Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 20 Next Minal Aggarwal 30 May 2021 · 2 min read आखिरी गीत प्रेम का मेरा प्रथम और आखिरी गीत प्रेम का तुम ही हो मेरे प्रभु और इस संसार का हर प्राणी और इंसान भी जिसमें तुम बसते हो तुम कण कण में विराजमान... Hindi · कविता 1 1 376 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read सभी चरित्र काल्पनिक हैं सभी चरित्र काल्पनिक हैं यह भगवान के द्वारा रची मनुष्य की कल्पनाओं से सजी ही तो एक जीती जागती दुनिया है किसी पत्थर की मूरत में जैसे जान फूंक दी... Hindi · कविता 1 1 996 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read एक तमन्ना जीने की एक दीये की एक तमन्ना जलने की दीये की बाती की चाहत तेल के तरल पदार्थ में भर भर भीग जाने की उसे खुद में सोखते रहने की उसमें डूबे... Hindi · कविता 1 1 324 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read सुबह फिर आएगी सुबह के बाद शाम शाम के बाद रात रात के बाद सुबह होती है सवेरा होता है यह समय का पहिया मृत्युपर्यन्त तक किसी भी मनुष्य या प्राणी के लिए... Hindi · कविता 1 283 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read यादों का कारवाँ फूलों की एक बहार सा यादों का कारवाँ चल रहा संग मेरे दिन रात सुबह शाम एक यादों की सौगात सा मेरे साये सा मेरी परछाई सा मेरे सिर पर... Hindi · कविता 1 320 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read कहीं किसी रोज़ कहीं किसी रोज़ बस ऐसा हो जाये मेरे अपने मेरे टूटे हुए दिल के बिखरे सपने मेरे मां बाप मेरे से जुड़े मेरे सब प्रियजन मुझे किसी राह के एक... Hindi · कविता 816 Share Minal Aggarwal 30 May 2021 · 1 min read वज्रपात मैं सोच रही थी कि मौसम सुहावना रहेगा रिमझिम बारिश होगी हवाओं में ठंडक रहेगी लेकिन मेरी सोच के सब विपरीत हुआ धूप, गर्मी और उमस ने हाल बेहाल कर... Hindi · कविता 2 511 Share Minal Aggarwal 29 May 2021 · 1 min read मेरी ख्वाहिश मेरी तो ख्वाहिश थी कि दर्पण में मेरी छवि मुझे पहली सी ही दिखे अब बदली बदली दिखती है मेरी ही तस्वीर की शक्ल तो मैं क्या करूं थोड़ा सा... Hindi · कविता 1 386 Share Minal Aggarwal 28 May 2021 · 1 min read एक बाग का मुर्झाया फूल मैं सबकी फिक्र करूं मेरी कोई करे नहीं मैं सबको प्यार करूं मुझे कोई करे नहीं मैं उपहार में फूल भेजूं मुझे हार मिले कांटों का गालियों की बौछार हो... Hindi · कविता 301 Share Minal Aggarwal 27 May 2021 · 1 min read पूर्णिमा की रात का पूर्ण चांद चांद के न जाने कितने रंग हैं आकार हैं और रूप हैं लेकिन मुझे तो सबसे ज्यादा पसंद है लुभाता है मेरे दिल में उतर जाता है उसका पीला सुनहरी... Hindi · कविता 3 2 541 Share Minal Aggarwal 26 May 2021 · 1 min read मैं कोई ताश का पत्ता नहीं मैं कोई ताश का पत्ता नहीं जो तुम उसे एक खेल समझो और जब चाहा उनसे खेलते रहो उन्हें अपने हाथों में लेकर जब तक तुम्हारा मन न भर जाये... Hindi · कविता 2 2 506 Share Minal Aggarwal 25 May 2021 · 1 min read जिद जितना दूर जाओ उतना वह और पास आते हैं कुछ लोग दिल से नहीं अपनी जिद के चलते रिश्ते निभाते हैं फिर जिद करना तो मुझे भी आता है अब... Hindi · कविता 347 Share Minal Aggarwal 24 May 2021 · 1 min read मेरे मां बाप मेरे मां बाप मेरी बगिया के दो फूल मेरे आसमान के सूरज मेरे दिल के धरातल पर उतरता रात का चांद मेरे गले में पड़ी एक माला माला में जड़े... Hindi · कविता 1 1 469 Share Minal Aggarwal 23 May 2021 · 1 min read रिश्तों के झूले में घर वालों के बिना कोई जिन्दगी नहीं पर यह घर घर सा भी तो नहीं एक तरफा मोहब्बत एक तरफा रिश्ता निभाते निभाते अब कोफ्त सी होने लगी है घर... Hindi · कविता 445 Share Minal Aggarwal 22 May 2021 · 1 min read भगवान की लीला इस पल जीवन अगले पल मौत यह क्या खेल है है यह क्या दुविधा है यह भगवान की कैसी लीला किसने खींची थी इसकी किस्मत की लकीर ऐसी किस महाज्ञानी... Hindi · कविता 1 1 434 Share Minal Aggarwal 21 May 2021 · 1 min read रिश्तों के भंवर रिश्तों के भंवर में उलझने से बेहतर है कि इसके किनारे किनारे चलें आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ते हुए इसकी गहराई में बिल्कुल भी न उतरें रिश्तो में इजाफा करते रहने... Hindi · कविता 611 Share Minal Aggarwal 20 May 2021 · 1 min read दिल टूटा है दिल टूटा है क्यों टूटा है उसे यह वजह बताना मेरी आदत है टूटे हुए दिल को न जोड़ना और तोड़ना तब तक तोड़ना जब तक वह चूरा चूरा होकर... Hindi · कविता 1 2 387 Share Minal Aggarwal 19 May 2021 · 1 min read इसे प्यार नहीं कहते किसी की मौत पर दो आंसू बहा भी दिये तो इसे प्यार नहीं कहते जिन्दगी भर किसी को न पूछा और औपचारिकतावश कभी कभार किसी सुख या फिर दुख के... Hindi · कविता 1 341 Share Minal Aggarwal 18 May 2021 · 1 min read यादों के फूल दिल है धड़कता है इसमें भरा प्यार का सागर है यह तो ऐसी गागर है तो छलकाती रहती प्यार की अनगिनत बूंदों को प्यार पर चलता न किसी का जोर... Hindi · कविता 1 1 311 Share Minal Aggarwal 17 May 2021 · 1 min read कंचे का घर यह कंचे का एक घर है और उसमें कैद मैं एक आग का गोला जला देती मैं इसे न जाने कभी का लेकिन खामोश हो चुपचाप मुंह पर अंगुली रखकर... Hindi · कविता 553 Share Minal Aggarwal 16 May 2021 · 2 min read बरसात न हो कोई बंद कमरा हो तो उसमें हो कोई खिड़की खोल लो उसे उससे अच्छा है खुले में बाहर निकल आओ बरामदे में या गैलरी में कोई कुर्सी भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 6 419 Share Minal Aggarwal 16 May 2021 · 1 min read दिल से दिल की राह एक घुप अंधेरी रात में आसमान का चांद सितारे को रोशनी देता है या सितारों का हुजूम चांद में रोशनी भरता है पर अपने अपने घरों में सुशोभित दूर दूर... Hindi · कविता 508 Share Minal Aggarwal 15 May 2021 · 1 min read मौत के झूले में अरे खींच लो इसे बचा लो इसे चलती रेलगाड़ी से कूद रहा है कुछ तो मदद करो सम्भालो इसे फिर भी वह तो कूद गया मौत के झूले में झूल... Hindi · कविता 337 Share Minal Aggarwal 14 May 2021 · 1 min read मौत का काफिला यह तो मौत का काफिला है जो थम ही नहीं रहा बढ़ता जा रहा है कोई जिन्दा बचेगा या नहीं अब तो यह सवाल है जो जिन्दा रह भी गये... Hindi · कविता 1 2 861 Share Minal Aggarwal 13 May 2021 · 1 min read इस अंधे युग में खुद का नहीं पता अपने घर वालों का पता नहीं पता