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24 May 2023 · 1 min read

पतंग और मैं

पतंग और मैं
// दिनेश एल० “जैहिंद”

मैं बाला उमंगों की लड़ी,
मैं पतंगों-सा उड़ जाऊँगी !
मैं बादलों को छूके आऊँ,
ये दुनिया को बतलाऊँगी !!

दुनिया को पतंग के जैसा,
मैं दोनों हाथों से नचाऊँगी !
मेरा जलवा देखेगी दुनिया,
जग को ऐसे मैं घूमाऊँगी !!

समझ ना मुझे ऐसे नादान,
पेंच लड़ा-लड़ाकर मारूँगी !
ये काटा, वो काटा, ऐसे मैं,
नील-गगन के पार जाऊँगी !!

डोरी रूपी भेजे में माँझा,,
माँझे से द्वेषी को हराऊँगी !
छोड़ के पीछे सबको अब,,
पतंग अपनी ले उड़ाऊँगी !!

मेरी लटाई, मेरी पतंग है,,
मेरी अब डोरी भी होगी !
मेरा कौशल, मेरी हस्ती है,
शहेनशाह ही नारी होगी !!

=============
दिनेश एल० “जैहिंद”
15/01/2020

Language: Hindi
162 Views
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