Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2016 · 1 min read

चली पनघट

चली पनघट
✍✍✍✍✍

झनन – झनन झनन – झनन चलत
बजावत है पायलियाँ के घुघरूँन को
खनन – खनन कर करत है मधु ध्वनि
रंग- बिरंगे पहन परिधान रक्तवर्णी
झाँकत है नैनन की कोरन से ऐसे
बाल सूर्य निकला ऊषा की गोद से

पनघट को चलत रख सिर पर गागर
लजाती शरमाती इतराती इठलाती
मृदु मुस्कान बिखेरे है होठन पर ऐसे
कपोलन पर नाच रही दीप की लड़िया
देख बालाओं की यह मतवाली चाल
हिय गैल चलत लड़कन को डोलत है

टुकुर – टुकुर घूरत घूघट के पट से
रिझावत है खिझावत है छोरन को
कटि लागत है जैसे हो कोई नटी
चाल -ढाल देख होश उड़त योगिन
हँसत है हँसी तो लागत है ऐसी
दन्त छवि लगे ज्यों बगुलों की पंक्ति

जब लोटत है मटका धरत सिर
छलकत जावत है टप -टप जल
सिर रखत मटके से ज्यों गिरत जल
धक – धक ध्वनि पैदा करत दिल
चोट बड़ी देवत है यह टप की ध्वनि
मन पे मुकुर टूटत सी चोट करत है

साँवरि सी सूरत पर अंजन की शोभा
देखत लागे ज्यों बाल मेघ झाकत हो
निकल कर श्वेतवर्णी घनों के बीच से
रूप लावण्य उरवशी की प्रतिमा जैसों
देख चाल इन चतुर गोरियन की
अंग -प्रत्यंग छोरन का डोलत जाये

Language: Hindi
73 Likes · 592 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
सारा शहर अजनबी हो गया
सारा शहर अजनबी हो गया
Surinder blackpen
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
होली...
होली...
Aadarsh Dubey
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
त्राहि-त्राहि भगवान( कुंडलिया )
त्राहि-त्राहि भगवान( कुंडलिया )
Ravi Prakash
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
#क़तआ / #मुक्तक
#क़तआ / #मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
मेरी मोहब्बत का उसने कुछ इस प्रकार दाम दिया,
मेरी मोहब्बत का उसने कुछ इस प्रकार दाम दिया,
Vishal babu (vishu)
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
आज होगा नहीं तो कल होगा
आज होगा नहीं तो कल होगा
Shweta Soni
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
परीक्षा
परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
Dilip Kumar
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
प्रार्थना
प्रार्थना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
Everything happens for a reason. There are no coincidences.
पूर्वार्थ
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
Shubham Pandey (S P)
*अनमोल हीरा*
*अनमोल हीरा*
Sonia Yadav
Loading...