DR.MDHU TRIVEDI Language: Hindi 796 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next DR.MDHU TRIVEDI 13 Nov 2016 · 1 min read नोट नोट आज हो गये है सब बेकार काम काज कर न पाऊँ हूँ लाचार भीड़ जो कतार में जेहन सुलगे आग जो जमा हुई वही दिखती बेगार Hindi · मुक्तक 71 342 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Nov 2016 · 1 min read अफसोस http://hindi.webdunia.com/hindi-poems/poem-116110900058_1.html Hindi · कविता 72 348 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Nov 2016 · 2 min read मनी मनी मनी मनी मनी मनी ------@@@------- यूनेस्को द्वारा "द वेस्ट प्राइम मिनिस्टर आॅफ वर्ल्ड" से नवाजे मोदी जी ने कालाधन निकलवाने की जो युक्ति निकाली , स्पष्टत: ही सराहनीय है । लेकिन... Hindi · लघु कथा 74 1 373 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2016 · 1 min read अफसोस अफसोस देख आज के हालात सिर पकड बैठ जाता हूँ सब ओर लाचार बेचारी दीनता हीनता है गरीबी और बेबसी है फिर अफसोस क्यों ना हो बचपन जब हो भूखा... Hindi · कविता 68 427 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Nov 2016 · 1 min read जिये जो शान से जिये जो शान से हम जिन्दगी वो जिन्दगानी है वही तो इस जमाने में सदा ही स्वभिमानी है पंछी दम तोड़ देते है जहाँ पर छोड़ कर उड़ना हमेशा ही... Hindi · शेर 72 420 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Nov 2016 · 1 min read लिखूँ तेरा नाम लिखू आज एक अन्तरा नाम तुम्हारे. पहली पंक्ति का प्रथम अक्शर तुम.से छन्द चौपाई दोहा सोरठा मे आकर. शब्दो मे उतर कर बरबस लिख जाते सरगम के सुर मेरी रागिनी... Hindi · कविता 72 525 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read मैं नही शब्द शिल्पी मैं नहीं शब्द शिल्पी ✍✍✍✍✍✍✍✍ मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी जो शब्दों की ग्रन्थमाला गूथू लिख साहित्य की विविध विधाए गधकार कहानीकार मुक्ततकार और अनेकानेक कार कहलाऊ मैं नहीं कोई... Hindi · कविता 71 319 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read शरारत हो गई मिले प्रेमी शरारत हो गयी है जमाने को शिकायत हो गयी है लड़ी जो आँख से आँखे हमेशा तड़प से फिर हरारत हो गयी है Hindi · मुक्तक 71 441 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read बात बात ✍✍✍✍ बात जो कहनी है लबों तक आती है कुछ देर ठहर देख तुझे गुम हो जाती है संकेत कुछ सही कहो या गलत अपने से खो जाने के... Hindi · कविता 72 314 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read बुदबुदाते हो होठ पर आकर क्यों बुदबुदाते हो नीदों में आ क्यों रातें उजाड़ते हो जब से मिलें हो तुम ख्याव बन गई आ यादों में क्यों सब्जबाग दिखाते हो Hindi · कविता 71 303 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read चाँद चाँद ✍✍ हर रोज आसमाँ में दिखाई देता है चाँद फिर क्यों ढूँढ़ती हूँ क्यों तुझे चाँद तू पर्याय है मेरे चाँद का क्योंक अक्स उसका है तुझमें एक रात... Hindi · कविता 70 1 568 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read चली पनघट चली पनघट ✍✍✍✍✍ झनन - झनन झनन - झनन चलत बजावत है पायलियाँ के घुघरूँन को खनन - खनन कर करत है मधु ध्वनि रंग- बिरंगे पहन परिधान रक्तवर्णी झाँकत... Hindi · कविता 73 643 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read कली कली ✍✍ बगियाँ में जब एक कली खिली आ भँवरे ने एक बार घूरा कली सहम सी उठी भँवर बाबला हो निकला परत दर परत खुलते कली के