Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Next Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक कभी कभी लगता है कह दूँ पुर्दिल, समय लगेगा जाने में कुछ सांसे अब भी अटकी हुई है, जीवन के खाली खाने में। कभी-कभी दिल कहता है कि, मैं वही... Hindi · मुक्तक 1 216 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read कई बार सोचती हूँ कई बार सोचती हूँ तुम्हें पलट कर कह दूँ कि कोई नही रहता वहां क्यूँ तकते हो उसे...? क्या है गिला... ? जिसे कहते हो तुम उस से आओ तुम्हारे... Hindi · कविता 2 1 503 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सी एक बस बात है, दिल में लिए हैं प्यार हम ख़्वाहिस है तू मेरी, दिल से किया यार तेरा इंतख़ाब हम। अब ख्वाब में भी करते हैं यार... Hindi · मुक्तक 2 1 252 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सा एक ख़ाब है हांथो में तेरे मेरा हाँथ है दिल धड़कता है मेरा और ख्वाहिशें भी बेशुमार है। सुकून मिल जायेगा दिल-ए-बेकरार को इस ख्याल से तू भी... Hindi · मुक्तक 2 1 451 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. जब तक चमन में तुम रहोगे प्यार खिला रहेगा दिल के बाग़-बग़ीचे में मेरी भी कुछ सांसे लेकर जीना प्यार ज़िंदा रहे सब के दिल के दरीचे में !... Hindi · मुक्तक 2 1 234 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमने कब कहा...? फासला पे रहो...? फैसला भी तुम्हारा फासला भी तुम्हारा हमने तो बस इतना चाहा... जहां भी रहो हौसलों से रहो... ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 327 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read जब भूखे बच्चे न अकुलायेंगे जब भूखे बच्चे न अकुलायेंगे जब हर पेट अन्न से भरा होगा जब माओं की सूखी छाती से छीर की गंगा बह निकलेगी जब लूटी-पीटी बेटी से कोई जात-धर्म न... Hindi · कविता 2 1 1k Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. वो डूब रहा था जाने कितनी हसरतें लेकर हम तैरना उसको सीखा भी न पाए, कोई नही... कल फिर कोशिस करेंगे अपनी अना देकर ! ...सिद्धार्थ २. ये जो... Hindi · मुक्तक 2 1 188 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read अब तुम ही कहो सुभाष... कहो तो बोस... कौन है जो आज ये कह देगा 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा' तेरे जड़-चेतन से मैं गुलामी को हर लूंगा अब तो वो ये... Hindi · कविता 1 1 227 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम साथ न चल पाए दूर तक, कोई नही हम अकेले भी तो न हुए... मुझमे रहोगे तुम पुर्दिल जिंदगी भर के लिए ! ...सिद्धार्थ २. और क्या था मेरे... Hindi · मुक्तक 401 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मैं उसे खुद में मरने नही दूंगी वो मुझे खुद में जीने नही देगा ! ...सिद्धार्थ 2. कुछ जबाब आये तो हैं जानिब से उनके पर जबाब भी सवाल के... Hindi · मुक्तक 316 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read तम्हें धर्म कहूँ...या जीने का सलीका...? तम्हें धर्म कहूँ या जीने का सलीका या तुम्हें मौत कहूँ, कुछ भी हो, तुम्हें समझना मुश्किल नहीं बस एक खाली दिल,और एक खाली दिमाग चाहिए बुद्ध के भिक्छा पात्र... Hindi · कविता 1 1 484 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तुम अब दीवार पे ही टांग दो, तसवीर नही तकदीर मेरी तुम्हारी चालाकियों ने नंगा किया है बदन की तहरीर मेरी ! ...सिद्धार्थ २. न धन कमाया न दौलत... Hindi · मुक्तक 499 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बेहिसों की महफ़िल में लाश मेरी पड़ी रही कागा वो तंगदिल न था सड़न से बचाने को ! ...सिद्धार्थ कई जमाने हुए तू बन याद, दिल के दयार से... Hindi · मुक्तक 2 497 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 1. तू और तेरी ये मुस्कान, समंदर सी लगती है हमें नदी होकर तुझ में हर बार ही समा जाती हूँ मैं बेटियां कहीं भी चहके बस अपनी सी लगती... Hindi · मुक्तक 2 235 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read बुरी लत तुम्हें खुद को खुदा समझने की ये जो बुरी लत लगी है दरकिनार करके इंसानियत को नरपिशाच हो जाने की जो भूख जगी है तुम्हें रसातल तक लेके जाएगी, तुम्हें... Hindi · कविता 4 1 643 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने, ख़्याबों को कभी अलबिदा कहा ही नही क्यूँ कहूँ आँखे हैं, हक है उसका / ये अलग बात... कुछ पुरे हुए कुछ टूट कर बिखर गए... ...