पाश्चात्य संस्कृति के कुचक्र में बुरी तरह फँस चुका है। और इसमें भारतीय कानून व सरकार दोनों मिलकर घी में आग डालने का काम कर रहे... Hindi · Quote Writer 2 231 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read विचार~ विचार~ "जहाँ इंसान, घर, परिवार व समाज में स्नेह, प्रेम व सामंजस्य नहीं होगा वहाँ किसी भी राष्ट्र या देश का टूटना सुनिश्चित है!" दिनेश एल० "जैहिंद" Hindi · Quote Writer 1 333 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read हाय रे ! मेरे बंजर सपने हार रे ! मेरे बंजर सपने // दिनेश एल० "जैहिंद" सुबहो शाम तारों के गुच्छों-से मन-मंदिर में लगे बनने,, लाखों में एक, सबसे हटकर, मेरे सपनों के क्या कहने,, हाय... Poetry Writing Challenge · गीत 2 64 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read [[[[मेरा जीवन मेरे ख्वाब]]]] मेरा जीवन मेरे ख्वाब // दिनेश एल०" जैहिंद" अफसोस, रह गए मेरे ख़्वाब अधूरे ! दुखद ! मैं नहीं कर सका इनको पूरे !! बचपन में बालमन मचलकर रह गया... Poetry Writing Challenge · कविता 2 81 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jun 2023 · 1 min read खुद खुदा मत बन खुद खुदा मत बन // दिनेश एल० "जैहिंद" बोया वही काट रहा, विधना का है लेख। कर्म-योगी काहु नहीं, काट सके जो रेख।। स्वत: हुआ जा रहा सब चुपचाप तू... Poetry Writing Challenge · कविता 2 255 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Jun 2023 · 1 min read [[[सामाजिक सद्भाव]]] सामाजिक सद्भाव // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) खुदा के वास्ते खुदा की बात भूल जा खुदा न आएगा ! खुदा खुदा कहते कहते तू मर जाएगा खुदा न आएगा !!... Poetry Writing Challenge · कविता 2 743 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 30 May 2023 · 6 min read प्राचीन दोस्त- निंब प्राचीन दोस्त- निंब // दिनेश एल० "जैहिंद" आज रविवार का दिन है। सभी जानते हैं इस दिन छुट्टी रहती है। गाँव के स्कूलों की छुट्टी थी। राजू का भी स्कूल... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 27 May 2023 · 1 min read [[[[मइया रूप बीच खड़ी]]]] मइया रूप बीच खड़ी // दिनेश एल० "जैहिंद" एक तरफ लोग माँग रहे ईश्वर से अरदास ! एक बूढ़ी माँग रही लोगों से अपनी प्यास !! अम्बे मइया खूब सजी... Poetry Writing Challenge · कविता 181 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 27 May 2023 · 1 min read [[[[चुनरिया गीत]]]] चुनरिया गीत // दिनेश एल० "जैहिंद" ओढ़ चुनरिया नारी भी कितनी सुधर हो जाती। पहन चुनरिया धानी ये धरती कितनी मुस्काती।। हरी, गुलाबी, काली-काली, नीली, पीली और मतवाली।। डाल चोली... Poetry Writing Challenge · गीत 1 182 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 26 May 2023 · 2 min read गुणवत्ता का ह्रास गुणवत्ता का ह्रास // दिनेश एल० "जैहिंद" ना संस्कृति की बात करो, ना अब संस्कार पर बोलो। हे मनुज, तुम कितने गिर चुके अब अपने आप ही तोलो।। नीति-न्याय की... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 May 2023 · 1 min read }}}जैहिंद के आठ दोहे{{{ जैहिंद के आठ दोहे // दिनेश एल० "जैहिंद" नौ पिल्ले हैं तापते, पा कर सम्मुख आग ! आपस में वे लड़ रहे, जस फुँफकारे नाग !! ठिठुर रहे गौ-भैंस ये,... Poetry Writing Challenge · दोहा 105 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 May 2023 · 1 min read }}}जैहिंद के नौ दोहे{{{ जैहिंद के नौ दोहे // दिनेश एल० "जैहिंद" बात कहे जैहिंद कुछ, करो जरा-सा गौर! स्त्री कोई भोजन नहीं, मुँह में डालो कौर!! नारी से नर है जना, नरहिं हुआ... Poetry Writing Challenge · दोहा 188 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 May 2023 · 1 min read [[[[झूला]]]] झूला // दिनेश एल० "जैहिंद" सबके मन को भाए झूला ! क्या लँगड़ा, क्या हो लूला !! सब चाहें मैं तो झूला झूलूँ ! पेंग बढ़ाके नभ को छू लूँ... Poetry Writing Challenge · बाल कविता 252 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 May 2023 · 1 min read पतंग और मैं पतंग और मैं // दिनेश एल० "जैहिंद" मैं बाला उमंगों की लड़ी, मैं पतंगों-सा उड़ जाऊँगी ! मैं बादलों को छूके आऊँ, ये दुनिया को बतलाऊँगी !! दुनिया को पतंग... Poetry Writing Challenge · कविता 166 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 22 May 2023 · 1 min read मच्छर और मानव मच्छर और मानव // दिनेश एल० "जैहिंद" मच्छर को मच्छर कहो, मच्छर नहीं हबीब ! मच्छरों से सदा बचो, हुए पक्के रकीब !! है जहरीला घुर्घुरा, दे कर भिन- भिन... Poetry Writing Challenge · दोहा 68 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 21 May 2023 · 1 min read ]]]त्यागकर चूड़ियों का[[[ त्यागकर चूड़ियों का // दिनेश एल० "जैहिंद" ले खडग, ले कटार, थाम हाथ में तलवार !! लेकर कंधे पर बंदूक, कर दुश्मनों पर वार !! यूँ मायूस तू मत हो,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 175 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read अपनापन: कुछ दोहे अपनापन: कुछ दोहे // दिनेश एल० "जैहिंद" अब के लोगों में नहीं, अपनेपन का भाव ! संस्कार सब भूल गए, प्रीत का है अभाव !! संस्कृति अब मारी गई, लौट... Poetry Writing Challenge · कविता 157 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read क्यों...? क्यों...? // दिनेश एल० "जैहिंद" क्यों होती आँगन की दीवार ऊँची ? क्यों कोई नारी घुँघट करती है ? क्यों दरवाजे पर पर्दा झूलता है ? क्यों विवाहिता सिंदूर करती... