Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2017 · 1 min read

लोगों का वास्ता !

कौन के हक के लिये लड़े,
किन किन से बुरा बने !
मतलब निकलने बाद !
सब एक जैसे हो जाते है !
जब धर्म ने ही !!!
रहम न दिखाया !
इंसानियत को बाँट दिया !

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
जो लोग ये कहते हैं कि सारे काम सरकार नहीं कर सकती, कुछ कार्य
Dr. Man Mohan Krishna
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
Vishal babu (vishu)
** अरमान से पहले **
** अरमान से पहले **
surenderpal vaidya
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
3323.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3323.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
Amit Pandey
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
हां मैं पारस हूं, तुम्हें कंचन बनाऊंगी
हां मैं पारस हूं, तुम्हें कंचन बनाऊंगी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मित्र भाग्य बन जाता है,
मित्र भाग्य बन जाता है,
Buddha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
Yogendra Chaturwedi
सुन्दर सलोनी
सुन्दर सलोनी
जय लगन कुमार हैप्पी
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
शेखर सिंह
इश्क में आजाद कर दिया
इश्क में आजाद कर दिया
Dr. Mulla Adam Ali
Loading...