Mahender Singh 817 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next Mahender Singh 10 Nov 2017 · 1 min read *समाज और अस्तित्व का मूल है बेटी ! *किसी युगल को सिर्फ बेटियां पैदा हो रही हो अगर, अकेले औरत नहीं है.. जिम्मेदार ! जाने कब होंगे ..लोग समझदार ? शादी से पहले ही पढ़ लेना ये पाठ... Hindi · कविता 1 1 563 Share Mahender Singh 10 Nov 2017 · 1 min read रचना का उद्देश्य:-*आत्म-जागृति* *सोचा कुछ विषय दोहन करें, इस तन मन धन पर विचार करें, बहस करें विवेक जगे, विषय हो धर्म वा राजनीति, भाषा-संभाषा करने को, उपयुक्त उत्तर नहीं बचा हो पास... Hindi · कविता 1 2 1k Share Mahender Singh 9 Nov 2017 · 1 min read कैसे जगे सामर्थ्यता ! नफरत है हर मन में, हर तन बेचैन है, गर खोज नहीं पाए हम, इस बेचैनी की वजह, बंद नहीं होने वाले आपसी कलह, कौन है जिम्मेदार ? कैसे मिटे... Hindi · लेख 1 1 550 Share Mahender Singh 9 Nov 2017 · 1 min read हस्ताक्षर सरकारी और गैर-सरकारी* *अपने हस्ताक्षर कर करके देखता हु मिल न सका इनको स्थान, सरकारी खजाने की हिस्सेदारी में, कर करके देखता हु कोई मना न कर दें इनको, तुम्हारे नहीं है भाई,अपनी... Hindi · लेख 2 1 474 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read शेर जो दे *आपके तंत्र को नया आयाम* **पत्थरों के खोजी, उंगलियों में नीलम पहनते हैं, सुना है हर किसी को, माफिक नहीं आते, फैले है लाखों तौर-तरीके, उस एक ईश की खोज में, कोई इस विधि चढ़ा,... Hindi · शेर 1 1 441 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read वंदेमातरम् !!! माँ भारती तुझे सलाम !!! **वो कौन है ? जिसका हर रुख एक संदेश है ! और संतान का हर रुप पसंद है ! कोई माँ नहीं चाहती ! कोख उजड़े ! उसकी उसके सामने... Hindi · कविता 1 1 501 Share Mahender Singh 8 Nov 2017 · 1 min read अध्यात्म एक अनुभूति, आयोजन से दूर, *गुफ्तगू थी तेरे मेरे बीच में, जमाना समझने लगा ! क्या खाक समझा ? जो बात थी अन्दर के भावों की, उन्हें बाहर परखने लगा, . ताला बंद ही कब... Hindi · शेर 1 1 598 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read *एक झलक प्रेम को सब तरसे ! *घबराहट में यूँ न शर्माना, जमाने की नज़र बड़ी जालिम है, *हर हरकत पर नज़र रखती है, तकरार में थोड़ा ज्यादा, शर्माने की हरकतों पर हर अंदाज़ में गवाही बनती... Hindi · कविता 1 1 375 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read प्रेम प्यार धन किसे मिलता है ! *प्रेम बरसता है, प्रेम झलकता है, प्रेम फैलता है, प्रेम आनंद है, प्रेम एक अहसास है, एक संदेश है, झलक है उसके होने की, प्रेम कभी बँटता नहीं, सबके लिए... Hindi · कविता 1 1 892 Share Mahender Singh 7 Nov 2017 · 1 min read कुछ शेर *जो अपने हकों की रक्षा करना सिख लेते है, उनका कभी ...