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read शिव: एक विश्वास शिव: एक विश्वास // दिनेश एल० "जैहिंद" तुझ पे भरोसा है तुझ पे आस है | तू कहीं-न-कहीं सब की साँस है || तू ही पाताल है तू ही आकाश... Poetry Writing Challenge · कविता 1 249 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read )))मुझे मुक्त कर((( मुझे मुक्त कर // दिनेश एल० "जैहिंद" खोकर विवेक मैं अपवित्र हुआ हूँ ! मैं पुरुष चरित्र से अचरित्र हुआ हूँ !! हे खुदा, मुझे ये कैसी सजा दी है,,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 348 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read $भाभी$ भाभी // दिनेश एल० "जैहिंद" कभी बीवी, कभी पतोहू, कभी भाभी बन जाती हूँ ! हाँ.. मैं, हाँ.. मैं, मैं तो हर घर के ताले की चाबी हूँ !! सासु... Poetry Writing Challenge · गीत 79 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 2 min read - मेरा एक तरफा प्यार - मेरा एक तरफा प्यार // दिनेश एल० "जैहिंद" देखकर उसकी सुंदरता बढ़ गई मेरी भावुकता फिर तो मैं पगला गया जाने कैसे हड़बड़ा गया वो तो मुझको भा गई वो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 382 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read (((इंद्रधनुष))) इंद्रधनुष // दिनेश एल० "जैहिंद" देखो....... देखो........ देखो वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष ! रंगों की चटाई-सा, धागों की लटाई-सा वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष ! देखो....... देखो........... Poetry Writing Challenge · बाल कविता 85 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read #गैर धर्मी हमलवार# गैर धर्मी हमलवार // दिनेश एल० "जैहिंद" कुछ लोग हैं कुछ समुदाय हैं कुछ गैर धर्म के संवेदनहीन उजड्ड हैं | जिन्हे चिढ़ है, खुन्नस है, दिक्कत है हिंद से,... Poetry Writing Challenge · कविता 90 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read (((लहू की उष्णता))) लहू की उष्णता // दिनेश एल० "जैहिंद" अब हमें न मौन रहना है और न अब कुछ सहना है ! सीधे घुसके घर में बैरियों का शीश कलम करना है... Poetry Writing Challenge · कविता 96 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read [[सरहद पे जवान]] सरहद पे जवान // दिनेश एल० "जैहिंद" देश के रक्षक हैं सरहद पे जवान बम, गोले, तोप, रॉकेट हैं जवान दिन-रात मुस्तैद सेना सरहद पर,, अमन-चैन, गति-प्रगति हैं जवान राष्ट्र... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 1 180 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read बसंती गीत वसंती गीत // दिनेश एल० "जैहिंद" नव वात, नव रश्मि, नव मास, नव वातावरण ! नव रंग, नव स्वर, नव उल्लास, नव हर चरण !! नील अम्बर, हरी धरती, नूतन... Poetry Writing Challenge · गीत 150 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read नर-नारी नर-नारी // दिनेश एल० "जैहिंद" कर द्विभाजित अपनी ही रूह को ! माटी का पुतला एक बनाया उसने !! प्रेमफाँस में जीने-मरने की खातिर ! जान फूँककर धरा पे पठाया... Poetry Writing Challenge · कविता 212 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 Apr 2022 · 1 min read $$पिता$$ पिता : कुछ मुक्तक बाल मेरे पक गये होंठ अब सील गये // गाल मेरे सूख गये दाँत अब हिल गये // आँखें धँस गईं आईना फिर चढ़ गया,, चमड़ी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 6 9 516 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 Apr 2022 · 1 min read (((मन नहीं लगता))) "मन नहीं लगता" झंझावतों से ऊब कर, संघर्षों से अब टूट कर, मेरा मन कहता है सही-सही -- "मन नहीं लगता है !" गृहस्थी की जरूरतों से, बाज़ारों की हसरतों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 600 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल: मैं वहीं से इक फ़साना हो गया ! #मैं_वहीं_से_इक_फ़साना_हो_गया ! काफ़ - आना रदीफ़ - हो गया वज्न - २१२२_२१२२_२१२ ...ये ज़माना अब सयाना हो गया ! झूठ दिल का आशियाना हो गया !! ..रब मिला था इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 244 Share Page 1 Next