Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next Shyam Sundar Subramanian 27 Aug 2021 · 1 min read एक नज़र ज़िंदगी की रहगुज़र में संगे-राह की तरह ज़माने की ठोकरें खाता रहा , वो अदना सा हक़ीक़त में हीरा था ; जो हालात की मार झेलता रहा , एक पारखी... Hindi · कविता 6 8 292 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Aug 2021 · 1 min read सोचता हूँँ सोचता हूँँ , मुसव्विर हो ,ख्व़ाबों- ख़यालों में बसी वो तस्वीर बना रंगों से भर दूँ , या उसकी तारीफ़ में इज़हारे जज़्बात शायर बन पेश करूँ , या उस... Hindi · कविता 9 10 374 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Aug 2021 · 2 min read प्रभामंडल प्राणीमात्र के स्थूल शरीर आच्छादित जीवंत ऊर्जा चक्र को प्रभामंडल कहते हैं। इस प्रकार के जीवंत ऊर्जा चक्र की सघनता एवं विरलता उस प्राणी मात्र द्वारा निर्मित एवं निहित अनुवांशिक... Hindi · लेख 4 4 212 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Aug 2021 · 1 min read चंद पल खुशी के दिल में कुछ अरमान संजोए रखता हूं , इक एहसास सा महकाए रखता हूं , वो गुज़रे हसीन लम्हों की यादें , सोज़ -ए - पिन्हाँ जगाती वो बरसातें ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 372 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Aug 2021 · 1 min read आशा और आस्था आस्था आशा की जननी है। कर्म प्रधान जीवन में अनथक प्रयत्न करने पर भी जब असफलता हाथ लगती है , तब निराशा की उत्पत्ति होती है। असफलता के कई कारण... Hindi · लेख 3 4 453 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Aug 2021 · 1 min read वक्त वक्त को थामने की कोशिश करता हूं , पर हर बार मेरे हाथ से फिसल जाता है , वक्त का पहिया आगे बढ़ता जाता है , कभी लौट कर वापस... Hindi · कविता 5 6 508 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Aug 2021 · 1 min read मैं कवि हूं मैं कवि हूं , भावनाओं के समुद्र में बहता, डूबता, उबरता रहता हूं , कल्पनाओं के नभ में उन्मुक्त पंछियों की तरह विचरण करता रहता हूं , कभी मानवीय संवेदना... Hindi · कविता 7 8 521 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Aug 2021 · 1 min read गुमशुदा किस राह पर तू चला गया मुझे कुछ भी पता ना चला, तुझे ढूंढता फिरा मैं दरबदर तेरा नामो निशां कहीं ना मिला, तू था मेरी रोशनी तुझ से रोशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 5 809 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Aug 2021 · 1 min read इंतज़ार कैसी चली है अबके हवा तेरे शहर में , खौफ के कफ़स में कैद है ज़िंदगी तेरे शहर में , शजर उदास है , चिड़ियों के चहचहे भी ग़ुमसुम ,... Hindi · कविता 3 4 384 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Aug 2021 · 1 min read हादसे ज़िंदगी के हादसे मुझे जीने नहीं देते , कोशिश करता हूं फिर ग़म के अंधेरे घेर लेते हैं , रोशन शुआओं की तलाश में भटकता फिर रहा हूं, संग-ए- अलम... Hindi · कविता 7 6 292 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jul 2021 · 1 min read मुस्कुराहटों के अंदाज़ मुस्कुराहटों के अंदाज़ जुदा- जुदा होते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से ग़म छुपा रहे होते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से खुशी का इज़हार करते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से गलती... Hindi · कविता 5 10 411 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jul 2021 · 1 min read तलाश तन्हाइयों में अक्सर खो जाना चाहता हूं , ख़ुदी को भुला बेख़बर हो जाना चाहता हूं , मेरी एहसास-ए-तन्हाई मुझे कहीं दूर ले जाती है , जो भरी महफिल में... Hindi · कविता 4 8 573 