Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2016 · 1 min read

प्यार अगर तुमको पाना है

प्यार अगर तुमको पाना है तो , गले लगाना सीखो
आपसी खींचातानी छोड़ , प्रेम को उगाना सीखो

हम सब एक ही खुदा के वंदे, साथ-साथ मिलकर रहते
दुख- सुख में बन कर सहभागी , गम सबके हम हर लेते

कभी पड़ोसी वार करे तो , सीख नेक तब देते है
जब छाती पर वो चढ़ आए , सिखा सबक देते है

गर फिर नजर उठायी तुमने , सीना छलनी कर देगें
अब तक की सब करतूतों का , हर करनी हिसाब देगें

सदा -सदा से शाँतिदूत हम , शाँति का पाठ पढ़ाते है
जहर नफरत का घोल दे तो , सही राह उसे दिखाते है

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
72 Likes · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
The_dk_poetry
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विनती मेरी माँ
विनती मेरी माँ
Basant Bhagawan Roy
2899.*पूर्णिका*
2899.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
दीवारों में दीवारे न देख
दीवारों में दीवारे न देख
Dr. Sunita Singh
तुम इन हसीनाओं से
तुम इन हसीनाओं से
gurudeenverma198
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
sushil sarna
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*
*ठहाका मारकर हँसने-हँसाने की जरूरत है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Sukoon
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दुनिया बदल सकते थे जो
दुनिया बदल सकते थे जो
Shekhar Chandra Mitra
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🙅क्षणिका🙅
🙅क्षणिका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
" रीत "
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
इंसान से हिंदू मैं हुआ,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Have faith in your doubt
Have faith in your doubt
AJAY AMITABH SUMAN
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
कुछ पल साथ में आओ हम तुम बिता लें
Pramila sultan
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अजीब सी चुभन है दिल में
अजीब सी चुभन है दिल में
हिमांशु Kulshrestha
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
Loading...