Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2021 · 1 min read

मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

जाओगी तुम भी मुझे,छोड़कर इक दिन प्रिय।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

अश्रुओं का मोल तब कुछ रह न पाएगा।
अश्क मन चितवन नयन से जब गिराएगा।
स्नान कर दरिया में मन के तुम भी जाओगी।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

मन के भावों से विमुख होना पड़ेगा।
मेरा भी मन मन से मन में तब लड़ेगा।
यवनीका मनके द्वारे तुम लगाओगी।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

तुमको ये सारे हसीं पल याद आएंगे।
आत्मा के जब गगन में मेघ छाएंगे
तब गमों की मुझ पे बिजली तुम गिराओगी।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

जाओगी तुम भी मुझे,छोड़कर इक दिन प्रिय।
मैं भी रोऊंगा सिसककर तुम भी रोओगी।

©®दीपक झा “रुद्रा”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मेरे जैसा
मेरे जैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ओ चाँद गगन के....
ओ चाँद गगन के....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मां
मां
Dr Parveen Thakur
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
Ravi Prakash
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
#बैठे_ठाले
#बैठे_ठाले
*प्रणय प्रभात*
शुरुआत जरूरी है
शुरुआत जरूरी है
Shyam Pandey
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
रदुतिया
रदुतिया
Nanki Patre
सच तो सच ही रहता हैं।
सच तो सच ही रहता हैं।
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
Omprakash Sharma
राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
काले काले बादल आयें
काले काले बादल आयें
Chunnu Lal Gupta
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
*जो कहता है कहने दो*
*जो कहता है कहने दो*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"नवाखानी"
Dr. Kishan tandon kranti
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
2527.पूर्णिका
2527.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
विद्यावाचस्पति Ph.D हिन्दी
Mahender Singh
और तो क्या ?
और तो क्या ?
gurudeenverma198
जिस समाज में आप पैदा हुए उस समाज ने आपको कितनी स्वंत्रता दी
जिस समाज में आप पैदा हुए उस समाज ने आपको कितनी स्वंत्रता दी
Utkarsh Dubey “Kokil”
लगा समंदर में डुबकी मनोयोग से
लगा समंदर में डुबकी मनोयोग से
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...