Brijpal Singh 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Brijpal Singh 3 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक गाँव के घरों में अब ताले नज़र आते हैं जंगल के जानवर रखवाले नज़र आते हैं बसर हो रहा है इन सड़ी गलियों का... एक ही कमरे में घरवाले नज़र... Hindi · मुक्तक 2 346 Share Brijpal Singh 30 Aug 2017 · 1 min read सुनो जी सुनो जी.. लक्ष्मी ने अपने पति रोहित से कहा- अब ऐसा करना क्या ठीक रहेगा, उम्र ढलती जा रही है जैसे सूर्य दिन ढलने के बाद उतना तपीला नहीं रह... Hindi · लेख 2 449 Share Brijpal Singh 19 Aug 2017 · 1 min read गढ़वाली ग़ज़ल तेरि याद आणिच मिते बार-बार यनि नि सोच्या तुम पैली बार .. हम द्वि मिल छै वै कौथिग मा कनिकै भूल सकदू त्वेतै मि यार .. मि त्वेते मिल्दु तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 678 Share Brijpal Singh 26 Jun 2017 · 2 min read लेख बड़ी बिडंमना है साहब ... सच से क्यों मुँह मोड़ते हैं लोग यहाँ ? मुझे कोई संकोच नहीं कि मैं #उत्तराखंडी हूँ पहाड़ी हूँ और सीधा-साधा साधारण इंसान भी ,... Hindi · लेख 2 269 Share Brijpal Singh 26 Jun 2017 · 1 min read जाता नहीं ( शीर्षक ) कभी-कभी सोचता हूँ चुप ही रहूँ मगर चुप मुझसे रहा जाता नहीं... हो रहे ये जघन्य अपराध तमाम मुझसे दुःख सहा जाता नहीं कवि हूँ विचलित हो उठता है मन... Hindi · कविता 2 263 Share Brijpal Singh 25 Jun 2017 · 1 min read ए- ज़िन्दगी आ तेरा हिसाब कर दूँ ए ज़िन्दगी आ तेरा हिसाब कर दूँ तूने जो सुख् और दुःख दिए हैं मुझे बचपन से जवानी और अब बुढ़ापे तक कभी ज़ीता था मैं बस ज़ीने के वास्ते... Hindi · कविता 2 238 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read ये सच है कई सरकारें आई और चली भी गई हुआ क्या कुछ भी नहीं ... दाम वहाँ भी महँगे थे और यहाँ भी हुआ क्या कुछ भी नहीं... सैनिक तब भी शहादत... Hindi · कविता 2 601 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read चंद शेर बड़ा अज़ीब मिज़ाज़ है इन शहरों का हवा आती नहीं, साँस ले नहीं सकते ... #बृज कभी पास आकर सुन लो मेरे दर्द की आह.. यूँ मीलों दूर से पूछोगे... Hindi · शेर 2 254 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक आगे बढ़ रहे सभी, वक्त छूटता जा रहा है इंसान ही इंसान को आज लूटता जा रहा है न जाने क्या होगा हस्र और भी आगे.... लोग जुड़ते जा रहे,... Hindi · मुक्तक 3 432 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read शेर कभी पास आकर सुन लो मेरे दर्द की आह.. यूँ मीलों दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहूंगा ... Hindi · शेर 2 260 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक प्यार के देखो यहाँ दीवाने बहुत हैं सच है जताने के अफसाने बहुत हैं नहीं करते दिल से कई बात अलग है... अच्छे लोगो के अभी घराने बहुत हैं #Brij... Hindi · मुक्तक 2 266 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 3 min read एक खत डैड के नाम डैड... मैं अक्सर सोचता हूं कि आप मुझे छोड़कर क्यों चले गए! आप साथ क्यों नहीं हैं... मैं सोचता हूं कि आज अगर आप मेरे साथ होते, तो मुझे मेरी... Hindi · कविता 2 463 Share Brijpal Singh 22 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मंत्री साहब आश्वासन दिए जा रहे हैं.. किसान