रंग यौवन... Hindi · कविता 73 395 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read झरना झरना ✍✍✍ झरना हँसी का जो हसीन था नजरों से तेरी महक उठा बुलबुले जो बने पय से रूप निखर उठा मत निर्झरिणी सी तुम यूँ लहराया करो बादलों के... Hindi · कविता 72 719 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read सर्द सर्द ✍✍ मौसम ने ली फिर अँगराई धुंध की चादर पसर आई आगाज हो गया शीत का ठन्ड की फुरफुरी सी आई स्वेटर , कोट की याद आई गर्म ,... Hindi · कविता 73 347 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Nov 2016 · 1 min read लिखूँ आज लिखू आज एक अन्तरा नाम तुम्हारे. पहली पंक्ति का प्रथम अक्शर तुम.से छन्द चौपाई दोहा सोरठा मे आकर. शब्दो मे उतर कर बरबस लिख जाते सरगम के सुर मेरी रागिनी... Hindi · कविता 73 274 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read दीप फूलों की चुन कलिया प्यार की गूथू मै माला. शूलों की चुन बाती प्यार का जलाऊ मै दीप. लकशमी गणेश सरस्वती पवित्र बसे सदा मन आगन. प्यार सनेह प्रेम की... Hindi · कविता 71 453 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read उतर जाते है उतर जाते हो जब कलम बन कागज पर उतर जाते हो प्रणय का एक पैगाम मुझे दे रहे होते हो । होठ कहते कहते अनायास रूक जाते है मुस्कराता चेहरा... Hindi · कविता 73 382 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read फलती है प्रार्थना दवाओं में नहीं दुआओं में ही फलती है प्रार्थना देवता नहीं यहाँ पत्थरों में ही फलती है प्रार्थना जमीन पर उतर आतें है जब रख मनुज का रूप राम की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 72 537 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read गुमनाम गुमनाम मुझे रहने दो बस शान से जीने दो कहीँ चाह चाँद छूने की दो वक्त का इन्तजाम होने दो यूँ तु आसमां के तारे हर रोज मुझे लुभाते है... Hindi · कविता 73 341 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Nov 2016 · 1 min read भैया -भाभी भैया - भाभी लगते ऐसे श्वेत हँसों का जो जोड़ा जैसे एक दुआ अर्ज है खुदा से सदा सिंगार बने एक दूजे के मुस्कां आपकी भाभी में सजती हास की... Hindi · कविता 78 2 13k Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Oct 2016 · 2 min read महाराज ! कालाधन चाहिए (व्यंग्य ) एक बार भोलू पहलवान समुद्र मंथन से निकले धन्वन्तरि को अपने घर ले आया हालंकि जो कलश धन्वन्तरि लिए हुए थे वो देवताओं में पहले बँट चुका था , पर... Hindi · लघु कथा 74 2 653 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Oct 2016 · 1 min read दीप जलाओ दीप जलाओ दीप देहरी पर इन्सानियत के जलाओ इन्साफ की झिलमिल दर - दर लगाओ एक दीप आज ऐसा मिल कर जलाना त्रेतायुग सा रामराज्य फिर से ले आना दीन... Hindi · कविता 73 1 364 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Oct 2016 · 2 min read काश दिल भी जगमगाये होते बहुत चहल पहल है बाजारों में हफ्ते भर से पहले । आखिर दीवाली आने वाली है चाहे कोई सी दुकान हो खरीददारों की भीड़ उमड़ी है दीप अपनी पूरी कला... Hindi · लेख 71 418 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Oct 2016 · 3 min read भोले भक्त भोले- भक्त ✍✍✍✍✍✍ बचपन में माँ जब देवी - देवताओं की कहानियाँ सुनाया करती थी तो कमरे में दीवार पर जो भोले की तस्वीर टँगी थी उसमें उस भोले- भक्त... Hindi · लघु कथा 74 1 477 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Oct 2016 · 1 min read गीत मिलन के गाते ✍✍✍✍✍✍✍ युग युग से गीत मिलन के गाते रहे है. बन सिंगार एक दूजे का सजते रहे है. .