Shivkumar Bilagrami 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivkumar Bilagrami 30 Jul 2022 · 1 min read सर्वश्रेष्ठ गीत - जीवन के उस पार मिलेंगे जब हम तन में नहीं रहेंगे तब हम अगणित बार मिलेंगे जीवन के इस पार नहीं तो , जीवन के उस पार मिलेंगे जहां चिताएं जलें न जल्दी उस मरघट... Hindi 11 6 1k Share Shivkumar Bilagrami 2 Jun 2022 · 1 min read चराग़ों को जलाने से इनके धूएं से तेरे ताक़ तो काले होंगे पर , चराग़ों को जलाने से उजाले होंगे फ़िक्रे दुनिया में मिटाया है जिन्होंने ख़ुद को ऐसे लोगों के ख़यालात निराले होंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 12 432 Share Shivkumar Bilagrami 4 Jul 2022 · 1 min read सागर ही क्यों सागर में आख़िर ऐसा क्या जंतर मंतर होता है सागर ही क्यों इन बहते दरियाओं का घर होता है हद से बाहर जाने वाले दरिया जैसे बहते हैं अपनी हद... Hindi 10 5 1k Share Shivkumar Bilagrami 11 Jul 2022 · 1 min read सफ़र में रहता हूं किसी के दिल में बसा हूं न घर में रहता हूं मैं सुब्ह-ओ-शाम मुसलसल सफ़र में रहता हूं कहीं पनाह मिले तो मैं जा के छुप जाऊं मुझे है फ़िक्र... Hindi 7 9 711 Share Shivkumar Bilagrami 18 Jul 2022 · 1 min read पैसा बना दे मुझको चाहे तमाम दुनिया ऐसा बना दे मुझको दुनिया बनाने वाले पैसा बना दे मुझको सब हैं तेरे मुरादी सबको तेरा सहारा सबकी ख़ुशी हो जिसमें वैसा बना दे मुझको मुझको... Hindi 6 8 1k Share Shivkumar Bilagrami 24 May 2022 · 2 min read हम अपने मन की किस अवस्था में हैं हमारा स्थूल शरीर जन्म से मृत्यु तक 5 अवस्थाओं से गुजरता है - (1) बाल्यावस्था (2) किशोरावस्था (3) युवावस्था (4) प्रौढ़ावस्था और (5)वृद्धावस्था । ये पांचो अवस्थाएं शरीर के क्रमिक... Hindi · लेख 5 2 2k Share Shivkumar Bilagrami 13 Jul 2022 · 3 min read अच्छा मित्र कौन ? लेख - शिवकुमार बिलगरामी जीवन में मित्रों की बहुत अधिक अहमियत है। मित्र हमारा एकाकीपन बांटते हैं और अवसाद के क्षणों में हमें संबल प्रदान करते हैं । जो बातें हम अपने मित्रों के... Hindi 5 6 613 Share Shivkumar Bilagrami 17 Sep 2022 · 1 min read ज़िन्दगी रोज़ मेरी ऐसे बदलती है यहाँ ज़िन्दगी रोज़ मेरी ऐसे बदलती है यहाँ जैसे इक शाम किसी रात में ढलती है यहाँ ओढ़कर ख़ुशियाँ मेरे दर्द भी कुछ यूँ निकले जैसे दुल्हन कोई सज धज के... Hindi · ग़ज़ल 5 1 178 Share Shivkumar Bilagrami 23 Jul 2023 · 3 min read आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी कई बार हम टीवी और सोशल मीडिया पर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि सरकार की आलोचना करना हमारा अधिकार है ...और यह सच भी है कि अभिव्यक्ति... Hindi · लेख 5 6 1k Share Shivkumar Bilagrami 20 Mar 2022 · 1 min read गीत - कौन चितेरा चंचल मन से कौन चितेरा चंचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से आँक रहा है कौन पथिक है अति उत्साही पथ के जो... Hindi · गीत 4 2 711 Share Shivkumar Bilagrami 5 Jun 2022 · 2 min read धार्मिक बनाम धर्मशील धर्म को लेकर समाज में बहुत अधिक भ्रांतियां हैं। प्रबुद्ध वर्ग की धारणा है कि आधुनिक समाज में धर्म झगड़े की जड़ है। इसी के कारण समाज में दंगे फ़साद... Hindi · लेख 4 1 926 Share Shivkumar Bilagrami 16 Jun 2022 · 1 min read हमदर्द कैसे-कैसे हमदर्द कैसे कैसे हमको सता रहे हैं काँटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूँ मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर... Hindi 4 6 392 Share Shivkumar Bilagrami 6 Aug 2022 · 1 min read जय हिन्द , वन्दे मातरम् कोई भी पंथ हो अपना कोई भी हो धरम सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम् वतन पर जो हुए कुर्बान उनकी सोचिए शहीदों ने वतन पर प्राण अपने क्यों... Hindi 4 2 631 Share Shivkumar Bilagrami 23 Aug 2022 · 1 min read सबके अपने अपने मोहन भारत में हर घर वृंदावन सबके अपने-अपने मोहन कोई कहे वो कृष्ण कन्हैया कोई कहे वो रास रचैया कोई माखन चोर बतावे कोई कहे हलधर का भैया सबके अपने नामकरण... Hindi · गीत 4 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 15 Sep 2022 · 1 min read प्रेम की परिभाषा प्रेम नहीं है क्रिया सकर्मक प्रेम नहीं है क्रिया अकर्मक प्रेम नहीं है भूख प्यास सा प्रेम नहीं है क्षणिक लालसा प्रेम नहीं है बन्धन में रहना प्रेम नहीं है... Hindi · कविता 4 2 438 Share Shivkumar Bilagrami 17 Nov 2022 · 1 min read हो गए हम बे सफ़र बाप को है रंज लेकिन कह न पाया फोन पर लौट आ वापस वतन तू , ऐ मेरे लख़्ते जिगर ! दूसरों पर हर घड़ी रखते हैं जो पैनी नज़र... Hindi · ग़ज़ल 4 1 964 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2023 · 1 min read मोदी जी नेता विश्व महान हमारे मोदी जी भारत मां की शान हमारे मोदी जी भारत की उन्नति जिनका सपना है हर भारतवासी जिनका अपना है संत तपस्वी जैसा जिनका जीवन है... Hindi · कविता · गीत 4 225 Share Shivkumar Bilagrami 8 Apr 2023 · 1 min read बदनाम होने के लिए ज़िन्दगी की दौड़ में नाकाम होने के लिए लिख रहा हूं यह ग़ज़ल बदनाम होने के लिए हर किसी को चाहिए अब ज़िन्दगी आराम की हर कोई बेसब्र है गुलफ़ाम... Hindi · ग़ज़ल 4 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Apr 2023 · 1 min read बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ मेरी तो उम्र कटी लेखनी के साथ तेरी भी उम्र कटे शायरी के साथ फ़रेबियों की ज़रा बात क्या सुनी फ़रेब ख़ूब हुए ज़िन्दगी के साथ जहां में सब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 891 Share Shivkumar Bilagrami 29 Jul 2023 · 1 min read नसीहत राह चलते हुए तक़रार नहीं करने का सबसे, आ बैल मुझे मार नहीं करने का अपने परिवार को दें वक़्त उसे ख़ुश रक्खें हर घड़ी दुनिया का उद्धार नहीं करने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 14 Mar 2024 · 1 min read घर के आंगन में घर के आंगन में कहीं छोटी सी फुलवारी रख अपनी ख़ुशियों के लिए जद्दोजहद जारी रख कौन मानेगा यहां संत तपस्वी तुझको कोई न कोई चीज़ कमंडल में चमत्कारी रख... Hindi · ग़ज़ल 4 1 39 Share Shivkumar Bilagrami 18 Mar 2022 · 1 min read ज़िन्दा रहना है तो जीवन के लिए लड़ अपने घर में बड़े आंगन के लिए लड़ अपनी बस्ती में खुलापन के लिए लड़ माल प्लाज़ा की ज़रूरत तुझे क्या है फूल खिलते हुए उपवन के लिए लड़ बैठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 901 Share Shivkumar Bilagrami 22 Mar 2022 · 1 min read प्यार करते हो मुझे तुम तो यही उपहार देना प्यार करते हो मुझे तुम तो यही उपहार देना मैं तुम्हारा हो न पाऊँ , फिर भी मुझको प्यार देना तुम अगर मेरे सुहृद हो तो मुझे तुम प्यार करना... Hindi · गीत 3 1 485 Share Shivkumar Bilagrami 23 Mar 2022 · 1 min read अपनों से न गै़रों से कोई भी गिला रखना अपनों से न गै़रों से कोई भी गिला रखना आँखों को खुला रखना होठों को सिला रखना जो ज़ख्म मिला तुमको अपने ही अज़ीज़ों से क्या ख़ूब मज़ा देगा तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 213 Share Shivkumar Bilagrami 29 Mar 2022 · 1 min read कितने रूप तुम्हारे देखे गीत अन्धकार के आह्वाहन पर दौड़ लगाते तारे देखे ..... कितने रूप तुम्हारे देखे क्षिप्त चित्त की तमस भूमि पर एकाग्र चित्त का सम्मेलन उत्कर्ष हृदय के वेगों पर अधिकार... Hindi · गीत 3 1 538 Share Shivkumar Bilagrami 5 Apr 2022 · 1 min read आंख ऊपर न उठी... आँख ऊपर न उठी लाख उठाई मैंने रस्मे-फुर्क़त बड़ी मुश्किल से निभाई मैंने उसके जाने का अलम कैसे बताऊँ तुमको जैसे इस जिस्म से हो जान गँवाई मैंने उसकी तस्वीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 406 Share Shivkumar Bilagrami 24 May 2022 · 2 min read भक्त और अंधभक्त कई बार निरर्थक शब्द भी बहुतायत में उपयोग के कारण समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाते हैं । इसके विपरीत अत्यधिक अर्थवान शब्द भी अपने अनुपयोग /दुरुपयोग के कारण अपनी... Hindi · लेख 3 2 982 Share Shivkumar Bilagrami 26 Jun 2022 · 1 min read पहले ग़ज़ल हमारी सुन पहले ग़ज़ल हमारी सुन बाद में ग़ज़लें सारी सुन चढ़ , पर्बत की चोटी पर मन की पंख पसारी सुन हर मन्तर से बढ़कर है मां की नज़र उतारी सुन... Hindi 3 437 Share Shivkumar Bilagrami 24 Jul 2022 · 1 min read जितनी बार निहारा उसको जितनी बार निहारा उसको उतनी बार नशे में डूबा उसकी आंखें उसके जैसी उसका चेहरा उसके जैसा उसका जलवा अजब निराला कहीं न देखा हमने वैसा जिसको देखे घायल कर... Hindi 3 2 281 Share Shivkumar Bilagrami 4 Aug 2022 · 1 min read युद्ध के उन्माद में है न जाने कौन सा आनन्द इस अतिवाद में है जिसे देखो वही अब युद्ध के उन्माद में है कभी भी युद्ध से होती नहीं है हल समस्या समर्थक युद्ध का... Hindi 3 2 308 Share Shivkumar Bilagrami 19 Aug 2022 · 1 min read कान्हा तोरी याद सताए सांझ ढले तो मन अकुलाये कान्हा तोरी याद सताये कान्हा तोरी भोली सुरतिया इन नैनन को ऐसे भाये जैसे सुर का साधक कोई साज़ देखि के जी ललचाये आ जा... Hindi 3 305 Share Shivkumar Bilagrami 23 Aug 2022 · 1 min read ताज़गी आप का अपना अगर कोई नहीं है तो किसी के आप ही ख़ुद हो के देखो सुब्ह उठकर ताज़गी महसूस होगी रात में सोने से पहले रो के देखो -... Hindi · शेर 3 1 217 Share Shivkumar Bilagrami 27 Sep 2022 · 1 min read यह नज़र का खेल है यह नज़र का खेल है आँखें उठाकर देखिए डालकर आँखों में आँखें मुस्कुराकर देखिए इक तिलिस्मी ख़्वाब जो आँखों में मेरी क़ैद है दूर से दिखता नहीं वो पास आकर... Hindi · ग़ज़ल 3 190 Share Shivkumar Bilagrami 27 Sep 2022 · 2 min read दोष दृष्टि क्या है ? दोष दृष्टि का तात्पर्य है किसी व्यक्ति , वस्तु या स्थान में दोष देखने की आदत । दोष दृष्टि एक तरह की बीमारी है। यह दृष्टि दोष से अलग है।... Hindi · लेख 3 429 Share Shivkumar Bilagrami 8 Nov 2022 · 1 min read परिन्दे धुआं से डरते हैं वो जो लंबी उड़ान भरते हैं वो ज़मीं पर कहां ठहरते हैं जो समझते हैं आग की ताक़त वो परिन्दे धुआं से डरते हैं सोचकर फूल तोड़ना इनके पेड़ पौधे... Hindi · ग़ज़ल 3 185 Share Shivkumar Bilagrami 17 Dec 2022 · 3 min read Music and Poetry Excerpts of an interview with Shivkumar Bilagrami , a well known poet of modern times. Interview was taken by a student of music from Delhi University on " Music and... English · Essay 3 200 Share Shivkumar Bilagrami 2 Feb 2023 · 1 min read ज़रूरी था कंटीली थी मगर उस रा'ह पे चलना भी ज़रूरी था औ'र इन पांवों से कांटों का निकलना भी ज़रूरी था ज़रूरी था कि काली रात के साये सिमट जाते मगर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 894 Share Shivkumar Bilagrami 6 Feb 2023 · 1 min read शुकराना मुझे ताउम्र तिल तिल कर जलाया आप ने शरर था मैं मुझे शोला बनाया आप ने ज़रूरत थी नहीं इसकी मगर ऐसा हुआ कभी इस दर कभी उस दर नचाया... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 11 Feb 2023 · 4 min read शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र न तो अक्स हूं न वजूद हूं मैं तो जश्न हूं किसी रूह का मुझे आईनों में न देख तू मुझे ख़ुशबुओं में तलाश कर ********************************** कई बरसों से तेरा... Hindi · शेर 3 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 4 Mar 2023 · 1 min read पहले आप हमारी मुश्किलें आधी तो यूँ ही ख़त्म हो जायें अगर हम लोग 'पहलेआप' की तहज़ीब अपनायें सलीक़े से करें हर बात अपने हर मुख़ातब से किसी की भावनाओं को कभी... Hindi · ग़ज़ल 3 1 179 Share Shivkumar Bilagrami 11 Mar 2023 · 4 min read तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई तक्षशिला विश्वविद्यालय को विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय कहा जाता है । इसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व हुई थी । वर्तमान में तक्षशिला पाकिस्तान... Hindi · लेख 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 21 Mar 2023 · 1 min read बुलेटप्रूफ गाड़ी बुलेटप्रूफ गाड़ी में बन्दूक धारी बड़ी शानो-शौकत से निकली सवारी बड़ी देर तक रोक रक्खा सड़क पर कहां जाये आखिर ये पब्लिक बेचारी ये गाड़ी ये कोठी ये शोहरत ये... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 26 Mar 2023 · 1 min read हे प्रभू ! कैसे -कैसे कलयुगी हैं इस धरा पर हे प्रभू ! किस तरह ख़ुद को रखूँ इनसे बचाकर हे प्रभू ! सच न देखें ,सच न बोलें,सच श्रवण से भी बचें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 670 Share Shivkumar Bilagrami 5 Apr 2023 · 1 min read हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग वक़्त की अंगड़ाइयों से लड़ रहे हैं लोग हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग आंख में आंसू हैं दिल में है कोई अपना प्रेम की गहराइयों से लड़... Hindi · ग़ज़ल 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Jun 2023 · 1 min read लहू जिगर से बहा फिर लहू जिगर से बहा फिर किसी की यादों का इन्हें बुझा दो अभी काम क्या चराग़ों का सज़ा-ए-हिज्र से बढ़कर सज़ा नहीं कोई मुझे पता तो चले कुछ मेरे गुनाहों... Hindi · ग़ज़ल 3 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 28 Sep 2023 · 1 min read बात जो दिल में है बात जो दिल में है तुमको वो बतायें कैसे दिल की सरहद से ज़बाँ तक उसे लायें कैसे एक तस्वीर जो इस दिल ने छुपा रक्खी है चीर कर दिल... Hindi · ग़ज़ल 3 411 Share Shivkumar Bilagrami 9 Aug 2021 · 1 min read आख़िर कब तक , कब तक आख़िर सिसक सिसक कर रात बिताना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबसे अपना दर्द छुपाना आख़िर कब तक कब तक आख़िर सबके खातिर जीना लेकिन अपनी कोई फ़िक्र न करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 269 Share Shivkumar Bilagrami 13 Aug 2021 · 1 min read कैसे गीत लिखूं मैं उन पर कैसे गीत लिखूं मैं उन पर , जिन अधरों ने रक्त पिया है गीतों के हक़दार वही हैं , जिन अधरों ने प्रेम दिया है ख़ुद को श्रेष्ठ बताने वाले... Hindi · गीत 2 232 Share Shivkumar Bilagrami 28 Aug 2021 · 1 min read अख़बार सुब्ह जब अख़बार आता है तो डर जाता हूं मैं क़त्ल की ख़बरों को पढ़कर रोज़ मर जाता हूं मैं व्हाट्सअप पर जुल्म के हैं कैसे-कैसे वीडियो वीडियो को देख,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 195 Share Shivkumar Bilagrami 30 Sep 2021 · 1 min read शैतान भी है मरने को तैयार हूं लेकिन जीने का अरमान भी है मुझसे पंगा ठीक नहीं है मुझ में इक शैतान भी है मेरी आंखें पढ़ने वाले फिर से इनको पढ़कर देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 247 Share Page 1 Next