Mahender Singh 817 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next Mahender Singh 20 Dec 2017 · 1 min read हकीकत में जिंदगी.. अभिनय से अलग होती है, कुछ तो खास है सभी की जिंदगी में, वरन् कौन अपना कैसे बेगाना कहते, . चाहत की झलक मृग-मरीची की भांति है, दूर से सब पूरी पास जाकर देखें सब... Hindi · शेर 1 1 252 Share Mahender Singh 19 Dec 2017 · 1 min read लेख उल्लेख करते हैं, आज फिर वही हुआ, जिसका डर था, हजारों साल पहले, जब इंसान बेखबर था, तब कम से कम काफी समय बेखबर था, सुखी था,बेचैन नहीं था, . आज की तरह... Hindi · लेख 1 1 284 Share Mahender Singh 14 Dec 2017 · 1 min read संत सत् कबीर साहेब सत्-आदर्श हैं, दुनिया अगर मेला है, फिर कौन अनुशासन का रेला है, कौन कहे क्यों पूछे, क्यों अकेला है, आत्मरक्षा और सेवा का झमेला है, . दो दिनों का मेला है, फिर... Hindi · कविता 1 1 388 Share Mahender Singh 13 Dec 2017 · 1 min read प्रकृति ही महानतम चिकित्सक है, भ्रम नहीं हैं धरा और प्रकृति, जीवन है इसकी उत्पत्ति, लोग व्यर्थ हक धरते हैं, सब जीवों की प्रकृति हरते है, . यथा जरूरत तथा चक्र है, व्यवस्था के नाम... Hindi · कविता 1 1 455 Share Mahender Singh 12 Dec 2017 · 1 min read परिचय खुद से खुदी का हो !! हकीकत के चित्र अध्यात्म में नहीं होते, चरितार्थ बखान चित्रण है, प्रार्थना जिसे कहते है, प्रभु ये तस्वीरें कब खिंचवाई, एक मयान दो तलवार कब है समाई, . अनुभूति किसी... Hindi · कविता 1 1 501 Share Mahender Singh 7 Dec 2017 · 1 min read सभी सम्मानजनक महापुरुषों को समर्पित रचना !! झुकने पर ही उसकी हर रहमत उनको मिली है, तभी तो एक सामान्य से ऊँची उनकी तस्वीर सजी है, एक विशिष्ट प्रयास के बाद ही माला उनके गले में डली... Hindi · कविता 1 1 641 Share Mahender Singh 6 Dec 2017 · 1 min read फनां है सीढ़ी -धर्म की शुरुआत ! देखकर सोचता हु ! या सोचकर देखता हु ! दार्शनिक हु या विचारक ! या दोनों हु ! मुझे खुद मालूम नहीं ! . पर लोग कहते हैं ! कुछ... Hindi · कविता 1 1 231 Share Mahender Singh 5 Dec 2017 · 1 min read हवा और फिज़ा ये जो हवा का रुख है ! मौसम का मिज़ाज है ! इन हवाओं में ! इन फ़िज़ाओ में ! खो न जाना कभी ! इनमें नूतन रास्ते ! खोज़ने... Hindi · शेर 1 1 537 Share Mahender Singh 4 Dec 2017 · 1 min read कहानी जो समर्थ को स्वीकार, व्यर्थ को इंकार करती हैं एक दिन मैं काफी बेचैन था ! मेरी पत्नी सहमे से पूछ बैठी ! कुछ अजीब सी बेचैनी देख रही हूँ ! कोई खास वजह !! . मैं अंदर से... Hindi · कहानी 2 2 268 Share Mahender Singh 3 Dec 2017 · 1 min read शेर खुद को पहचान !! जीवन में अगर ! खुशबू की जरूरत होती ! साथ लगी होती !! कस्तूरी मृग नाभि बसे ! आपकी भी महकती होती !! . जिन्हें खुशबू चाहिए ! सौन्दर्य प्रेमी... Hindi · शेर 1 1 511 Share Mahender Singh 2 Dec 2017 · 1 min read खरपतवार बोई नहीं जाती/नफरत भी ऐसी ही है !! एक ऐसी टहनी जिसे ! कभी कोई काटता नहीं !! और "आप"ने शुरुआत कर दी है !! . घमण्डी का सिर नीचा ! फिर भी लोग करते है पीछा !!... Hindi · कविता 2 1 484 Share Mahender Singh 2 Dec 2017 · 1 min read जटिल प्रश्न सहज और सरलतम उत्तर !! आज बहुत सारी बातें मुझे खुद से करनी थी ! उनमें से एक बात यह थी ! लोग पूछते है मुझसे कि हम व्रत, उपवास, धार्मिक अनुष्ठान करते है !... Hindi · लेख 1 1 294 Share Mahender Singh 1 Dec 2017 · 2 min read हास्य आलोचनात्मक व्यंग्य "क्या आप सच में BPL