Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2022 · 1 min read

अकाल

धरती की संतानें देखो कलयुग की काली छाया।
और देख लो यह अकाल जीवन पर कैसे आया।

है अकाल जीवन पर ऐसा प्राणवायु भी पानी है।
स्वार्थलीन मन भावों पर छल कपटों की मनमानी है।
पुण्य दृश्य कुदृश्य हुए हैं गौ माता के आंसू से।
और उसी आंसू से पापों का गागर भर आया।
धरती की संतानें देखो कलयुग की काली छाया।
और देख लो यह अकाल जीवन पर कैसे आया।

अभी हवा में ज़हर घुला पानी में घुलना बाकी है।
और ज़हर माटी में बस थोड़ा सा मिलना बाकी है।
काट काट के पीपल बड़गद न्योत रहे प्रदूषण को।
स्वार्थ लिन निर्जीव जीव क्या मैंने झूठ बताया।
धरती की संतानें देखो कलयुग की काली छाया।
और देख लो यह अकाल जीवन पर कैसे आया।

पुण्य पथों पर चलने वाले तुमको यहां अखरते हैं।
और फूल सा मन चितवन तेरे आंखों में गड़ते हैं।
जो गुलाब को छेड़ोगे तो कांटे तुम्हें चुभेंगे।
आज देख लो चंदन खुद ही सर्पों को लिपटाया।
धरती की संतानें देखो कलयुग की काली छाया।
और देख लो यह अकाल जीवन पर कैसे आया।

©®दीपक झा “रुद्रा”

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
Shweta Soni
गुरुर
गुरुर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"ऐ मितवा"
Dr. Kishan tandon kranti
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
Rj Anand Prajapati
सोच की अय्याशीया
सोच की अय्याशीया
Sandeep Pande
पल का मलाल
पल का मलाल
Punam Pande
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
शेखर सिंह
बेदर्द ...................................
बेदर्द ...................................
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
*दादा जी (बाल कविता)*
*दादा जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
International Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किस-किस को समझाओगे
किस-किस को समझाओगे
शिव प्रताप लोधी
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मित्र बनने के उपरान्त यदि गुफ्तगू तक ना किया और ना दो शब्द ल
मित्र बनने के उपरान्त यदि गुफ्तगू तक ना किया और ना दो शब्द ल
DrLakshman Jha Parimal
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
छोटे-मोटे कामों और
छोटे-मोटे कामों और
*प्रणय प्रभात*
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
दोस्ती
दोस्ती
Monika Verma
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
खोखली बुनियाद
खोखली बुनियाद
Shekhar Chandra Mitra
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
Loading...