DR.MDHU TRIVEDI 893 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.MDHU TRIVEDI 17 Dec 2020 · 1 min read कोरोना आया अदृश्य वायरस , हाथ सैनेटाइज कर। हाथ सैनेटाइज कर, खूब सैनेटाइज कर ।। मास्क को मुख पर लगा , हाथ ग्लोब्स पहन कपडे सैनेटाइज कर, सोशल डिस्टेंस रख मैं... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 94 38 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मुहब्बत के वो खत मुहब्बत के या हृदय का राग कहूँ सुध -बुध खो बैठी उसे प्रेम की आग कहूँ प्रथम नैन मिलन में तुम मेरे बन काम गये अब मन मंदिर... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 92 82 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jun 2021 · 1 min read वर्षा वाबरी पागल-वर्षा बाँवरी मन ही मन बौराई तपती धरती जैसे जैसे बरखा बरसे तैसे तैसे धरती भीगी कन कन भीगा मन छन छन तृण तृण में शीतलता लाई पागल-वर्षा बाँवरी मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 87 8 824 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Nov 2018 · 2 min read माँ माँ **** माँ तो बस माँ कहलाए हिरदय माल हमें बनाती है। हर सांस अपनी कर कुर्बान जीवन जीवंत बनाती है।। नेह उसका बरसे अपार बारिश की मस्त फुहारों सा,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 83 32 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read हे मुरली मनोहर हे मुरली मनोहर मन मेरा कान्हा कर दो तन मेरा राधे रग दो हे परम अवतार कान्हा , जन्म ले जगती को पाप मुक्त कर दो बाल रूप में आ... Hindi · कविता 83 1 410 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Sep 2021 · 5 min read छात्रों में नैतिकता पैदा करने के लिए रामायण में दर्शाने वाले आदर्शों की भूमिका इस लेख का उद्देश्य उन तरीकों को जानना है जो छात्रों को स्वयं या दूसरों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। युवाओं, किशोरों या छात्रों में मूल्यों... Hindi · लेख 83 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2021 · 1 min read पितर हमारे पितर चले है लौट अपने धाम आओ उनको करे हम नमन आशीष उनका रहे सदा हम पर कनागत में वे आए हमें मिलने आओ उनको नमन करे जो मान दिया... Hindi · कविता 82 1 436 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Dec 2021 · 1 min read अनुभूति मेरी - तेरी नहीं हमारी है घर की हर चीज हमारी है भाव प्रवणता ,सुख दुख हर एक संवेदना हमारी है हौसलें जिनने पार लगाया उनमें बसी प्रीत हमारी है... Hindi · कविता 82 539 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Dec 2021 · 1 min read मृत्यु साज तैयार कर ले तू मनवा कब मौत दस्तक दे अँगनवा वक्त न पूछे, घड़ी न पूछे साज तैयार कर ले तू मनवा । बड़ी हौस से जन्म दिया तुझे... Hindi · कविता 82 558 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Nov 2018 · 1 min read देख किशन को राधा किशन को देख राधा बाबली है पड़ी उसकी नजर जो सांवली है चली आती सुनी जो बाँसुरी धुन बनी श्यामा उसी की लाड़ली है कदम्बे चढ़ चुरा कर के वसन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 81 1 340 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jun 2021 · 1 min read बरसात के बादल ऐ बादल दूर गगन के जरा धरती पर आ बरस जर्रा -जर्रा सूखा धरती का कुछ तो दिखा तरस रोम -रोम जलता है दावानल सा दहकता है कोई तो बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 81 9 723 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read देखों कैसी मस्तियाँ देखों कैसी मस्तियाँ यहाँ सजती कैसे शरबती आँखों से कश्तियाँ हरती मैं तो मौन भाव से परख रहा तारूण्यता ऐसे वो मेरी जिन्दगी की फलवारी में फबती Hindi · मुक्तक 81 1 428 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read मेरे नाम टिकाए है निगाहें बेटा वसीयत पे पूछता है बाप से क्या है मेरे लिए दिया है मुझे जन्म लाख किये उपकार बदले मे क्या है मेरे नाम Hindi · कविता 81 377 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read सोलह कला अवतारी सोलह कला अवतारी कहलाओ , जगती के संकट हारो आओ रे गोपाल आओ , धरणी को मुक्त कराओ खुल गये बन्ध कारागार के , हो गयी है आकाशवाणी पहुँचाओ नन्दराय... Hindi · गीत 81 404 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Aug 2021 · 1 min read कहाँ पर रहते हो कहने को दिल बसते हो पर तुम कहाँ पर रहते हो सागर जैसी गहराई तुम्हार जिसमें लहरों बन मैं उठती हूँ बार बार छू कर तुमको न जाने क्यूँ मचला... Hindi · कविता 81 500 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read चित्त चोर ओ चित्त चोर मुरली मुझे अपनी बना ले बना वेणु अधरों से लगा ले सुन बाँसुरी गोपियाँ बेसुध गायें भी सुने हो बेसुध ऐसी मोहनि मुरली बना ले सज कटि... Hindi · कविता 81 3 684 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Sep 2021 · 2 min read गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः बह्मा इसलिये है क्योंकि हर दृष्टि से तैयार कर उसका निर्माण करता है विष्णु इसलिए है क्योंकि अनेक प्रकार की बुराईयों से बचाकर उसकी रक्षा करता... Hindi · लेख 81 1 458 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Sep 2021 · 1 min read राष्ट्र बोध जिस माटी में जन्मे उसके लिए बलिदान करे । हो बात वतन की तो वतन पर अभिमान करे ।। शहीदों ने खुद को खोया कुछ हम भी खोये । कर... Hindi · मुक्तक 81 1 597 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Sep 2021 · 1 min read गणेश चतुर्थी नमो नमो गणेभ्यो गणपति भाद्र शुक्ल चतुर्थी ले जन्म भक्तों की सुनते है करो घर स्थापना तो विघ्न सबके हरते है जब होती गणेश कृपा तो बनते है सारे काम... Hindi · कविता 81 1 441 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Sep 2021 · 1 min read कमल कमल क्रान्ति कमला सी. कमल कमल क्रान्ति कमला सी. मन्द मन्द मुस्कराहट फूलों सी. परी सी उतरती अम्बर से धरा लाज भी शरमाती थी लज्जा से. छुई मुई सी देह की कोमलता. छिपी थी... Hindi · कविता 81 1 552 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी जब हिचकोले लिया करती हिन्दी जब हिचकोले लिया करती शिशु की पदचापों में थिरकती है नन्हा सा निर्दोष बोले जब ' माँ ' सुनकर माँ फूली नही समाती है अर्ध शब्द हो स्फुटित मुख... Hindi · कविता 81 1 668 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Sep 2021 · 1 min read आजादी से पूर्व आजादी के अमृत महोत्सव पर यह सोचने की आवश्यकता है कि कि हम स्वतंत्र भारत की स्वछन्द वायु में सांस ले रहे है यह आजादी यूँ ही नही मिली हजारों... Hindi · लेख 81 1 483 Share DR.MDHU TRIVEDI 21 Sep 2021 · 1 min read महल के ख्याव भोर होने के साथ वह अपने राजमिस्त्री माँ -बाप के साथ चल देती थी । इस दौरान उसको दम घोटने वाली मलीन बस्ती की बू से छुटकारा मिल जाता था... Hindi · लघु कथा 81 1 594 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Oct 2021 · 2 min read नवरात्रि सूबेरपुर ग्राम में जमींदार अपनी पत्नी नैना और पुत्र सोहन तथा बहू सुमिरन सहित रहते थे । दिन प्रतिदिन की जिन्दगी भलीभांति चल रही थी , जमींदार ने बेटे का... