DR.MDHU TRIVEDI Language: Hindi 796 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next DR.MDHU TRIVEDI 9 Oct 2021 · 1 min read चन्द्रघंटे कुष्मांडा माँ घंट रूप में अर्ध चन्द्र सोहे भाल तुम्हारे कण्ठ विभूषित श्वेत पुष्प की माल तुम्हारे चन्दघंटा और कुष्मांडा माते दो रूप तेरे आये साधना के नौ दिन हरसाल तुम्हारे Hindi · मुक्तक 80 654 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2021 · 1 min read बह्मचारिणी माँ ज्योति स्वरूप है भव्य रूप है श्वेत वसन धारिणी माँ नमो नमो बह्मचारिणी , नमो नमो शत्रु विनाशिनी माँ दाहिने कर अक्ष माला बाये कर में कमण्डल सोहे सहज सरल... Hindi · कविता 79 871 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2021 · 1 min read शैलपुत्री जगत धारिणी तुम ही दुख हारिणी नमो नमो शैलपुत्री हिमाचल नंदिनी शैल खण्ड से जन्मी तुम कहलाओ हिमालय के घर अवतरित शैल पुत्री नंदी पर सवार शैल पुत्री विराजमान नवरात्रि... Hindi · कविता 79 3 484 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2021 · 1 min read पितर हमारे पितर चले है लौट अपने धाम आओ उनको करे हम नमन आशीष उनका रहे सदा हम पर कनागत में वे आए हमें मिलने आओ उनको नमन करे जो मान दिया... Hindi · कविता 82 1 464 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Oct 2021 · 1 min read आशाओं की पौध रोपी आशाओं की पौध रोपी निकला जिससे एक अंकुर हरा भरा हो पुष्प बना लहराता बगिया के बीच मन मेरा उपवन हो जाता पंछी बन आसमां उड़़ जाता इच्छा अनिच्छाओं में... Hindi · कविता 80 2 439 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Sep 2021 · 1 min read वीर हनुमान बालपन में हनुमान थे बहुत ही शैतान साधु संतों को सताते वो होकर जान भूल जाओ शक्तियां तुम देते श्राप संत पर बजरंगी नटखटपन का था न अन्त बालपन निगल... Hindi · कविता 80 1 733 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Sep 2021 · 1 min read स्वीकार तुमने कहा मैंने स्वीकार किया मैंने कहा तुमने स्वीकार किया बस एक मौन हाँ में हम तुम बँधे इसलिये अब तक साथ हम चले क्यों न कहा हुआ स्वीकार होता... Hindi · कविता 80 1 477 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Sep 2021 · 1 min read श्राद्ध श्राद्ध तिथि को कराओ जब ब्रह्म भोज पितर आकर ग्रहण करते है यह भोज होते पितर खुश घर में आती खुशहाली भरा पूरा परिवार रहे होती न बदहाली कल्याणकारी सुकर्म... Hindi · कविता 79 431 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2021 · 1 min read सृष्टि नियामक है शिव शक्ति सृष्टि नियामक है शिव शक्ति सृष्टि नियामक है अर्धनारीश्वर सृष्टि का विस्तार हो कैसे अब उमा महेश रूप है अर्धनारीश्वर ब्रह्मा की मानसिक सृष्टि जब पा न सकी थी विस्तार... Hindi · कविता 80 3 465 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2021 · 1 min read नित्य नियम सूरज का नित्य निकलना चाँद का गगन में दिखना कुछ कहता , कुछ समझाता है सृष्टि चक्र चलता निरन्तर मानव भी देह छोड़ता है नित्य उदय , अवसान होता है... Hindi · कविता 80 3 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2021 · 1 min read वृद्धाश्रम आजकल की दौड़ धूप भरी जिन्दगी के अलावा मौजपरस्ती भी अपने बुजुर्गों के वृद्धाश्रम में रहने का कारण है नवीन पीढ़ी नहीं चाहती कि उनके सोच , विचारों और रहन... Hindi · लेख 80 1 517 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2021 · 1 min read काका हाथरसी समाज की खामियों को पैने व्यंग्य में कसते हुए काका हाथरसी अपनी बात को मुस्कुराते हुए कह जाते है समाज और