सिद्धार्थ २.... Hindi · मुक्तक 3 527 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read हम खुद को दो हिस्से में बाटेंगे। ये भी ठीक है कि तन को तुम जंजीरों से बांधोगे! पर कहो तो भला… शब्दों को किस विधि तुम साधोगे..? अपनी हक की बातें करने को रोटी-लंगोटी की बांतों... Hindi · कविता 4 1 353 Share Mugdha shiddharth 15 Aug 2019 · 1 min read कैसी आजादी...? कैसा 15 अगस्त...? कैसी आजादी...? कैसा 15 अगस्त...? खुशी कैसी, कैसे रहे मन मस्त कैसे मनाऊं, मैं 15 अगस्त तुम्हें मनाना है क्या ...? मनाओ न, रोका किस ने है ? रोक भी... Hindi · कविता 5 1 524 Share Mugdha shiddharth 15 Aug 2019 · 1 min read दिल गरीब नही...जेब फटी हुई है दिल गरीब नही था... बस जेब थोड़ी सी फटी हुई थी उसकी नजर दिल पे कहां थी... ? वो तो बाईं जेब पे मेरी अटकी हुई थी... पेंडुलम की सूई... Hindi · कविता 3 249 Share Mugdha shiddharth 15 Aug 2019 · 1 min read सुनों न... सुनों न... वो, मुझे कुछ पूछना था...? पूछूँ क्या... सच-सच कहोगे ? किसी बात से तो न डरोगे ? इस रक्षा पर्व पर, रक्षक किस-किस को बनना है ? आजादी... Hindi · कविता 2 474 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक साहेब की मन की बात ; हम जान क्या लेंगे किसी का, अपना हाँथ गंदा क्यूँ कर करना है पूज देते हैं हथियारों को नौजवानों को अभी देश भक्त बनना... Hindi · मुक्तक 4 1 266 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. भेजा था एक पैगाम हवा के पर पे तुम्हे मिली थी क्या ...? पूछना था... खुश रहते हो क्या...? मेरे शब्दों से रिश्ता बनाकर... ...सिद्धार्थ २. तुम दूर हो... Hindi · मुक्तक 3 602 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक रंगती रही वो गैरों की दीवारों को निस दिन औलाद के आँसू कर के नजरअंदाज पलछिन बेरंग ही रही वो देहारी न मिली जिस दिन ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 540 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read तुम महादेब की गौरी हुई हो...? छोटी-छोटी नन्हीं परियां हो तुम तुम महादेब की गौरी हुई हो...? छोड़ो, दुर्गा-काली बन जाओ... सब दुष्टों पे अकेले ही भारी पर जाओ... गौरी सीता होकर क्या कर लोगी...? कब... Hindi · कविता 3 488 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read ईद मुबारक... तुमको सखे अब मैं क्या ही बोलूं , शीशा भी अब सच कहने से डरता है। तुम जब से दूर गए हो चाँद गगन में थकता है तुम जिस दर्पण... Hindi · मुक्तक 3 1 212 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हे पता है क्या,...? क्या ढूंढती हूँ मै,...? बस एक अदना सा वकील जो दिल के दरबार में सुनवाई करवा दे यार से इश्क की गवाही दिलवादे मेरा सुलह करा... Hindi · मुक्तक 3 339 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read उठो द्रोपदी उठो द्रोपदी अब समर को सजना ही होगा अपने अपमान के लिए फिर नया महाभारत रचना ही होगा सीता नहीं, मीरा नहीं,राधा नहीं अब काली का ही रूप धरना होगा... Hindi · कविता 3 298 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read चमकी बुखार शिशुओं के सुंदर कोमल नरम बदन में कम्पित ज्वर के लक्छण दिखने लगे हैं। बिलख-बिलख कर माताओं के उर, मलिन वसन समान ही फटने लगे हैं। कोमल कृशकाय शिशु के... Hindi · कविता 1 402 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक वो शब्द कहाँ से लाऊँ, तेरी प्रतिछाया जिसे बनाऊँ एक माँ की जाई हम, आ तेरी परछाईं मैं बन जाऊँ। तू उर में ही मेरे रहती है, कहां कहीं और... Hindi · मुक्तक 3 1 512 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक 1. हम ने कई बार पलट कर देखा था उसे दिल ने यूँ ही सूरज कह दिया था जिसे ! / तेरी तलाश में मैं कहीं भी नहीं हूँ सखे... Hindi · मुक्तक 2 1 210 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक ख़्वाहिशों के धार पे मचलती रही जिंदगी... / सुबह से शाम ... साम से फिर सुबह में ... बदलती रही जिन्दी... *** Hindi · मुक्तक 2 1 433 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक सारे दिन की थकन मैं तुझ पे ही उतार आती हूँ, तेरे खत में पलते शब्द को जब जरा सा निहार आती हूँ जब भी तेरी याद, याद बन सताती... Hindi · मुक्तक 2 1 325 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read दिल क्या है ? दिल क्या है ? धडकन...या तड़पन नफ़रत ...