DR.MDHU TRIVEDI 893 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 18 DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 3 min read शिक्षक दिवस सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपकार" (आज के संदर्भ में प्रस्तुत पंक्ति की प्रासंगिकता ) शिक्षक दिवस विशेषांक आज से हजारों वर्ष पूर्व संत कबीर द्वारा कही गयी यह... Hindi · लेख 69 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read उतर कर आ प्रभो फिर से धरा पर तू उतर आ , कष्ट हरने को यहाँ चहु ओर बैठे नाग काले , रोज डसने को इरादें नेक हो सकते न , उनके इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 418 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read वक्त ✍✍ ***वक्त तुझे रास ना आया मेरा मुस्कराना इठलाना जब भी मिला कोई मीत तुझे आया दीवार बनाना वक्त तुझे----------------- मैं छुईमुई सा मुरझा गया ना रास आया मेरा खिलना जब... Hindi · कविता 73 455 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read मुहब्बत प्यार पर तो जड़ा न ताला है ये मुहब्बत वहीं तो प्याला है आज लगते मुझे सभी अच्छे अब न कोई भी दिल से काला है बात जो आपने कही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 525 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read साँवरे साँवरे सूरति पर बारम्यार ,बलिहारी जाऊँ मैं चुरा-चुरा माखन खाय ,,देख कर ललचाऊँ मैं कान्हा प्रीति करो मुझ ,बाबलीं को मन चुरा अंग -अंग का भेद खत्म ,तू हो बस... Hindi · कविता 71 673 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 3 min read जन्माष्टमी पर्व: प्रासंगिकता ------------------- --------------- किसी भी वस्तु , तथ्य या बात की प्रासंगिकता इस बात पर निर्भर करती है कि तत्कालीन परिस्थितियों में वह बात , तथ्य या वस्तु कितनी उपयोगी हो सकती है।... Hindi · लेख 68 489 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read कान्हा देवकी का पुत्र था नन्द का वो प्यार भी वासु ने उसको दिया था एक नव संसार भी गोपियों को देख मोहन फोड़ता है मटकियाँ माँ यशोदा बाँध उसको दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 419 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 1 min read अंगदान चूसता खून इन्सान इन्सान का आज वो रूप रखता है शैतान का डस रहा नाग बनकर तुझे रोज ही क्यों भरोसा करो फिर से हैवान का बन गया है जमीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 696 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Aug 2016 · 3 min read साहित्य सृजन में फेसबुक की भूमिका ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मन के भावों ,विचारों का शब्दों में संगुम्फन असम्भव नहीं तो दुरूह कार्य तो है ही । लेखन चाहे गध हो या पध अथवा अन्य कोई विधा । समाज से... Hindi · लेख 68 491 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2016 · 1 min read गजल है निछावर जान यारी पर करना गजल है गमें दिल को लफ्जों में लिखना गजल है बदलती हूँ करवट यादों में किसी की दर्दों को मुहब्बत में सहना गजल है Hindi · मुक्तक 70 438 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2016 · 1 min read दोष यूँ देना दोष यूँ देना आम है तेरा पाठ पढाना भी आम है तेरा रोशनियाँ जब बुझ चुकी है सब अब सोना भी काम है तेरा तू मय पिलाता कंजूसी से गुलजार... Hindi · कविता 72 822 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2016 · 1 min read राखी तिलक प्यार का जो माथे पर सजा है राखी जो हाथ में तेरे भाई मुझे हमेशा पास तेरे बना रखेगा बचपन की जो भोली पी हरकतें है याद उनकी हमेशा... Hindi · कविता 72 380 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2016 · 1 min read धाँगा (लघुकथा) राखी का पर्व आते ही कनिका में अजीब सी ललक एवं कौतूहल फैल जाता था । उसे वो लम्हें याद जाते थे जब उसने मुँह बोले भा सुदीप की... Hindi · लघु कथा 73 602 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read आपसे हूँ गुलजार आपसे हूँ अब गुलजार खुदा जाने क्यों हर बुरे वक्त तू आधार खुदा जाने क्यों : पास वो आकर बातें जब करता मीठी है बढी धड़कन रफ्तार खुदा जाने क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 485 