पतन नहीं होता, उन्हें कोई गुलाम नहीं बना सकता, . कुछ लोग कमाते इसलिये है ताकि, दूसरों के घरों... Hindi · शेर 1 1 376 Share Mahender Singh 5 Nov 2017 · 1 min read हमें कौनसी चीज़ पीछे धकेल रही है, जिस देश मे खेल पुराना कबड्डी हो, पदक हॉकी में आये हो, बजट क्रिकेट को मिलता हो, दारासिंह फ्री स्टाइल विभूति हो, राजीव दीक्षित जैसों को संदिग्ध मृत्यु का खुलासा... Hindi · कविता 1 1 328 Share Mahender Singh 5 Nov 2017 · 1 min read जिम्मेदार बनने का आधार धरे, बहुत सताया है, हमने खुद को, अब तो खुद को माफ़ करे, हो सकेगा परमार्थ तभी, जब खुद से इंसाफ करें, मत धोखे में रहना जी, कोई जगाने आता है,... Hindi · कविता 1 1 340 Share Mahender Singh 4 Nov 2017 · 1 min read ज्ञान गंगा में स्नान कर उत्सव मनाऐ,* *जिसका मन है चंगा, वे नहीं लेते पंगा, वेदना और चेतना, होती है एक अनुभूति, . दोनों एक आभास, शरीर पीडित है, चेतना मुक्त है, आप के अन्दर क्या घट... Hindi · कविता 1 1 435 Share Mahender Singh 3 Nov 2017 · 2 min read झूठ बोलता हु कबूल करता हु* *झूठ बोलता हु कबूल करता हु जिम्मेदार हु या नहीं उसे परखता हु जन्म हुआ ममता स्नेह प्रेम-प्यार रूप जननी मिली, एक श्रेष्ठ घर-परिवार और पिता मिला खुश थे सब... Hindi · लेख 1 1 363 Share Mahender Singh 31 Oct 2017 · 1 min read शौक है लेखन पर मैं कॉपी-पेस्ट नहीं करता* *मैं कौन हु ? क्या मैं चोर हु ? पर मैं चोरी नहीं करता, मै लिखता हु पर कॉपी पेस्ट, कॉपीराइट नहीं करता, क्या लिखना है, तथ्यों पर गौर नहीं... Hindi · कविता 1 1 689 Share Mahender Singh 31 Oct 2017 · 1 min read राजनेता और लोग//जनता सवाल पूछती है, जनता सवाल पूछती है, पार्टियां जवाब नहीं देती, क्यों रोंदते हो हमें ! तुम तो हमारे अपने हो ! हर पाँच साल में याद दिलाने आते हो, हमें भी तो... Hindi · कविता 1 1 428 Share Mahender Singh 31 Oct 2017 · 1 min read हृदय पुलकित//मन भाव-विभोर* *मैं नहीं देखूं रुप रंग कालो कलूटों मेरो तो बस महेंद्र अपनो, सुपणा जैसो हकीकत सै, मेरे मन नै भा गयो, हिय पुलकित भयो, कोण कहे कद मे छोटो सै,... Hindi · कविता 1 1 412 Share Mahender Singh 30 Oct 2017 · 1 min read घटनाएं बोध जगाती है* *दरिया को देख एक विचार आया, बंद रेलवे फाटक को देख एक ख्याल आया कभी टूटता तारा देख, लोगों का कथन याद आया, कभी उगते सूरज, कभी डूबते सूरज का... Hindi · लेख 1 1 302 Share Mahender Singh 30 Oct 2017 · 1 min read *मैं नास्तिक हु और आप * *किसी ने मुझसे कहा, कि तुम तो चिढते हो, सोच छोटी है आपकी, मैंने स्वीकार किया और जवाब दिया, *तुनक मिजाज है जो, हूनर की तस्वीर है वो* मुझ से... Hindi · लेख 1 1 531 Share Mahender Singh 29 Oct 2017 · 1 min read बेटी भी बेटे भी सब एक समान *बेटी बचाओं..