आँखो मे प्यार की तरूणाई अधरो पर . प्यास ओस मधु अमृत सवारते... Hindi · कविता 73 335 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Oct 2016 · 1 min read उतर जाते हो जब कलम बन कागज पर उतर जाते हो प्रणय का एक पैगाम मुझे दे रहे होते हो । होठ कहते कहते अनायास रूक जाते है मुस्कराता चेहरा भेद सब खोल... Hindi · कविता 70 392 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Oct 2016 · 1 min read दीवाली जब मनाओ दीवाली तुम द्वेष , ईर्ष्या , नफरत जला देना छोड़ चायना मेड उत्पाद देशी मन बसा लेना जब मनाओ दीवाली तुम दीप माटी के जला लेना छोड़ पटाखे... Hindi · कविता 72 594 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read प्यार अगर तुमको पाना है प्यार अगर तुमको पाना है तो , गले लगाना सीखो आपसी खींचातानी छोड़ , प्रेम को उगाना सीखो हम सब एक ही खुदा के वंदे, साथ-साथ मिलकर रहते दुख- सुख... Hindi · कविता 72 270 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read रहा करते जो लोग रहा करते सागर के किनारे है जीते रहते वो पानी पीकर खारे है तुम छोड़ विदेशी बस उपयोग करो देशी गूँजे अब लोगों में केवल यह नारे है Hindi · मुक्तक 70 356 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read बात बात जो कहनी है लबों तक आती है कुछ देर ठहर देख तुझे गुम हो जाती है संकेत कुछ सही कहो या गलत अपने से खो जाने के या दिल... Hindi · कविता 72 307 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read हे माँ सीते !दीवाली पर आ जाना हे माँ सीते ! विनती है मेरी घर दीवाली पर आ जाना राम लखन बजरंगी सहित जन - जन के उर बस जाना हे माँ सीते ! मेरा हर धाम... Hindi · कविता 71 331 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read क्यों इश्क करना महँगा पड़ा क्यों इश्क करना उसे महंगा पड़ा फिर निगाहों का कड़ा पहरा पड़ा यार मेरा हो गया जो बाबला जब शरारत की तभी डण्डा पड़ा वो समझता क्यों नहीं समझाने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 626 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 3 min read आज भी याद है वो रात रवि को फिर वहीं रात याद आ गयी , मूसलाधार बरसात हो रही थी और साँझ ने यह कहते हुए "आओ , मेरे पास । बहुत भीग गये हो कुछ... Hindi · लघु कथा 73 438 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 1 min read बौराया बादल मै पागल बौराया बादल हूँ. करू छेडाखानी जा मेघों से. कालिदास का बन मेघदूत. प्रिया पास ले जाऊ सन्देश. प्रेम निवेदन कमल चरणों मे. पागल बसन्त की बयार हूँ मै.... Hindi · कविता 72 1 544 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Oct 2016 · 1 min read दर पर अपने प्रभु ने बुलाया होगा दर पे अपने प्रभु ने आज बुलाया होगा छोड़ के काम सभी फिर से पठाया होगा आज अपराध क्षमा कर प्रभु ने मेरे सब मार्ग हमको जो शराफत का दियाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 429 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Oct 2016 · 1 min read अधीर् सागर लहरों ने किया श्रृंगार सागर मचलने लगा लहरों के दिल में क्या है देख सागर कहने लगा ऊँची इतनी उठती कब मिलोगी आ मुझमें जवानी उफन उफन गिर रही कब... Hindi · कविता 72 320 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Oct 2016 · 1 min read भिखारिन छुक छुक चलती रेल जैसे जीवन रेल चलती भिखारिन दीन दशा ऐसी कहती हो वैसी अब मैं आम से आप कहलाऊगी