*"कौआ कनागत् और सीख "*
आओ..आओ.. आओ..कागा, आयो..कनागत्..मांड़ी ..काढ़ी, पितृ.. पिण्ड.. जिम्मा.. बने सौभाग्यी, . तिड़..तिड़..तिड़..जाओ..कागा, हुए.. पिण्ड.. पूरे, आज..अमावस्या..काढ़ी, बैठ मंड़ेर कावँ-काँव करता कागा, अतिथि अथवा शुभ संदेश लाना कागा, हुई रीति पुरानी, अब...
Hindi · कविता