राजनीति पर व्यंग्य बाण भी चलाते है । हास्य... Hindi · लेख 80 798 Share DR.MDHU TRIVEDI 21 Sep 2021 · 1 min read महल के ख्याव भोर होने के साथ वह अपने राजमिस्त्री माँ -बाप के साथ चल देती थी । इस दौरान उसको दम घोटने वाली मलीन बस्ती की बू से छुटकारा मिल जाता था... Hindi · लघु कथा 81 1 620 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Sep 2021 · 1 min read आजादी से पूर्व आजादी के अमृत महोत्सव पर यह सोचने की आवश्यकता है कि कि हम स्वतंत्र भारत की स्वछन्द वायु में सांस ले रहे है यह आजादी यूँ ही नही मिली हजारों... Hindi · लेख 81 1 508 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी जब हिचकोले लिया करती हिन्दी जब हिचकोले लिया करती शिशु की पदचापों में थिरकती है नन्हा सा निर्दोष बोले जब ' माँ ' सुनकर माँ फूली नही समाती है अर्ध शब्द हो स्फुटित मुख... Hindi · कविता 81 1 690 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Sep 2021 · 1 min read कमल कमल क्रान्ति कमला सी. कमल कमल क्रान्ति कमला सी. मन्द मन्द मुस्कराहट फूलों सी. परी सी उतरती अम्बर से धरा लाज भी शरमाती थी लज्जा से. छुई मुई सी देह की कोमलता. छिपी थी... Hindi · कविता 81 1 572 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Sep 2021 · 1 min read गणेश चतुर्थी नमो नमो गणेभ्यो गणपति भाद्र शुक्ल चतुर्थी ले जन्म भक्तों की सुनते है करो घर स्थापना तो विघ्न सबके हरते है जब होती गणेश कृपा तो बनते है सारे काम... Hindi · कविता 81 1 461 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Sep 2021 · 1 min read खत में छिपा गुलाब खत में छिपा कर रखा गुलाब है शब्द जिस का लिखा लाजबाब है महक मुलाकात की जिसमे बसी सूँघन श्वांस संस्पर्श तेरी ही रमी चरम पर रहा प्यार जैसे हम... Hindi · कविता 80 1 424 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Sep 2021 · 1 min read साहित्य में राष्ट्रीय चेतना स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम की शुरुआत के साथ ही राष्ट्रीय चेतना के स्वर साहित्यकारों की लेखनी में मुखरित होने लगे थे । होते भी क्यों न । सामाजिक परिवेश साहित्यकार... Hindi · लेख 79 1 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Sep 2021 · 1 min read राष्ट्र बोध जिस माटी में जन्मे उसके लिए बलिदान करे । हो बात वतन की तो वतन पर अभिमान करे ।। शहीदों ने खुद को खोया कुछ हम भी खोये । कर... Hindi · मुक्तक 81 1 631 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Sep 2021 · 2 min read गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः बह्मा इसलिये है क्योंकि हर दृष्टि से तैयार कर उसका निर्माण करता है विष्णु इसलिए है क्योंकि अनेक प्रकार की बुराईयों से बचाकर उसकी रक्षा करता... Hindi · लेख 81 1 488 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Sep 2021 · 5 min read छात्रों में नैतिकता पैदा करने के लिए रामायण में दर्शाने वाले आदर्शों की भूमिका इस लेख का उद्देश्य उन तरीकों को जानना है जो छात्रों को स्वयं या दूसरों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। युवाओं, किशोरों या छात्रों में मूल्यों... Hindi · लेख 83 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read चित्त चोर ओ चित्त चोर मुरली मुझे अपनी बना ले बना वेणु अधरों से लगा ले सुन बाँसुरी गोपियाँ बेसुध गायें भी सुने हो बेसुध ऐसी मोहनि मुरली बना ले सज कटि... Hindi · कविता 81 3 717 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read मेघ मही प्रीति दिल लगा मेघ का मही से प्यार बरसा उस पर इतना