MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next MITHILESH RAI 20 May 2018 · 1 min read मुक्तक आओ करीब तुम नूरानी रात हुई है! चाहत की फिर से दीवानी रात हुई है! तोड़कर जमाने की जंजीर-ए-रस्म को, आओ करीब तुम मस्तानी रात हुई है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 252 Share MITHILESH RAI 19 May 2018 · 1 min read मुक्तक मैं कैसे कह दूँ तुमसे प्यार नहीं रहा! तेरी गुफ्तगूं का इंतजार नहीं रहा! हर वक्त खिंचती हैं जब तेरी अदाऐं, मैं कैसे कह दूँ दिल बेकरार नहीं रहा! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 416 Share MITHILESH RAI 18 May 2018 · 1 min read मुक्तक तुम जो मुस्कुराती हो नजरें बदलकर! नीयत पिघल जाती है मेरी मचलकर! चाहत धधक जाती है जैसे जिगर में, हर बार जुस्तजू की आहों में ढलकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 207 Share MITHILESH RAI 16 May 2018 · 1 min read मुक्तक मैं कबतलक तेरा इंतजार करता रहूँ? मैं कबतलक तुम पर ऐतबार करता रहूँ? मुझे खौफ सताता है तेरी बेरुखी का, मैं कबतलक खुद को बेकरार करता रहूँ? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 502 Share MITHILESH RAI 13 May 2018 · 1 min read मुक्तक हम जिंदगी में गम को कबतक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कबतक चलेंगे? कदम तमन्नाओं के रुकते नहीं मगर, हम मुश्किले-सफ़र में कबतक रहेंगे? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 329 Share MITHILESH RAI 12 May 2018 · 1 min read मुक्तक मैं जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिए! मैं जी रहा हूँ सीने में तेरी प्यास लिए! यादें बंधी हुई हैं साँसों की डोर से, चाहत के रंगों में... Hindi · मुक्तक 450 Share MITHILESH RAI 11 May 2018 · 1 min read मुक्तक मैं जागता क्यों रहता हूँ तन्हा रातों में? नींद उड़ जाती है ख्वाहिशे-मुलाकातों में! सीने में नजरबंद हैं वस्ल़ की यादें, बेखुदी में रहता हूँ तेरे ख्यालातों में! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 351 Share MITHILESH RAI 10 May 2018 · 1 min read मुक्तक टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर! टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर! रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में, तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 223 Share MITHILESH RAI 9 May 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी जिन्दगी में हरपल कमी सी है! अश्क की आँखों में हरपल नमी सी है! दौर है कायम अभी तेरी यादों का, दर्द की ख्यालों में हरपल जमीं सी है!... Hindi · मुक्तक 207 Share MITHILESH RAI 8 May 2018 · 1 min read मुक्तक मेरे सितमगर फिर से कोई वादा न करो! मेरे दिल़ को तोड़ने का इरादा न करो! क्यों इम्तिहान लेते हो कई बार सब्र का? चाहत की बेचैनी को और ज्यादा... Hindi · मुक्तक 198 Share MITHILESH RAI 8 May 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू आजमाइश बन गयी है! मेरे ख्यालों की फरमाइश बन गयी है! शाम भी आती है तन्हाई को लेकर, मेरी जिन्दगी की नुमाइश बन गयी है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 391 Share MITHILESH RAI 4 May 2018 · 1 min read मुक्तक जख्म जिन्दा है तेरी याद भी आ जाती है! बेकरार पल में तेरी आरजूू सताती है! मैं तन्हा हो गया हूँ गमें-अंजाम से मगर, ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख... Hindi · मुक्तक 260 Share MITHILESH RAI 2 May 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी तस्वीर से मेरी नजर हटती ही नहीं! तेरे दीदार की हसरत कभी मिटती ही नहीं! मैं जोड़ता रहता हूँ तेरी यादों के टुकड़े, गम-ए-इंतजार की तन्हाई कटती ही नहीं!... Hindi · मुक्तक 300 Share MITHILESH RAI 1 May 2018 · 1 min read मुक्तक तू जबसे गैर की बाँहों में चली गयी है! जिन्दगी जख्मों की आहों में चली गयी है! यादें चुभती हैं जिग़र में शीशे की तरह, शाम मयखानों की राहों में... Hindi · मुक्तक 397 Share MITHILESH RAI 29 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी जिंदगी को अंजान सा रहने दो! दिल में जुस्तजू का तूफान सा रहने दो! टूटे हुए से ख्वाब हैं पलकों में लेकिन, अश्कों में यादों को निशान सा रहने... Hindi · मुक्तक 473 Share MITHILESH RAI 28 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक एक तू ही नहीं है जो वक्त से हारा है! हर शख्स दुनिया में हालात का मारा है! हर-पल बदल रही है तस्वीर-ए-जिंदगी, टूटते दिलों का हैरान सा नजारा है!... Hindi · मुक्तक 384 Share MITHILESH RAI 27 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिन्दगी का ऐतबार बन गयी हो! तुम मेरी मंजिलों का इंतजार बन गयी हो! शामों-सहर नज़र आता है रंग यादों का, तुम मेरी तमन्नाओं का संसार बन गयी... Hindi · मुक्तक 375 