Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2023 · 1 min read

पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन

पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
—————————————————–
पनघट गायब हो गए ,पनिहारिन अब कौन
लोक-कथा में रह गई , घटना केवल मौन
घटना केवल मौन , न पानी भरने जाती
मटकी लेकर चित्र ,नायिका सिर्फ खिंचाती
कहते रवि कविराय ,भरो अब नल से झटपट
पानी भरने कौन , आजकल जाती पनघट
——————————————————
पनघट = कुआँ या घाट जहाँ से पानी भरते हैं
पनिहारिन = वह स्त्रियाँ जो पनघट से पानी भरती हैं
————————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर ( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451

418 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
जिंदगी तुझको सलाम
जिंदगी तुझको सलाम
gurudeenverma198
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
गुरु नानक देव जी --
गुरु नानक देव जी --
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
दोस्ती से हमसफ़र
दोस्ती से हमसफ़र
Seema gupta,Alwar
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
*Author प्रणय प्रभात*
उत्साह का नव प्रवाह
उत्साह का नव प्रवाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
कवि
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
Harminder Kaur
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
त्यौहार
त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Sakshi Tripathi
इंसानियत
इंसानियत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
Ravi Prakash
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
लक्ष्मी सिंह
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
मातृ दिवस पर विशेष
मातृ दिवस पर विशेष
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...