बरस भिगो दिया धरा को भीगी धरा सकुचाती बादल बरसा इतना कि सराबोर करे वसुधा को बादल क्षिति की... Hindi · कविता 80 450 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Sep 2021 · 1 min read अमृता प्रीतम (साहित्यकार ) पंजाबी साहित्यकार अमृता प्रीतम की जन्म पर विद्रोही एवं बगावती तेवर , रचनाओं के पीछे छिपा आक्रोश, प्रेम और आजादी और खुद्दारी वे तत्व है जो उनके व्यक्तित्व को एक... Hindi · लेख 78 2 452 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Aug 2021 · 1 min read कहाँ पर रहते हो कहने को दिल बसते हो पर तुम कहाँ पर रहते हो सागर जैसी गहराई तुम्हार जिसमें लहरों बन मैं उठती हूँ बार बार छू कर तुमको न जाने क्यूँ मचला... Hindi · कविता 81 523 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read सोलह कला अवतारी सोलह कला अवतारी कहलाओ , जगती के संकट हारो आओ रे गोपाल आओ , धरणी को मुक्त कराओ खुल गये बन्ध कारागार के , हो गयी है आकाशवाणी पहुँचाओ नन्दराय... Hindi · गीत 81 430 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read हे मुरली मनोहर हे मुरली मनोहर मन मेरा कान्हा कर दो तन मेरा राधे रग दो हे परम अवतार कान्हा , जन्म ले जगती को पाप मुक्त कर दो बाल रूप में आ... Hindi · कविता 83 1 430 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read कान्हा लो तुम अवतार कान्हा लो तुम अवतार , धरती करे पुकार कान्हा लो तुम अवतार , जन जन भरे हुंकार बाल रूप रख तुम आओ , कालीदेह को मार भगाओ पूतना कंस जैसे... Hindi · कविता 79 2 619 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read बाल रूप कान्हा का स्वरूप तुम राधे का मूर्त रूप तुम माखन चोर ओ चित्त चोर है न शरारतों का छोर धन्य है वो माँ जो राधे की जन्मदात्री सृष्टि चक्र चलाये... Hindi · कविता 80 2 430 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read खेलती है कूदती है गजल आज खेलती है कूदती है गजल इसलिए बिंदास दिखती है गजल तन्हाई में भी दूर चली जाती गजल याद उनकी फिर से जगाती है गजल हो गयी है रात अब... Hindi · कविता 80 1 463 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read नेता जी के बोल वचन चुनावों के दौर में मचा होता अजब शोर झोंक देते है ताकत नेताजी भी बोल के बड़े बोल शुरू हो जाता है नेताओं का मधुर रिझावन माँगते है वोट गली... Hindi · कविता 78 1 491 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read शब्द शब्द ही गूँजा जब सृष्टि का उद्भव हुआ शब्द ही हँसा था जब माँ के आँचल खेला मेरे प्रथम रूदन में भी शब्द ही सिसका किलकारी बन शब्द ही मुख... Hindi · कविता 79 1 434 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read खिड़की खटर - पटर करती वो खिडकी मेरे आँगन में जो खुलती कपाट उसके दोनों आपस में मिलते -कभी विलग हो जाते जुदा हो एक दूजे से ऐसे दिखते जैसे मुँह... Hindi · कविता 78 1 479 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read नीर नयनों में नहीं लेकिन समुन्दर में उँफा विकल हो जाती है माँ देख दुर्दिनता सोच कर हालात कलेजा फट जाता आत्मा चीत्कार कर उठतीं है उसकी नयनों में शब्दों का सागर उमड़ पड़ता बढ़ता जाता धरा पर... Hindi · कविता 78 385 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read चल मुसाफिर चल मुसाफिर आगे बढ़ ले कुछ अपने मन की सुन लें कोई किनारा तुझको बुलाता कोई ठिकाना तुझको बुलाता चल मुसाफिर आगे बढ़ ले गहरा सागर विशाल अम्बर आसमां से... Hindi · कविता 80 434 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read उड़ा दो अरमानों की तितलियाँ धुंध के