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4 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

जख्म जिन्दा है तेरी याद भी आ जाती है!
बेकरार पल में तेरी आरजूू सताती है!
मैं तन्हा हो गया हूँ गमें-अंजाम से मगर,
ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
227 Views
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