निर्भर दया पर भाँति भाँति के मुसाफिर जीवन की... Hindi · कविता 72 315 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Oct 2016 · 1 min read प्रेम सिखायेगें बैठ एक डाल पर खूब गुटर-गू करेंगे न किसी की परवाह खूब प्यार करेंगें जाति-पाँति का न भेद समभाव से मिलेंगे प्रेम-पंथ पर चल कर जहां को मार्ग दिखायेगे दुनियादारी... Hindi · कविता 72 552 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Oct 2016 · 1 min read रूठा है मौसम क्यो है रूठा ,मेरी तन्हाईयो से. देना इसको है साज,मेरी खामोशियों से. भूला भूला भटका,दे दो सहारा मुझे तुम. प्यार की वीणा पर,बना सरगम मुझे तुम. दीप बन आलोकित.,करना... Hindi · कविता 72 333 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Oct 2016 · 1 min read सच का पर्दाफाश ( शोषण आधारित ) सच का पर्दाफ़ाश (शोषण से सम्बन्धित) ☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀☀ सच के दामन में मुँह छुपाये बैठे हैं, अजब निराले कौतुक करके बैठे हैं । पाक़ साफ़ बनते हैं, सरेआम शोषण करते हैं... Hindi · कविता 70 545 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read देश -परदेश छोड़ के देश परदेश तू क्यों चला नोट की चाह में तू जुदा हो चला रोज अपनी भूमि को करे याद वो छोड़ यह देश नूतन जहाँ को चला Hindi · मुक्तक 70 826 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read मचा शोर क्यों मचा शोर है मन छुपा मोर है भाग जाये कहाँ बस नजर चोर है Hindi · मुक्तक 70 350 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read सुने न काहूँ की एक कबिरा बैठा सत्ता की कुर्सी.सुने ना काहू की एक. जो घर फूकैं जनता को.चले हमारे साथ. साई ज्यादो सो दीजिए.जामे पीढी दर पीढी खाए. मै तो भूखो ही रहू.साधु भी... Hindi · कविता 73 1 579 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read चाँद मेरा चाँद जो हर पल दिल मेरे उगता है सबसे प्यारा मुझको है तम से घिरे दिल में जो मायूसी है जगमगाहट फैलाकर हर रोज सदाबहार मुझे बना देता है देख... Hindi · कविता 72 392 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Oct 2016 · 1 min read नया दौर फैशन की दोड मे सब आगे है शायद यहीं नया दौर है मम्मी पापा है परम्परावादी मूल्यों की वे आधारशिला वक्त ने बदला हैं उनको बेजोड़ पर मानस में है... Hindi · कविता 72 567 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read मन से मन का दीप जलाओ मन से मन का दीप जलाओ ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मन से मन का दीप जलाओ जगमग - जगमग दीवाली मनाओ धनियों के घर वन्दरबार सजती निर्धन के घर लक्ष्मी न ठहरती मन... Hindi · कविता 72 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read विधुर बाप विधुर बाप ********* विधुर बाप निर्बल ,असहाय बेचारा सा होता है है अगर छोटी -छोटी गुडियाँ तो किस्मत का मारा होता है है अबोध ,अनजान शिशु तो माँ जैसा ही... Hindi · कविता 72 519 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read रूह रूह ✍✍ रूह से जब अलग हो जायेगा कैसे फिर इंसान रह जायेगा छोड़ कर यह जहाँ चला जायेगा रोता बिलखता छोड़ जायेगा चलती -फिरती तेरी यह काया मुट्ठी भर... Hindi · कविता 71 516 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read यूँ रहने दो यूँ रहने दो ✍✍✍✍✍ बादलों को यूँ ना शरमाने दो कि चाँदनी जमीं पर उतर आए आहिस्ता आहिस्ता फरियाद मेरी भी पहुँचने दो चाँद लजाया हुआ है देख तेरा लावण्य... Hindi · कविता 72 473 Share Previous Page 13 Next