दिनोदिन फाँसी चढ़े जा रहे हैं कहा था साहब अच्छे दिन आएंगे.. लोग भ्रम में आज भी जिए जा रहे हैं #बृज Hindi · मुक्तक 2 400 Share Brijpal Singh 3 Feb 2017 · 1 min read बचपन यादों के साये पसेरे चलना माँ के पल्लू पकड़े कभी शैतानी मनमानी कभी यूँ ..... हठ की आदत हरेक बचपना एकसमान होवे हो जाए गलती कई हँसते थे इस पर... Hindi · कविता 2 707 Share Brijpal Singh 2 Feb 2017 · 1 min read बसंत लो फ़िर बसंत आया है छंट गए बादल घनें और यही गज़ब की साया है धरा के रंग हैं बहुतेरे यहाँ गुरु ऋतुओं का नरेंद्र आया है स्वच्छ दिख गया..... Hindi · कविता 2 658 Share Brijpal Singh 8 Jan 2017 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि में जियूँगा मातृभूमि में मरूंगा मैं कर जाऊँगा न्यौनछावर सबकुछ नही हटूंगा मैं न मिले यश मुझे न मिले सम्मान कोई मान रखनें खातिर सदा मातृभूमि में रहूंगा मैं... Hindi · मुक्तक 2 671 Share Brijpal Singh 6 Jan 2017 · 1 min read मैं तो कहता हूँ मैं तो कहता हूँ...... मैं तो कहता हूँ हर युवा को अब जाग जाना चाहिए मोह माया के इस जंजाल से दूर भाग जाना चाहिए देश द्रोह और स्वार्थ भाव... Hindi · कविता 2 279 Share Brijpal Singh 4 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक हकीकत जानकार भी क्यों अंजान हैं सब, जीत गए हैं बाज़ी फ़िर क्यों परेशान है सब, न मिलेगा ये जहाँ यूँ दुबारा किसी को - ये सब जानकर भी भला... Hindi · मुक्तक 2 525 Share Brijpal Singh 4 Jan 2017 · 1 min read सुनहरे पल वो हर लम्हा सुनहरा होता है जो अनुरूप हमारे साथ खड़ा होता है न रंग, न रूप न ही भेद कोई समय भी कोई ख़ास नहीं होता कभी चाहकर भी... Hindi · कविता 1 641 Share Brijpal Singh 23 Dec 2016 · 1 min read गज़ल ------------------- ठहरे जीवन को मेरे रवानी मिली गहरे पानी में अब निशानी मिली ------------------- जुस्तजू थी ऐसी तम्मनाएं भी अब जाकर रात सुहानी मिली ------------- वक्त ने ले लिए इम्तिहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share Brijpal Singh 17 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल _________________ मेरा दिल मेरा आईना तो दिखा दे घने सन्नाटे में आवाज़ लगा तो दे ----------------- बात ये नहीं कि कौंन कैसा है यहाँ मैं कहाँ हूँ मुझे मेरा पता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 300 Share Brijpal Singh 13 Dec 2016 · 1 min read धुंध ही दिखता है हर जगह मुझे अब धुंध ही दिखता है इंसान को ही देखो दर-दर बिकता है वो ज़माना था - जब दूर ही धुंध नज़र आती थी आज सामने ही धुंध... Hindi · कविता 1 1 396 Share Brijpal Singh 6 Dec 2016 · 1 min read अकेलापन उम्र का ये पड़ाव कैसा है , जहाँ सब कुछ तो है फिर भी अकेलेपन का घाव दिल पे कैसा है ! अपना तो हर कोई है आंखो के सामने... Hindi · कविता 2 882 Share Brijpal Singh 24 Nov 2016 · 1 min read मज़दूर हूँ ...... मज़दूर हूँ ....... और मज़बूर भी वो दिहाडी और वो कमाई ....... मेरे खाने तक सीमित और ....... कुछ बचाने तक मात्र ताकि कर सकूँ दवा पानी बच्चों की गर... Hindi · कविता 1 704 Share Brijpal Singh 12 Oct 2016 · 1 min read वो रात ---------- ज़िंदगी का ज़िंदगानी का भरी भागदौड, आबादी का वो रात ,वो रात...... इस भीड में भला किसे वक्त कौन सुखी, चैन कहाँ हर कोई बैचैन यहाँ वो वक्त. .... Hindi · कविता 1 529 Share Brijpal Singh 12 Oct 2016 · 1 min read मान जाओ ----------- दिल सच्चा है तो सच्चे दिखोगे यूँ ही हरदम....... बच्चों जैसे अच्छे दिखोगे न द्वेश न कहीं कपट, न घृणा न कहीं भेदभाव बच्चों जैसा संपूर्ण स्वभाव क्या रखा... Hindi · कविता 1 657 Share Brijpal Singh 12 Oct 2016 · 1 min read ज़ंग आशा और निराशा के बीच झूलते-डूबते - उतराते घोर निराशा के क्षण में भी अविरल भाव से लक्ष्य प्राप्ति हेतु आशावान बने रहना बहुत मुश्किल पर नामुमकिन नहीं होता है... Hindi · कविता 2 400 Share Brijpal Singh 23 Sep 2016 · 5 min read एक शख्स यह भी ( कहानी ) एक शख्स यह भी" __________ रोज़ाना की तरह मैं उस दिन भी सुबह की सैर करके घर पर लौटा ही था कि याद आया चाय भी पीनी है इसलिए पास... Hindi · कहानी 1 1 382 Share Brijpal Singh 13 Aug 2016 · 1 min read आज़ादी और देश प्रेम विशेषांक _________________________ आज़ादी कहीं खोई नहीं थी जो मिल गई, आज़ादी दिलवाई है उन शहादतो नें उन बलिवानों नें कुर्बान हुए जो इस वतन के लिए इस चमन के लिए, भला... Hindi · लेख 1 9 517 Share Brijpal Singh 10 Aug 2016 · 1 min read नहीं पता मुझे मंज़िल का नहीं पता मुझे रस्ते का नहीं पता चला जा रहा हूँ बस सुर एक है… मुझे जंगल का नहीं पता मुझे मंगल का नहीं पता अभी तो... Hindi · कविता 2 3 529 Share Brijpal Singh 22 Jul 2016 · 1 min read है कोई ............ है कोई ............ भूखे को भोजन प्यासे को पानी पिला दे बीमार को दवा और अच्छे को अच्छा बता दे जो खुद को संपन्न दूसरों को बढ़िया बता दे खुद... Hindi · कविता 2 12 820 Share Brijpal Singh 13 Jul 2016 · 1 min read हे ! मेरे फेसबुक ............ फेसबुक ने मुझे नई ज़िंदगी दी जीने की एक वजह दी, प्यार भी हुआ तो फेसबुक पर ही धोखा मिला फेसबुक से ही अपने बने कुछ इसी फेसबुक से कुछ... Hindi · लेख 2 8 670 Share Brijpal Singh 12 Jul 2016 · 1 min read यादें सोचता हूँ अब याद न करूँ.. उस बुरे वक्त को उस कठिन राह को उस भयभीत पल को उस भयावह कल को मगर कमबख्त ये यादें याद आ ही जाती... Hindi · लेख 1 1 506 Share Brijpal Singh 10 Jul 2016 · 1 min read क्यों बेदहमीं है आप तो आप हो जी, हम हमीं हैं सब कुछ तो ठीक है मगर तो फ़िर कहाँ कमी है ! ----------------- है सूर्य देवता ऊपर आसमां भी ऊपर है धरती,... Hindi · कविता 1 6 392 Share Brijpal Singh 8 Jul 2016 · 1 min read कहाँ बतलाते हैं अमीर बहुत से लोग शहरों के यहां मगर मैं कभी जान न पाया आखिर ये अमीरी कहाँ है -------------- मोल-भाव करते हैं वही भरे रहते हैं जेब खूब... Hindi · कविता 1 4 546 Share Brijpal Singh 1 Jul 2016 · 1 min read सोचूं अब चोर ही बन जाऊँ....... सोचूं अब चोर ही बन जाऊँ....... _______________________________ डालूं डाका किसी बैंक शाखा पर और निकाल लाऊँ वो सब पैसे दे दूँ उन्हें जो लाचार हैं बेबस हैं --------- चले जाऊँ... Hindi · लेख 1 21 1k Share Brijpal Singh 26 Jun 2016 · 1 min read ये आँशू किसके लिये अपनो ने अपनापन तोडा गैरों की तो बात ही क्या उम्मीद भी नाउम्मीद अब भला ये आँशू किसके लिये.. ---------------- सुनो बेटा अब बडा आदमी बन गया व्यस्त रहता है... Hindi · कविता 1 703 Share Brijpal Singh 24 Jun 2016 · 1 min read !!!!!! ढूँढते हैं !!!!!!! क्या कयामत आई है दिल-ए