Share MITHILESH RAI 25 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मैं खुद को यादों में भुलाकर रह गया हूँ! मैं खुद को दर्द से रूलाकर रह गया हूँ! हर कोशिश नाकाम है दीदार की जबसे, मैं अश्क को आँखों में... Hindi · मुक्तक 496 Share MITHILESH RAI 24 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी चाहत मेरे गुनाह की तरह है! तेरी तिश्नगी दिल में आह की तरह है! खींच लेती है खुशबू तेरे ख्यालों की, तेरी याद बेखुदी की राह की तरह है!... Hindi · मुक्तक 188 Share MITHILESH RAI 23 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक जब तेरी मुलाकात मुझे याद आती है! तेरे लबों की बात मुझे याद आती है! दिल में चुभती हैं अदाएं तेरे हुस्न की, ख्वाहिशों की हर रात मुझे याद आती... Hindi · मुक्तक 185 Share MITHILESH RAI 22 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी हर कोशिश तुम्हें पाने के लिए थी! तेरी जुल्फों के तले आने के लिए थी! लेकिन समझ न पाया मैं तेरी दिल्लगी, तेरी हर अदा तो तड़पाने के लिए... Hindi · मुक्तक 2 395 Share MITHILESH RAI 20 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक हमें दर्द जिंदगी में मिलते रहेंगे! हम राहे-मंजिलों पर चलते रहेंगे! रुकते नहीं कभी भी रंग मौसमों के, फूल तमन्नाओं के खिलते रहेंगे! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 440 Share MITHILESH RAI 17 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक हर शख्स की आँखों में एक आशा होती है! मंजिलों को छूने की अभिलाषा होती है! जब भी कदम चलते हैं हिम्मत की राहों पर, जज्बों के गूँजने की परिभाषा... Hindi · मुक्तक 209 Share MITHILESH RAI 15 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मुझको तेरी चाहते-नजर चाहिए! दिल में तमन्नाओं की लहर चाहिए! झिलमिलाते ख्वाब हों जुगनू की तरह, मुझको यादों का वही शहर चाहिए! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 350 Share MITHILESH RAI 14 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मैं कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं रहा? मैं कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं रहा? मुझे खींचती है मधुशाला तेरे नयनों की, मैं कैसे कहूँ कि आशिके-पैमाना नहीं रहा?... Hindi · मुक्तक 372 Share MITHILESH RAI 12 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक बंद होकर भी आँखें कुछ बोल जाती हैं! राह तमन्नाओं की कुछ खोल जाती हैं! रोशनी जल जाती है यादों की शक्ल में, दर्द की लहरें जेहन में डोल जाती... Hindi · मुक्तक 396 Share MITHILESH RAI 11 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी शामें-तन्हाई न खाली जाएगी! मेरी जुबां पे फिर से आह डाली जाएगी! सोहबत बुरी है मेरी दिलजलों से साकी, मयखानों से गम की राह निकाली जाएगी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 240 Share MITHILESH RAI 9 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिन्दगी से यादों को ले लो! तुम मेरे दर्द की फरियादों को ले लो! मैं कब तलक सहता रहूँ आहे-तमन्ना? तुम मेरे ख्यालों से इरादों को ले लो!... Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 8 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक सोचता हूँ आज तुमसे मुलाकात कर लूँ! रात की तन्हाई में तुमसे बात कर लूँ! तेज कर लो तुम फिर से तीर-ए-नज़र को, जख्मों को सह लेने की करामात कर... Hindi · मुक्तक 242 Share MITHILESH RAI 7 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक मेरी जिंदगी गमों से डर पाएगी क्या? दिल में ख्वाहिश गैऱ की कर पाएगी क्या? सब्र अभी जिन्दा है जख्मों को सहने का, वस्ल से पहले तमन्ना मर पाएगी क्या?... Hindi · मुक्तक 287 Share MITHILESH RAI 5 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी यादों के कदम रुकते नहीं कभी! तेरी जुल्फों के सितम रुकते नहीं कभी! रोशनी उम्मीदों की जलती है हरदम, तेरी चाहत के वहम रुकते नहीं कभी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 403 Share MITHILESH RAI 2 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तेरे आ जाने से फिर बहार आ गयी है! हरतरफ तेरी खुशबू खुशगवार आ गयी है! वीरान था आलम मेरी तमन्नाओं का, मेरी जिन्दगी फिर से एक बार आ गयी... Hindi · मुक्तक 1 238 Share MITHILESH RAI 1 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक हमें आप जब कभी याद आने लगते हैं! हमें दर्द ख्वाहिशों के सताने लगते हैं! यूँ पास आ जाते हो मेरी निगाहों में, हमें ख्वाब गुफ्तगूं के जलाने लगते हैं!... Hindi · मुक्तक 262 Share MITHILESH RAI 31 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कौन है किसी का हमदर्द इस जमाने में? कैद ख्वाहिशें हैं हालात के तहखाने में! किसी को कहीं खौफ है हर वक्त उजालों से, कोई मश़गूल है ख्वाबों को जलाने... Hindi · मुक्तक 209 Share MITHILESH RAI 31 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कौन है किसी का हमदर्द इस जमाने में? कैद ख्वाहिशें हैं हालात के तहखाने में! किसी को कहीं खौफ है हर वक्त उजालों से, कोई मश़गूल है ख्वाबों को जलाने... Hindi · मुक्तक 502 Share MITHILESH RAI 30 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक शामो-सहर खोया रहता हूँ यादों में! रात है तन्हा नाकाम तेरे वादों में! मैं हो गया हूँ रुस्वा इतना जमाने में, जिन्दगी शामिल है दर्द के शहजादों में! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 248 Share MITHILESH RAI 28 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक हर घड़ी तेरा तलबगार हूँ कबसे! तेरे इश्क में गिरफ्तार हूँ कबसे! अब कोई खौफ नहीं है अंजाम का, वक्ते-सितम के लिए तैयार हूँ कबसे! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 201 Share MITHILESH RAI 27 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक शायद मेरे गम की कभी रात आखिरी हो! मेरी तन्हाई से मुलाकात आखिरी हो! यूँ कबतलक चुभती रहेगी तेरी जुस्तजू? तेरी यादों से कभी तो बात आखिरी हो! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 207 Share MITHILESH RAI 25 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक सितम के दौर में सभी यार भूल जाते हैं! राह-ए-वफा को वफादार भूल जाते हैं! जब करवटें लेती है तस्वीर-ए-जिंदगी, उम्र भर किसी का इंतजार भूल जाते हैं! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 235 Share MITHILESH RAI 24 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक मुझको जख्म देकर पूछना यूँ हाल तेरा! बहुत बेख़बर है तुमसे ही सवाल तेरा! गूंजती हैं सिसकियाँ दर्द की सन्नाटों में, जामे-पैमानों में बिखरा है ख्याल तेरा! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 262 Share MITHILESH RAI 23 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी नजर में कबसे प्यार सा कुछ है! तेरी अदाओं में इजहार सा कुछ है! हर वक्त ढूंढती हैं किसी को करवटें, तेरी बाँहों को इंतजार सा कुछ है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 378 Share MITHILESH RAI 21 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक मैं अपने सितमगर को सता कर आया हूँ! मैं आज उनको बेवफा बता कर आया हूँ! जख्मों को भूल जाना बहुत मुश्किल है मगर, मैं रास्ता मयखाने का पता कर... Hindi · मुक्तक 211 Share MITHILESH RAI 20 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक हर किसी के दिल में किसी की आस है! जिंदगी में हर पल किसी की प्यास है! क्यों चाँद रहता है मगर तन्हाई में? जब चाँदनी की रोशनी उसके पास... Hindi · मुक्तक 213 Share MITHILESH RAI 18 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक जिसतरह फूलों को मुस्कुराहट ढूंढ लेती है! मुझको तेरी यादों की आहट ढूंढ लेती है! जब घेरती हैं नजरों को तस्वीरें दर्द की, मुझको मयकशी की सुगबुगाहट ढूंढ लेती है!... Hindi · मुक्तक 425 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कई बार वक्त का मैं निशान देखता हूँ! कई बार मंजिलों का श्मशान देखता हूँ! दर्द की दहलीज पर बिखरा हूँ बार-बार, कई बार सब्र का इम्तिहान देखता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 465 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कई बार वक्त का मैं निशान देखता हूँ! कई बार मंजिलों का श्मशान देखता हूँ! दर्द की दहलीज पर बिखरा हूँ बार-बार, कई बार सब्र का इम्तिहान देखता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 181 Share MITHILESH RAI 16 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक काश मैंने तुमको पहचान लिया होता! तेरी बेवफाई को जान लिया होता! यूँ बेवसी न मिलती कभी तन्हाई की, तेरी अदा को दिल्लगी मान लिया होता! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 349 Share MITHILESH RAI 13 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरे दिल की बात बदल न जाए कहीं! वक्ते-मुलाकात निकल न जाए कहीं! कब तक करूँ यकीन तेरे प्यार पर? तन्हाई में रात ढल न जाए कहीं! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 213 Share MITHILESH RAI 11 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर मैं तो तन्हा जिया करता हूँ! शामो-सहर मैं तुमको याद किया करता हूँ! ख़ुद को खो चुका हूँ इतना तेरे प्यार में, नींद में भी तेरा मैं नाम... Hindi · मुक्तक 195 Share MITHILESH RAI 9 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक जब कोई जिन्दगी मजबूर हो जाती है! राह मुश्किलों की मग़रूर हो जाती है! मंजिल निगाहों में करीब होती है मगर, तकदीर उम्मीदों से दूर हो जाती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 188 Share Previous Page 3 Next