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read नजर के तीर नजर के तीर तो चलाये प्यास पर बुझी नहीं संभल -संभल के वो चली तो जिन्दगी मिली नहीं जमीं मिली हरेक को यहाँ पे रहने के लिए बुझा जो दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 67 2 397 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read प्यार ठुकरा कर धूप में छाँव सी रोज राहत भी हो मुस्कराते हुए दिल की चाहत भी हो प्यार ठुकरा के मेरा चले जब गये जो न वापस वो आये तो शामत भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 760 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read पहाड़ो की सैर टेड़े -मेढ़े पहाड़ों के अनजान रास्तें सुंदर, कमनीय और विहंगम रास्तें गुजरती हूँ जब इन राहों से होकर सौंदर्य का करा रहे संगम ये रास्ते घुमावदार रास्तें से निकल कर... Hindi · कविता 73 1 348 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read हो गई है जवानी से शिकायत हो गई है अभी तुम से मुहब्बत हो गई है लबों को क्यों न भायें आज कोई मुझे तू छूँ सके लत हो गई है सुबकने क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 815 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Aug 2016 · 1 min read भी होगा लोट पास मेरे फिर आना भी होगा हाल-ए जिगर सब समझाना भी होगा मेरी प्यारे से प्रेमी बन जाओ तो कजरारी आँख में बिठाना भी होगा ब्याह किया है जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 951 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Aug 2016 · 1 min read द्वार खुले रखना मैं जब आऊँ सपनों के द्वार खुले रखना अपना हाथ हाथ में रखना मैं जब आऊँ स्वरों लहरियों पर थिरकना नया राग संगीत सजाये रखना मैं जब आऊँ सुर सरगम... Hindi · कविता 72 2 593 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Jul 2016 · 1 min read गजल सावन है आतुर प्रियतम , सावन बन के बरसने को जागे अरमाँ उसके , चाहत पे फिसलने को हर श्रावण सूना है, जब पास न तू होता यह नैन बसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 374 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Jul 2016 · 1 min read गजल देख तुझको हमें करार मिला आज जीवन कहीं उधार मिला प्यास मिटती गई तभी मेरी प्यार का जब मुझे खुमार मिला जब मिला तू नहीं कभी उससे रोज तेरा उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 67 1 453 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2016 · 1 min read गजल आ गये जब पास मेरे वो हिचकिचाये भी नहीं दर्द दास्तां को सुना तब वो लजाए भी नहीं प्यार में पागल हुए जो हम न शरमाए कभी भूल फिर हमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 67 485 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2016 · 1 min read जिन्दगी लाल हरी गुलाबी सी गुब्बारे सी छोटी जिदंगी, डोर सी छूटती जिन्दगी हरी पीली सी जिन्दगी आसमां को छूतीजिन्दगी जन्मदिन सी सुहानी जिन्दगी लाल पीली नीली सी गुब्बारे सी सजी... Hindi · कविता 71 658 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2016 · 1 min read यह सच है ✍✍✍✍✍✍ सच की आदत बहुत बुरी है बात हमसे अापसे जुडी है ख्याव पूरे न हो सभी के दिल में तब टीस सी उठी है हो गंदे काम जहाँ पर... Hindi · कविता 71 621 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2016 · 1 min read गजल मुहब्बत की सियासत और क्या है बिना इसके हकीकत और क्या है चलो बचके सड़क पर मनचलों से बुजुर्गों की नसीहत और क्या है हमेशा को नहीं रहते जवाँ सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 1 664 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read हाइकू (वर्षा सुन्दरी ) झनन -झन झनकाती घुघरूँ पहन के वो पाजेब भारी ठुमकती आ रही वर्षा सुन्दरी मधु स्मित सी भर के मधु मुस्काँ लजाती खड़ी हरी -भरी हो धरा प्यास बुझाती मन... Hindi · हाइकु 70 735 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read सताए मुझको सताये मुझको आज वो मुलाकात हुई थी तुमसे पहली मुलाकात खड़े थे तरूवरू तले बारिश में खड़कतीं बिजली जैसी मुलाकात डरा सा तू और डरी सी मैं हमेशा तड़पाये ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 333 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read