यह कैसा वक्त का दौर है जमाने की अंधी दौड़ है खुद जिन्दा हैं सांस ले रहे घर में... Hindi · कविता 1 387 Share Minal Aggarwal 12 May 2021 · 1 min read यह रिश्ता यह रिश्ता समुन्दर सा गहरा नहीं किसी भी दरार सा खोखला है पानी में इतना गहरा उतरने पर भी मुझे न कोई सीप न ही कोई मोती मिला यह बिना... Hindi · कविता 1 529 Share Minal Aggarwal 11 May 2021 · 1 min read मेरे घर का दरवाजा लोग खटखटाते रहते हैं अक्सर ही दरवाजा मेरे घर का मैं तो किसी के घर नहीं जाती मेरे ही घर आकर फिर मुझे मेरे घर से बाहर निकाल देते हैं... Hindi · कविता 401 Share Minal Aggarwal 6 Apr 2021 · 1 min read गीत मैं लिखूं कोई तो गीत मैं लिखूं कोई तो मैं गाऊं तुम सुन लो सांझ में घर की देहरी पर मैं कोई दीप जलाऊं तुम मेहमान से न आकर ईश्वर के एक सौम्य रूप... Hindi · कविता 1 310 Share Minal Aggarwal 5 Apr 2021 · 1 min read किसी के लब से मैं न चूमा गया मैं एक फूल पेड़ की टहनी से तोड़ा गया गुलदस्ते में सजाया गया फिर वहां से तोड़ा गया गुलदस्ते के पास ही बिछी जमीन पर फिर गिराया गया पैरों तले... Hindi · कविता 1 1 565 Share Minal Aggarwal 4 Apr 2021 · 1 min read प्रकृति का नियम यूं तो रहते हैं फूल और कांटे एक साथ यह प्रकृति का नियम है लेकिन मेरा दिल फूल से भी ज्यादा कोमल है और आत्मा कांच की देह से भी... Hindi · कविता 1 404 Share Minal Aggarwal 3 Apr 2021 · 1 min read पत्तों की कहानी पत्ते हवा में उड़ रहे हैं कभी परिंदों से तो कभी तितलियों से लग रहे हैं हवाओं के कानों में अपनी कहानी कह रहे हैं हवा कुछ सुन नहीं रही... Hindi · कविता 388 Share Minal Aggarwal 2 Apr 2021 · 1 min read दर्द के दरिया में तुम और मैं हम दोनों हम सब एक ही हैं तुम्हारी खुशी का अहसास है मुझे तुम्हारे दर्द से गुजरने का आभास है मुझे सूरज की आग में कोई कुछ... Hindi · कविता 1 302 Share Minal Aggarwal 1 Apr 2021 · 1 min read मकड़ी के जाले सी तन्हाई फूलों के घर से बाहर निकाल फेंका उस मकड़ी के जाले सी तन्हाई को फिर भी आबाद न हुए यह दिल गली गली भटके तन्हा तन्हा रोये इस कदर यह... Hindi · कविता 1 352 Share Minal Aggarwal 31 Mar 2021 · 1 min read आसमान के बादल तक देखो मैं तो आसमान के बादल तक पहुंच गई तुम पीछे पीछे चल रहे थे अपनी धुन में थी पीछे मुड़कर जो न देखा तुम तो कुछ ज्यादा ही पीछे... Hindi · कविता 1 331 Share Minal Aggarwal 30 Mar 2021 · 1 min read एक फूल सा उगाकर फूलों की सुंदरता दूर से निहारते इन्हें तोड़ने की मसलने की कुचलने की जरूरत क्या थी कभी जो कुछ ऐसा दूसरों के साथ करो उसे खुद पर भी घटा कर... Hindi · कविता 259 Share Minal Aggarwal 29 Mar 2021 · 1 min read हरियाली हरियाली आंखों में भर जाये दिल में उतर जाये तो मन को कुछ शांति मिले जीवन में यह कुछ ताजगी भरे मन में फूलों की बयार सी कोई रागिनी चले... Hindi · कविता 1 232 Share Minal Aggarwal 28 Mar 2021 · 1 min read जीने का मकसद किताबों के बीच घिरी बैठी हूं पर ज्ञान एक अक्षर का नहीं यूं ही पन्ने पलटती रहती हूं उन पर लिखा क्या है उससे मुझे कोई सरोकार नहीं न मैंने... Hindi · कविता 1 2 487 Share Minal Aggarwal 27 Mar 2021 · 1 min read काश मैं भी एक फूल