Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 20 Next Shyam Sundar Subramanian 6 Mar 2020 · 1 min read हमऩवा ज़िंदगी के सफ़र मे अकेले थे हम । जब तुम मिले तो हमऩवा मिल गया। राह मुश्किल थी सफ़र मे आसान हो गई । तुम बने हमसफ़र तो क़ुदरत भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 253 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2020 · 15 min read हिंदुस्तानियों की समस्या : हिंदी और उर्दू हिंदुस्तानियों की समस्या: हिंदी और उर्दू श्री साकिब सलीम द्वारा Heritage times में प्रकाशित अंग्रेजी लेख दिनांक 4 मार्च 2020 का हिंदी अनुवाद (1942 में इलाहाबाद में प्रख्यात इतिहासकार तारा... Hindi · लेख 5 829 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Mar 2020 · 1 min read चन्द तंज़ आजकल हसीनाएं कुछ ज्यादा अक्लमंद हो गई है उन्हें सब आश़िक अक्ल़ से बीमार नज़र आते हैं। वो देख कर भी अनदेखा कर जाते हैं शायद उन्होंने मुझसे ज्यादा दौलत... Hindi · मुक्तक 3 420 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Mar 2020 · 1 min read खौफ़ कल रात जब में वापस घर को लौट रहा था। तब मुझे लगा कि कोई मेरा पीछा कर रहा है। मुड़ कर देखा तो एक साया नजर आया। मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 556 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Feb 2020 · 1 min read ख़ौफ के सन्नाटे लगता है चारों ओर खौफ़ के सन्नाटे छाए हुए हैं । इंसान वहशी दरिंदे बने म़ौत के साए हैं । चारों ओर आग ही आग फैली हुई हर शै को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 237 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Feb 2020 · 1 min read अंतहीन प्रश्न जीवन एक अंतहीन प्रश्न की भांति आकांक्षा और अभिलाषा को समेटे हुए । आशाओं और निराशाओं के पलों को समाहित किए हुए । व्यथाओं और कुंठाओं से युक्त क्षणों को... Hindi · कविता 4 8 340 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Feb 2020 · 1 min read च़न्द अल्फ़ाज़ सोचता हूं क्या भूल गया जो अब तक याद था मुझको। शायद तेरी चाहत में खुद को भी भूल गया हूं। इल्म़ की दौलत कभी लुटती नहीं। जितना भी बांँटो... Hindi · मुक्तक 2 466 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Feb 2020 · 1 min read च़न्द श़ेर इज्जत वो श़फ्फ़ाक चादर है जिसमें लगे हुए दाग़ ताउम़्र नहीं मिटते। अपनी खुदगर्ज़ी में इतना ना गिर जाओ कि खुद से श़र्मिंदा हो जाओ । मोहब्ब़त एक इब़ादत है... Hindi · मुक्तक 2 235 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Feb 2020 · 1 min read यक़ीन जिंदगी क़शम़क़श में गुज़ारता रहा हाल़ातों से समझौता करता रहा। शब़े ग़म गुज़ार दी मस़र्रत की स़हर के इंतज़ार में। जो मय़स्सर था उसे पा कर तस़ल्ली कर ली नस़ीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 446 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Feb 2020 · 1 min read तेरे शहर में कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में। हर शख़्स हुआ है ब़दग़ुमा तेरे शहर में । इंसा बन गए हैं फ़िरकाप़रस्तों की कठपुतलियाँ तेरे शहर में। नाचते उनके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 401 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Feb 2020 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है । इसमें रहते प्रेमी मगन हैं। यह हृदय से हृदय का स्पंदन है। यह बुझाए ना बुझे वह अगन है । यह एक सतत चिंतन है... Hindi · कविता 3 2 514 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2020 · 1 min read आज का दौऱे इश्क़ जब हमने की उनसे व़ादे वफ़ा की बातें उन्होंने कहा किस ज़माने की बात करते हो। जब हमने कहा उनसे साथ निभाने को तो