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 81 24 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2021 · 1 min read गुलामी हो गये आजाद हम पर जरा सोचिये कि सोच से हम आजाद है नहीं , क्योंकि सोचना पड़ता है समाज को प्रतिमान मानकर अपने आप को एक आदर्श सामाजिक व्यवस्था... Hindi · कविता 81 553 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2021 · 1 min read कालरात्रि माँ भय से मुक्त कर दो हे काल रात्रि माँ शनि प्रभाव से मुक्त करे जन्म दात्री माँ शुभफल दायिनी शुभकंरी नाम तुम्हारा करे पूजा तेरी हम सब हर नवरात्रि माँ Hindi · मुक्तक 81 625 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Dec 2021 · 1 min read नैन की भाषा कुछ बोलते हुए लगते है परत मन की खोलते है कभी संकोच करते है कभी भूमि पर टिकते है भाषा नैनों की अजीब होती है अन्तस में उतर सजीव होती... Hindi · कविता 81 1 711 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2018 · 1 min read बन्धन में मुहब्बत बन्धन में मुहब्बत के हर रोज बधे होंगे सारी कठिनाई को हम दूर करे होंगे होगा मन तेरा व्याकुल वक्त किसी तो मैं हर पल डग मेरे तेरे साथ बढ़े... Hindi · मुक्तक 80 2 478 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Feb 2021 · 1 min read स्मृति " दीदी " , तुमको याद है पिछली बार जब हम सब बहिनें मायके आई थी तो माँ ने कैसे आम के पैर पर झूला डाल रखो थो बारी -... Hindi · लघु कथा 80 2 406 Share DR.MDHU TRIVEDI 21 Jun 2021 · 1 min read योग दिवस चलो चले मिल कर योग करे काया को अपनी निरोग करे नित सूर्य नमस्कार करे हम प्राणायाम और ध्यान धरे हम चुस्त , दुरूस्त हो प्रति क्षण सुखद जीवन का... Hindi · कविता 80 2 754 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Jun 2021 · 1 min read नैनों में चितवन नैनों में चितवन निखरे कपोलों में उपवन खिले दामिनि सा है स्मित हास्य बदन पर है दुरीय लाज विचर कर मन बीथियों में गुँजित हो सिसकियों में प्राणों में भरते... Hindi · कविता 80 4 629 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Aug 2021 · 1 min read प्रीत मेरी प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो एक रोज जिन्दगी महकेगी सोचा न था आगमन तेरा महकाए मुझे सोचा न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 1 436 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read शंकर जटा जूट की है राख , गल मुंड माल धार । काले साँप से लिपटत , रहत है नंदी द्वार ।। रहत है नंदी द्वार , पालन करत जग को... Hindi · कुण्डलिया 80 2 402 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read चले नौका गहन सागर चले नौका गहन सागर किनारे याद रहते है कभी हो चूक नाविक से किनारे याद रहते है करे जब हरकतें बालक हमेशा माफ करती माँ बड़े हो तब यहीं पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 1 489 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read मित्रता उम्र भर खोजता रही मित्रता कोई तो अब बचा सखा ही नही फूल से दोस्ती मैं कर बैठी पेड़ पे कोई अब लता ही नही खोयी खोयी सी फिजायें थी... Hindi · कविता 80 1 593 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 1 min read ऐसा नहीं कि काबा , शिवाले नहीं रहे ऐसा नहीं कि काबा , शिवाले नहीं रहे अब बंदगी के चाहने वाले नहीं रहे मैं सब को देखती हूँ बराबर निगाह से मेरी नज़र में गोरे वो काले नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 1 454 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Aug 2021 · 1 min read बेटी कुल का मान बेटी कुल का मान है , सुकर्म परिणाम है सृष्टि रचयिता वही , ऐसे न मिटाइये ।। बेटी जब पढती है , समूचा जग पढ़ता है दे