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17 Mar 2021 · 1 min read

लाल रंग के फूल

जंगल में
जितने भी पेड़ खड़े हैं
उनपर बस लाल रंग के ही
फूल खिलें
किसी और रंग के नहीं
बस फूल ही फूल हों
कोई पत्ता भी नहीं
फूल भी हों बिना खुशबू के
बिना चाहत के
बिना मोहब्बत के
बस आंखों को लुभाते हों
टूटकर भी जमीन पर न
गिरते हों
बस पेड़ के हृदय से
चिपककर
इसकी शाखों से लटके रहते हों
पतझड़ में भी इससे वफा
करते हों
सूखे पत्तों की तरह
एक एक करके
इसे छोड़कर न जाते हों।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Comments · 226 Views
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