Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2017 · 1 min read

प्रकृति ही महानतम चिकित्सक है,

भ्रम नहीं हैं धरा और प्रकृति,
जीवन है इसकी उत्पत्ति,
लोग व्यर्थ हक धरते हैं,
सब जीवों की प्रकृति हरते है,
.
यथा जरूरत तथा चक्र है,
व्यवस्था के नाम पर जवाब है प्रकृति,
कौन शाकाहारी कौन करें मांसाहार,
दांतों का आकार निर्धारित करते है,
.
करती है आहार व्यवस्था प्रकृति,
स्तनधारियों के स्तनों में दूध समाया है
करते नहीं निज-कर्म आदमी,
व्यर्थ ही स्वच्छता सामने लाया है,
.
मलीनता की हद तो देखो,
जिसको भी छुआ उसको ही सड़ाया है
छुईमुई उंगली देख मुरझाई है,
इंसान शुद्ध साफ़ सात्विक भोजन खाकर भी पवित्र मल-मूत्र नहीं कर पाया है,
.
फिर भी प्रकृति ने उसे विवेकशील बनाया है,
उसने फिर भी विडम्बनाओं का जाल स्वयं बिछाया है,
रुग्ण है आज मानवता, क्योंकि उसने
खुद से ज्यादा लिखे पर विश्वास जताया है,
महेंद्र

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
2543.पूर्णिका
2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं तो महज तकदीर हूँ
मैं तो महज तकदीर हूँ
VINOD CHAUHAN
शहर माई - बाप के
शहर माई - बाप के
Er.Navaneet R Shandily
दिल नहीं
दिल नहीं
Dr fauzia Naseem shad
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पढ़ता  भारतवर्ष  है, गीता,  वेद,  पुराण
पढ़ता भारतवर्ष है, गीता, वेद, पुराण
Anil Mishra Prahari
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
Shweta Soni
"पतझड़"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
Buddha Prakash
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट  हो गया है
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट हो गया है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जन पक्ष में लेखनी चले
जन पक्ष में लेखनी चले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
भारत माता
भारत माता
Seema gupta,Alwar
विश्व हुआ है  राममय,  गूँज  सुनो  चहुँ ओर
विश्व हुआ है राममय, गूँज सुनो चहुँ ओर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
छोटी-सी मदद
छोटी-सी मदद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...