बादल छट जाए हौसलों को दो इतनी उडान चाहतों के बादल गरजे फिर हृदय सागर में लाओ तूफान बो कर कामेच्छा के बीजों को रोपना न भूल जाना... Hindi · कविता 80 1 441 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read समझौता पतंग सी जिन्दगी है ना जाने कहाँ जाये किस पेड़ की डाल में फँस उलझ जाये कैसे अस्तित्व को बचाए हर कोई खडा यहाँ कच्चे पक्के धागों की ले हाथों... Hindi · कविता 80 1 516 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read चला दुख -दर्द सुख शान्ति विषाद चिंता की नैया के पार नीर को चीर मैं चला जीवन की गहराइयो की चिंता न कर सागर के भँवरों मे अस्तित्व को बचा चला... Hindi · कविता 79 1 431 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read खौफ खौफ सताता है मुझे रहा उन बिजलियों का जो वक्त बे वक्त गिराता रहा जमाना और वक्त Hindi · कविता 79 1 504 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read नेह नेह भरा गाम्भीर्य करता उत्पत्ति स्पर्श की तन से तन का ना हो मेल मन से मन का जरूरी विचारों का विचारों से हो सुमेलित स्पर्श भावों का भावों से... Hindi · कविता 79 480 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read दंगा कभी दंगा होता है मंदिर के नाम पर कभी दंगा होता है मस्जिद के नाम पर दंगा नहीं होना चाहिए कभी जाति के नाम पर कभी साम्प्रदायिकता के नाम पर... Hindi · कविता 77 1 437 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read आहट शहर के कोलाहल से दूर घनी आबादी से हट के नीरवता के बीच रास्ता जो जाता है मेरे गांव की ओर गुजरता हूँ जब वहाँ से सनसनाहट की आवाज आती... Hindi · कविता 79 615 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read तबियत प्रश्न बत्तियां बुझी क्यों है चेहरे के आपकी लगता है अजीबोगरीब घटित हुआ है कुछ वरना चुप न रहते तुम चुप्पी मजबूर करती है कुछ सोचने के लिए तह में... Hindi · कविता 80 698 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read तमन्नाएँ शोले भड़कते अन्तस में लगता है जैसे चिंगारी देने को कोई तूफाँ आया है मन की भित्तियों से एक आवाज आती शायद दिल दर्पण टूट के चूर हुआ है गुलदस्ता... Hindi · कविता 79 1 411 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read मायूसी बेजुबान होते है पत्थर तराशा गया है उन्हें इस खूबी से मासूमियत का इजहार करते बच्चे जब भूखे हो दाने पानी को मोहताज मासूमियत दिल चीर देती है सत्य को... Hindi · कविता 79 1 583 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read तस्वीर टँगी है जो तस्वीर दीवार पर सालों से इस जगह उस पर धूल मिट्टी घर कर गयी है साफ कर लेती हूँ ताकि साफ-साफ देख सकूँ गोर वर्ण जो साफ... Hindi · कविता 79 1 664 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read भ्रम अच्छे होने का भ्रम तुमने है पाले रखा रखा है जो तुमने अच्छे बने हो अब तक केवल तुम लाइक कमेन्टस का प्रहसन तुम्हारे लिए स्रोत है निर्झरिणी जैसा तुमको... Hindi · कविता 80 500 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read इन्तजार इन्तजार इन्तजार ना जाने क्यूँ मुझे एक अरसे से है ढूँढा भी मैंनें तुम्हें बार बार पर ना मिली तुम मेरी चेतना कहाँ जा छिप गयी रूठ कर मुझसे अपने... Hindi · कविता 80 1 630 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2021 · 1 min read प्रिय रहना वैलेंटाइन साल के दिन जितने उतने ही फूल रखे सँभाल साल के मिनट जितने उतने ही चुम्बन रखे सँभाल हर पल साँस में बँधा तेरी तुझमें ही डूबी मैं हर क्षण... Hindi · कविता 80 1 391 Share Previous Page 3 Next