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Jul 2021 · 1 min read आध्यात्मिकता एवं सामाजिक जीवन आध्यात्मिकता के विकास के लिए आवश्यक नहीं है कि एकाकीपूर्ण जीवन जीया जाए। सामाजिक परिवेश में रहकर भी आध्यात्मिकता का विकास किया जा सकता है। सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते... Hindi · लेख 5 4 358 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Jul 2021 · 1 min read मुस्कान शिशु की स्मित मुस्कान करती हृदय प्रफुल्लित , पलभर में दुःखों को भूलकर मन होता आनंदित , निर्विकार परमेश्वर की वह साकार अबोध कृति , उसमें स्फुरित अपरिमित विकीर्ण वह... Hindi · कविता 2 4 417 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Jul 2021 · 1 min read चुप्पी कई बार हम कुछ बोलना चाहते हैंं, फिर कुछ सोचकर चुप हो जाते हैं, कुछ हालात की संज़ीदगी का तकाज़ा होता है, जिससे लफ़्जों का आग़ाज़ ज़ब्त हो जाता है,... Hindi · कविता 3 10 314 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2021 · 1 min read मौन मौन एक मूक भाषा है , मौन अंतरात्मा की अभिव्यक्ति है , मौन निशब्द भावनाओं का व्यक्त मूक प्रतिवेदन है , मौन हृदय से हृदय तक संवेदनाओं का स्पंदन है... Hindi · कविता 4 14 284 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jul 2021 · 9 min read पश्चाताप सुनीता आज बहुत खुश थी। जब से उसकी बेटी सुधा और दामाद रोहित की अमेरिका से आने की खबर आई थी उसके पास जमीन पर नहीं पड़ रहे थे ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 16 454 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Jun 2021 · 1 min read ज़िंदगी हर पल बदलती है रंग ज़िंदगी , कभी मस़र्रत की सहर , तो कभी ग़म की शाम लगती है ज़िंदगी , कभी रूठती ग़मगीन , तो कभी खुशियों से बाँहों... Hindi · कविता 6 6 316 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jun 2021 · 1 min read वफ़ा अहल -ए- 'इश़्क की ज़ुबाँ नज़रों की होती है सोज़ - ए- एहसास नज़रों से बयाँ होती है , माश़ूका की निगाहों में जज़्बातों का समंदर लहराता है , आश़िक... Hindi · कविता 3 6 398 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jun 2021 · 1 min read आशा की किरण अंतःकरण के शब्द उमड़ते घुमड़ते हैं , अभिव्यक्ति के स्वर बनते नहीं , चिंतित मनस वस्तुःस्थिति आकलन में असमर्थ सा पाता है , सकारात्मकता के अभाव में व्याप्त नकारात्मकता में... Hindi · कविता 6 10 341 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jun 2021 · 1 min read चंद एहसासात कहते हैं इरादे बुलंद हों ,और मशक्क़त का जज़्बा-ए-जुनून हो तो मंज़िल हासिल होती है , ग़र तक़दीर साथ न दे , तो तदबीर से खड़े किए महल भी खंडहर... Hindi · मुक्तक 5 8 489 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Jun 2021 · 1 min read यादगार खुशियाँँ उस दिन रास्ते में एक शख्स़ को देखा , कुछ जाना पहचाना सा उसका चेहरा लगा , मैंने कहा आप कुछ जाने पहचाने से लगते हो , उसने कहा आपको... Hindi · कविता 4 12 246 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Jun 2021 · 1 min read कब ? शहर सूना- सूना सा है , गली कूचे भी वीरान रहते है , शजर उदास है , चिड़ियों के चहचहे भी गुमसुम रहते हैं , हर शख्स सहमा -सहमा सा... Hindi · कविता 6 11 889 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jun 2021 · 1 min read चोर एक व्यक्ति से मैंने पूछा, तुम क्या करते हो ? किस तरह अपना गुजारा चलाते हो ? उसने कहा मैं चोरी करता हूं , मैंने पूछा तुम क्या चुराते हो... Hindi · कविता 4 8 397 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jun 2021 · 1 min read सार्थक मंथन कभी-कभी मैं सोचता हूं , हम कल्पनाओं में जीते हैं, अपने धरातल के अस्तित्व