Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2017 · 1 min read

वंदेमातरम् !!! माँ भारती तुझे सलाम !!!

**वो कौन है ?
जिसका हर रुख एक संदेश है !
और संतान का हर रुप पसंद है !

कोई माँ नहीं चाहती !
कोख उजड़े !
उसकी उसके सामने !

सिद्ध किया !
उस एक माँ ने !
हँस कर किया विदा !
जब सरदार भगतसिंह की माँ ने,

माता मन ही मग्न थी !
सोच रही थी !
भगतसिंह सही पहचाने !
माँ भारती ही,
असल तेरा गौरव है !

मेरा जन्म भी सफल हुआ !
जो तूने बचा ली !
लाखों कोख उजड़ने से !

वंदे मातरम् !!!
वंदे मातरम् !!!

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
झोली फैलाए शामों सहर
झोली फैलाए शामों सहर
नूरफातिमा खातून नूरी
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
Harminder Kaur
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
Ravi Prakash
सगीर गजल
सगीर गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
करवा चौथ
करवा चौथ
Er. Sanjay Shrivastava
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
Ashwani Kumar Jaiswal
हज़ारों साल
हज़ारों साल
abhishek rajak
💐प्रेम कौतुक-314💐
💐प्रेम कौतुक-314💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*नया साल*
*नया साल*
Dushyant Kumar
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
सिद्धत थी कि ,
सिद्धत थी कि ,
ज्योति
1...
1...
Kumud Srivastava
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
"यही दुनिया है"
Dr. Kishan tandon kranti
कुदरत के रंग.....एक सच
कुदरत के रंग.....एक सच
Neeraj Agarwal
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरी माटी मेरा देश....
मेरी माटी मेरा देश....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Ujjwal kumar
Loading...