बोले क्यों बेकार की बातें करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 8 292 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2020 · 1 min read चन्द उद् गार इंसानिय़त के माय़ने मुझे अब समझ आने लगे हैं। जब जब मुझे अपनों ने गिराया तब तब गैरों नें बढ़कर मुझे थाम लिया। अपनी ज़िंदगी खुश़हाल बनाने का फ़न तो... Hindi · मुक्तक 3 2 465 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Feb 2020 · 1 min read इज़हारे अन्दाज़ व़हम एक नास़ूर है जिसका कोई इलाज नहीं होता । ये ज़ेहन में पलता है और द़िल तक को बीमार कर देता है। इश्क़ की च़ाहत में मैंने क्या क्या... Hindi · मुक्तक 1 2 355 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Feb 2020 · 1 min read मजबूर ज़िंदगी ज़िंदगी ने किस मोड़ पर लाकर मुझको छोड़ा है । चारों तरफ से जुल्म औ तश़्द्दुत ने मुझे घेरा है । गैरों से क्या अपनों से मैंने फ़रेब खाए हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 276 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Feb 2020 · 1 min read चन्द अल्फ़ाज़ नेक़ी और ब़दी में बस फर्क यही है । एक दिल की उपज है तो दूसरी दिमाग़ की पैदावार है । उनके हुस्न ए मुजस्सिम़ का अस़र इस क़दर है... Hindi · मुक्तक 3 4 514 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Feb 2020 · 1 min read इंसानिय़त का आग़ाज़ व़क्त बदलते ही हाल़ात बदलते हैं । हाल़ात बदलते हैं माहौल़ बदलते हैं। माहौल़ बदलते ही ए़हसास बदलते हैं । ए़हसास बदलते ही जज़्बात बदलते हैं। जज़्बात बदलते ही रिश़्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 255 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Jan 2020 · 2 min read सच क्या है ? सच क्या है ? क्या अभावों ने हमको घेरा है ? या हमारे चारों तरफ अभावों का घेरा बना दिया है? क्या ये खाकी वर्दी पहने यह हमारे रक्षक है... Hindi · कविता 5 2 265 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2020 · 1 min read कामय़ाबी वह जो खुद महफ़िलों की श़ान था। पर अंदर ही अंदर कुछ परेशान था। दौल़त श़ोहरत इज़्जत सब उसने कमाई। पर इस तरह ज़िंदगी उसको रास़ ना आई। इस द़ौर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 350 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2020 · 4 min read बाल श्रम जिसकी अभी खेलने खाने की उम्र है उसे पेट की खातिर श्रमिक बनने के लिए मजबूर होना पड़े तो उस बचपन की मनःस्थिति का अंदाज लगाना बहुत ही मुश्किल है।... Hindi · लेख 2 8 606 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2020 · 1 min read पाषाण प्राण प्रतिष्ठा तुम जिसे पाषाण कहते हो। अपने तर्कों से जिसका अपमान करते हो । तुम्हें क्या पता वेद मंत्रों की शक्ति का जो इस पाषाण में भी प्राण फूंक देती है।... Hindi · कविता 3 2 299 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Jan 2020 · 2 min read व्यक्तिगत सोच कभी-कभी हम किसी व्यक्ति विशेष के लिए एक धारणा बना लेते हैं जो गलत सिद्ध होती है। इसका मुख्य कारण हमारी सोच में उसके प्रति बिना किसी विश्लेषण के धारणा... Hindi · लेख 2 599 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Jan 2020 · 1 min read उसके आ जाने से उसके आ जाने से फ़िज़ा में बहार आ जाती है। गम़ग़ीन लम़्हों में मस़र्रत सी छा जाती है। अब तक जो ब़ेचैन था जो मेरा दिल । उसमें सुक़ून का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jan 2020 · 1 min read चन्द अल्फ़ाज़ हमें जिन से ऱहम की उम्मीद थी उन्हीं ने सरे म़हफिल हमारी बेचाऱगी का मज़ाक बना डाला। उन दग़ाबाज दोस्तों से दुश्मन बेहतर है जो श़िद्दत से अपनी दुश्मनी तो... Hindi · मुक्तक 3 9 460 