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मैथिली कविता
मैथिली कविता
दीपक झा रुद्रा
स्वप्न अखण्ड भारत
स्वप्न अखण्ड भारत
दीपक झा रुद्रा
एक हो भाई एक हो चारा
एक हो भाई एक हो चारा
दीपक झा रुद्रा
धृतराष्ट्र–विदुर संवाद
धृतराष्ट्र–विदुर संवाद
दीपक झा रुद्रा
मर्ज
मर्ज
दीपक झा रुद्रा
पिता
पिता
दीपक झा रुद्रा
दुर्गावती:अमर्त्य विरांगना
दुर्गावती:अमर्त्य विरांगना
दीपक झा रुद्रा
प्रेम अध्याय (भाग १)
प्रेम अध्याय (भाग १)
दीपक झा रुद्रा
भूल गए!
भूल गए!
दीपक झा रुद्रा
कश्मीर फाइल्स से बाहर।
कश्मीर फाइल्स से बाहर।
दीपक झा रुद्रा
सम्यक स्वर क्रांति ज्वाल
सम्यक स्वर क्रांति ज्वाल
दीपक झा रुद्रा
अकाल
अकाल
दीपक झा रुद्रा
मेरा तन है संतापित है शापित शापित मन तेरा।
मेरा तन है संतापित है शापित शापित मन तेरा।
दीपक झा रुद्रा
एक कवि मन कई वेदना,,
एक कवि मन कई वेदना,,
दीपक झा रुद्रा
युद्धक
युद्धक
दीपक झा रुद्रा
गुरु महिमा
गुरु महिमा
दीपक झा रुद्रा
बीत रही है शरद की अवधि,आएगी नव वर्ष पुन:।
बीत रही है शरद की अवधि,आएगी नव वर्ष पुन:।
दीपक झा रुद्रा
कवित्त की अनुभूति
कवित्त की अनुभूति
दीपक झा रुद्रा
तो गैर पर तुम जवानी लिख दो!!
तो गैर पर तुम जवानी लिख दो!!
दीपक झा रुद्रा
भ्रूण वियोग
भ्रूण वियोग
दीपक झा रुद्रा
विशिष्ट अनुप्रास
विशिष्ट अनुप्रास
दीपक झा रुद्रा
द्वीटा मुक्तक देखू
द्वीटा मुक्तक देखू
दीपक झा रुद्रा
तुमको मुझसा दिवाना मिला ,प्यार कर लो बहाना मिला।
तुमको मुझसा दिवाना मिला ,प्यार कर लो बहाना मिला।
दीपक झा रुद्रा
प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं?
प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं?
दीपक झा रुद्रा
ज्ञान क्या है?
ज्ञान क्या है?
दीपक झा रुद्रा
कवित्त और राष्ट्रवाद
कवित्त और राष्ट्रवाद
दीपक झा रुद्रा
स्वर्णिम पानी
स्वर्णिम पानी
दीपक झा रुद्रा
उजड़ रहे घरों को फिर बसाइए ज़मीन पर।
उजड़ रहे घरों को फिर बसाइए ज़मीन पर।
दीपक झा रुद्रा
वो चुलबुली हसीन है पगली की तरह है।
वो चुलबुली हसीन है पगली की तरह है।
दीपक झा रुद्रा
कहीं दे रहा धुआंँ खिलौना।
कहीं दे रहा धुआंँ खिलौना।
दीपक झा रुद्रा
जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे।
जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे।
दीपक झा रुद्रा
भूल जाओगे नशा फिर मयक़शी से।
भूल जाओगे नशा फिर मयक़शी से।
दीपक झा रुद्रा
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।
दीपक झा रुद्रा
ऐसे छू छू जैसे बाला रूप में छुछुंदरी।
ऐसे छू छू जैसे बाला रूप में छुछुंदरी।
दीपक झा रुद्रा
आज के कवि:दो टूक
आज के कवि:दो टूक
दीपक झा रुद्रा
पटकथा लिखने पधारो फिर से भूमि हे हरी।
पटकथा लिखने पधारो फिर से भूमि हे हरी।
दीपक झा रुद्रा
भारतीय शिक्षा नीति और संबंधित इतिहास
भारतीय शिक्षा नीति और संबंधित इतिहास
दीपक झा रुद्रा
और तुम कहते हो मधुरिम गान गाओ!!
और तुम कहते हो मधुरिम गान गाओ!!
दीपक झा रुद्रा
क्यों न बाल दिवस हो उनके निशान पर।
क्यों न बाल दिवस हो उनके निशान पर।
दीपक झा रुद्रा
डूबकर हम तो बस डूब जाते रहे।
डूबकर हम तो बस डूब जाते रहे।
दीपक झा रुद्रा
आब भोग प्रितक तों दण्ड।
आब भोग प्रितक तों दण्ड।
दीपक झा रुद्रा
हम दिल के दीपक मिझा रहल छी
हम दिल के दीपक मिझा रहल छी
दीपक झा रुद्रा
खुन सँ खत़ लिखल अछि पठाबि कोना?
खुन सँ खत़ लिखल अछि पठाबि कोना?
दीपक झा रुद्रा
तू तो आ पूरी जिंदगी लेकर।।
तू तो आ पूरी जिंदगी लेकर।।
दीपक झा रुद्रा
मेरी जांँ अब तो ज़मीं पर भी उतर कर देखो।
मेरी जांँ अब तो ज़मीं पर भी उतर कर देखो।
दीपक झा रुद्रा
तमाम उम्र तितलियों से ज़ख्म खाया है ।
तमाम उम्र तितलियों से ज़ख्म खाया है ।
दीपक झा रुद्रा
आई हैं शेरा वाली मां नतमस्तक होकर ध्यान करें।
आई हैं शेरा वाली मां नतमस्तक होकर ध्यान करें।
दीपक झा रुद्रा
वो जलजला बुलाएगा तो मशवरा दिया करूं!!
वो जलजला बुलाएगा तो मशवरा दिया करूं!!
दीपक झा रुद्रा
दिल जो दिल से कभी लगाओ तो।
दिल जो दिल से कभी लगाओ तो।
दीपक झा रुद्रा
दृश्य अंधे ने देखा है क्या पूछिए!
दृश्य अंधे ने देखा है क्या पूछिए!
दीपक झा रुद्रा
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