बेटी पढ़ाओं, पर बेटों को भी तो संभालों, अब तक बेटे थे गर्त पर, अब बेटी लग गई शर्त पर, कौन है जिम्मेदार, उनका भी तो पता लगाओं, थोथे... Hindi · कविता 1 1 656 Share Mahender Singh 29 Oct 2017 · 1 min read हास्य :-वृतांत पढ़े गारंटी है, हँसी बिल्कुल नहीं आएगी, ये तो बस views का चश्का है, वरन् किसे हँसने-हँसाने की पड़ी है, . *दुखी है सब, पर कोई सुखी भी तो नहीं... Hindi · कविता 1 1 434 Share Mahender Singh 29 Oct 2017 · 1 min read शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्यात्मक आलोचना, *एक अनपढ़ को अक्षर ज्ञान देकर अक्षर जोड़ने वा वाक्य पढ़ना तो सिखाया जा सकता है, . विवेक ज्ञान जागृति साक्षर को अनपढ़ से ही सिखने पड़ते हैं, . समाज... Hindi · लेख 1 1 535 Share Mahender Singh 28 Oct 2017 · 1 min read मुझे भारतीय होने पर गर्व है, *हिंदू धर्म और संभावना* . क्या अब वक्त आ गया है ? क्या हिंदू धर्म ...., ज्यादातर पाखंड से भरा हुआ ? क्या उसे आधुनिकता और विज्ञान के सहारे की... Hindi · लेख 2 2 539 Share Mahender Singh 28 Oct 2017 · 1 min read हास्य व्यंग्य पर भी व्यंग्य *दुनिया में जटिलताओं को लेकर जवाब* . परिवर्तन प्रकृति का स्वभाव है, भक्तों के दिन हैं नामुराद व्यर्थ ही क्यों परेशान हैं, . आपको मच्छरों की पड़ी, एक कौम आरंभ... Hindi · कविता 1 1 547 Share Mahender Singh 28 Oct 2017 · 1 min read नास्तिक हु आस्तिक तुम भी नहीं, **जीवन अभिनय दुनिया एक मंच फिर काहे कि जाति काहे का पंथ, . **भूलना मत उसी तरह दुनिया देखी है, जैसे सबने देखी है, शिखा रख तू श्रेष्ठ कैसे ?... Hindi · शेर 1 1 588 Share Mahender Singh 28 Oct 2017 · 1 min read प्रेम में पहचान किसे ? प्यार है इंतज़ार है, बेकरार और भी ज्यादा मिले, पहला प्यार है वो, जो घुटन तोड़ दे, जीवन के मायने बदल दे, सच्चा प्यार है वो, मुश्किलें बढ़े जमाने की,... Hindi · कविता 1 1 443 Share Mahender Singh 27 Oct 2017 · 1 min read भारत-भूमि तू धन्य है, करुणा और प्रेम का संदेश है भारत सहज समायोजन का नाम है भारत, सब ओर फैला प्रकाश जिससे, उस देश का नाम है भारत है, . विभिन्नताओं में एकता का... Hindi · कविता 1 1 329 Share Mahender Singh 26 Oct 2017 · 1 min read शरहद और शहीद, **सबकुछ शांत, दूर दूर तक सन्नाटा, आज फिर शहीद, हो गया, माँ भारती तेरा बेटा, . माँग उजड़ी, एक ओर बच्चा हुआ यतीम, होता नहीं यकीन, पर क्या करें ?... Hindi · कविता 1 1 227 Share Mahender Singh 26 Oct 2017 · 1 min read हास्य:-लेनदेन व्यवहारिकता पर, आज एक अजीब सी नाजुक स्थिति है, लोगों मे.. अगर किसी से पैसे माँगने जाओ, तो उल्लेख पैसों का सुनने को मिलता है, पैसे फिर भी नहीं मिलते, . इतने... Hindi · कविता 1 1 317 Share Mahender Singh 25 Oct 2017 · 1 min read शेर भी दोहे भी, **मुझे न भड़काओ यारों, मैं धधकती हुई ज्वाला हूँ, हाथ सेकने को नहीं, हीरा बनाती हूँ रुपांतरण मेरी भाषा, . भीड़ तेरी शक्ल ना सुरत, काम करती है तू औंदा(उलटे)... Hindi · शेर 1 1 449 Share Mahender Singh 24 Oct 2017 · 1 min read विज्ञान वरदान या अभिशाप बिन सैंस तोले कौन, **सैंस(sense)से जो आई है, सुविधा बहुत बढ़ाई है, उसी साइंस(science)ने, आखिर नींद हमारी उड़ाई है, . तन गई मिसाइल जगह जगह, तू बता जरा, हमारी सैंस कहाँ छुपाई है, माना... Hindi · कविता 2 1 6k Share Mahender Singh 22 Oct 2017 · 1 min read थोड़ा सहज सोंचे !