हैं" *जनता कहती है* नहीं मान रहे ये पैसे वाले ! वरन् जनता ने तो कब का कह दिया ! घर की दो सूखी रोटी ही भली ! पर हटा लो... Hindi · लेख 1 1 389 Share Mahender Singh 1 Dec 2017 · 1 min read धर्म की कहानियां//निजता की दुश्मन है !!! शराब बे-आबरु करती है ! कौन नहीं जानता ! लेकिन धर्म के पाशों से जमाना ! क्यों हैं ?? अनभिज्ञ !!! . सोम-रस सुरा का पान करने वाले किसी भी... Hindi · लेख 1 1 492 Share Mahender Singh 30 Nov 2017 · 1 min read अंदाज़ सूफीयाना !!! तमन्ना है ! बदल चले विधि विधान ! ताजूब ये हुआ ! गुजर गए बिन व्यवधान ! पनाह उन्हे चाहिए ! जो है गुनहगार ! या कर बैठे है विरोध... Hindi · शेर 1 1 428 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read कहानियां तो बोध जगाती है, ,पर लोग सो जाते है ! बिल्लियां झगड़ती हैं, अक्सर बंदर फैसले कराते है, कथा और कहानियों में ! . पर बिल्ली जैसा समझदार जीव खोजना मुश्किल है ! अपने बच्चे को दस घर दिखा कर,... Hindi · कहानी 2 1 293 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read सदा अध्यात्म की ओर रह अग्रसर ! सुलाने वाले प्रबल हैं ! जगाने वाला सबल है ! जागरण की जरूरत है ! क्षणिक सुख में मत डूब ! . परमसुख परमानंद तेरी जरूरत है ! सचिदानंद तेरा... Hindi · कविता 1 1 203 Share Mahender Singh 29 Nov 2017 · 1 min read मस्तक तू ! दे दस्तक ! मस्तक तू ! दे दस्तक ! मगर शनै शनै ! . मुझे जान लेने दे ! पहचान बना लेने दे ! मुझे जाग लेने दे ! . जमाना बडा जालिम... Hindi · कविता 1 1 353 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read दोहे जो सम्मोहन तोड़े ! अक्सर अक्षर बिन पढ़े ! पढ़ लेता है ...इंसान..! विवेक रुप तीसरा नेत्र है उनका ज्ञान, उन विद्वानों का क्या करें ! रटे रटाये मंत्र है जिनका ज्ञान ! .... Hindi · दोहा 2 2 727 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read जीवन अपना... जीना चाहता हूँ ! *जीवन अपना.. जीना चाहता हूँ !* . सुबह के सवा पांच बजे है, यही वो समय है मेरे नींद से उठने का प्रजा हूँ सत्ता में नहीं सेवक हूँ मंत्री... Hindi · लेख 1 1 547 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read खेल ऐसे हो जो खर्च रहित हो ! प्रेम और ध्यान बढ़े !! मन चाहता है खेल लें ! आज भी अक्कड़ बक्कड़ बंबई बो गिने गिनाए पूरे सौ ! लेकिन सौ कभी नादानी में पूरे होते थे !..आज नहीं ! आशा पाशा... Hindi · लेख 1 1 206 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read शंका समाधान उम्मीद रखें ! मगर खुद से ! दूसरों से तो ! हमेशा दुख ही मिला है ! . मम्मी जान तुम्हारी हूँ ! पहचान तुम्हारी हूँ ! मगर जान पहचान... Hindi · लेख 1 1 258 Share Mahender Singh 27 Nov 2017 · 1 min read बोझ पुराना !आदत ढोने की ! छूटे कैसे ??? कलियुग का तो बहाना है, अतीत से मिला जो , बिना आत्मसात् स्वीकार करना है ! . भावनाएं टिकी है जिस पर, झूट न हो जाएं उनकी कही हुई, आप्त... Hindi · लेख 1 1 384 Share Mahender Singh 26 Nov 2017 · 1 min read कौन है राम कौन घनश्याम !!! इत्तेफ़ाक नहीं हकीकत है, ये भेद नहीं खुदा की तरफ से, ये आयोजन है इंसान की ओर से, . चैतन्य की छटनी नर और मादा है, एक आक्रामक है दूजे... Hindi · लेख 1 1 297 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read लोगों का वास्ता ! कौन के हक के लिये लड़े, किन किन से बुरा बने ! मतलब निकलने बाद ! सब एक जैसे हो जाते है ! जब धर्म ने ही !!! रहम न... Hindi · शेर 1 1 