Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2021 · 1 min read

मकड़ी के जाले सी तन्हाई

फूलों के घर से
बाहर निकाल फेंका
उस मकड़ी के जाले सी
तन्हाई को
फिर भी आबाद न
हुए
यह दिल
गली गली भटके
तन्हा तन्हा रोये
इस कदर यह जज्बात हमारे
हम से ही
बर्बाद हुए।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
देशभक्ति पर दोहे
देशभक्ति पर दोहे
Dr Archana Gupta
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
क्यों नारी लूट रही है
क्यों नारी लूट रही है
gurudeenverma198
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
मैं अकेली हूँ...
मैं अकेली हूँ...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भीड़ के साथ
भीड़ के साथ
Paras Nath Jha
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
चंद सिक्के उम्मीदों के डाल गुल्लक में
चंद सिक्के उम्मीदों के डाल गुल्लक में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"चोट"
Dr. Kishan tandon kranti
life is an echo
life is an echo
पूर्वार्थ
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
अजब गजब
अजब गजब
Akash Yadav
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
Ravi Prakash
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3027.*पूर्णिका*
3027.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरि से मांगो,
हरि से मांगो,
Satish Srijan
वाणी से उबल रहा पाणि💪
वाणी से उबल रहा पाणि💪
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
■ खाने दो हिचकोले👍👍
■ खाने दो हिचकोले👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण
Seema gupta,Alwar
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
खोजें समस्याओं का समाधान
खोजें समस्याओं का समाधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आभार
आभार
Sanjay ' शून्य'
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
Loading...