जरा हटकर ! सबकुछ इतना फास्ट हो चुका है, डॉ महेन्द्र पसंद है, उसकि रचनाएं पसंद है, . शीर्षक क्या है? उस रचना में विषय कैसा है, उससे कोई मतलब नहीं है, .... Hindi · लेख 1 1 411 Share Mahender Singh 22 Oct 2017 · 1 min read "माँ गुणों की खान" **माँ फूली नहीं समाती, जब कोई बच्चा प्यार से, सिर्फ माँ भर बोल देता है, . कृति है वो उसके स्वप्नों की, जीवन है वो उसका, प्राणों से है वो... Hindi · कविता 1 1 399 Share Mahender Singh 20 Oct 2017 · 1 min read "श्रीकृष्ण-लीला" और "प्रकृति-संरक्षण" अपना भी मन तो बहुत करता है, पेड़ कदम पर बैठ बंशी बजाने का, आशीर्वाद मिले प्रभु तुम जैसा, मलहार प्रेम प्यार के गाने का, . गोपियों संग रास रचाने... Hindi · कविता 1 1 467 Share Mahender Singh 19 Oct 2017 · 1 min read पर-पीड़ा सिखाने आती है **जब पीर पराई हो, वैसे घूमती आई हो, विचलित नहीं होता कोई, परीक्षा की घड़ी, परिणाम सुनाने आई हो, . सामने दिखे मौत, हँसते हँसते गले लगाया हो, वह मौत... Hindi · कविता 1 1 247 Share Mahender Singh 18 Oct 2017 · 1 min read इंसानियत सदियों का सम्मोहन तोड़ सकती है, **न जाने इंसानियत कब ? हिंदू, मुस्लिम, सिख,ईसाइयत से बाहर आएगी, न जाने क्यों ? कौम का गदला पानी, बार-बार निथर कर भी, क्यों गदला हो जाता है ? न... Hindi · कविता 2 1 214 Share Mahender Singh 18 Oct 2017 · 1 min read आस्तिक कौन ?लोगों पर एक नज़र, हररोज रोज की तरह रोज़ लेकर पहुँचा मंदिर में लोगों ने आस्तिक कहा । . जा रहा था सोच समझकर अपनी हर गतिविधियों पर नजर रखते हुए, . लोग की... Hindi · कविता 1 1 295 Share Mahender Singh 17 Oct 2017 · 1 min read हँसी, मजाक और व्यंग्य मौसेरे भाई ***कुछ लोग भावनाओं से, .....रहते है भरे हुए, . एक दिन कुछ लोग जा रहे थे बीच सड़क पर हँसते हुए, . हमने भी हँस कर कह दिया, . हँसी... Hindi · कविता 1 1 445 Share Mahender Singh 17 Oct 2017 · 1 min read भावनाएं नाजुक होती हैं, वो मुझे रोकती रही, और मैं आगे बढ़ गया, वो मेरा जुनून था, उसको डर, तन्हाई बढ़ जाने का, न मुझे कुछ मिला, न उसे कुछ हासिल, उसके अश्क फिर... Hindi · कविता 1 1 596 Share Mahender Singh 15 Oct 2017 · 1 min read हास्य-कविता:- हास्य भी ..सीख भी हे प्रभु ! उन्हें बहुत सारे पटाखे दे देना, जिन्होंने हमसे पटाखे छीने है , उनको लकड़भगा सी चाल देना, जब चले-चाल हर जोड़ पटाखे-सम आवाज करे, उनकी कब्ज तोड़... Hindi · कविता 1 1 853 Share Mahender Singh 14 Oct 2017 · 1 min read शेर.."