354 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read मिजाज आशियाना नजर के खेल में ही नजरें चार होती हैं ! नफरत के खेल में धरती लाल होती है ! . अजीब है इश्क की शुरुआत ! महेंद्र अनजाने को भी... Hindi · शेर 1 1 476 Share Mahender Singh 25 Nov 2017 · 1 min read समझ बिन सब गुड़-गोबर ! Bad is worse ! सब गुड़-गोबर ! . इतिहास गवाह है ! भूल वही फिर भी दोहराई जाती है ! . गजनी मोहम्मद से सीखना नहीं, 17वें आक्रमण में जिसे... Hindi · लेख 2 1 296 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read शेर अहं को है जवाब ! हस्र तो देखो झूठी शान का, अकड़ बकड़ बम्बई बो, गिने गिनाए पूरे सौ, आन्ना बचा न पास में, . जो बढ़ न पाएं हाथ ममद को, वो खुद को... Hindi · शेर 1 1 237 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read दोहे:-निरीक्षक, "साहेब का अहसास" उम्र अपनी लम्बी हो चली, चाहे गति होय इसी क्षण में, निज व्यवस्था देख चले, कोई शास्त्र नहीं प्रमाण ! . जाको चित भ्रमण करे, लो आतम से जोड, ज्यों... Hindi · दोहा 2 1 352 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read "साहित्य और बदलता परिवेश" रचनाकार स्वयं पाठक हैं ! . उलझन में है जिंदगी, सुलह नहीं हो पाती है, काम का है बोझ बहुत, इसलिए उभर नहीं पाती है, . मैग्गी नूडल का है... Hindi · कविता 1 1 540 Share Mahender Singh 21 Nov 2017 · 1 min read "प्राचीन भारत और वर्तमान" लेख:-"प्राचीन भारत और वर्तमान" श्रेय लेना और हिस्सा बनना, दोनों में एक समानता हैं ! हिस्सा बने बिना, श्रेय संभव नहीं है ! . पर हिस्सा बने बिना, श्रेय लेना... Hindi · लेख 1 1 298 Share Mahender Singh 20 Nov 2017 · 1 min read जरा सा रुके ! और सोंचे ! मालूम नहीं लोगों के मन से कुंठा निकलती नहीं है ! माँ खुद गीले में रहकर, बच्चे को सूखे में सुलाती है ! . पता नहीं ये समाज ! अपनों... Hindi · शेर 1 1 328 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read कविता हास्य व्यंग्य भी ! हास्य व्यंग्य :- . आजकल चिल,थ्रील,सस्पैंस का जमाना है, इसलिए मिर्च-मसालों का ज्यादा प्रयोग होता है, जिसे भी देखिये, या तो, खाने में लगा है, या लगाने में, . अब... Hindi · कविता 1 1 858 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read हास्य:-बात माननी पड़ी ! हास्य:-बात माननी पड़ी ! . बात गहरी है, पर कुछ भी नहीं, . रात औरत कह रही थी, मिर्च तेज है, रात खाना, उसने नहीं, मैंने बनाया था, . सुबह... Hindi · कविता 1 1 536 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read हास्य:-हर रोज़ की है कहानी ! काम की तलाश थी, बहुत जल्दी थी, . जल्दी पहुँचना था, मैं तो नहीं पहुंच पाया, कोई और पहुंच गया, हररोज़ की कहानियां है, नहीं है ! कोई सुधार की... Hindi · कहानी 2 1 518 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read शेर:-नहीं है मेरे पास ! नहीं है मेरे पास, कुछ भी दिखावे को, जो है वो सबके पास है, क्या करें गुमान उस पर, आया एक हवा का झोंका, सब कुछ बिखर गया, . संजोना... Hindi · शेर 1 1 661 Share Mahender Singh 19 Nov 2017 · 1 min read शेर:- धर्म और आस्था, धर्म की कहानियां, असंतुष्ट लोगों ने लिखी हैं, संतुष्ट लोग तो, इसमें रोजगार खोजने में लगे है, . धर्म का मार्ग तो, खुद ही आस्था पर टिका हैं, लोग एक... Hindi · शेर 1 1 420 Share Mahender Singh 18 Nov 2017 · 1 min read अंदाज़ शायराना ! जैसा सम्मान हम खुद को देते है ! ठीक वैसा ही बाहर