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18 Mar 2018 · 1 min read

मुक्तक

जिसतरह फूलों को मुस्कुराहट ढूंढ लेती है!
मुझको तेरी यादों की आहट ढूंढ लेती है!
जब घेरती हैं नजरों को तस्वीरें दर्द की,
मुझको मयकशी की सुगबुगाहट ढूंढ लेती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
398 Views
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