को भुलाकर , ऊँँची उड़ान लेते हैं , यथार्थ को नकार कर , असंभावित मे लीन... Hindi · कविता 3 4 488 Share Shyam Sundar Subramanian 31 May 2021 · 1 min read भाव - श्रृंखला समुद्र से विशाल अंतर्मन निहित गतिशील भावनाओं की तरंगें , कभी अभिनव कल्पनाओं विभोर उमंगें , कभी नियति प्रभावित संतप्त मनोभाव , कभी परिस्थितिजन्य असहाय भाव , कभी अंतरतम मनोबल... Hindi · कविता 2 4 317 Share Shyam Sundar Subramanian 26 May 2021 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जीवन में निरंतर विद्यमान रहता है , जो विभिन्न रूपों में प्रभावित करता रहता है , कभी खुद अपने शरीर एवं मनस से , कभी अपने दृष्टिकोण एवं मान्यताओं... Hindi · कविता 4 10 336 Share Shyam Sundar Subramanian 22 May 2021 · 1 min read सूक्तियाँ भय , विपत्ति में धैर्य को बलहीन करता है , संशय , आत्मविश्वास हिला पथभ्रष्ट करता है , लालसा , मानसिक विकार पैदा करती है , स्वार्थ , अनीति की... Hindi · मुक्तक 4 12 310 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2021 · 1 min read वे मधुर पल बरसात के दिन जब आते हैं , बचपन की मीठी यादें साथ लाते हैं , वह दोस्तों के साथ बरसात में भींगते खेलना , गड्ढों के पानी को शरारत से... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 26 587 Share Shyam Sundar Subramanian 12 May 2021 · 1 min read आत्मविश्वास नियति का निर्मम चक्र चला हुआ है , सर्वत्र दिशाओं में भय व्याप्त हुआ है , त्रासदी का दावानल फिर उग्र हुआ है , मृत्यु के अनल पाश से जीवन... Hindi · कविता 8 16 359 Share Shyam Sundar Subramanian 7 May 2021 · 1 min read इन्तिहा उम्र भर यादों के वो साए , कभी मिटा नहीं पाते , दिल ने जो सदमे उठाए , कभी भुला नहीं पाते , आँखों से बहते अश्कों को , कभी... Hindi · कविता 6 15 558 Share Shyam Sundar Subramanian 6 May 2021 · 1 min read एतमाद शब -ए -अलम के सियाह लम्ह़े गुज़र जाएंगे, खुशियों से भरी सहर के उजाले पल फिर आएंगे , हौसलों की श़िद्दत कभी छूटने ना पाए , उम्मीदों की कड़ी कभी... Hindi · कविता 5 14 379 Share Shyam Sundar Subramanian 5 May 2021 · 1 min read मजबूर सच दिल पर पत्थर रखने के लिए मैं मजबूर था , मैं खुद का गुनाहगार हुआ बेकसूर था , सच्चाई के अल्फ़ाज़ों की आग से लब़ जलकर रह गए , झूठ... Hindi · कविता 6 14 264 Share Shyam Sundar Subramanian 1 May 2021 · 1 min read कोई अपना सा उस महजबीं को जब देखा ; तो लगा उसे कहीं देखा है, दिन की रंगीन फिज़ाओं में , या रात की चांदनी में कहीं देखा है , या मेरे ख्यालों... Hindi · कविता 6 10 724 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Apr 2021 · 1 min read चंद एहसासात चंद सांसों की क़ीमत ज़माना मांगता है , मुझसे ज़िंदा रहने का हक़ ज़माना मांगता है , ज़िंदगी में जो मंजर कभी देखा ना था देख रहा हूं , लगता... Hindi · शेर 4 10 262 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Apr 2021 · 1 min read ये ज़िंदगी मैंने अपने घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए हैं, लेकिन ज़हन की खिड़कियां और दिल के दरवाज़े को बंद करने में खुद को नाक़ाम पाता हूं , इन... Hindi · कविता 5 12 295 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Apr 2021 · 1 min read शोक संवेदना ये वीभत्स दृश्य हृदय विदीर्ण कर जाता है , मुझे हर किसी में कोई अपना सा प्रतीत होता है , एक मां जिसने अपने लाडले बेटे को खोया है ,... Hindi · कविता 3 8 325 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Apr 2021 · 1 min read राम दर्शन राम आदि से अनंत है , राम से जीव जीवंत है , राम ही कल्प है , राम ही संकल्प है , राम ही सृष्टि है ,राम ही दिव्य दृष्टि... Hindi · कविता 1 10 472 