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30 May 2021 · 1 min read

यादों का कारवाँ

फूलों की
एक बहार सा
यादों का कारवाँ
चल रहा संग मेरे
दिन रात
सुबह शाम
एक यादों की सौगात सा
मेरे साये सा
मेरी परछाई सा
मेरे सिर पर
सेहरा बांधकर
मेरी बारात सा
गले में पड़े
मोतियों के हार सा
हाथों में जड़े
कंगन के प्यार सा
दिल में धड़कता है
एक मधुबन में
राधा कृष्ण के रास सा
मेरे गले की सुरंग
अंग अंग में बजता है
एक मधुर धुन के
राग सा
मैं एक पल भी
इसके बिना जी न पाऊं
मेरी सांसो की लय में
बह रहा
यह जीवन की धार सा
मेरा किनारा यह
मेरा सहारा यह
मेरे जीवन की नैय्या खेता
मुझे मझधार से निकालता
मेरा माझी
मेरा ईश्वर यह।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 292 Views
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