सारी सुविधाएं ,... Hindi · घनाक्षरी 80 2 607 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Aug 2021 · 1 min read प्रेम के दीपों के साथ प्रेम के दीपों के साथ नेह सौहार्द के हाथ मिल दीप पर्व पर मन झिलमिलाओ । साज सफाई करके घर रोशन करके रंगबिरंगे बल्वों से दिल जगमगाओ । सजा स्वागत... Hindi · घनाक्षरी 80 2 494 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Aug 2021 · 1 min read चंदा चंदा मेरे आना रे आकर मत जाना रे श्वेत धवल अम्बर चादर नैन मेरे लगा काजल पास मुझे बिठाना रे चंदा मेरे आना रे Hindi · कविता 80 1 414 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Aug 2021 · 1 min read खत छिपाए रखा खतों को मैनें पन्नों में आज तक जमीं गर्द के बीच किताबों की जो की गई सफाई निकल पड़ा उनमें से सुन्दर खूबसूरत आज भी वहीं बीस साल... Hindi · हाइकु 80 1 458 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read प्रिय रहना वैलेंटाइन साल के दिन जितने उतने ही फूल रखे सँभाल साल के मिनट जितने उतने ही चुम्बन रखे सँभाल हर पल साँस में बँधा तेरी तुझमें ही डूबी मैं हर क्षण... Hindi · कविता 80 1 371 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read इन्तजार इन्तजार इन्तजार ना जाने क्यूँ मुझे एक अरसे से है ढूँढा भी मैंनें तुम्हें बार बार पर ना मिली तुम मेरी चेतना कहाँ जा छिप गयी रूठ कर मुझसे अपने... Hindi · कविता 80 1 587 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read भ्रम अच्छे होने का भ्रम तुमने है पाले रखा रखा है जो तुमने अच्छे बने हो अब तक केवल तुम लाइक कमेन्टस का प्रहसन तुम्हारे लिए स्रोत है निर्झरिणी जैसा तुमको... Hindi · कविता 80 469 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read तबियत प्रश्न बत्तियां बुझी क्यों है चेहरे के आपकी लगता है अजीबोगरीब घटित हुआ है कुछ वरना चुप न रहते तुम चुप्पी मजबूर करती है कुछ सोचने के लिए तह में... Hindi · कविता 80 677 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read समझौता पतंग सी जिन्दगी है ना जाने कहाँ जाये किस पेड़ की डाल में फँस उलझ जाये कैसे अस्तित्व को बचाए हर कोई खडा यहाँ कच्चे पक्के धागों की ले हाथों... Hindi · कविता 80 1 485 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read उड़ा दो अरमानों की तितलियाँ धुंध के बादल छट जाए हौसलों को दो इतनी उडान चाहतों के बादल गरजे फिर हृदय सागर में लाओ तूफान बो कर कामेच्छा के बीजों को रोपना न भूल जाना... Hindi · कविता 80 1 422 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read चल मुसाफिर चल मुसाफिर आगे बढ़ ले कुछ अपने मन की सुन लें कोई किनारा तुझको बुलाता कोई ठिकाना तुझको बुलाता चल मुसाफिर आगे बढ़ ले गहरा सागर विशाल अम्बर आसमां से... Hindi · कविता 80 408 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read खेलती है कूदती है गजल आज खेलती है कूदती है गजल इसलिए बिंदास दिखती है गजल तन्हाई में भी दूर चली जाती गजल याद उनकी फिर से जगाती है गजल हो गयी है रात अब... Hindi · कविता 80 1 433 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read बाल रूप कान्हा का स्वरूप तुम राधे का मूर्त रूप तुम माखन चोर ओ चित्त चोर है न शरारतों का छोर धन्य है वो माँ जो राधे की जन्मदात्री सृष्टि चक्र चलाये... Hindi · कविता 80 2 406 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read मेघ मही प्रीति दिल लगा मेघ का मही से प्यार बरसा उस पर इतना बरस भिगो दिया धरा को भीगी धरा सकुचाती बादल बरसा इतना कि सराबोर करे वसुधा को बादल क्षिति की... Hindi · कविता 80 424 Share Page 1 Next