होती कायनात में एक सुरमई तरंग सी लहरा रही है वातावरण को सुगंधित और संगीतमय बना रही है काश मैं भी एक फूल होती और खिल जाती प्रकृति के लबों की... Hindi · कविता 316 Share Minal Aggarwal 26 Mar 2021 · 1 min read मोहब्बत का पेड़ अन्ततः यह दुनिया का घर तो छोड़ना ही पड़ेगा मोह के बंधन को काटकर एक अलौकिक दुनिया से रिश्ता जोड़ना ही पड़ेगा यह जीवन तो चलता रहेगा इस समय भी... Hindi · कविता 485 Share Minal Aggarwal 25 Mar 2021 · 1 min read एक बादल के टुकड़े पर कबूतर से घर है घर का सामान है घर का मालिक और घर का मेहमान कहां है घर के दरवाजे, खिड़कियां, रोशनदान घर के अंदर जाने के सब रास्ते बंद हैं घर... Hindi · कविता 489 Share Minal Aggarwal 24 Mar 2021 · 1 min read सुबह की धूप की पहली किरण सुबह की धूप की पहली किरण आज मैं चाहती हूं तुम मुझे न छूकर मेरे अहसासों को छुओ तो लो मैं हट गई हूं तुम अब मुझे ढूंढो और अपनी... Hindi · कविता 268 Share Minal Aggarwal 23 Mar 2021 · 1 min read मेरे दिल का एक टुकड़ा यह दीवार पर लगा न कोई चित्र है न ही उसके झड़ते पेंट से उभरती कोई आकृति यह मेरे दिल का एक टुकड़ा है आसमान के बादल के ही एक... Hindi · कविता 306 Share Minal Aggarwal 22 Mar 2021 · 1 min read जिस्म का मकान मेरा घर कहां है जिस घर में मैं रहती हूं वह या कहीं और मैं आजकल सब कुछ भूलने लगी हूं घर घर का सामान घर के लोग इनसे जुड़े... Hindi · कविता 616 Share Minal Aggarwal 21 Mar 2021 · 1 min read जिन्दगी देने वाले से जिन्दगी देने वाले से ही उसकी जिन्दगी छीनते हो उससे मोलभाव करते हो एक एक पैसे का हिसाब रखते हो उसका सब खजाना तुम्हारा एक वह ही तुम्हारा नहीं उसी... Hindi · कविता 1 238 Share Minal Aggarwal 20 Mar 2021 · 1 min read वह मेरा आसमान नहीं वह रंग नहीं उस बादल का जो दूर से वह दिखता है वह मेरा आसमान नहीं वह तो मुझे एक नाग सा डसता है बहुत फर्क होता है तेज हवाओं... Hindi · कविता 1 384 Share Minal Aggarwal 19 Mar 2021 · 1 min read पतझड़ का न्योता पेड़ से टूटा जमीन पर गिरा किसी ने हाथ आगे बढ़ाकर उठा लिया तो किसी के पांवों तले बेदर्दी से कुचला गया कभी खुद से तो कभी हवा के एक... Hindi · कविता 1 2 361 Share Minal Aggarwal 18 Mar 2021 · 1 min read मेरे बिना तुम एक राह पर आगे बढ़ते जा रहे हो पीछे मुड़कर देखते भी नहीं कितनी प्यारी एक छोटी सी दिल लुभाने वाली चीज हूं मैं पर मेरा मोल तुम समझते... Hindi · कविता 2 224 Share Minal Aggarwal 17 Mar 2021 · 1 min read लाल रंग के फूल जंगल में जितने भी पेड़ खड़े हैं उनपर बस लाल रंग के ही फूल खिलें किसी और रंग के नहीं बस फूल ही फूल हों कोई पत्ता भी नहीं फूल... Hindi · कविता 2 253 Share Minal Aggarwal 16 Mar 2021 · 1 min read तू चला गया न सागर के किनारे न किसी नदिया के धारे तू बह गया एक हवा की लहर सा तू मुट्ठी में न कैद होता अब तो किसी रेगिस्तान की गर्म रेत... Hindi · कविता 1 412 Share Minal Aggarwal 15 Mar 2021 · 1 min read पत्थर की शिला मेरी आंख बन जाये पत्थर की जो तेरा दीदार न पा सके मेरे जज्बात जम जायें शिराओं में मेरी एक बर्फ की लहर से जो तेरी आवाज की गूंज की... Hindi · कविता 1 433 Share Previous Page 20 Next