उस एक की पहचान" किन किन से उलझिएगा, तुम्हारे जैसे सिर्फ तुम ही हो, एक अकेले उसकी विशिष्ट कृति, गौर फरमाईयेगा, या फिर जिंदगी भर कष्ट पाईयेगा, जो जी में आये वो करियेगा, पर... Hindi · शेर 1 1 601 Share Mahender Singh 14 Oct 2017 · 1 min read समस्या साधारण,फिर भी समाधान नहीं, एक आम समस्या, जो कि साधारण नहीं है, इसलिए समाधान भी नहीं है, . एक समय कभी ऐसा था, जब कभी, वीरान राहें हुआ करती, जो कि डराती थी, अब... Hindi · कविता 1 1 256 Share Mahender Singh 12 Oct 2017 · 1 min read जैसा मनोभाव.. वैसी ही दुनिया किसी के वास्ते ..अमीरों की है दुनिया, जो करीबी है "रिश्तों की डोर" है दुनिया, जो रक्षक है धरा पर उनके लिए रण-भूमि है दुनिया, गर कोई जिम्मेदार है उनके... Hindi · कविता 1 1 531 Share Mahender Singh 10 Oct 2017 · 1 min read बिल्कुल भी ना डरे, निजता प्रस्तुत करे, बिल्कुल भी ना डरे, सभी काम सोच-समझ कर करें, . कोई जिक्र करे, कोई फिक्र करे, कोई तन्हाई से डरे, कोई खो गया भीड़ में, कोई कूद... Hindi · कविता 1 1 334 Share Mahender Singh 10 Oct 2017 · 1 min read जैसी चाहत वैसे फल **हम यूँ ही शरमाते रहे, लोगों को अपना समझकर, लोगों ने अपनाया ही नहीं, अपनी दशा ..सुना डाली, पशु-पक्षियों के नाम से सजी गालियां दे देकर, . हमने भी अपनी... Hindi · कविता 1 1 306 Share Mahender Singh 9 Oct 2017 · 1 min read "अनुभव से काम लें" **ध्येय क्या बनाएँ संतुष्टि साधन है , घर क्या माँगे, आसमां छत जैसी, आशियाना क्यों मांगे, संपूर्ण धरा माँ जैसी है, ऐसी सोच ने बेईमान बना दिया, आतम में आपातकाल... Hindi · कविता 1 1 350 Share Mahender Singh 9 Oct 2017 · 1 min read जीवन और जीवन-दर्शन सांप तो निकल गया, लाठी भी टूट गई, हाथ कुछ नहीं लगा, वही डर वही खौफ, जीवन तो जिया ही नहीं, कसक नफरत बेचैनी बढ़ती गई, मानव जन्म फिर व्यर्थ... Hindi · लेख 1 1 406 Share Mahender Singh 8 Oct 2017 · 1 min read जागृति के साथ उत्सव मनाओ, खुशियाँ मनाओ..उत्सव मनाओ, जीवंत होने का संदेश दो, पर पाखंड को छोड़कर, नि ज ता की खोज मेंं, प्रेम-प्यार मे घुल-मिल एक हो जाओ, . जागरण मनाओ, जीवन मिला है,... Hindi · लेख 1 1 347 Share Mahender Singh 8 Oct 2017 · 1 min read कौन सी सोच हमें उभार सकती है, प्रतिष्ठा की ..चाह में, स्वाभिमान को बहुत बड़ा स्थान है, "नारद" सम "हरी" रूप जनता, बनती एक से एक ..महान है, जाने रखती ..कैसे अपना ध्यान है, है कौन सी... Hindi · कविता 1 1 637 Share Mahender Singh 6 Oct 2017 · 1 min read शायरी-- शेर-शायरी:- जीवन-नृत्य,आभास और लेखन, गर जिंदगी तुझे ..मुझसे प्यार नहीं, तो देखकर मुस्करा ..क्यों देती हो, हर पल जीना सिखाती हो, इतना ऐतबार मुझ पर क्यों करती हो, झंझटों में... Hindi · शेर 1 1 345 Share Previous Page 16 Next