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Jan 2020 · 4 min read सामाजिक हिंसा मनुष्य ने इस पृथ्वी पर जब से जन्म लिया है। तब से उसमें प्राथमिक रूप से दो गुण विद्यमान रहे हैं । एक राक्षसी गुण और दूसरा दैवीय गुण ।... Hindi · लेख 3 299 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jan 2020 · 6 min read मेरी जीवन यात्रा जीवन में प्रथम पदार्पण पर मेरी दुनिया थी मेरी मां की गोद और उसका आंचल । शैशवावस्था में उसने मुझे हाथ पकड़कर चलना सिखाया प्रकृति का दर्शन एवं उसे अनुभव... Hindi · लेख 4 10 331 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jan 2020 · 1 min read जज़्बा- ए- बग़ावत वो दिल के किसी कोने में छुपा बैठा है । जो हमेशा दस्त़क देता रहता है । और दबी ज़ुबान में कहता रहता है । जगाओ मुझे कब तक तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 602 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Jan 2020 · 1 min read मय़कश़ी दोस्तों के संग मिल बैठकर वो जब पीने बैठे तो दो घूंट चढ़ाकर बोले वैसे तो मैं पीता नहीं बस दोस्तों का मन रखने के लिए थोड़ी सी चख़ लेता... Hindi · कविता 1 202 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jan 2020 · 1 min read ज़हर न जाने क्यों हम इस शहर में अजनबी से हो गए हैं। कल तक जो थे अपने क्यों पराए से लगने लगे हैं। क्यों ग़ुमसुम़ सी है वो मस़र्रत की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 253 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Jan 2020 · 1 min read स़िला इस खुदग़र्ज़ जहाँ में हम़द़र्द तलाश़ ना कर। दिल के ज़ख्म तेरी अम़ानत है दिखाया ना कर । ब़ेद़र्द है यह ज़माना करेगा रुस़वा सरे़ बाज़ार तुझे । फिर न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 299 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Jan 2020 · 1 min read मुस्कुराहटें अपने आप में कुछ मर्म को समेटे हुये। या अपनी मूक सहमति प्रकट करते हुए। या कुछ निर्विकार निरापद सा भाव लिए हुए। या कुछ प्रसन्नता का भाव प्रदर्शित करते... Hindi · कविता 691 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Dec 2019 · 1 min read नववर्ष अभिनंदन् आइए करें अभिनंदन् नववर्ष का। द्वेष क्लेष व्याप्त संताप समाप्त हो । करें कामना उदगम् हो नवजीवन । खुशियों के प्रपात मिलेंं। हों कृतसंकल्प प्रकृति संरक्षण में । उदित करें... Hindi · कविता 1 424 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Dec 2019 · 6 min read आहत ये उन दिनों की बात है जब मेरे सामने वाले फ्लेट में एक बुजुर्ग शर्मा दंपति रहते रहते थे। वह नियम पूर्वक रोज सवेरे उठकर सैर पर जाते और नियमानुसार... Hindi · लघु कथा 3 550 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Dec 2019 · 1 min read साऩेहा लगता है क्यों हर शख़्स अपने ही ख्या़लों में ग़ुमसुम सा ख़ोया ख़ोया है। शायद कल रात उसने कोई खौफ़नाक ख्वाब देखा है जिस की ताबीर जानकर अकेले में रोया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 438 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर ये मेरी नजरों का धोखा है या दिल का कुस़ूर है । जो उनकी बेवफाई पर भी दिल उन्हें बेवफ़ा नहीं मानता । उनके लुटने का तमाशा हम देखते रहे... Hindi · मुक्तक 2 2 251 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2019 · 1 min read हिम्म़त और म़ेहनत खोजता क्या है अपने हाथों की लकीरों में मुक़द्दर। वो तो बदलेगा जब होगी तुझमें जुऩूने मश़क्कत । वक्त से पहले कुछ भी मय़स्सर नहीं होता । ग़र लाख कोशिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 252 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Dec 2019 · 2 min read अहम् उस दिन मै खिन्न मन से घर से