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Apr 2021 · 1 min read आम आदमी सहमा- सहमा सा वक्त की मार झेलता , कुछ कहने और करने से विवश , नियति के हाथों की कठपुतली बना , प्रतिदिन अपने अस्तित्व रक्षा की चेष्टा में ,... Hindi · कविता 2 4 341 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Apr 2021 · 1 min read ऊहापोह सब कुछ ठीक-ठाक है , रैलियां करो ,चुनाव कराओ, लोगों को इकट्ठा कर भाषण दो , रास्ता रोककर बैठो आंदोलन करो , जनसंपर्क करो ,काफिले संग रोड शो करो, सब... Hindi · कविता 1 6 303 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Apr 2021 · 4 min read शिक्षा एवं आजीविका शिक्षा मनुष्य की सोच में परिवर्तन एवं बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए आवश्यक है । शिक्षा मनुष्य के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक... Hindi · लेख 4 6 1k Share Shyam Sundar Subramanian 3 Apr 2021 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा , तुम मुझ पर हमेशा लगाम लगाए रखती हो , मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो , मैं उन्मुक्त रहना चाहती... Hindi · कविता 2 415 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Mar 2021 · 1 min read समझ कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं , कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं , कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं, कुछ अपनी... Hindi · कविता 2 10 516 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Mar 2021 · 1 min read पत्थर पत्थर के उपयोग भी बड़े अजीब होते हैं , कभी बच्चों के झगड़ों में सिरफुटौवल बनते हैं , कभी पुलिस के दमन से आक्रोशित जन समूह प्रतिकार का अस्त्र बनते... Hindi · कविता 1 6 672 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Mar 2021 · 1 min read चंद एहसासात हादसे भी जीने के अंदाज़ सिखा जाते है , फ़रेब भी ठोकर खाकर संभलना सिखा जाते हैं , तब़स्सुम़ भी अज़ाब बन पेश आते हैं , निग़ाहें भी सराब़- ए... Hindi · कविता 5 18 451 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Mar 2021 · 3 min read क्रिसमस केक आर्मीनिया और अज़रबैजान में जंग छिड़ी हुई थी। नोगोरनो- काराभाख क्षेत्र में कब्जा पाने के लिए अज़रबैजान सेना भरसक कोशिश कर रही थी। काफी तादाद में सैनिक और स्थानीय नागरिक... Hindi · कहानी 6 14 1k Share Shyam Sundar Subramanian 26 Mar 2021 · 1 min read समझौते ज़िंदगी समझौतों में गुज़र जाती है , कभी दोस्तों से , तो कभी रिश्तों से , कभी जज़्बातों से , तो कभी हालातों से , कभी जुस्त़जू से , तो... Hindi · कविता 5 10 424 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Mar 2021 · 3 min read प्रेरक प्रसंग मंदिर की सीढ़ियों में बैठे एक वृद्ध को मैंने देखा। मुझे वह वृद्ध कुछ औरों से अलग प्रतीत हुआ। उसकी आंखों में अजीब सा आकर्षण था । अतः मैंने उससे... Hindi · लघु कथा 2 8 313 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Mar 2021 · 1 min read संवेदना जागृति अभावों से घिरा एक विपन्न बचपन , मौलिक सुविधाविहीन कुपोषित शिशुतन , अस्तित्व रक्षा में संघर्षरत अनभिज्ञ किशोर से युवावस्था में पदार्पण , शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित जीवन... Hindi · कविता 1 16 388 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Mar 2021 · 1 min read वर्तमान लोकतंत्र देश का वर्तमान लोकतंत्र , राजनीति की बिछाई शतरंज , लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच , जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र , आम आदमी जिसका बना मोहरा , नेताओं... Hindi · कविता 5 12 431 Share Previous Page 16 Next