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20 Dec 2017 · 1 min read

हकीकत में जिंदगी.. अभिनय से अलग होती है,

कुछ तो खास है सभी की जिंदगी में,
वरन् कौन अपना कैसे बेगाना कहते,
.
चाहत की झलक मृग-मरीची की भांति है,
दूर से सब पूरी पास जाकर देखें सब चौपट,
.
महेंद्र तू गुम है,रब वा जग नहीं,
कृत्य तेरे नज़रें उनकी तुझ पर हैं,
.
वजूद के झगड़े में सिर्फ वजूद गुम है,
खोज लिया जिसने भी फिर वो ही वो है,
.
वर्चस्व की लड़ाई में बस वंचित रहे इसी से,
बसा न पाऐ उतने घर जितने आग के हवाले हुये,
.
बहुत लोग मिलेंगे ,
मुँह की तरफ देखते,
मूलभूत चाह की ताक में,
कुछ की चाहत की आश में ,
देने वाला देगा नहीं,
क्योंकि खोखला है इंसानियत के नाम पे,
.
महेंद्र

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 225 Views
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