दीवाना तुझे ही ढूँढते हैं कचहरी-ताडीखाना -------------------------- हो कहीं तू मिल जा मुझे लिये फिरता है तेरा शौक मुझे --------------------------- खुद की गिरेवां में झांक... Hindi · लेख 2 1 352 Share Brijpal Singh 22 Jun 2016 · 1 min read "बरसात" तब हम परेशां थे इस बारिश से.. अब तो रोना है साहब रोना ...... ---------------------- बचपन में जब बारिश का आना कर देता हम बच्चों का हँसाना गुल्दस्ते वो गुलफ़ारियां... Hindi · लेख 2 735 Share Brijpal Singh 21 Jun 2016 · 1 min read " रहने दो " 'योग' ही रहने दो 'योगा' न बनाओ... अ को 'अ' ही रहने दो.... यूं 'आ' न बनाओ, योग को 'योग' रहने दो....'योगा' न बनाओ। मैंने कब इंग्लैंड को 'इंग्लैंडा', ब्रिटेन... Hindi · लेख 2 1 511 Share Brijpal Singh 20 Jun 2016 · 1 min read "ग़ज़ल" मेरे दिल को अब कोई भाता नहीं है कोई भी तो वादा निभाता नहीं है जरा देख आओ गरीबों के घर में न कहना की अब कोई भूखा नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 356 Share Brijpal Singh 17 Jun 2016 · 3 min read अचंभित हूँ ....(कहानी) बात बीते साल की है ! जब मैं इस शहर मैं नया-नया सा था, अनजान शहर अनजाने लोग, पढ़ाई भी चल ही रही थी दूसरी ओर मैं किसी पार्ट टाइम... Hindi · कहानी 1 5 491 Share Brijpal Singh 15 Jun 2016 · 1 min read रिक्ति (लघुकथा घड़ियाली आंसू बहाना अब बंद करो, शोक सभा समाप्त हो गई है, अब नाटक करने की तुम्हें कोई जरुरत नहीं है, झल्लाते हुए सुगन्धा ने अपने पति सोमेश से कहा।... Hindi · लघु कथा 1 286 Share Brijpal Singh 15 Jun 2016 · 1 min read " कफन " इस शहर में कोई कफन नहीं है क्या...... **************** कहाँ गये वो बलवान पुरुष कहाँ गये वो अभिमानी करते हैं सदा जो प्रताडित बच्चों अर स्त्री को दिखाते हैं सदा... Hindi · लेख 1 538 Share Brijpal Singh 13 Jun 2016 · 1 min read " काबिल " फज़ूल में बखान न करना अपनी काबलियत का दोस्तो, जिस दिन तुलना करना छोड़ दिया समझो तुम वाकई काबिल हो ! Hindi · शेर 1 258 Share Brijpal Singh 13 Jun 2016 · 1 min read मगर लाख कोशिशे भी चाहे कर लो समझने और समझाने की ))))) मगर((((( कुछ अपने आँखें फिरा ही लेते हैं !! Hindi · शेर 1 486 Share Brijpal Singh 13 Jun 2016 · 1 min read "वो चिडिया " __________________________________ घर वो वैसा ही है आँगन भी वही मगर, वो चिडिया अब मेरे आँगन में आती नहीं... ******************************* मैने उसे याद किया नहीं पहले मगर, वो आती थी रोज़ाना... Hindi · कविता 1 1 559 Share Brijpal Singh 12 Jun 2016 · 1 min read "सोचकर देखो" युग बदल रहा है तुम भी जरा बदल कर देखो, मोह माया से दूर कहीं सीधे चलकर देखो ! ----------------------------------- वक्त का सुरुर बहुत कुछ है कहता यहाँ, मंज़िल है... Hindi · कविता 1 455 Share Brijpal Singh 10 Jun 2016 · 1 min read सोचकर देखो युग बदल रहा है तुम भी जरा बदल कर देखो मोह-माया से दूर कहीं सीधे चलकर देखो ! वक्त का सुरुर बहुत कुछ है कहता यहाँ , मंज़िल है कहाँ... Hindi · कविता 1 2 467 Share Brijpal Singh 7 Jun 2016 · 1 min read "बरस जा" आज कुछ बादल से लगे हैं दूर आसमा पे, शायद मिलेगी राहत हमें इस भरी तपन से ! तेरी इसी आस मैं बैठा हूँ एक मुद्दत लेकर, तू जरा अपनी... Hindi · कविता 1 332 Share Previous Page 2 Next