प्रतीत होता है ! जस् हमें खुद से प्रेम है ! तस् बाहर पर से नफरत ??? .... Hindi · कविता 1 1 261 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read इंसानियत से इंसान पैदा होते है ! एक बूंद हूँ ! बरसात की ! मोती बनना मेरी फिदरत ! गर मिल जाए, किसी सीपी का मुख खुला ! मनका भी हूँ... धागा भी ! गर मिल जाए... Hindi · कविता 1 1 415 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read बोध कैसे जगे ! मैं बोलता हूँ....! लोग भड़क जाते हे ! शताब्दियों से सोए है ! जागरण का नाम नहीं ! पाखंड है मृत कपि-ललाट, विश्वास नहीं होता, पकड़े हो खुद से ..!... Hindi · लेख 1 1 533 Share Mahender Singh 15 Nov 2017 · 1 min read महेन्द्र सिंह कभी नहीं लिखता ! मैं लिखता हूँ ...! पर मैं कभी नहीं लिखता ! जो तोड़ते है, वे जोड़ते नहीं ! ढाँप ली गई आँखें, निष्पक्षता का धोतक है ! लोग धोखे में है... Hindi · लेख 1 1 461 Share Mahender Singh 14 Nov 2017 · 1 min read मेरी कामना प्रार्थना है, मेरी निज जीवन के बारे में, मेरी अपनी कामना, कुछ इस प्रकार कि है:- बेहतर होती जिंदगी, गर जीवन में, सिर्फ देना ही देना होता, और देता ही रहता, उलझ... Hindi · कविता 1 1 458 Share Mahender Singh 14 Nov 2017 · 1 min read शेर की तरह/पर शेर नहीं, *शरहदें दो मुल्क की पहचान, शर्त दो यारों की, दो भाईयों की पहचान, आंगन में दीवार, प्रेम-प्यार दो दिलों का है मिलन है, दो जिस्म एक जान, लाख पहरे हो,... Hindi · शेर 1 1 315 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read हम समझना नहीं चाहते, *आंकड़ों पर आधारित है जिंदगी, हिसाब जीवन का नाम नहीं, गर जीवन-लीला है, जिंदगी पटरी का नाम नहीं, गर रीति-रिवाज है,परम्परा है जीवन, आपसी कलह को जगह नहीं, उलझाया गया... Hindi · कविता 1 1 446 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read आज गीदड़ भी शेर है, *भिगा हुआ हु पर लिप्त नहीं, किंतु "प्रेस के कोट" वाले दूर रहे ! शायद क्रीज खतरे में हो, गंदा तो पहले से ही बहुत है, . इतिहास को देखकर... Hindi · शेर 1 1 666 Share Mahender Singh 13 Nov 2017 · 1 min read हम कुछ कहना चाहते पर कह नहीं पाते, *हम कुछ कहना चाहते है, पर खुद से कुछ कह नहीं पाते, किसी की आड़ में कहते है, . जिन्हें हम आप्त वचन कहते है, किसी के वचन,किसी की तस्वीर,... Hindi · लेख 1 1 547 Share Mahender Singh 12 Nov 2017 · 1 min read वार्ता मेरे अनपढ़ कम्पाउंंडर के साथ* *कायर हु पर वीर हु साहेब शंभू ठाकुर नाम से क्या होत है साहेब नाम है बर्फ बहुत ठण्डी होती है जला देती है नाम है बर्फी नाम से मुख... Hindi · लेख 1 1 311 Share Mahender Singh 12 Nov 2017 · 1 min read *तलाश है जिनको* वे दोहन करें, ***तलाश है जिनको, वे दोहन करें, जिनको कछु गयो भुलाय, अपना तो तन-मन आतम है साथ में, फिर कौन भेद ! महेंद्र रेल में है या फिर जेल में...! .... Hindi · दोहा 1 1 282 Share Mahender Singh 11 Nov 2017 · 1 min read शेर..यथार्थ का बोध* ***स्वीकार किया है हमने, उसका नाम ताकि थोप सके, अपनी बुराई उसके नाम, खुद जिम्मेदारी लेने में बड़े झंझट है, . चिंतन है मानव की एकमात्र पहचान, बुढ़ापा नहीं कोई... Hindi · शेर 1 1 462 Share Mahender Singh 11 Nov 2017 · 1 min read स्वधर्म;-निजता की पहचान* *कौन कहता है नालायक हैं ये सब, मगर किसी ने लायक भी तो नहीं कहा ! असमंजस में हूँ लोगों ने कहा ! कब नहीं थे असमंजस में ? भावनाएं... Hindi · कविता 1 1 449 Share Previous Page 15 Next