या मुहब्बत सांसे ...या आसें जो भी हो, रहे बस उम्मदों भरी बगिया सी कभी तेरे लिए धड़के कभी मेरे लिए तडपे कभी... Hindi · कविता 2 240 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ कहना था तुम से, कहो कह दूँ क्या ? तुम यूँ जो रूठे हो, गुदगुदी कर दूँ क्या ? ...सिद्धार्थ २. जरा सा मुस्कुराने के लिए ख्वाइशों का... Hindi · मुक्तक 2 1 390 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read सूर्य का अस्त होना सूर्य का अस्त होना नेपथ्य की ओर जाना एक सबक है अपने आप में मुस्कुराते हुए अस्ताचल को जाना उसका रात के अंधेरे में खो जाना उसका और हमें समझना... Hindi · कविता 1 285 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक बेवज़ह ही मन में कुछ सपनें करबट बदल रहें हैं हँसुआ और हथौड़े उठाने को हांथ मचल रहे हैं ! ... सिद्धार्थ *** ये जो इंक़लाबी रफ़्तार है अपने ढंग... Hindi · मुक्तक 2 1 438 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैं अजीब कुछ अलग ही किस्सा हूँ तू मुझ में है और मैं तेरा हिस्सा हूँ ! ...सिद्धार्थ २. तमाम रात कुछ ख़्वाब चुनते रहे सुबह की किरणों ने... Hindi · मुक्तक 2 1 250 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक एक चुटकी नमक रखो दिल के ज़ुबान पे ख़ुशियाँ साथ चलेंगी जिंदगी की ढलान पे ! *** कभी अखबारों में सच की सियाही से शब्द फूटते थे आज पैसों के... Hindi · मुक्तक 4 2 287 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक किसी के हिस्से महल आया किसी के हिस्से आई झोपड़ी मुझे फुटपाथ मिला जागीर समझ मार दी हमने चौकड़ी । ...सिद्धार्थ २. गिद्धों ने पर फैलाए हैं जन्नत को अब... Hindi · मुक्तक 2 242 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बेताब रुह है न तेरी, चिनार से लिपट जाने को बिजली बन गिरेगी, मक्कारी तेरी जला जाने को ! ...सिद्धार्थ *** २. जब तक बेटियों को मांस, खुद को... Hindi · मुक्तक 3 231 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read फूल नाराज हो क्या... ? फूल नाराज हो क्या... ? आओ हम तुम्हें महकना सिखा दें... अपने चाहतों का रंग देकर तुम्हें आओ हम जरा चहकना सिखा दे बैठो न यूँ मायूस होकर ... आओ... Hindi · कविता 1 460 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मिट्टी होकर एक दिन मिट्टी में ही तो मिल जाना है धन-दौलत का करना क्या यही तो असली खजाना है । छीना-झपटी, कत्ल-खून से किस को क्या मिल जाना है... Hindi · मुक्तक 3 1 262 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमारा सरपरस्त पस्त हुआ है भूख मिटाने में अख़बार से निकल हमारे हांथ तक आ जा 'भेल-पूरी' चखेंगे हम सब तुझे, बैठ अपने ही गरीब खाने में ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 2 1 412 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्त १. सफ़र बांकी था, बस तुम छूट गए खुशियों से रिश्ता हमारा टूट गए ! ...सिद्धार्थ *** २. सब ने सब्र करना सिखाया उसने बेसब्री से मिलवादीया ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 2 1 475 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. तू मिला ही नहीकभी, तो छूटेगा कैसे ...? मुझ में ही जो बसा हो वो टूटेगा कैसे...? ...सिद्धार्थ २. सभी ख़्वाब पूरा नही होता ... तो क्या हुआ... देखना... Hindi · मुक्तक 2 1 365 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. दुनियाँ बहुत खुबसूरत है मेरे बच्चे नफ़रत नही प्यार करना किताबों में ही मिलेंगे रास्ते सच्चे ! ...सिद्धार्थ ***२. बदलते समय में सब कुछ बदल जाता है दिन रात... Hindi · मुक्तक 1 427 Share Mugdha shiddharth 10 Aug 2019 · 1 min read पेड़ ... दंड पेड़ ... दंड *************** कागजों पे शब्द अनमोल रोपने थे, कलम के लोहे से उसपे सपने सींचने थे, कुछ तेरे हिस्से के कुछ मेरे हिस्से के कुछ हम सबके हिस्से... Hindi · कविता 1 393 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. झुका कर पैरों में अपने, कैद में जूते के इंसान को रखती है क्या अजब की वो... उसपे ख़ुलूस-ए-फ़िक्र और फिर अम्न की भी बात करती है ! ***... Hindi · मुक्तक 3 1 427 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read औरत औरत होकर भी वो, औरत ही होती है जो औरतों का दुख-दर्द सब से कम समझती है । अपने पे जो बीती हो वो दूसरी औरत को सूद समेत वापस... Hindi · कविता 3 531 Share Previous Page 14 Next