आपसे हूँ आपसे हूँ अब गुलजार खुदा जाने क्यों हर बुरे वक्त तू आधार खुदा जाने क्यों लाड़ मेरे अन्दर था निकला वो वाहर हो गयी है दिल की हार खुदा जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 611 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read बाँध लेता प्यार बाँध लेता प्यार सबको देश से द्वेष से तो जंग का आसार है लांघ सीमा भंग करते शांति जो नफरतों से वो जले अंगार है होड़ ताकत को दिखाने की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 306 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read दिल यूँ दिल यदि यूँ हो कैद शज़र करता कैसे तब इसमें रह बसर करता निकल पड़ता तोड़ सब भित्तियाँ मेहबूब अपनी बूँ से असर करता गुलाब सा सुकुमार है दिल मेरा... Hindi · कविता 71 561 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read गुजर (हाइकू) गुजर होती न हो पाये बसर पेट भरता बूझे न भूख महँगाई इतनी कि बस रोटी नसीब होती साग बिन खा लेता हाल है यह देख अमीर पाल लेता हूँ... Hindi · हाइकु 72 2 600 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read यह सच है सच की आदत बहुत बुरी है बात हमसे अापसे जुडी है ख्याव पूरे न हो सभी के दिल में तब टीस सी उठी है हो गंदे काम जहाँ पर बस्तियाँ... Hindi · कविता 71 533 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jul 2016 · 1 min read और क्या है मुहब्बत की सियासत और क्या है बिना इसके हकीकत और क्या है चलो बचके सड़क पर मनचलों से बुजुर्गों की नसीहत और क्या है हमेशा को नहीं रहते जवाँ सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 402 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2016 · 1 min read सुन री सखि गीत सुन मेरी सखी रात होने लगी प्रेम की मौज होठों खिलने लगी रात सूनी इच्छा सी जताने लगी देह ज्यो सँजना मे समाने लगी नैन हो बाबले चैन खोने... Hindi · कविता 69 643 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Jul 2016 · 1 min read झनन-झनन वारिस बन झनन झनन बारिश की बूँद सी , मैं बरस बरसत जाऊँ । पैर में बाँध के पाजनियाँ घुघरू ,ठुमक - ठुमकत जाऊँ ।। दे प्रभो बारिश दे हर बार ऐसी... Hindi · मुक्तक 72 3 590 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Jul 2016 · 1 min read गगन पार गगन के पार है जिनका ठिकाना अछूती यह धरा दिल शामियाना इस लोक से उस लोक जाते जो वही पूर्वज दे सबको आशियाना Hindi · मुक्तक 70 2 419 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jul 2016 · 1 min read मैं सड़क हूँ मैं सड़क हूँ ✍✍✍✍✍✍ स्थिर अस्थिर टूटी-फूटी निरन्तर घाव सहन करती एक छोर से दूसरे छोर कहाँ तलक चली जाती इंसानियत से हो बेखबर एक जमाना लिया भोग उत्थान -पतन... Hindi · कविता 70 2 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Jul 2016 · 1 min read अजगर अजगर ✍✍✍✍ राजनीति भी अजगर जैसी हो गई है सरक -सरक जो चलती है विशालकाय तन वाली वंश परम्परा चलती यहाँ राजनीति में बाप बेटा दामाद सब अजगर से बन... Hindi · कविता 71 454 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Jul 2016 · 1 min read गजल बाँध लेता प्यार सबको देश से द्वेष से तो जंग का आसार है लांघ सीमा भंग करते शांति जो नफरतों से वो जले अंगार है होड़ ताकत को दिखाने की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 68 1 584 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Jul 2016 · 3 min read नदी के दो किनारे (लघु कथा) जीवन संध्या में दोनों एक दूसरे के लिए नदी की धारा थे। जब एक बिस्तर में जिन्दगी की सांसे गिनता है तो दूसरा उसको सम्बल प्रदान करता है, जीवन की... Hindi · लघु कथा 73 5 892 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Jun 2016 · 1 min read गजल प्रेम तेरा फले दुआ भी दो प्यार के रोग की दवा भी दो याद तेरी भुला नहीं पाऊँ रोग में आप यह सजा भी दो आ चुकी हूँ गिरफ्त में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 1 605 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Jun 2016 · 1 min read दर्द दर्द जो वक्त ने दिया खुश हो कर मैने पी लिया सारा दर्द जो परायों ने दिया पानी सा समझ बहा दिया सारा दर्द ही यह है सार मेरा दर्द... Hindi · कविता 73 3 912 Share Previous Page 18