निकला। मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। क्योंकि लोग मेरी बात मान नहीं रहे थे । और अपनी अपनी मर्जी की... Hindi · लेख 2 407 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर जब से हम उनके हमद़र्द बन गए। अपने सारे द़र्द हम भूल गए । तिश़नगी ए इश़्क बुझाए नहीं बुझती। लाख कोश़िश करो छुपाए नहीं छुपती। उल्फ़त जिनसे हो गई... Hindi · मुक्तक 1 288 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Dec 2019 · 1 min read चन्द मुक्तक युवा आज का युवा दिशाहीन, दिग्भ्रमित, त्रिशंकु की तरह. लटका हुआ । शिक्षक आज का शिक्षक जैसे साँपों के बीच तक्षक । नेता आज का नेता जिसकी अभिनय क्षमता पर... Hindi · मुक्तक 2 2 237 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Dec 2019 · 1 min read चन्द श़ेर मय़खाने में बैठे वो ग़म को ग़लत कर रहे थे । होश़ में जब आए तो पाया खुद ग़लत हो रहे थे । दौलत और श़ोहरत ज़िंदगी भर कमाई जब... Hindi · मुक्तक 1 203 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2019 · 2 min read युगपुरुष उसको देखा है मैंने रात के अंधेरे में टिमटिमाते दीए की रोशनी की तरह । उसको देखा है मैंने किसी खत्म न होती कहानी की तरह । उसको देखा है... Hindi · कविता 2 7 938 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Dec 2019 · 1 min read इंसांं वक्त के साथ बदल जाते हैं इंसांं । जाना पहचाना सा अब लगता है अजनबी इंसांं । जो कभी खिलता था फूलों की मानिंद अब तो मुरझाया सा लगता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 499 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read ब़दनस़ीबी कहते हैं इऱादे बुलंद हो और मश़क्क़त का जज़्बा ए जुनूऩ हो तो मंज़िल हास़िल होती है । पर तकदीर साथ न दें तो तदब़ीर से खड़े किए महल भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 233 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read स़फर जिंदगी के स़फर में हम बढ़ते रहे । जब तब मिली अपनों से मिलन की खुशियांँ। तो कभी अपनी च़ाहत को खोने का ग़म । कभी व़क्त की कऱवट से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read आश़िकी क्या पहली नज़र में प्यार हो जाता है । जुबाँ गुमसुम रहती है नजरों से इज़हार हो जाता है। दिल से दिल की राह बनती है । ए़हसास ए इक़रार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read अनंत यात्रा एक पथिक चला जा रहा निर्बाध अपने गंतव्य की ओर । समय के थपेड़ों की मार सहते हुए क्लान्त चेहरा असमय झुर्रियों को वहन किए हुए । आशा की... Hindi · कविता 1 2 292 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read समझौता दिल से टूटे दिल ने अब अरमानों के गुलशन बनाना छोड़ दिया । सच के आईने में झूठ को सँवारना छोड़ दिया । प्यार की रुस़वाई जब से हुई ज़माने में जज़्ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Dec 2019 · 1 min read टूटा हुआ द़िल जब दिल ही टूट गया तो द़र्दे द़िल की आवाज निकलेगी कैसे ? प्यार का दामन छूट गया है तो इश्क की मंजिल मिलेगी कैसे ? अब भटकता है मन,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 220 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2019 · 2 min read सच और झूठ हम जो कुछ सुनते हैं और जो कुछ देखते हैं वह हमेशा सच नहीं होता ।क्योंकि आजकल झूठ को भी सच की तरह बनाकर पेश कर दिया जाता है। और... Hindi · लेख 1 482 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Dec 2019 · 1 min read ग़ुमसुम़ अब वो चुप रहते हैं कुछ कहते नहीं। हम बोलते हैं तो भी वो सुनते नहीं। समझ ना पाऊं कल तक जो चहकते रहते। क्या है उनके ग़ुमसुम़ से रहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share Previous Page 20 Next