Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2022 · 1 min read

द्वीटा मुक्तक देखू

द्वीटा मुक्तक देखू

बहि रहल आँखि सँ देखू झरना।
हाल कहू नै कोना छी सजना?
शीत पसरल य रौदि रुसल य!
हम निपै छी नोर सँ अंगना।

हाल बुझै छी हम तोहर सजनी।
अपने मन सँ गेलेँ नैहर सजनी।
देख पुलकित य मौसमक ममहर।
शीत पसरल य हृदय तर सजनी।

दीपक झा “रुद्रा”

Language: Maithili
1 Like · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पत्र गया जीमेल से,
पत्र गया जीमेल से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जल
जल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
तुम ख्वाब हो।
तुम ख्वाब हो।
Taj Mohammad
कोरोना चालीसा
कोरोना चालीसा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
श्रेष्ठता
श्रेष्ठता
Paras Nath Jha
#ekabodhbalak
#ekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ज़रूरतमंद की मदद
ज़रूरतमंद की मदद
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
दो सहोदर
दो सहोदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे अल्फ़ाज़ मायने रखते
मेरे अल्फ़ाज़ मायने रखते
Dr fauzia Naseem shad
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
हवा के साथ उड़ने वाले
हवा के साथ उड़ने वाले
*Author प्रणय प्रभात*
चाय-दोस्ती - कविता
चाय-दोस्ती - कविता
Kanchan Khanna
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
Neelam Sharma
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
"आइडिया"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नमन माँ गंग !पावन
नमन माँ गंग !पावन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
घोसी                      क्या कह  रहा है
घोसी क्या कह रहा है
Rajan Singh
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
शेखर सिंह
Loading...