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दिल समझता नहीं दिल की बातें, - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
RAKSHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
RKASHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
गूंगी प्रजा बहरा राजा रहते मेरे देश मे !!
डी. के. निवातिया
चुप्पी
डी. के. निवातिया
हँसकर दो चार बाते क्या हुई बस फ़िदा हो लिए,
डी. के. निवातिया
रखकर कदम तुम्हारी दहलीज़ पर मेरी तकदीर बदल गई,
डी. के. निवातिया
फ़ितरत अपनी-अपनी
डी. के. निवातिया
फितरत से वाकिफ हूँ मैं हर चाल पहचानता हूँ
डी. के. निवातिया
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
जिंदगी की रफ़्तार - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
नारी उत्थान कौन करेगा.
डी. के. निवातिया
वो गौरैया,
डी. के. निवातिया
वक़्त ही तो है गुजर जाएगा
डी. के. निवातिया
गुरु चालीसा
डी. के. निवातिया
माँ की याद - आँचल की ओट नहीं मिलती
डी. के. निवातिया
मैं पतझड़ की पाती, तुम हो उपवन का फूल
डी. के. निवातिया
सिंधु उर से उठ चले
डी. के. निवातिया
वीरो को हम - शीश नवाये
डी. के. निवातिया
हाइकु - प्रकृति
डी. के. निवातिया
भगत सिंह तुम्हे फिर से आना होगा,
डी. के. निवातिया
पिता
डी. के. निवातिया
माँ क्या होती है
डी. के. निवातिया
मुझको मेरा हक दो
डी. के. निवातिया
प्रेम
डी. के. निवातिया
चाँद
डी. के. निवातिया
हर मुश्किल का हल मिलेगा,
डी. के. निवातिया
क्षणिकाएं
डी. के. निवातिया
बेटियाँ
डी. के. निवातिया
लोग समझदार हो गए,
डी. के. निवातिया
बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है
डी. के. निवातिया
चिड़िया रानी ………..बाल कविता
डी. के. निवातिया
रावण बदल के राम हो जायेंगे
डी. के. निवातिया
मातृभूमि का श्रृंगार करो
डी. के. निवातिया
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
डी. के. निवातिया
पर्यावरण पर हाइकू
डी. के. निवातिया
पर्यावरण पर हाइकू
डी. के. निवातिया
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
डी. के. निवातिया
तेरी हर ख़ुशी पहले, मेरे गम उसके बाद रहे,
डी. के. निवातिया
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है,
डी. के. निवातिया
अजनबी बनकर आये थे हम तेरे इस शहर मे,
डी. के. निवातिया